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Long Question Answers: बड़े भाई साहब | Hindi Class 10 (Sparsh and Sanchayan) PDF Download

निबन्धात्मक प्रश्न

प्रश्न1: छोटे भाई ने अपनी पढ़ाई का टाइम-टेबिल बनाते समय क्या-क्या सोचा था और फिर उसका पालन क्यों नहीं कर पाया ? 
उत्तर: छोटे भाई ने अपनी पढ़ाई का टाइम-टेबिल बनाते समय यह सोचा था कि वह प्रातःकाल छः बजे से लेकर रात्रि दस-ग्यारह बजे तक निश्चित दिनचर्या के अनुसार सभी कार्य करते हुए अध्ययन पर ज्यादा ध्यान देकर सभी विषय पढ़ेगा। वह छः से आठ तक अंग्रेजी, आठ से नौ तक गणित, नौ से साढ़े नौ तक इतिहास, चार से पाँच तक भूगोल, पाँच से छः तक व्याकरण, खेलना, टहलना, साढ़े छः से सात तक अंग्रेजी आदि का अध्ययन करेगा। वह उसका पालन इसलिए नहीं कर पाया, क्योंकि मैदान की सुखद हरियाली, हवा के हल्के-हल्के झोंके, मन की चंचलता, फुटबाल के खेल ने उसे अपनी ओर आकर्षित किया जिसके कारण वह उसका पालन नहीं कर पाया।

प्रश्न2: एक दिन जब गुल्ली-डंडा खेलने के बाद छोटा भाई बड़े भाई साहब के सामने पहुँचा तो उनकी क्या प्रतिक्रिया हुई ?
उत्तर:
एक दिन जब गुल्ली-डंडा खेलने के बाद छोटा भाई बड़े भाई साहब के सामने पहुँचा तो उनकी यह प्रतिक्रिया हुई कि तुम इस वर्ष उत्तीर्ण हो गए तो क्या दिमाग में अभिमान (अहंकार) आ गया। अहंकार बड़े चक्रवर्ती राजा रावण, शैतान का भी नहीं रहा। महज परीक्षा पास कर लेना कोई चीज नहीं बल्कि बुद्धि का विकास तब होगा जब जो पढ़ो उसका अभिप्राय समझो। अभिमान किसी का भी नहीं रहा जो तुम्हारा रहेगा। मेरे अनुत्तीर्ण होने पर मत जाओ, जब मेरी कक्षा में आओगे तो दाँतों पसीना आ जाएगा। जब गणित, ज्यामिती, अंग्रेजी, इतिहास आदि का अध्ययन करोगे तब खोपड़ी घूम जाएगी। लेख लिखने के लिए दिया जाएगा तब लेख लिखने में पसीने छूट जाएँगे। इस प्रकार बड़े भाई साहब ने छोटे भाई के सामने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उसे समझाया था।

प्रश्न3: बड़े भाई की डाँट-फटकार अगर न मिलती, तो क्या छोटा भाई कक्षा में अव्वल आता ? अपने विचार प्रकट कीजिए।
उत्तर:
बड़े भाई की डाँट-फटकार अगर न मिलती तो हमारे विचार से छोटा भाई कक्षा में अव्वल नहीं आता, क्योंकि किसी कार्य की सफलता के लिए चाणक्य द्वारा बताई साम-दाम, दण्ड-भेद की नीति, प्रेरक शक्ति के रूप में प्रताड़ना प्रेरणा का कार्य करती है। जब बड़े भाई साहब की डाँट छोटे भाई को पड़ती थी, तब वह उनकी डाँट को गलत सिद्ध करने के लिए अध्ययन के प्रति सचेत हो जाता था। जिसका परिणाम यह होता था कि छोटा भाई कक्षा में अव्वल स्थान प्राप्त कर उत्तीर्ण हो जाता था। भाई की डाँट उसके अध्ययन की सफलता का सिद्धि मंत्र थी, जो उसे आगे बढ़ने की शक्ति प्रदान करती थी। अतः छोटे भाई को अगर बड़े भाई की डाँट-फटकार नहीं मिलती तो वह कक्षा में अव्वल नहीं आता।

प्रश्न4: बडे़ भाई साहब अपने छोटे भाई पर रौब जमाने के लिए लंबे-लंबे भाषण देते हैं। उनकी आत्यधिक बोलने की आदत उनकी कमजोरी है अथवा खूबी? तर्क सम्मत उत्तर लिखिए।
उत्तर:
(i) रौब जमाने का कोई मौका नहीं छोड़ते और भाषण देकर अपनी फेल होने की कमजोरी छिपाना चाहते हैं।
(ii) उनकी कमजोरी क्योंकि अत्यधिक बोलना असुरक्षा को ही दर्शाता है।
(iii) विद्यार्थी का निजी उत्तर
व्याख्यात्मक हल:
बड़े भाई साहब अपने छोटे भाई पर रौब जमाने के लिए लंबे-लंबे भाषण देते हैं। वे अपने छोटे भाई के ऊपर अपने बड़े होने का अहसास कराने के लिए रौब जमाने का कोई भी मौका नहीं छोड़ते। वे परीक्षा में फेल हो जाते हैं और फेल हो जाने की कमजोरी छिपाने के लिए तर्क देते हैं कि परीक्षा उत्तीर्ण कर लेने से मानसिक विकास नहीं होता। इस प्रकार कहा जा सकता है कि उनका अत्यधिक बोलना उनकी कमजोरी है, क्योंकि उन पर छोटे भाई की निगरानी का दायित्व है इस स्थिति में उनका अत्यधिक बोलना असुरक्षा को ही दर्शाता है।

Long Question Answers: बड़े भाई साहब | Hindi Class 10 (Sparsh and Sanchayan)

प्रश्न5: बड़े भाई साहब ने स्वयं फेल हो जाने पर भी अपने छोटे भाई को डाँटकर भी उसका प्यार किस प्रकार जीता? अगर आपके बड़े भाई ऐसा करते तो आपकी क्या प्रतिक्रिया होती? लिखिए।
उत्तर:
(i) छोटे भाई को डाँटने में उसकी भलाई की भावना।
(ii) छोटा भाई बड़े भाई के अधिकार को समझता था।
(iii) अधिक अनुभवी व प्यार करने वाले।
(iv) विद्यार्थी का निजी मत।
व्याख्यात्मक हल:
बड़े भाई साहब स्वयं फेल हो गये और छोटा भाई कक्षा में अब्बल आया तब उसके स्वभाव में आये परिवर्तन को देखकर बड़े भाई ने उसे डाँटकर समझाया कि परीक्षा पास कर लेने से मानसिक विकास नहीं होता। उनकी बातों को सुनकर छोटे भाई के मन पर पड़ा भ्रम का परदा दूर हो जाता है और उसको समझ में आ जाता है कि उनके डाँटने में उसी की (छोटे भाई की) भलाई की भावना है। वे उससे बड़े हैं और छोटे भाई की भलाई के विषय में सोचना उनका अधिकार है क्योंकि वे उससे अधिक अनुभवी हैं और उसे बहुत प्यार करते हैं। इस प्रकार छोटे भाई की द्रष्टि में बड़े भाई साहब का स्थान और भी बड़ा हो जाता है। यदि हमारे बड़े भाई ऐसा करते तो हमारे मन में उनके प्रति श्रद्धा का भाव बढ़ जाता और हम जीवन भर उनके आदर्शों पर चलते।

प्रश्न6: छोटे भाई के मन में बड़े भाई साहब के प्रति श्रद्धा क्यों उत्पन्न हुई ?
उत्तर:
छोटे भाई के मन में बड़े भाई साहब के प्रति श्रद्धा उत्पन्न इसलिए हुई, क्योंकि उन्होंने अधिकारपूर्वक समझाते हुए कहा था, ‘‘तुम अपने मन से यह अहंकार निकाल डालो कि तुम मेरे समीप आ गए हो और अब स्वतंत्र हो। मेरे होते हुए तुम बेराह नहीं चलने पाओगे, अगर तुम नहीं मानोगे तो मैं तुम्हें अधिकारपूर्वक थप्पड़ मारकर सुधारने का प्रयास करूँगा। तुम्हें मेरी ये बातें जहर लग रही होंगी, है न ........।’’ इन बातों को सुनकर छोटे भाई के मन में अपनी लघुता का अनुभव हुआ और मन में बड़े भाई साहब के प्रति श्रद्धा उत्पन्न हुई।

प्रश्न7: बड़े भाई साहब छोटे भाई को क्या सलाह देते थे और क्यों ?
उत्तर:
बड़े भाई साहब छोटे भाई को निम्नलिखित सलाह देते थे-
(1) मेहनत से नियमित रूप से हर समय पढ़ने की सलाह देते थे।
(2) अहंकार न करने की सलाह देते थे।
(3) उनके अनुसार परीक्षा पास कर लेना कोई चीज नहीं, बल्कि असली बात है बुद्धि का विकास जो कुछ पढ़ो उसका अभिप्राय समझो।
(4) वे उसे मोहल्ले के गंदे और आवारा लड़कों से दूर रहने, अपनी हैसियत के अनुसार अच्छे लड़कों के साथ रहने की सलाह देते थे।
वे उसे सलाह इसलिए देते थे, क्योंकि वे अपने छोटे भाई से बहुत प्यार करते थे, उसे अच्छे विद्यार्थी के रूप में देखना उनका कर्तव्य था। इस कर्तव्य की पूर्ति के लिए वे उसके साथ कठोरतापूर्ण व्यवहार करते हुए सलाह देते थे।

प्रश्न8: ‘बड़े भाई साहब’ पाठ में लेखक ने समूची शिक्षा के किन तौर-तरीकों पर व्यंग्य किया है, क्या आप उनके विचार से सहमत हैं ? 
उत्तर: ‘बड़े भाई साहब’ पाठ में लेखक ने समूची शिक्षा के कई तौर-तरीकों पर व्यंग्य किया है-क्योंकि छात्रों को गणित में ज्याॅमिट्री में कठिन प्रमेय, सवाल पढ़ाये जाते हैं जो आगे भविष्य में उपयोगी नहीं होते। इतिहास में बादशाहों के नाम याद रखने पड़ते हैं यदि कुछ का कुछ लिख दिया तो सवाल का जवाब गलत कर दिया जाता है। परीक्षक कापी जाँचते समय निर्दयी हो जाते हैं, वे व्यर्थ की बातों के लिए छात्रों को फेल कर देते हैं। वे पुस्तक में जो लिखा है, उस रटे रटाये अक्षरों को सही मानकर रटंत विद्या को शिक्षा का नाम देते हैं। हम उनके विचार से सहमत हैं, छात्रों को वही ज्ञान दिया जाये, जो व्यावहारिक एवं भविष्योपयोगी हो। बालकों की शक्ति, क्षमता एवं आयु का ध्यान रखकर छात्रों को अध्ययन कराया जाये।

प्रश्न9: आपके माता-पिता द्वारा दी जा रही हिदायतों और पढ़ाई के लिए डाँट-फटकार के प्रति आपकी क्या प्रतिक्रिया होती है? अपने अनुभव बड़े भाई साहब पाठ के आधार पर लिखिए।
उत्तर:
हमारे माता-पिता भी बड़े भाई साहब की तरह हर समय टोकते हैं। बाहर मत जाओ, टी. वी. मत देखो आदि। मन में विरोध के भाव उठते हैं और हम अनर्गल हरकतें कर उन्हें और अधिक परेशान करते हैं क्योंकि उम्र की नादानी के कारण हम उनकी बातों का महत्व नहीं समझ पाते। लेखक भी बड़े भाई की बातों का महत्व नादानी के कारण नहीं समझते।

प्रश्न10: निम्नलिखित के आशय स्पष्ट कीजिए:
(क) इम्तिहान पास कर लेना कोई चीज नहीं असल चीज है बुद्धि का विकास।
(ख) फिर भी जैसे मौत और विपत्ति के बीच भी आदमी मायामोह के बंधन में जकड़ा रहता है, मैं फटकार और घुड़कियाँ खाकर खेलकूद का तिरस्कार न कर सकता था।
(ग) बुनियाद ही पुख्ता न हो, तो मकान कैसे पायेदार बने ?
(घ) आँखें आसमान की ओर थीं और मन उस आकाशगामी पथिक की ओर, जो मंद गति से झूमता पतन की ओर चला आ रहा था, मानो कोई आत्मा स्वर्ग से निकलकर विरक्त मन से नए संस्कार ग्रहण करने जा रही हो। 

उत्तर: (क) आशय-‘बड़े भाई साहब’ नामक पाठ के लेखक श्री प्रेमचंद जी प्रस्तुत पंक्ति के माध्यम से उस समय का वर्णन कर रहे हैं जब बड़े भाई साहब परीक्षा में अनुत्तीर्ण हो गए और छोटा भाई कक्षा में अव्वल आया तब छोटे भाई के स्वभाव में आए परिवर्तन को देखकर बड़े भाई साहब ने उसे डाँटते हुए यह वाक्य कहा था जिसका अर्थ है-परीक्षा उत्तीर्ण करने से मानसिक (बुद्धि) विकास नहीं होता। किसी छात्र को परीक्षा उत्तीर्ण करके अहंकार नहीं करना चाहिए बल्कि वह जो कुछ पढ़े उसका अभिप्राय समझे।
(ख) आशय-प्रस्तुत पंक्ति में लेखक के अनुसार छोटा भाई अपने बड़े भाई साहब की डाँट-फटकार खाने के बावजूद भी खेलकूद का तिरस्कार नहीं कर पाता था। भाई साहब के द्वारा समय-समय पर अपने छोटे भाई को डाँटा जाता साथ ही वे उसे समझाते भी रहते थे। तब एक दिन छोटे भाई ने समय सारिणी बनाकर अध्ययन करने की योजना तैयार की परन्तु उसके लिए योजना बनाना सरल था और योजना को क्रियान्वित करना कठिन था। तब उसने उपरोक्त वाक्य कहा था।
(ग) आशय-बड़े भाई साहब ने शिक्षा के सम्बन्ध में उपरोक्त वाक्य कहा था। पाठ के कथानक के अनुसार बड़े भाई साहब छोटे भाई से पाँच साल उम्र में बड़े थे, वे केवल तीन दरजे आगे थे। वे पढ़ाई के विषय को महत्त्वपूर्ण मानते थे और उसमें जल्दबाजी से काम लेना पसंद नहीं करते थे। शिक्षा रूपी भवन की नींव पक्की करने के इरादे से एक साल का काम दो साल में करते थे अर्थात् एक कक्षा दो साल में उत्तीर्ण करते थे। तब उन्होंने उपरोक्त वाक्य कहा था-जिसका आशय है यदि मकान की नींव मजबूत नहीं होगी तो वह मकान बहुमंजिला कैसे बन सकेगा ?
(घ) आशय-प्रस्तुत पंक्तियों के माध्यम से लेखक बड़े भाई साहब के कक्षा में अनुत्तीर्ण हो जाने और छोटे भाई के प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण हो जाने पर स्वभाव में आए परिवर्तन का वर्णन करते हुए कह रहे हैं- दोनों भाइयों के मध्य एक कक्षा का अंतर रह गया था और छोटे भाई को अब बड़े भाई साहब ने डाँटना छोड़ दिया था जिसके कारण उसकी स्वच्छंदता बढ़ गई और वह अभिमान से युक्त होकर सोचने लगा कि मैं अब पास हो ही जाऊँगा मेरी किस्मत बलवान है। एक दिन शाम को वह कक्ष की ओर पतंग लूटने तेजी से बच्चों के साथ दौड़ा जा रहा था उस समय का द्रश्य लेखक ने उपरोक्त वाक्यों में कहा, जिसका आशय है, छोटे भाई की आँखें आकाश की ओर थीं वह आकाश में जाती हुई पतंग को, जो झूमती हुई चली जा रही थी जिसे लूटने के लिए वह आगे बढ़ रहा था।

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FAQs on Long Question Answers: बड़े भाई साहब - Hindi Class 10 (Sparsh and Sanchayan)

1. बड़े भाई साहब Class 10 के बारे में क्या हैं?
उत्तर: बड़े भाई साहब Class 10 एक कहानी है जो पठन सामग्री में दी गई है। यह कहानी एक लड़के के बारे में है जिसके पास एक बड़े भाई होता है और वह उसे प्रभावित करने के लिए प्रयास करता है। इस कहानी में संघर्ष, परिवार और सच्ची मित्रता के विषय पर बात की गई है।
2. बड़े भाई साहब Class 10 कितने पाठ हैं?
उत्तर: बड़े भाई साहब Class 10 की कहानी पठन सामग्री में एक ही पाठ है। इस पाठ में पूरी कहानी को संक्षेप में दिया गया है और इसे पढ़ने के बाद छात्रों को कुछ प्रश्नों का उत्तर देना होता है।
3. बड़े भाई साहब Class 10 में कौन-कौन से विषय पर बात की गई है?
उत्तर: बड़े भाई साहब Class 10 में कई विषयों पर बात की गई है। इसमें संघर्ष, परिवार, प्रभाव, सच्ची मित्रता, और समाज में छोटे भाई की स्थिति जैसे मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
4. बड़े भाई साहब Class 10 में प्रमुख चरित्र कौन हैं?
उत्तर: बड़े भाई साहब Class 10 में प्रमुख चरित्र लड़के और उसके बड़े भाई हैं। लड़के ने अपने बड़े भाई को अपने जीवन के आदर्श बनाने की कोशिश की है और इस कहानी में उनकी रिश्तेदारी और प्रभाव की प्रमुख विषय है।
5. बड़े भाई साहब Class 10 की कहानी का संक्षेप में विवरण क्या है?
उत्तर: बड़े भाई साहब Class 10 की कहानी में एक लड़के की जीवन यात्रा को संक्षेप में बताया गया है। उसका बड़ा भाई उसे प्रभावित करने की कोशिश करता है और उसे आदर्श बनाने के लिए प्रेरित करता है। इस कहानी में छात्रों को मित्रता, परिवार और संघर्ष के महत्व के बारे में सोचने का अवसर मिलता है।
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