प्रश्न 1. कुँवर सिंह के अंतिम दिनों के बार में लिखिए।
उत्तर- कुँवर सिंह अपने जीवन के अंतिम दिनों में बहुत बुढे हों जाने के वावजूद हार नहीं माने। वह अपने देहांत के तीन दिन पहले तक युद्ध लड़े और जगदीशपुर पर विजय पताका फहराए। लेकिन दुर्भाग्य से उनको इस विजय का आनंद लेने का मौका नहीं मिला। झंडारोहण के तीन बाद ही 26 अप्रैल 1858 को यह वीर इस संसार से विदा होकर अपनी अमर कहानी छोड़ गया।
प्रश्न 2. कुँवर सिंह आजमगढ़ क्यों गये?
उत्तर- 13 अगस्त को जगदीशपुर की सेना जब अंग्रेजों के हाथों परास्त हो गयी। तो वीरवर कुँवर सिंह ने कुछ अलग करने को सोचा। वह क्रांति के अन्य सिपाहियों के साथ मिलकर मिर्जापुर होते हुए रीवा, कालपी, लखनऊ और कानपुर पहुंचे। लखनऊ में शांति ना होने की वजह से वह आजमगढ़ जा पहुंचे। वह जगह-जगह घूमकर आजादी के क्रांति को प्रजवलित कर और लोगों को इकट्टा करने का काम कर रहे थे। उनका आजमगढ़ जाने का मुख्य उदेश्य इलाहाबाद और बनारस पर आक्रमण कर उनको पराजित कर, अपने जगदीशपुर की रियासत पर अधिकार करना था ।
प्रश्न 3. गंगा पार करते समय वीर कुँवर सिंह के साथ क्या घटना घटित हुई?
उत्तर- ऐसा कहा जाता है कि कुँवर सिंह अपने सेना के साथ गंगा पार कर रहे थे। अंग्रेजी सेना उनका निरतंर पीछा कर रही थी। उन्होंने नदी पार करने से पहले एक अफवाह फैला दी, वह अपने सैनिको को बलिया के पास हाथियों पर चढ़ाकर पार करायेंगे। अंग्रेज सेनापति डगलस बहुत बड़ी सेना वहां पहुंचा था। लेकिन कुँवर सिंह ने बलिया से सात मिल दूर शिवराजपुर नमक स्थान से ही सेना को नावों के जरिये गंगा पार करा दी। डगलस को जब तक यह सुचना मिली। सेना नदी उस पर जा चुकी थी । कुँवर सिंह एक मात्र बचे थे, जो नदी इस तरफ थे। तभी अंग्रेजो ने गोलियाँ बरसानी शुरू कर दी, एक गोली कुँवर सिंह के बाएँ हाथ पर जा लगी और उनका वह हाथ बेकार हो गया। कुँवर सिंह ने गोली के जहर के फैलने की डर से हाथ काटकर गंगा को सौप दिया।
प्रश्न 4. जगदीशपुर में कुँवर सिंह की सेना क्यों परास्त हो गयी ?
उत्तर- आरा विजय के बाद कुँवर सिंह की उम्र काफी हो गयी थी। वह बूढ़े हो चले थे यधपि उन्होंने अभी भी हार नहीं मानी थी। आरा में मिले युद्ध विजय से वह बहुत प्रसन्न थे। आरा क्रांति का महत्वपूर्ण केंद्र बन गया था। आरा लड़ाई की ज्वाला बिहार में सर्वत्र व्याप्त हो गयी थी। लेकिन देशी सैनिकों में अनुशासन की कमी, स्थानीय जमीदारों का अंग्रेजों के साथ सहयोग करना एवं आधुनिक हथियारों की कमी जगदीशपुर के पतन को नहीं रोक सका और 13 अगस् जगदीशपुर की सेना अंग्रेजों के हाथों परास्त हो गयी ।
प्रश्न 5.आरा विजय पर संक्षिप्त टिप्पड़ी करे!
उत्तर- 25 जुलाई 1857 को दानापुर की सैनिक टुकड़ी ने विद्रोह कर दिया और सोन नदी पार कर आरा की ओर चल पड़े। कुँवर सिंह ने इसमें उनका साथ दिया और वह भी इन बागी सैनिको के साथ हो लिए। मुक्तिवाहिनी के सभी बागी सैनिक कुँवर सिंह का उद्घोष करते हुए आरा जेल पंहुचे और सलाखें तोड़कर कैदियों को आजाद कर दिया। 27 जुलाई 1857 को कुँवर सिंह ने आरा पर विजय प्राप्त किया। इस पर सिपाहियों ने कुँवर सिंह को फ़ौजी सलामी दी।
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