प्रश्न.1. भारत के खाली राजनीतिक नक्शे पर इन राज्यों की उपस्थिति दर्शाएँ : मणिपुर, सिक्किम, छत्तीसगढ़ और गोवा।
प्रश्न.2. विश्व के खाली राजनीतिक मानचित्र पर भारत के अलावा संघीय शासन वाले तीन देशों की अवस्थिति बताएँ और उनके नक्शे को रंग से भरें।
कनाडा, अमरीका और बेल्जियम।
प्रश्न.3. भारत की संघीय व्यवस्था में बेल्जियम से मिलती-जुलती एक विशेषता और उससे अलग एक विशेषता को बताएँ।
- बेल्जियम से मिलती-जुलती व्यवस्था – भारत में संविधान ने मौलिक रूप से दो स्तरीय शासन व्यवस्था का प्रावधान किया था-संघ सरकार और राज्य सरकारें। केंद्र सरकार को पूरे भारतीय संघ का प्रतिनिधित्व करना था और अलग-अलग राज्यों के लिए राज्य सरकारें होगीं। केंद्र और राज्यों के बीच शक्तियों का बँटवारा संविधान में विषयों की तीन सूचियों के द्वारा कर दिया गया। बेल्जियम में भी केंद्र और राज्य दो प्रकार की सरकारें हैं और दोनों ही अपने-अपने क्षेत्र में स्वतंत्र हैं।
- बेल्जियम से अलग एक विशेषता – केंद्र और राज्य सरकारों के बीच सत्ता का बँटवारा हमारे संविधान की बुनियादी बात है। अधिकारों के इस बँटवारे में बदलाव करना आसान नहीं है। अकेले संसद इसमें परिवर्तन नहीं कर सकती। इसके लिए पहले संसद के दोनों सदनों में दो-तिहाई बहुमत से प्रस्ताव पास करना होगा, फिर कम-से-कम आधे राज्यों की विधानसभाओं से उसे मंजूर करवाना होगा। इसलिए इस विशेषता को कठोर संविधान कहते हैं। यह संघात्मक शासन के लिए जरूरी है।
प्रश्न 4. शासन के संघीय और एकात्मक स्वरूपों में क्या-क्या मुख्य अंतर हैं? इसे उदाहरणों के माध्यम से स्पष्ट करें।
संघीय शासन व्यवस्था में सर्वोच्च सत्ता केंद्रीय प्राधिकार और उसकी विभिन्न आनुषंगिक इकाइयों के बीच बँट जाती है। आम तौर पर संघीय व्यवस्था में दो स्तर पर सरकारें होती हैं। उदाहरण के लिए, भारत में केंद्र सरकार और विभिन्न राज्य सरकारों के बीच शक्तियों को बांटा गया है।
एकात्मक व्यवस्था में शासन का एक ही स्तर होता है और बाकी इकाइयाँ उसके अधीन होकर काम करती हैं। उदाहरण के लिए, श्रीलंका में राष्ट्रीय सरकार के पास सभी शक्तियां हैं।
प्रश्न.5. 1992 के संविधान संशोधन के पहले और बाद के स्थानीय शासन के दो महत्त्वपूर्ण अंतरों को बताएँ।
भारत में सत्ता के विकेंद्रीकरण के लिए सभी राज्यों में गाँव के स्तर पर ग्राम पंचायतों और शहरों में नगरपालिकाओं की स्थापना की गई थी। पर उन्हें राज्य सरकारों के सीधे नियंत्रण में रखा गया था। इन स्थानीय सरकारों के लिए नियमित ढंग से चुनाव भी नहीं कराए जाते थे। इनके पास न तो कोई अधिकार था न कोई संसाधन।1992 में संविधान में संशोधन करके लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था के तीसरे स्तर को मजबूत बनाया गया।
- अब स्थानीय स्वशासी निकायों के चुनाव नियमित रूप से कराना संवैधानिक बाध्यता है।
- निर्वाचित स्वशासी निकायों के सदस्य तथा पदाधिकारियों के पदों में अनुसूचित जातियों, जनजातियों और पिछड़ी जातियों के लिए सीटें आरक्षित हैं।
- राज्य सरकारों को अपने राजस्व और अधिकारों का कुछ हिस्सा इन स्थानीय स्वशासी निकायों को देना पड़ता है।
- कम-से-कम एक तिहाई पद महिलाओं के लिए आरक्षित हैं।
- हर राज्य में पंचायत और नगरपालिका चुनाव कराने के लिए राज्य चुनाव आयोग नामक स्वतंत्र संस्था का गठन किया गया है।
इस संशोधन द्वारा स्थानीय स्तर पर शासन को अधिक शक्तिशाली और प्रभावी बनाया गया।
प्रश्न.6. रिक्त स्थानों को भरें:
चूँकि अमरीका””तरह का संघ है इसलिए वहाँ सभी इकाइयों को समान अधिकार हैं। संघीय सरकार के मुकाबले प्रांत” हैं। लेकिन भारत की संघीय प्रणाली की है और यहाँ कुछ राज्यों को औरों से ज्यादा शक्तियाँ प्राप्त हैं।
चूँकि अमरीका स्वतंत्र राष्ट्रों के साथ आकर संघ बनाने की तरह का संघ है इसलिए वहाँ सभी इकाइयों को समान अधिकार हैं। संघीय सरकार के मुकाबले प्रांत अधिक शक्तिशाली हैं। लेकिन भारत की संघीय प्रणाली साथ रहने की है और यहाँ कुछ राज्यों को औरों से ज्यादा शक्तियाँ प्राप्त हैं।
प्रश्न.7. भारत की भाषा नीति पर तीन प्रतिक्रियाएँ दी गई हैं। इनमें से आप जिसे ठीक समझते हैं उसके पक्ष में तर्क और उदाहरण दें
संगीता का भारत की भाषा नीति पर तर्क सही है। उसका कहना है कि प्रमुख भाषाओं को समाहित करने की नीति ने राष्ट्रीय एकता को मजबूत किया है। भारत में 40 प्रतिशत लोग हिंदी बोलते हैं। हिंदी के अतिरिक्त भी बहुत-सी भाषाएँ बोली जाती हैं। यदि किसी एक भाषा को प्रमुख बना दिया जाता तो अन्य भाषायी लोगों के सामने कई समस्याएँ खड़ी हो जातीं। भारतीय राजनेताओं ने सभी प्रमुख भाषाओं को समाहित करके जो लचीला रुख अपनाया उसी से हमारे देश में शांति व व्यवस्था बनी हुई है तथा हम श्रीलंका जैसी गृहयुद्ध व अशांति की स्थिति में पहुँचने से बच हुए हैं।
प्रश्न.8. संघीय सरकार की एक विशिष्टता है।
(क) राष्ट्रीय सरकार अपने कुछ अधिकार प्रांतीय सरकारों को देती है।
(ख) अधिकार विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका के बीच बँट जाते हैं।
(ग) निर्वाचित पदाधिकारी ही सरकार में सर्वोच्च ताकत का उपयोग करते हैं।
(घ) सरकार की शक्ति शासन के विभिन्न स्तरों के बीच बँट जाती है।
घ) सरकार की शक्ति शासन के विभिन्न स्तरों के बीच बँट जाती है।
प्रश्न.9. भारतीय संविधान की विभिन्न सूचियों में दर्ज कुछ विषय यहाँ दिए गए हैं। इन्हें नीचे दी गई तालिका में संघीय सूची, राज्य सूची और समवर्ती सूची वाले समूहों में लिखें –
(क) रक्षा
(ख) पुलिस
(ग) कृषि
(घ) शिक्षा
(ङ) बैंकिंग
(च) वन
(छ) संचार
(ज) व्यापार
(झ) विवाह।
प्रश्न.10. नीचे भारत में शासन के विभिन्न स्तरों और उनके कानून बनाने के अधिकार-क्षेत्र के जोड़े दिए गए हैं। इनमें से कौन-सा जोड़ा सही मेल वाला नहीं है?
(क) राज्य सरकार – राज्य सूची
(ख) केंद्र सरकार – संघीय सूची
(ग) केंद्र और राज्य सरकार – समवर्ती सूची
(घ) स्थानीय सरकार – अवशिष्ट अधिकार
(घ) स्थानीय सरकार – अवशिष्ट अधिकार
प्रश्न.11. सूची I और सूची II में मेल ढूँढे और नीचे दिए गए कोड के आधार पर सही उत्तर चुनें।
(गा) 1.-अ, 2.-स, 3.-द, 4.-बे
प्रश्न.12. इन बयानों पर गौर करें:
(अ) संघीय व्यवस्था में संघ और प्रांतीय सरकारों के अधिकार स्पष्ट रूप से तय होते हैं।
(ब) भारत एक संघ है क्योंकि केंद्र और राज्य सरकारों के अधिकार संविधान में स्पष्ट रूप से दर्ज हैं और अपने-अपने विषयों पर उनका स्पष्ट अधिकार है।
(स) श्रीलंका में संघीय व्यवस्था है क्योंकि उसे प्रांतों में बाँट दिया गया है।
(द) भारत में संघीय व्यवस्था नहीं रही क्योंकि राज्यों के कुछ अधिकार स्थानीय शासन की इकाइयों में बाँट दिए गए हैं।
ऊपर दिए गए बयानों में कौन-कौन सही हैं?
(सा) अ, ब और स (रे) अ, स और द (गा) अ और ब (मी) ब और स
(गा) अ और ब सही हैं।
916 docs|393 tests
|
916 docs|393 tests
|
|
Explore Courses for UPSC exam
|