निबन्धात्मक प्रश्न
प्रश्न 1. तताँरा खूब परिश्रम करने के बाद कहाँ गया ? वहाँ के प्राड्डतिक सौंदर्य का वर्णन अपने शब्दों में कीजिए।
उत्तर: तताँरा खूब परिश्रम करने के बाद समुद्र किनारे टहलने गया। वहाँ का प्राड्डतिक सौंदर्य बड़ा ही लुभावना था। सूरज समुद्र से लगे क्षितिज तले डूबने को था। समुद्र से ठण्डी बयारें आ रही थीं। पक्षियों की सायंकालीन चहचहाहटें शनैः-शनैः क्षीण होने को थीं। समुद्री बालू पर रंग-बिरंगी किरणें फैल रही थी, लहरों का संगीत समुद्र के किनारे सुनाई दे रहा था।
प्रश्न 2. वामीरो से मिलने के बाद तताँरा के जीवन में क्या परिवर्तन आया ?
उत्तर: वामीरो से मिलने के बाद तताँरा के जीवन में यह परिवर्तन आया कि उसका हृदय वामीरो के लिए व्यथित रहने लगा। उसने किसी तरह दिन व्यतीत किया और वह शाम की प्रतीक्षा करने लगा। उसके पूरे जीवन में यह अकेली प्रतीक्षा थी, यह उसके शांत-गम्भीर जीवन में ऐसा पहली बार हुआ था। वह अचम्भित और रोमांचित था। वामीरो की प्रतीक्षा में एक-एक पल पहाड़ की तरह भारी था और उसके भीतर एक आशंका भी दौड़ रही थी कि वामीरो उससे मिलने आएगी या नहीं।
प्रश्न 3. प्राचीनकाल में मनोरंजन और शक्ति-प्रदर्शन के लिए किस प्रकार के आयोजन किए जाते थे ?
उत्तर: प्राचीनकाल में मनोरंजन और शक्ति-प्रदर्शन के लिए गाँव में पशु-पर्व और मेले तमाशों का आयोजन किया जाता था। जहाँ पशु पर्व में हृष्ट-पुष्ट पशुओं के प्रदर्शन के अतिरिक्त पशुओं से युवकों की शक्ति परीक्षा प्रतियोगिता भी होती थी। वर्ष में एक बार सभी गाँव के लोग हिस्सा लेते थे। उसमें शिकार, नृत्य-संगीत, दौड़ आदि प्रतियोगिताओं के द्वारा शक्ति प्रदर्शन किया जाता था।
प्रश्न 4. कहानी के अंत में तताँरा का क्या हुआ ? तताँरा का वियोग वामीरो किस तरह सहन कर रही थी ?
उत्तर: कहानी के अंत में तताँरा के हृदय में समाज के विरुद्ध क्रांति की भावना पैदा हुई। वह अत्यन्त क्रोधित हुआ और उसने अपनी लकड़ी की तलवार को जमीन में गाड़ कर उसे इतनी जोर से खींचा कि द्वीप के दो टुकड़े हो गए। तताँरा द्वीप के साथ पानी में डूब गया। वामीरो तताँरा के न मिलने पर पागल-सी हो उठी। वह हर समय उसे खोजती हुई उसी स्थान पर पहुँच जाया करती थी जहाँ वे घंटों बैठा करते थे। उसने खाना पीना छोड़ दिया। वह परिवार से अलग हो गई।
प्रश्न 5. तताँरा-वामीरो की मृत्यु कैसे हुई? पठित पाठ के आधार पर लिखिए।
उत्तर: तताँरा की मृत्यु समुद्र की लहरों में बह जाने तथा वामीरो की मृत्यु उसके इन्तजार में खाना-पीना छोड़ने से हुई थी। पाठ के अनुसार तताँरा धरती को काटकर उस हिस्से में रह गया जो समुद्र में धँस गया था। पानी की लहरें न जाने उसे कहाँ बहा ले गईं। वामीरो तताँरा को खोजते-खोजते उसी जगह आ बैठती थी जहाँ से तताँरा अलग हुआ था। उसने भी खाना-पीना छोड़ दिया था और परिवार से अलग हो गई। तताँरा की प्रतीक्षा में एक दिन वह भी चल बसी।
प्रश्न 6. निम्नलिखित का आशय स्पष्ट कीजिए:
(क) जब कोई राह न सूझी तो क्रोध का शमन करने के लिए उसमें शक्ति भर उसे धरती में घोंप दिया और ताकत से उसे खींचने लगा।
(ख) बस आस की एक किरण थी जो समुद्र की देह पर डूबती किरणों की तरह कभी भी डूब सकती थी।
उत्तर: (क) आशय-”तताँरा-वामीरो कथा“ पाठ के अनुसार लेखक उस समय का वर्णन कर रहे हैं जब वामीरो के परिवारीजनों ने तताँरा का अपमान कर उसे बुरा-भला कहा। अपमानित होने पर उसे बहुत क्रोध आया, जब उसे कोई रास्ता नहीं दिखाई दिया तब उसने क्रोध को दबाने के लिए अपनी शक्ति युक्त तलवार को धरती में घोंप दिया और सम्पूर्ण ताकत से उसे खींचने लगा।
(ख) आशय-प्रस्तुत पंक्ति के माध्यम से लेखक उस समय का वर्णन कर रहा है जब तताँरा की प्रथम भेंट समुद्र किनारे वामीरो से हुई। उसने वामीरो से अगले दिन उसी समुद्र तट पर मिलने का वचन लिया। जब वह अगले दिन सायंकाल समुद्र के किनारे पहुँचा, सूर्य अस्त हो रहा था, समुद्र में सूर्य की किरणें डूबती हुई नजर आ रही थीं। उसे बस एक आशा थी कि वामीरो उससे मिलने अवश्य आएगी। यही आशा की किरण उसके मन में विश्वास जगाए हुए थी।
प्रश्न 7. रूढ़ियाँ जब बंधन बन बोझ बनने लगें तब उनका टूट जाना ही अच्छा है, क्यों ? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: रूढ़ियाँ जब बंधन बन बोझ बनने लगें तब उनका टूट जाना ही अच्छा है। क्योंकि प्रस्तुत कहानी पाठ ‘तताँरा-वामीरो कथा’ के अनुसार अडंमान द्वीप समूह पर स्थित पासी और लपाती गाँव के रीति-रिवाज के अनुसार विवाह सम्बन्ध के लिए युवक-युवती दोनों को एक ही गाँव का होना आवश्यक था। यह रूढ़िवादी बंधन तताँरा और वामीरो के प्रेम सम्बन्ध के मध्य रुकावट बन गया था। यह वाक्य लेखक ने तताँरा को सम्बोधित करते हुए कहा था। इस वाक्य की प्रासंगिकता प्रस्तुत पाठ के सम्बन्ध में सिद्ध होती है। नायक ने रूढ़ियों के बंधन बनने पर उनको तोड़ने के लिए विरोधस्वरूप अपने प्राणों का बलिदान दिया।
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1. तताँरा-वामीरो कथा क्या है? |
2. तताँरा-वामीरो कथा कहाँ से उत्पन्न हुई है? |
3. तताँरा-वामीरो कथा क्यों मान्यता प्राप्त है? |
4. तताँरा-वामीरो कथा का मुख्य संदेश क्या है? |
5. तताँरा-वामीरो कथा में प्रमुख चरित्र कौन हैं? |
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