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Long Question Answers: पद | Hindi Class 10 (Sparsh and Sanchayan) PDF Download

निबन्धात्मक प्रश्न
प्रश्न. 1. मीराबाई श्रीकृष्ण को पाने के लिए क्या-क्या कार्य करने को तैयार हैं ?
उत्तर: वे (मीराबाई) श्रीकृष्ण को पाने के लिए निम्नलिखित कार्य करने को तैयार हैं-
(i) वे श्रीकृष्ण के यहाँ सेवक के रूप में चाकरी (नौकरी) करने को तैयार हैं।
(ii) चाकर के रूप में बाग लगाएँगीं और प्रातःकाल आवाज लगाकर दर्शन करेंगी।
(iii) वृंदावन की गलियों में गोविंद की लीलाओं को गाकर सुनाएँगी।
(iv) वे वृंदावन में गायें भी चराएँगी।

प्रश्न. 2. पठित पाठों के आधार पर मीरा की भक्ति-भावना पर प्रकाश डालिए।
उत्तर:
मीरा भगवान कृष्ण की भक्त थीं। वे कृष्ण को अपना प्रियतम, पति और रक्षक मानती थीं। इन पदों में उन्होंने उनके दो रूपों-रक्षक रूप तथा रसिक रूप की आराधना करते हुए प्रभु से अपनी रक्षा करने की गुहार की है। वे स्वयं को उनकी दासी बताते हुए कहती हैं- ‘दासी मीरा लाल गिरधर, हरो म्हारी पीर’।
वे स्वयं को कृष्ण का अपनाजन ही कहती हैं तथा उनकी चाकरी करने को तैयार हैं। वे उनके महल में रहकर उनके विहार के लिए बाग लगाने को भी तैयार हैं। वे वृन्दावन की गली-गली में घूमकर कृष्ण का गुणगान करना चाहती हैं। दूसरे पद में वे कृष्ण के सुंदर छबीले रूप की आराधना करती हैं और उनके मुरलीधर रूप का स्मरण करती हैं। वे स्वयं लाल साड़ी पहनकर उनसे मिलना चाहती हैं और यमुना तट की याद कराकर प्रेम के बंधन में बाँध लेना चाहती हैं।

प्रश्न. 3. मीराबाई की भाषा शैली पर प्रकाश डालिए।
उत्तर: 
मीराबाई की भाषा शैली भक्ति दैन्य और माधुर्यभाव की है। इन पर योगियों, संतों और वैष्णव भक्तों का सम्मिलित प्रभाव है। मीरा के पदों की भाषा में राजस्थानी, ब्रज और गुजराती भाषाओं का मिश्रण पाया जाता है। कहीं-कहीं पंजाबी, खड़ी बोली और पूर्वी भाषा के प्रयोग भी मिल जाते हैं। मीराबाई में अभूतपूर्व काव्य क्षमता थी। मीराबाई के पदों ने जन सामान्य को अधिक प्रभावित किया, क्योंकि उन्होंने अपने मन के भावों को सीधे सरल शब्दों में व्यक्त किया है। इनके पद गेय एवं संगीतात्मक शैली से युक्त हैं।

प्रश्न. 4. मीरा के पदों का सार अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर:
हमारी पाठ्य-पुस्तक में मीरा रचित दो पद संकलित हैं।। इनका सारांश निम्न प्रकार है:
(i) इस पद में मीरा ने कृष्ण को अपना संरक्षक माना है। उन्होंने प्रभु से प्रार्थना की है कि वे मीरा की रक्षा करें। कृष्णा ने द्रौपदी की लाज रखी थी। प्रहलाद के लिए नरहरि अवतार लिया था। डूबते हुए हाथी को बचाया। अतः वह अब अपनी दासी मीरा की रक्षा करें।
(ii) इस पद में मीराबाई अपने प्रियतम कृष्ण के समीप रहने के लिए उनकी सेविका बन जाना चाहती हैं। वह चाहती हैं कि उसे वृंदावन में कृष्णा के बाग-बगीचे लगाने का सौभाग्य मिले। इसी बहाने वह नित्य प्रातः उठकर प्रभु के दर्शन करेंगी। दिन-रात उन्हें याद करेंगी और उनकी लीला-गुण गाएँगीं। वह पीताम्बरधारी साँवले कृष्णा की आराधना में लीन होना चाहती हैं। उसका हृदय प्रभु के दर्शन पाने के लिए बहुत व्याकुल है।

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FAQs on Long Question Answers: पद - Hindi Class 10 (Sparsh and Sanchayan)

1. पद कक्षा 10 में कितने प्रकार के होते हैं?
उत्तर: पद कक्षा 10 में दो प्रकार के होते हैं - सर्वनाम पद और संज्ञा पद। सर्वनाम पद वे पद होते हैं जो किसी व्यक्ति, स्थान, वस्तु, भावना आदि का बोध कराते हैं। संज्ञा पद वे पद होते हैं जो किसी व्यक्ति, स्थान, वस्तु, भावना आदि का नाम बताते हैं।
2. पद कक्षा 10 में सर्वनाम पद कितने प्रकार के होते हैं?
उत्तर: पद कक्षा 10 में सर्वनाम पद तीन प्रकार के होते हैं - सर्वनाम, संकेत सर्वनाम और निपटान सर्वनाम। सर्वनाम वे पद होते हैं जो किसी व्यक्ति, स्थान, वस्तु, भावना आदि की जगह पूरी करते हैं। संकेत सर्वनाम वे पद होते हैं जो किसी व्यक्ति, स्थान, वस्तु, भावना आदि की ओर संकेत करते हैं। निपटान सर्वनाम वे पद होते हैं जो किसी व्यक्ति, स्थान, वस्तु, भावना आदि को निपटाने के लिए प्रयोग होते हैं।
3. पद कक्षा 10 में संज्ञा पद कितने प्रकार के होते हैं?
उत्तर: पद कक्षा 10 में संज्ञा पद दो प्रकार के होते हैं - विशेषणवाचक संज्ञा पद और सामानार्थी संज्ञा पद। विशेषणवाचक संज्ञा पद वे पद होते हैं जो किसी संज्ञा की गुण, कर्म, विशेषण, दशा, आकृति, संख्या, समय आदि को बताते हैं। सामानार्थी संज्ञा पद वे पद होते हैं जो किसी संज्ञा के समानार्थी शब्द होते हैं।
4. पद कक्षा 10 में संज्ञा पद का उपयोग क्या होता है?
उत्तर: संज्ञा पद का उपयोग किसी व्यक्ति, स्थान, वस्तु, भावना आदि का नाम बताने के लिए होता है। इसके माध्यम से हम किसी चीज़ को पहचान सकते हैं और उसे दूसरों को बता सकते हैं। उदाहरण के लिए, "लड़का", "मकान", "पेड़", "मोहब्बत" आदि संज्ञा पद हैं जो व्यक्ति, स्थान, वस्तु और भावना को बताने के लिए प्रयोग होते हैं।
5. पद कक्षा 10 में विशेषणवाचक संज्ञा पद का उपयोग क्या होता है?
उत्तर: विशेषणवाचक संज्ञा पद का उपयोग किसी संज्ञा की गुण, कर्म, विशेषण, दशा, आकृति, संख्या, समय आदि को बताने के लिए होता है। इसके माध्यम से हम किसी संज्ञा की विशेषता या गुण को बता सकते हैं। उदाहरण के लिए, "सुंदर लड़की", "बड़ा मकान", "हरा पेड़", "दिल की मोहब्बत" आदि विशेषणवाचक संज्ञा पद हैं जो संज्ञा की विशेषता को बताने के लिए प्रयोग होते हैं।
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