निबन्धात्मक प्रश्न
प्रश्न 1. वजीर अली कौन था? उसके चरित्र की क्या विशेषताएँ हैं? अपने शब्दों में सोदाहरण स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: वज़ीर अली एक जाँबाज सिपाही था। इस प्रकार जो अंग्रेजों की ब्रिटिश कम्पनी की सैनिक छावनी में प्रवेश कर कर्नल से कारतूस प्राप्त कर सकता है, वह साधारण व्यक्ति या सिपाही नहीं हो सकता। वज़ीर अली ने एक जाँबाज सिपाही की तरह प्राणों की बाजी लगाकर कारतूस हासिल किए। उसका यह कार्य उसे एक जाँबाज सिपाही सिद्ध करता है और हम वज़ीर अली को जाँबाज सिपाही कह सकते हैं।
प्रश्न 2. लेफ्टीनेंट को ऐसा क्यों लगा कि कम्पनी के खिलाफ सारे हिन्दुस्तान में एक लहर दौड़ गई है? ‘कारतूस’ पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: लेफ्टीनेंट को ऐसा इसलिए लगा कि कम्पनी के खिलाफ सारे हिन्दुस्तान में एक लहर दौड़ गई है, क्योंकि हिन्दुस्तान की जनता कम्पनी के विरोध में आ गई थी, वह वज़ीर अली जैसे जाँबाज यौद्धाओं की तरफदारी कर उनका साथ दे रही थी। गाँधी जी जैसे नेताओं के आह्नान पर भारतीय जनता सत्याग्रह, आन्दोलनों में हिस्सा लेकर कम्पनी के खिलाफ बगावत पर उतर आई थी।
प्रश्न 3. ‘मुट्ठी भर आदमी, मगर ये दमखम’ कथन से क्या तात्पर्य है ? ‘कारतूस’ के आधार पर लिखिए।
उत्तर: इसका तात्पर्य है कि वज़ीर अली के पास मुट्ठी भर आदमी थे, अर्थात् बहुत कम आदमियों की सहायता या साथ था, फिर भी इतनी शक्ति और दृढ़ता का परिचय देना कमाल की बात थी। सालों से जंगल में रहने पर भी स्वयं कर्नल, उनकी सेना का बड़ा समूह, जो बहु-संख्या में युद्धसामग्री से लैस था, मिलकर भी उसे पकड़ नहीं पाए थे। उसकी अदम्य शक्ति और दृढ़ता को जीत नहीं पाए थे। उस जाँबाज सिपाही को पकड़ नहीं पाए थे। अर्थात् वह हर काम इतनी सावधानी तथा होशियारी से करता था कि उसने व उसके मुट्ठी भर आदमियों ने ही कर्नल के इतने बड़े सेना-समूह की नाक में दम कर दिया था।
प्रश्न 4. गर्द तो ऐसी उड़ रही है जैसे कि पूरा एक काफिला चला आ रहा हो। मगर मुझे तो एक ही सवार नजर आता है। इसका आशय लिखिए।
उत्तर: आशय-जब कर्नल अपने खेमे के बाहर बैठकर लेफ्टीनेंट से वज़ीर अली के विषय में बात कर ही रहे थे कि तभी उन्हें दूर से धूल का गुबार उठता दिखाई दिया जिसे देखकर ऐसा प्रतीत हो रहा था कि सेना का पूरा-पूरा काफिला चला आ रहा हो परंतु जब ध्यान से देखा तो केवल एक ही व्यक्ति दिखाई दे रहा था। वह अकेला ही पूरे काफिले के समान धूल का गुबार उड़ाता चला आ रहा था।
प्रश्न 5. एकांकी ‘कारतूस’ में वर्णित किन घटनाओं से पता चलता है कि वज़ीर अली अंग्रेज़ों से नफ़रत करता था और उनका कट्टर विरोधी था ?
उत्तर: वज़ीर अली अंग्रेजों से नफ़रत करता था तथा उनका कट्टर विरोधी था। अंग्रेज़ों को भारत से निकालना उसका एकमात्र लक्ष्य था। इसके लिए उसने अफ़गानिस्तान के बादशाह शाहे जमा को भारत पर आक्रमण करने का न्यौता दिया। उसने सारे भारत वर्ष में अंग्रेज़ों के खिलाफ़ वातावरण बना दिया था। अंग्रेज़ों का पक्ष लेने वालों को वह अपना शत्रु समझता था इसी कारण उसने कंपनी के वकील की हत्या कर दी। वह सआदत अली को अवध की गद्दी से हटाना चाहता था और स्वयं उस पर कब्जा करना चाहता था ताकि वहाँ से अंग्रेज़ों को निकाल सके।
प्रश्न 6. वज़ीर अली एक जाँबाज सिपाही था, कैसे? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: वज़ीर अली एक जाँबाज सिपाही था। इस प्रकार जो अंग्रेजों की ब्रिटिश कम्पनी की सैनिक छावनी में प्रवेश कर कर्नल से कारतूस प्राप्त कर सकता है। वह साधारण व्यक्ति या सिपाही नहीं हो सकता। वज़ीर अली ने एक जाँबाज सिपाही की तरह प्राणों की बाजी लगाकर कारतूस हासिल किए। उसका यह कार्य उसे एक जाँबाज सिपाही सिद्ध करता है और हम वज़ीर अली को जाँबाज सिपाही कह सकते हैं।
प्रश्न 7. कारतूस पाठ के आधार पर वजीर अली की विशेषताओं पर सोदाहरण प्रकाश डालिए।
उत्तर: वजीर अली की विशेषताएँ-
व्याख्यात्मक हल:
वजीर अली एक जाँबाज सिपाही था, उसने अंग्रेजों की ब्रिटिश कम्पनी की सैनिक छावनी में निडरतापूर्वक प्रवेश किया और कर्नल से कारतूस प्राप्त किए। वह एक बलशाली, साहसी नौजवान था। उसने एक जाँबाज सिपाही की तरह अपने प्राणों की बाजी लगाकर कारतूस हासिल किए। उसके जाने के बाद कर्नल भी हक्का-बक्का रह गया और उसकी हिम्मत और बहादुरी से अचंभित रह गया जो उसकी जान बख्श कर चला गया। वजीर अली अंग्रेजों की हुकूमत को समाप्त करना चाहता था, उसने अफगानिस्तान के बादशाह शाहजमा को हिन्दुस्तान पर आक्रमण करने की दावत दी।
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1. कारतूस क्या होते हैं? |
2. कारतूस क्यों महत्वपूर्ण होते हैं? |
3. कारतूस किस तरह से बनाए जाते हैं? |
4. कारतूस के कितने प्रकार होते हैं? |
5. कारतूस का उपयोग किस लिए होता है? |
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