प्रश्न.1. आपके विचार से महिलाओं के बारे में प्रचलित रूढ़िवादी धारणा कि वे क्या कर सकती है और क्या नहीं, उनके समानता के अधिकार को कैसे प्रभावित करती है?
महिलाओं के बारे में प्रचलित रूढ़िवादी धारणाएँ है कि वे एक अच्छी नर्स बन सकती हैं या ये वैज्ञानिक नहीं बन सकती है, क्योंकि इसके लिए तकनीकी दिमाग की जरूरत होती और महिलाएं और लडकियां तकनीकी कार्यों में सक्षम नहीं होती। ये सब विचार महिलाओं के समानता के अधिकार को अवश्य ही प्रभावित करती हैं। ऐसे में कई महिलाएँ उन जगहों में जाने से पहले ही डर जाती है जहाँ महिलाओं को जाने के लिए रोका जाता है। क्योंकि उनके किसी चीज़ में भाग लेने से पहले ही उनके हौसलों को तोड़ दिया जाता है।
प्रश्न.2. कोई एक कारण बताइए जिसकी वजह से राससुंदरी देवी, रमाबाई और रुकैया हुसैन के लिए, अथर ज्ञान इतना महत्त्वपूर्ण था।
राससुंदरी देवी, रमाबाई और रूकैया हुसैन के लिए अक्षर ज्ञान निम्नलिखित कारणों से महत्त्वपूर्ण था क्योंकि तत्कालीन समाज में लड़कियों को अक्षर ज्ञान प्राप्त करने की अनुमति नहीं थी। वे ऐसा करके लड़कियों के अक्षर ज्ञान के महत्त्व को समाज के सामने लाना चाहती थीं। उस समय यह माना जाता था कि पत्नी का अक्षर ज्ञान पति के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है। वे इस धारणा को गलत साबित करना चाहती थीं।
प्रश्न.3. “ निर्धन बालिकाएँ पढ़ाई बीच में ही छोड़ देती है क्योंकि शिक्षा में उनकी रूचि नहीं है। पृष्ठ 17 पर दिए गए अनुच्छेद को पढ़ कर, स्पष्ट कीजिए कि यह कथन सही क्यों नहीं है।
यह कथन कहा गया है कि निर्धन बालिकाएँ पढ़ाई बीच में ही छोड़ देती हैं, क्योंकि शिक्षा में उनकी रुचि नहीं है, ऐसा बिल्क़ुल नहीं है। इसके कई कारण हैं। जैसे :- ग्रामीण क्षेत्रों में न तो पर्याप्त मात्रा में स्कूल हैं और न ही यहाँ पर्याप्त मात्रा में शिक्षक हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में कई परिवार बहुत गरीब हैं। ये परिवार धन के अभाव के कारण अपनी लड़कियों को विद्यालय नहीं भेज पाते। अनेक गांवो में स्कूल दूर होता था इसलिए माँ बाप लड़कियों को पैदल भेजना सही नहीं मानते थे।
प्रश्न.4. क्या आप महिला आंदोलन द्वारा व्यवहार में लाए जाने वाले संघर्ष के दो तरीकों के बारे में बता सकते है। महिलाएं क्या कर सकती है और क्या नहीं, इस विषय पर आपको रूढ़ियों के विरुद संघर्ष करना पड़े, तो आप पर हुए तरीकों में से कौन – से तरीकों का उपयोग करेंगे ? आप इसी विशेष तरीके का उपयोग क्यों करेंगे?
महिला आंदोलन द्वारा व्यवहार में लाए गए संघर्ष के कई तरीके हैं जिसमें से निम्नलिखित है:
- जागरूकता अभियान: यह महिला आंदोलन का सुनियोजित ढंग से अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए संघर्ष करने का एक तरीका है। इस तरीके के चलते 1997 में सर्वोच्च न्यायालय ने कार्य के स्थान पर तथा शिक्षण संस्थाओं में महिलाओं की यौन प्रताड़ना से सुरक्षा के लिए आवश्यक दिशा – निर्देश जारी किए थे।
- विरोध प्रदर्शन: यह सरकार की किसी अप्रिय नीति के विरुद्ध लोगों के संघर्ष का तरीका है। जैसे:- महिलाओं द्वारा पदों के आरक्षण के लिए संघर्ष करना और इसके लिए विरोध प्रदर्शन करना। यदि हमें रूढ़ियों के विरुद्ध संघर्ष करना पड़े, तो हम प्रचार अभियान का सहारा लेंगे। और लोगों को इस विषय में जागरूक करेंगे कि महिलाएँ वे सभी कार्य कर सकती है, जो पुरुष करते हैं।
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