Page No 35:
Question 1:
(क) बारिश कहने पर तुम्हारे मन में कौन-कौन से शब्द आते हैं? सोचो और लिखो।
……………………………
……………………………
(ख) जब बहुत बारिश होने लगती है तब तुम कहाँ खेलती हो? कौन-कौन से खेल खेलती हो?
…………………………………………………………………………………………………………..
…………………………………………………………………………………………………………..
…………………………………………………………………………………………………………..
(ग) खूब तेज़ बारिश होगी तो तुम्हारे घर के आसपास कैसा दिखाई देगा?
(घ) बारिश में कितना पानी बरसता है? वह सब पानी कहाँ-कहाँ जाता होगा?
(ङ) ये सब बारिश से बचने के लिए क्या करेंगे? बताओ।
-लोग
-कबूतर
-केंचुआ
-कुत्ता
-मछली
-मोर
Answer:
(क) बादल, पानी, रिमझिम, बूँदे, कागज़ की नाव इत्यादि शब्द मन में आते हैं।
(ख) जब बहुत बारिश होती है, तो हम अपने घर के अंदर खेलते हैं। जैसे- लूडो, विडियो गेम, घर-घर, व्यापार, गुडियों का खेल इत्यादि।
(ग) खूब तेज़ बारिश होगी, तो चारों और बारिश ही बारिश दिखाई देगी। इतनी तेज़ बारिश में लोग भीग रहे होंगे। गड्डे पानी से भर जाएँगे। पेड़-पौधे हवा और बारिश के ज़ोर से लहरा रहे होंगे।
(घ) बारिश में औसतन एक दिन में 25 सेंटीमीटर के करीब पानी बरसता है। वह पानी नदी, नालों, खेतों आदि में चला जाता है।
(ङ) ये सब बारिश से बचने के लिए निम्न कार्य कर सकते हैं- लोग- छाते या रेनकोट लेंगे।
कबूतर – किसी खिड़की या ओट का सहारा लेंगे।
केंचुआ- मिट्टी में गहराई तक घुस जाएगा।
कुत्ता- किसी आँगन या पेड़ के नीचे बैठ जाएगा।
मछली- गहराई में चली जाएगी।
मोर- पेड़ के नीचे चले जाएँगे।
Page No 36:
Question 1:
कविता में ऐसा क्यों कहा गया होगा?
(क) तेज़ बारिश होने पर सड़कें नदी बन जाती हैं।
(ख) सब ओर कीचड़ होने पर नानी याद आती है।
Answer:
(क) तेज़ बारिश होने पर सड़कों में से पानी की निकासी नहीं हो पाती है। जिसके कारण बरसात का पानी सड़कों पर भर जाता है। इसलिए नदी जैसा पानी वहाँ दिखाई देने लगता है। कविता में ऐसा इसलिए कहा गया है कि तेज़ बारिश होने पर सड़कें नदी बन जाती हैं।
(ख) बारिश में पानी के कारण कीचड़ हो जाता है, ऐसे में चलने वालों को बहुत तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। उनके कपड़े, जूते गंदे हो जाते हैं। उन्हें बार-बार बदलना संभव नहीं होता। इसलिए कविता में कहा गया है कि सब ओर कीचड़ होने पर नानी याद आती है।
Question 2:
बड़े लोग ऐसा कब कहते हैं-
• बहुत हुआ, अब चुपचाप बैठो!
जब हम …………………………………………………………………………………
• बहुत हुआ, अब अंदर चलो!
जब हम ………………………………………………………………………………….
• बहुत हुआ, अब सो जाओ!
जब हम ………………………………………………………………………………….
• बहुत हुआ, अब टी.वी. बंद करो!
जब हम ………………………………………………………………………………….
Answer:
• बहुत हुआ, अब चुपचाप बैठो!
जब हम बोलते रहते हैं और चुप ही नहीं होते।
• बहुत हुआ, अब अंदर चलो!
जब हम किसी से बात नहीं करने देते या हमें चोट लग जाती है।
• बहुत हुआ, अब सो जाओ!
जब हम पढ़ने के स्थान पर शैतानी कर रहे होते हैं।
• बहुत हुआ, अब टी.वी. बंद करो!
जब हम बहुत देर तक टी.वी. देख रहे होते हैं।
Page No 37:
Question 1:
एक दिन बादल ने सोचा, मैं अब कभी नहीं बरसूँगा। जब मैं बरसता हूँ, तब भी लोग मेरी बुराई करते हैं। जब नहीं बरसता हूँ, तब भी मेरी बुराई करते हैं। आज से बरसना बिलकुल बंद। फिर क्या हुआ होगा? कहानी को आगे बढ़ाओ।
Answer:
बादल जब बहुत दिनों तक नहीं बरसा, तो पानी नहीं बरसने के कारण लोग परेशान होने लगे। किसानों की खड़ी फसल पानी की कमी से सूखने लगी। लोग गर्मी से परेशान होने लगे। नदियों में भी पानी सूखने लगा। चारों ओर कोहराम मचने लगा। फिर क्या था लोगों ने मिलकर बादल को मनाने की सोची। वे सब बादल के पास गए और उससे अपनी गलती के लिए माफी माँगी। बादल लोगों की प्रार्थना से पिघल गया और उसने तुरंत ही वर्षा कर लोगों को सूखे और गर्मी से मुक्ति दिलाई।
![]() |
Use Code STAYHOME200 and get INR 200 additional OFF
|
Use Coupon Code |
14 videos|30 docs
|