Class 10 Exam  >  Class 10 Notes  >  Hindi Class 10 (Kritika and Kshitij)  >  NCERT Solutions: पाठ 9 - लखनवी अंदाज़, क्षितिज II, हिंदी, कक्षा - 10

पाठ 9 - लखनवी अंदाज़, क्षितिज II, हिंदी, कक्षा - 10 NCERT Solutions | Hindi Class 10 (Kritika and Kshitij) PDF Download

प्रश्न अभ्यास 

प्रश्न 1: लेखक को नवाब साहब के किन हाव-भावों से महसूस हुआ कि वे उनसे बातचीत करने के लिए तनिक भी उत्सुक नहीं हैं ?
उत्तर:  लेखक के अचानक डिब्बे में कूद पड़ने से नवाब-साहब की आँखों में एकांत चिंतन में खलल पड़ जाने का असंतोष दिखाई दिया। ट्रेन में लेखक के साथ बात-चीत करने के लिए नवाब साहब ने कोई उत्साह नहीं प्रकट किया। इससे लेखक को स्वयं के प्रति नवाब साहब की उदासीनता का आभास हुआ।

प्रश्न 2: नवाब साहब ने बहुत ही यत्न से खीरा काटा, नमक-मिर्च बुरका, अंतत: सूँघकर ही खिड़की से बाहर फेंक दिया। उन्होंने ऐसा क्यों किया होगा ? उनका ऐसा करना उनके कैसे स्वभाव को इंगित करता है ?
उत्तर: नवाब साहब ने बहुत ही यत्न से खीरा काटा,नमक-मिर्च बुरका,अंततः सूँघकर खिड़की से बाहर फेंक दिया।उनका यह बर्ताव स्वयं को खास दिखाने और लेखक पर अपनी अमीरी का रौब झाड़ने के लिए था।उनका ऐसा करना दंभ,मिथ्या-आडंबर,प्रदर्शन-प्रियता एवं उनके व्यवहारिक खोखलेपन की ओर संकेत करता है।

प्रश्न 3: बिना विचार, घटना और पात्रों के भी क्या कहानी लिखी जा सकती है। यशपाल के इस विचार से आप कहाँ तक सहमत हैं?
उत्तर: अपने इस कथन के द्वारा लेखक ने नई कहानी के दौर के लेखकों पर व्यंग किया है। किसी भी कहानी की रचना उसके आवश्यक तत्वों – कथावस्तु, घटना, पात्र आदि के बिना संभव नहीं होती। घटना तथा कथावस्तु कहानी को आगे बढ़ाते हैं, पात्रों द्वारा संवाद कहे जाते हैं। ये कहानी के लिए आवश्यक तत्व हैं।

प्रश्न 4: आप इस निबंध को और क्या नाम देना चाहेंगे?
उत्तर: इस कहानी का नाम ‘झूठी शान’ भी रखा जा सकता है क्योंकि नवाब ने अपनी झूठी शान-शौकत को बरकरार रखने के उद्देश्य से अपनी इच्छा को नष्ट कर दिया।

रचना और अभिव्यक्ति

प्रश्न 5: नवाब साहब द्वारा खीरा खाने की तैयारी करने का एक चित्र प्रस्तुत किया गया है। इस पूरी प्रक्रिया को अपने शब्दों में व्यक्त कीजिए।
उत्तर: 
सेकंड क्लास के एकांत डिब्बे में बैठे नवाब साहब खीरा खाने की इच्छा से दो ताज़े खीरे एक तौलिए पर रखे हुए थे। पहले तो उन्होंने खीरे को खिड़की से बाहर निकालकर लोटे के पानी से धोया और तौलिए से साफ़ कर पानी सुखा लिया जेब से चाकू निकाला। फिर बड़े सलीके से छिलकर उसकी फाँकें बनाने लगे।खीरे की पतली फाँकों को करीने से तौलिए पर सजाया। उसके बाद जीरा मिला नमक और मिर्च छिड़का।इसके बाद एक-एक करके उन फाँको को उठाते गए और उन्हें सूँघकर खिड़की से बाहर फेंकते गए।

प्रश्न 6: खीरे के संबंध में नवाब साहब के व्यवहार को उनकी सनक कहा जा सकता है। आपने नवाबों की और भी सनकों और शौक के बारे में पढ़ा-सुना होगा। किसी एक के बारे में लिखिए।
उत्तर: 
नवाबों की सनक और शौक यह रही है कि वे अपनी वस्तु, हैसियत आदि को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाते और बताते थे। वे बात-बात में दिखावा करते थे। एक बार लखनऊ के ही नवाब जो प्रात:काल किसी पार्क में भ्रमण करने के शौकीन थे, प्रतिदिन पार्क में आया करते थे। एक दिन एक साधारण सा दिखने वाला आदमी वहीं भ्रमण करने आ गया। उसने नवाब साहब को सलाम ठोंका और पूछा, “नवाब साहब! क्या खा रहे हैं?” नवाब साहब ने गर्व से उत्तर दिया-बादाम’, नवाब साहब ने जेब में हाथ डालकर अभी निकाला ही था कि उनका पैर मुड़ा और वे गिर गए। उनके हाथ से खाने का सामान बिखर गया। उस व्यक्ति ने देखा कि खाने के बिखरे सामान में एक भी बादाम न था सारी मूंगफलियाँ थीं। अब नवाब साहब का चेहरा देखने लायक था।

प्रश्न 7: क्या सनक का कोई सकारात्मक रूप हो सकता है? यदि हाँ तो ऐसी सनकों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर: 
हाँ, सनक का सकारात्मक रूप भी होता है। प्रसिद्ध व्यक्तियों, वैज्ञानिकों की सफलता के पीछे उनकी सनक ही होती है। वे अपनी सनक के कारण ही अपना लक्ष्य पाए बिना नहीं रुकते हैं। बिहार के दशरथ माँझी ने अपनी सनक के कारण ही पहाड़ काटकर ऐसा रास्ता बना दिया जिससे वजीरगंज अस्पताल की दूरी सिमटकर एक चौथाई रह गई। अपनी सनक के कारण वे ‘भारतीय माउंटेन मैन’ के नाम से जाने जाते हैं।

भाषा अध्यन 

प्रश्न 8: निम्नलिखित वाक्यों में से क्रियापद छाँटकर क्रिया-भेद भी लिखिए –
(क) एक सफ़ेदपोश सज्जन बहुत सुविधा से पालथी मारे बैठे थे।
 (ख) नवाब साहब ने संगति के लिए उत्साह नहीं दिखाया।
 (ग) ठाली बैठे, कल्पना करते रहने की पुरानी आदत है।
 (घ) अकेले सफ़र का वक्त काटने के लिए ही खीरे खरीदे होंगे।
 (ङ) दोनों खीरों के सिर काटे और उन्हें गोदकर झाग निकाला।
 (च) नवाब साहब ने सतृष्ण आँखों से नमक-मिर्च के संयोग से चमकती खीरे की फाँकों की ओर देखा।
 (छ) नवाब साहब खीरे की तैयारी और इस्तेमाल से थककर लेट गए।
 (ज) जेब से चाकू निकाला।

उत्तर:
(क) बैठे थे − अकर्मक क्रिया
(ख) दिखाया − सकर्मक क्रिया
(ग) आदत है − सकर्मक क्रिया
(घ) खरीदे होंगे − सकर्मक क्रिया
(ङ) निकाला − सकर्मक क्रिया
(च) देखा − सकर्मक क्रिया
(छ) लेट गए − अकर्मक क्रिया
(ज) निकाला − सकर्मक क्रिया

The document पाठ 9 - लखनवी अंदाज़, क्षितिज II, हिंदी, कक्षा - 10 NCERT Solutions | Hindi Class 10 (Kritika and Kshitij) is a part of the Class 10 Course Hindi Class 10 (Kritika and Kshitij).
All you need of Class 10 at this link: Class 10
16 videos|68 docs|28 tests

Top Courses for Class 10

FAQs on पाठ 9 - लखनवी अंदाज़, क्षितिज II, हिंदी, कक्षा - 10 NCERT Solutions - Hindi Class 10 (Kritika and Kshitij)

1. लखनवी अंदाज़ का क्या मतलब है ?
Ans. लखनवी अंदाज़ का मतलब है लखनऊ की विशेष सांस्कृतिक और साहित्यिक शैली। यह अंदाज़ न केवल भाषा के प्रयोग में, बल्कि बोलचाल, शिष्टाचार, और ठाठ-बाठ में भी दिखाई देता है। लखनवी अंदाज़ में मिठास और नफासत का समावेश होता है, जो इसे अन्य शैलियों से अलग करता है।
2. लखनवी शायरी के प्रमुख विशेषताएँ क्या हैं ?
Ans. लखनवी शायरी की प्रमुख विशेषताएँ हैं: नफासत, संवेदनशीलता, और प्रेम की गहराई। इसमें अक्सर प्रेम, विरह, और सामाजिक मुद्दों का सुंदर चित्रण किया जाता है। इसके अलावा, लखनवी शायरी में उर्दू और हिंदी दोनों भाषाओं का समन्वय देखने को मिलता है।
3. लखनवी अंदाज़ का साहित्य पर क्या प्रभाव है ?
Ans. लखनवी अंदाज़ का साहित्य पर गहरा प्रभाव है। यह अंदाज़ न केवल उर्दू और हिंदी में रचनाओं को प्रभावित करता है, बल्कि इसमें सामाजिक और सांस्कृतिक मुद्दों की चर्चा भी होती है। इस अंदाज़ ने कई महान लेखकों और कवियों को प्रेरित किया है, जो आज भी साहित्य में महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं।
4. 'लखनवी अंदाज़' का विकास कैसे हुआ ?
Ans. 'लखनवी अंदाज़' का विकास 18वीं और 19वीं सदी में हुआ, जब लखनऊ एक सांस्कृतिक केंद्र के रूप में विकसित हुआ। अवध के नवाबों ने कला, साहित्य, और संगीत को प्रोत्साहित किया, जिसके परिणामस्वरूप लखनवी शैली का विकास हुआ। इस दौरान कई प्रसिद्ध कवियों और लेखकों ने अपनी रचनाएँ प्रस्तुत कीं।
5. लखनवी अंदाज़ के उदाहरण कौन से हैं ?
Ans. लखनवी अंदाज़ के उदाहरण में प्रसिद्ध शायर जैसे ग़ालिब, जौक़, और मीरज़ा रफ़ीक़ की रचनाएँ शामिल हैं। इनके लेखन में लखनवी संस्कृति, प्रेम और सामाजिक मुद्दों का गहरा चित्रण मिलता है। इसके अलावा, लखनवी ठुमरी और गज़लें भी इस अंदाज़ की विशेषता हैं।
16 videos|68 docs|28 tests
Download as PDF
Explore Courses for Class 10 exam

Top Courses for Class 10

Signup for Free!
Signup to see your scores go up within 7 days! Learn & Practice with 1000+ FREE Notes, Videos & Tests.
10M+ students study on EduRev
Related Searches

Exam

,

study material

,

Extra Questions

,

हिंदी

,

पाठ 9 - लखनवी अंदाज़

,

MCQs

,

video lectures

,

practice quizzes

,

Sample Paper

,

क्षितिज II

,

mock tests for examination

,

कक्षा - 10 NCERT Solutions | Hindi Class 10 (Kritika and Kshitij)

,

ppt

,

क्षितिज II

,

Viva Questions

,

Previous Year Questions with Solutions

,

कक्षा - 10 NCERT Solutions | Hindi Class 10 (Kritika and Kshitij)

,

Free

,

हिंदी

,

Objective type Questions

,

past year papers

,

कक्षा - 10 NCERT Solutions | Hindi Class 10 (Kritika and Kshitij)

,

Summary

,

shortcuts and tricks

,

Important questions

,

क्षितिज II

,

पाठ 9 - लखनवी अंदाज़

,

पाठ 9 - लखनवी अंदाज़

,

Semester Notes

,

pdf

,

हिंदी

;