Table of contents | |
कल्पना करो | |
आओ याद करें | |
आओ चर्चा करें | |
आओ करके देखें |
प्रश्न. तुम बेरिगाज़ा में रहते हो और पत्तन देखने निकले हो। तुमको क्या-क्या देखने को मिला?
बेरिगाज़ा की संकरी खाड़ी में समुद्र से आने वाली नावों को चलाना नाविकों के लिए बहुत मुश्किल होता था। यहाँ कुशल और स्थानीय मछुआरे ही नाव तथा जहाजों को पत्तन तक ला पाते थे। यहाँ पर शराब, ताँबा, टिन, सीसा, मूंगा, पुखराज, कपड़े, सोने और चाँदी के सिक्कों का आयात हो रहा था, जबकि हिमालय की जड़ी-बूटियाँ, हाथी दाँत, गोमेद, कार्नीलियन, सूती कपड़ा, रेशम तथा इत्र जैसी वस्तुओं का यहाँ से निर्यात किया जा रहा था।
प्रश्न.1. खाली जगहों को भरो:
(क) तमिल के बड़े भूस्वामी को _______ कहते थे।
(ख) ग्राम-भोजकों की जमीन पर प्रायः _______ द्वारा खेती की जाती थी।
(ग) तमिल में हलवाहे को _______ कहते थे।
(घ) अधिकांश गृहपति _______ भूस्वामी होते थे।
(क) वेल्लला
(ख) दास और मजदूरों
(ग) उणवार
(घ) स्वतंत्र व छोटे
प्रश्न.2. ग्राम-भोजकों के काम बताओ। वे शक्तिशाली क्यों थे?
ग्राम भोजक गांव का प्रधान व्यक्ति होता था। प्राय एक ही परिवार के लोग इस पद पर कई पीढ़ियों तक बने रहते थे। ग्राम भोजक् के पद् पर प्राय गांव का सबसे बड़ा भूस्वामी होता था। साधारणतया इनकी ज़मीन पर इनके दास और मजदूर खेती करते थे। ये ग्राम भोजक् बहुत ही शक्तिशाली होते थे क्योंकि राजा कर वसूलने का कार्य भी इन्हें ही सौप देता था। ये लोग न्यायधीश और कभी कभी पुलिस का काम भी कर देते थे।
प्रश्न.3. गाँवों तथा शहरों दोनों में रहने वाले शिल्पकारों की सूची बनाओ।
गांव में मुख्य रूप से बढई, लोहार, कुम्हार तथा बुनकर जैसे शिल्पकार रहते थे। और शहरो में मुख्य रूप से सुनार, लोहार, बुनकर, टोकरी बुनने वाले, माला बनाने वाले और इत्र बनाने वाले शिल्पकार रहते थे।
प्रश्न.4. सही जवाब ढूंढो:
(क) वलयकूप का उपयोग
(ख) आहत सिक्के
(ग) मथुरा महत्त्वपूर्ण
(घ) श्रेणी
(क) जल निकास के लिए किया जाता था।
(ख) चाँदी
(ग) धार्मिक केंद्र
(घ) शिल्पकारों
प्रश्न.5. पृष्ठ 87 पर दिखाए गए लोहे के औजारों में कौन खेती के लिए महत्त्वपूर्ण होंगे? अन्य औज़ार किस काम में आते होंगे?
खेती के लिए महत्त्वपूर्ण औजार कुल्हाड़ी तथा हँसिया थे। किसी वस्तु को बिना छुए हुए पकड़ने के लिए सँड़सी का प्रयोग किया होगा।
प्रश्न.6. अपने शहर की जल निकास व्यवस्था की तुलना तुम उन शहरों की व्यवस्था से करो, जिनके बारे में तुमने पढ़ा है। इनमें तुम्हें क्या-क्या समानताएँ और अंतर दिखाई दिए?
समानताएं: दोनों व्यवस्थाओ में शहर के गंदे पानी की निकासी शहर से दूर करने का समान उदेश्य था। ताकि शहर के बीच में सफाई की व्यवस्था अच्छी बनी रहे।
अंतर: पहले समय में नालियाँ भूमिगत नहीं होती थी, लेकिन आज के शहरो में जल निकासी के लिए भूमिगत नालियाँ बनाई गई है। पहले के समय में नालियो के गलियों के बीच में बने होने के प्रमाण मिले है लेकिन अब के समय में नालियाँ गलियों के किनारो पर बनाई जाती है।
प्रश्न.7. अगर तुमने किसी शिल्पकार को काम करते हुए देखा है तो कुछ वाक्यों में उसका वर्णन करो। ( संकेत : उन्हें कच्चा माल कहाँ से मिलता है, किस तरह के औजारों का प्रयोग करते हैं, तैयार माल का क्या होता है, आदि।
मैंने बढ़ई शिल्पकार को काम करते देखा है। वह लकड़ी के रूप में कच्चा टिंबर मार्किट से खरीदता है। टिंबर मार्किट में लकड़ी वनों से काटकर लायी जाती है। वह कई प्रकार के औजार; जैसे-लकड़ी घिसने वाला रंदा, लकड़ी काटने वाली आरी, छेद करने वाला, हथौड़ी का प्रयोग करता है। तैयार माल के रूप में मेज, कुर्सी, पलंग, दीवान इत्यादि होते हैं।
प्रश्न.8. अपने शहर या गाँव के लोगों के कार्यों की एक सूची बनाओ। मथुरा में किए जाने वाले कार्यों से ये कितने समान और कितने भिन्न हैं?
शहरों के परिवारों में स्त्री और पुरुष दोनों काम करते है। स्त्रियों और पुरुषो को दोनों को एक सामान समझा जाता है। किसी से कोई भेदभाव नहीं होता। स्त्रियाँ और पुरुष दोनों दफ्तरों और अन्य स्थानों पर काम करते हैं। मथुरा यातायात और व्यापार के दो मुख्य रास्तों पर स्थित था तथा वह एक धार्मिक केंद्र भी था। मथुरा बेहतरीन मूर्तियाँ बनाने का भी केंद्र था।
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1. खुशहाल गाँव और समृद्ध शहर के बीच क्या अंतर होता है? |
2. खुशहाल गाँव और समृद्ध शहर के लिए कौन से सुझाव दिए गए हैं? |
3. खुशहाल गाँव और समृद्ध शहर की आवश्यकता क्यों है? |
4. खुशहाल गाँव और समृद्ध शहर के लिए कौन से नियमों का पालन किया जाना चाहिए? |
5. खुशहाल गाँव और समृद्ध शहर की दृष्टि में समाज को क्या करना चाहिए? |
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