NCERT Solutions class-5 Hindi पाठ-11- चावल की रोटियाँ
रिमझिम पाठ- 11. चावल की रोटियाँ
मंच और मंचन
एक सादा कमरा , दीवारों पर बाँस की चटाइयाँ | एक दिवार के सहारे मांस रखने की अलमारी | अलमारी के ऊपर एक रेडिओ , चाय की केतली कुछ कप और खाली गुलाबी फुलदान रखा है | कमरे के बीच फ़र्श पर एक चटाई बिछी है जिसके ऊपर कम ऊँचाई वाली गोल मेज रखी है | दो दरवाजे | एक दरवाजा पीछे की ओर खुलता है दूसरे किनारे की ओर | पंक्षियों के चहचाने के साथ – साथ पर्दा उठता है | दूर कहीं मुर्गा बांग देता हे | कुत्ता भोंकता है | कहीं प्रार्थना की घंटियाँ बजती है | कोको आता है , जम्हाई लेकर अपने को सीधा करता है|
ऊपर लिखी पंक्तियों में कोको के घर में एक कमरे का वर्णन किया गया है | दरअसल नाटक के लिए मंच सज्जा कैसी हो यह निर्देश उसके लिए है | तुम इस वर्णन को पढ़कर मंच का एक चित्र बनाओ जो ठीक वैसा ही होना चाहिए जैसा कि बताया गया है|
उत्तर-
नाटक की बात
प्रश्न 1 . नाटक में हिस्सा लेने वालों को पात्र कहते हैं | जिन पात्रों की भूमिका महत्वपूर्ण होती है उन्हें ‘ मुख्य पात्र ’| और जिनकी भूमिका ज्यादा महत्वपूर्ण नहीं होती उन्हें ‘ गौण पात्र ’ कहते हैं | बताओ इस नाटक में कौन – कौन मुख्य और गौण पात्र कौन है?
उत्तर – नाटक में कोको, मिमि और तिन सू मुख्य पात्र है| वही नीनी और उ बा उन गौण पात्र है|
प्रश्न 2. पात्रों को जो बात बोल नी होती हो ती है संवाद कहते हैं | क्या तुम किसी एक परिस्थिति के लिए संवाद लिख सकती हो ? ( इसके लिए तुम टोलियों में भी काम कर सकती हो |) उदाहरण के लिए ; खो – खो या कबड्डी जैसा कोई खेल – खेलते समय दूसरे दल के खिलाड़ियों से बहस|
उत्तर- पहले दल के सदस्य – तुम्हारे खिलाड़ी ऑउट है|
दूसरे के दल के सदस्य – किस तरह आउट है?
पहले दल के सदस्य – क्योंकि इसकी साँस टूट गई थी|
दूसरे दल के सदस्य – नहीं, इससे पहले यह अपने पाले में आ गया था|
पहले दल के सदस्य – तुम झूठ बोल रहे हो|
दूसरे दल के सदस्य – बहस मत करो और खेल शुरू करो|
प्रश्न 3. क्या कभी आपने कोई चीज है बात दूसरों से छिपाई है या छिपाने की कोशिश की है , उस पर समय क्या – क्या हुआ था?
उत्तर – एक बार मेरा एक मित्र मुझसे कहानियों की पुस्तक मांगने आया| मैं उसे पुस्तक नहीं देना चाहता था| इसलिए मैंने वह पुस्तक तकिए के नीचे छुपा दी| लेकिन वही पर बैठ गया| तब मैंने चुपके से निकाल कर मेज की दराज में रख दी| कुछ समय बाद मेंरा मित्र दराज खोलने लगा| तब मैंने उसे बड़ी मुश्किल से बहाना बना कर उसे बहार भेजा|
प्रश्न 4. कहते हैं , एक झूठ बोलने के लिए सौ झूठ बोलने पड़ते हैं | क्या तुम्हें कहानी प ढ़कर लगता ऐसा लगता है ? कहानी की मदद से इस बात समझाओ|
उत्तर- हाँ, हमें कहानी में ऐसा लगता है कि एक झूठ बोलने के लिए सौ झूठ बोलने पड़ते हैं| नीनी और मिमि से चावल की रोटियां बचाने के लिए कोको झूठ बोलता है| इसके लिए वह रेडियो के खराब होने, अपना पेट भरा होने, मुंह हाथ धोने गले, में चूहा होने रोटियां खा लेने तथा मां को एलर्जी होने जैसे झूठ बोलता है|
एक चावल कई-कई रुप
प्रश्न 1. कोको की माँ उसके लिए चावल की रोटियां बनाकर रखी थी | भारत के विभिन्न प्रांतो में चावल अलग – अलग तरीके से इस्तेमाल किया जाता है – भोजन के हिस्से की रूप में में भी और नमकीन और मीठे पाकवान के रूप में भी | तुम्हारे प्रांत में चावल का इस्तेमाल कैसे होता है ? घर में बातचीत करके पता करो एक तालिका बनाओ | कक्षा मैं अपने दोस्तों की तालिका के साथ मिलान करो तो पाओगे की भाषा , कपड़ों और रहन – सहन के साथ – साथ खान – पान की दृष्टि से भी भारत अनूठा है|
उत्तर – प्रांत चावल का प्रयोग
दिल्ली भोजन के लिए, मीठे पकवान बनाने के लिए, नमकीन पकवान बनाने के लिए, रोटियाँ इटली डोसा बनाने के लिए खिचड़ी बनाने के लिए|
प्रश्न 2. अपनी तालिका में से चावल से बनी कोई एक खाने चीज बनाने की विधि पता करो और उसे नीचे दिए गए बिंदुओं के साथ से लिखो
* सामग्री, *तैयारी, *विधि
उत्तर- खीर
सामग्री – चावल, दूध, चीनी, मेवे|
तैयारी – चावल साफ करना, धोना, मेवों की बारीक काटना|
विधि – 1. पहले दूध, चीनी आँच पर कढ़ाई में रखें|
2. फिर कुछ देर के बाद चावल दाल दे|
3. कुछ देर पकने दे और हिलाते रहें|
4. अब उनमें चीनी डाल दें|
5. कटे मेवे भी दाल दें|
6. अब गर्मागर्म परोसें|
प्रश्न 3. “कोको के माता-पिता धान लगाने के लिए खेतों में गए|”
“को के माँ ने उसके लिए चावल रोटियां बनाई|”
एक ही चीज़ के विभिन्न रूपों के अलग-अलग नाम हो सकते हैं| नीचे कुछ शब्द दिए गए हैं| उनमें अंतर बताओ|
*चावल – *धान – *भात – *मुरमुरा – *चिउड़ा
उत्तर- चावल – धन से निकला हुआ दाना चावल कहलाता है|
धान – छिलका चढ़ा चावल धान कहलाता है|
भात – पके हुए चवल को बात कहते हैं|
मुरमुरा – धान को भुनकर मुरमुरे बनाए जाते हैं|
चिउड़ा – धान को भिगोकर पिसने से चिउड़ा बनता हैं|
*साबुत दाल – *धूली दाल – *छिलका दाल
उत्तर- साबुत दाल – बिना छिलका उतारे या बिना टूटी साबुत दाल कहलाती है|
धूली दाल – बिना छिलके की दाल को धूली दाल कहते हैं|
छिलका दाल – टूटी हुए लेकिन छिलके वाली को छिलका दाल कहते हैं|
*गेहूँ – *दलिया – *आटा – *मैदा – *सूजी
उत्तर- गेहूँ – गेहूँ के साबुत दानों को गेहूँ कहते हैं|
दलिया – गेहूँ को मोटा-मोटा पीसकर दलिया बनाया जाता है|
आटा – गेंहूँ को पीसकर आटा बनाया जाता है|
मैदा – गेहूँ को बारीक़ पीसकर मैदा बनाया जाता है|
सूजी – जौ आदि अनाज से बना आटा सूजी कहलाता है|
के, में, ने, को, से..
“कोको की माँ ने कल दुकान से एक फूलदान खरीदा था|”
प्रश्न – ऊपर लिखे वाक्य में जिन शब्दों के नीचे रेखा खींची है वे वाक्य में शब्दों का आपस में संबंध बताते हैं| नीचे एक मजेदार किताब “अनारको के आठ दिन” का एक अंश दिया गया है| उसके खाली स्थानों में इस प्रकार के सही शब्द लिखो|
अनारको एक लड़की है| घर….. लोग उसे अन्नो कहते हैं| अन्नो नाम छोटा जो है, सो उसे….. हुक्म चलाना आसान होता है| अन्नो, पानी ले आ, अन्नो धूप में मत जाना, अन्नो बाहर अंधेरा-कहीं मत जा, बारिश…… भीगना मत, अन्नो! और कोई बाहर…… घर में आए तो घरवाले कहेंगे ये हमारी अनारको है, प्यार से हम इसे अन्नो कहते हैं| प्यार….. हूँ-ह-ह!
आज अनारको सुबह सोकर उठी तो हाँफ रही थी| रात सपने….. बहुत बारिश हुई| अनारको…… याद किया और उसे लगा, आज…… सपने में जितनी बारिश हुई उतनी तो पहले के सपनों…….. कभी नहीं हुई| कभी नहीं| जमकर बारिश हुई थी आज…… सपने….. और जमकर उसमें भीगी थी अनारको| खूब उछली थी, कुदी थी, चरों तरफ़ पानी छिटकाया था और खूप-खूब भीगी थी|
उत्तर- के, से, में, से, से, में, ने, के, में, के, में|
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1. What is Chawal Ki Rotiyan? |
2. How is Chawal Ki Rotiyan prepared? |
3. What are the nutritional benefits of Chawal Ki Rotiyan? |
4. Can Chawal Ki Rotiyan be made in advance? |
5. What are some popular dishes that can be served with Chawal Ki Rotiyan? |
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