प्रश्न.1. बच्चे यास्मीन खाला के घर क्यों गए?
बच्चे यह जानने के लिए बहुत उत्सुक थे कि गली की ट्यूबलाईट कौन बदलता है? चूँकि एक बच्चे की माँ से सभी को पता चला कि ये नगर निगम कि जिम्मेदारी होती है। पहले यास्मीन खाला नगर पालिका में काम करती थी, इसलिए सभी बच्चे यास्मीन खाला से मिलने उसके घर गए।
प्रश्न.2. नगर निगम के कार्य शहर के निवासियों के जीवन को किस तरह प्रभावित करते हैं? ऐसे चार तरीकों के बारे में लिखिए।
नगर निगम के कार्य निम्नलिखित है:
- घरों और बाजार से कचरा जमा करना और उसका निबटारा करना, इससे सड़कें और गली साफ सुथरी रहती हैं।
- नलियों को साफ करना, इससे शहर साफ रहता है।
- मलेरिया और डेंगू की रोकथाम के लिए काम करना, इससे लोगों के स्वास्थ्य को लाभ मिलता है।
- शुद्ध और पौष्टिक पानी की आपूर्ति करना
- जन्म व मृत्यु का पंजीकरण करना
- सड़कों का नामकरण एवं मकानों का क्रमांकन
- सार्वजनिक पार्कों, बागीचों, पुस्तकालयों, संग्रहालयों, आराम घर, कुष्ठरोगी घर, अनाथालयों, महिलाओं के लिए वृद्धाश्रमों व बचाव घरों का निर्माण एवं रखरखाव करना
- सड़क के रखरखाव के साथ उसके किनारों व अन्य स्थानों पर पेड़ों का रोपण करना
- सार्वजनिक गलियों, पुलों एवं अन्य स्थानों पर अवरोधों को दूर करना
- नगर निगम के उपरोक्त कार्य से शहर के निवासियों का जीवन आसान हो जाता है।
प्रश्न.3. नगर निगम पार्षद कौन होता है?
प्रत्येक शहर को छोटे-छोटे नगर / मोहल्लो और वार्ड में विभाजित किया जाता हैं। प्रत्येक वार्ड के प्रतिनिधि को नगर निगम पार्षद या वार्ड काउंसिलर कहा जाता हैं। नगर निगम पार्षद को सीधे उस वार्ड की जनता द्वारा चुना जाता हैं। पार्षद को उस वार्ड से सम्बधित सभी समस्यों को नगर पालिका या नगर परिषद् में पेश करता हैं, जिसके उपरांत परिषद् द्वारा बजट पास करके उस समस्या का समाधान किया जाता हैं।
प्रश्न.4. गंगाबाई ने क्या किया और क्यों?
गंगाबाई के मुहल्ले की गली से नियमित रूप से कचरे उठाने की व्यवस्था नहीं थी। जिससे गंदगी और बदबू से सभी लोग परेशान थे। इसलिए गंगाबाई ने मुहल्ले की सभी औरतों के साथ मिलकर पहले पार्षद के सामने फिर आयुक्त के सामने विरोध प्रदर्शन किया।
5. चर्चा कीजिए:
ऊपर के दो चित्रों में आपने कूड़ा इकट्ठा करने एवं उसको ठिकाने लगाने की विभिन्न विधियों को देखा।
(क) आपके विचार से कौन-सी विधि कूड़े का निपटारण करने वाले व्यक्ति के लिए सुरक्षित है?
(ख) पहले चित्र में कूड़ा इकट्ठा करने को जो तरीका दिखाया गया है उसमें क्या-क्या जोखिम है?
(ग) आप क्या सोचती हैं कि जो लोग नगर निगमों में काम करते हैं उनके पास अपने कूड़े के निपटारण की व्यवस्थित सुविधाएँ क्यों नहीं हैं?
(क) फोटो 2 की विधि कूड़े का निपटारण करने वाले व्यक्ति के लिए सुरक्षित है।
(ख) पहले चित्र में कूड़ा इकट्ठा करने का जो तरीका दिखाया गया है उसमें बहुत जोखिम है; जैसे:
- कूड़ा इकट्ठा करने वाले व्यक्ति के पास अपनी सुरक्षा के साधन नहीं है इसलिए ये लोग बीमार हो सकते हैं या घायल हो सकते हैं।
- कूड़ा खुले रूप से पड़ा रहता है जिससे गंदगी फैलती है और बीमारियाँ फैलने का खतरा रहता है।
- गाय इत्यादि जानवर भी कूड़ा खाते रहते हैं जिससे वे भी बीमार हो सकते हैं।
(ग) नगर निगमों में काम करने वालों के पास अपने कूड़े के निपटारण की व्यवस्थित सुविधाएँ नहीं हैं। क्योंकि नगर निगमों में भ्रष्टाचार है जिस कारण से नगर निगमों में कूड़े निपटारण के लिए आधुनिक सुविधाएँ विकसित नहीं हो पाती हैं।
प्रश्न.6. नगर निगम अपने काम के लिए धन कहाँ से प्राप्त करता है?
नगर निगम अपने काम के लिए विभिन्न तरह के कर जैसे- संपत्ति कर, मनोरंजन कर, दुकान और होटल पर कर, पानी पर कर, आदि से धन इकट्ठा करता है। सरकार से भी कुछ राशि की सहायता मिलती है।
प्रश्न.7. शहर में बहुत सारे लोग घरेलू नौकरों की तरह काम करतें हैं और दूसरो के घरों को साफ रखते हैं। उसी तरह बहुत से लोग नगर निगम के लिए काम करतें हैं और शहर को साफ सुथरा रखतें हैं।। इसके बावजूद वे जिन बस्तियों में रहतें हैं, वहाँ काफी गंदगी होती है। इसका कारण यह है कि इन बस्तियों में पानी और सफाई की सुविधा विरले ही होती है। नगर निगम इसके लिए बस्तीवालों को ही दोषी ठहराती है कि जिस ज़मीन पर वे गरीब लोग अपना मकान बनाते हैं वह उनकी नहीं होती है और न ही वे सरकार को कोई कर देते हैं। जबकि मध्यम वर्ग के रिहायशी इलाकों में पार्क बनाने, गलियों में रोशनी की व्यवस्था करने और नियमित कूड़ा जमा करने आदि के काम पर जितना नगर निगम खर्च करता है, उसकी तुलना में वहाँ रहने वाले लोग बहुत कम कर देते हैं। पाठ में भी आपने पढ़ा है कि नगर निगम को संपत्ति कर से कुल 20-30 प्रतिशत की आय होती है।
क्या आपको लगता है कि नगर निगम को बस्तियों की सफाई पर ज्यादा खर्च करना चाहिए? यह क्यों मह्त्वपूर्ण है? और यह क्यों जरूरी है कि शहर में नगर निगम जो सुविधाएँ धनी लोगों को मुहैया कराता है वही गरीबों को भी मिले।
बस्ती भी शहर का हिस्सा होता है। बस्ती के निवासी भी शहर के हर काम में अपनी महत्वपूर्ण हिस्सेदारी निभाते हैं। वे मध्यम वर्ग को बहुत सारी सेवाएँ देतें है। इसके बावजूद अगर बस्ती में किसी तरह की महामारी फैलती है तो इससे न सिर्फ बस्ती बल्कि मध्यम वर्ग का रिहायशी इलाका भी इसकी चपेट में आ सकता है। इसलिए शहर में नगर निगम जो सुविधाएँ धनी लोगों को मुहैया कराता है वही गरीबों को भी देने की कोशिश करें।
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