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NCERT Solutions for Class 11 Hindi Aroh - Poem Ramniwas Tripathi

1. पथिक का मन कहाँ विचरना चाहता है?
उत्तर:- पथिक का मन बादलों पर बैठकर नील गगन और लहरों पर बैठकर समुद्र का कोना-कोना विचरना चाहता है।

2. सूर्योदय वर्णन के लिए किस तरह के बिंबों का प्रयोग हुआ है?
उत्तर:- सूर्योदय वर्णन के लिए निम्न तरह के बिंबों का प्रयोग हुआ है-
1. समुद्र तल से उगते हुए सूर्य का अधूरा बिंब अपनी प्रातः कालीन आभा के कारण बहुत ही मनोहर दिखाई देता है और उसे देखकर ऐसा महसूस होता है जैसे वह मंदिर का कँगूरा हो।
2. समुद्र में फैली लाली मानो लक्ष्मी का मंदिर है।
3. एक अन्य बिंब में वह सूर्य की रश्मियों से बनी चौड़ी उजली रेखा मानो लक्ष्मी के स्वागत के लिए बनाई गई सुनहरी सड़क है।

3. आशय स्पष्ट करें –
1. सस्मित-वदन जगत का स्वामी मृदु गति से आता है।
 तट पर खड़ा गगन-गंगा के मधुर गीत गाता है।।

उत्तर:- प्रस्तुत पंक्तियों के द्वारा कवि ने रात्रि सौंदर्य का वर्णन किया है। कवि कहते हैं कि जब रात को अँधेरा छाने के बाद आकाश में तारे सज जाते हैं, तब संसार का स्वामी मुस्कुराते हुए धीमी गति से आता है तथा तट पर खड़ा होकर आकाश गंगा के मधुर गीत गाता है।

2. कैसी मधुर मनोहर उज्ज्वल है यह प्रेम-कहानी।
जी में है अक्षर बन इसके बनूँ विश्व की बानी।।
उत्तर:- प्रस्तुत पंक्ति का आशय प्रकृति सौंदर्य की प्रेम कहानी से है। कवि के कहने का तात्पर्य यह है कि समुद्र-तट पर प्रकृति के दृश्य इतने मनोहारी होते है जैसे प्रेम कहानी चल रही हो और कवि इस कहानी को अपने शब्दों में व्यक्त करना चाह रहा है। इस तरह से कवि विश्व-भर को प्रकृति सौंदर्य का आनंद बाँटना चाहता है।

4. कविता में कई स्थानों पर प्रकृति को मनुष्य के रूप में देखा गया है। ऐसे उदाहरणों का भाव स्पष्ट करते हुए लिखें।
उत्तर:- कविता में कवि ने अनेक स्थलों में प्रकृ का मानवीकरण किया है जो निम्नलिखित है –
1. प्रतिक्षण नूतन वेश बनाकर रंग-बिरंग निराला।
रवि के सम्मुख थिरक रही है नभ में वारिद-माला।
भाव – प्रस्तुत पंक्तियों में कवि ने बादलों को रंग-बिरंगी नर्तकी के रूप में सूर्य के सामने नृत्य करते हुए दर्शाया है।
2. रत्नाकर गर्जन करता है।
भाव – प्रस्तुत पंक्तियों में समुद्र को किसी वीर की भांति गर्जन करते हुए दर्शाया गया है।
3. लाने को निज पुण्य भूमि पर लक्ष्मी की असवारी।
रत्नाकर ने निर्मित कर दी स्वर्ण-सड़क अति प्यारी।।
भाव – प्रस्तुत पंक्तियों में सूर्य की रश्मियों से बनी चौड़ी उजली रेखा को मानो लक्ष्मी के स्वागत के लिए बनाई गई सुनहरी सड़क के रूप में दर्शाया गया है।
4. सस्मित-वदन जगत का स्वामी मृदु गति से आता है।
तट पर खड़ा गगन-गंगा के मधुर गीत गाता है।।
भाव-प्रस्तुत पंक्ति में ईश्वर का मानवीकरण करते हुए उसे मधुर गीत गाते हुए बताया गया है।
5. जब गंभीर तम अर्ध-निशा में जग को ढक लेता है।
अंतरिक्ष की छत पर तारों को छिटका देता है।।
भाव – प्रस्तुत पंक्तियों में अँधेरे से सारा संसार ढँकने तथा आकाश में तारे छिटकने के द्वारा प्रकृति को एक चित्रकार के रूप में बताया गया है।
6. उससे ही विमुग्ध हो नभ में चंद्र विहँस देता है।
वृक्ष विविध पत्तों-पुष्पों से तन को सज लेता है।
फूल साँस लेकर सुख की सानंद महक उठते है –
भाव – प्रस्तुत पंक्तियों में चन्द्रमा को प्रकृति प्रेम पर हँसना, वृक्षों का मानव की तरह अपने आप को सजाना तथा फूलों द्वारा सुख की साँस लेना आदि सभी मानव प्रक्रिया को दर्शाते हैं।

5. समुद्र को देखकर आपके मन में क्या भाव उठते हैंलगभग 200 शब्दों में लिखें।
उत्तर:- मेरे मन में समुद्र को देखकर कौतूहल के भाव उठते हैं। मैं सोचता हूँ कि इतना अथाह जल कैसे इस समुद्र में समाता होगा इसका ओर और छोर क्या होगा? समुद्र के नीचे की दुनिया कैसी होगी? समुद्र तल के नीचे छिपे सारे राज को जानना चाहूँगा। बरसों से अथाह जलराशि को समेटे हुए समुद्र कैसा महसूस करता होगा? कैसे उसकी लहरें बालू पर पहुँचते ही अपने अस्तित्व को खो बैठती है। दिन-प्रतिदिन, वर्ष दर वर्ष युगों से इसी प्रकार एक ही रूप-रंग, एक ही सूर में समुद्र के वक्षस्थल पर लहरों की यह लीला अनवरत चली आ रही है। कहीं कोई आराम और विश्राम नहीं। समुद्र को देखकर एक और भाव मेरे मन में उठता है वह यह है कि इस अथाह जलराशि को किस तरह पीने लायक बनाया जाय। किस तरह से समुद्र के जल-जीवन को सुरक्षित रखा जाय।

6. वर्तमान समय में हम प्रकृति से दूर होते जा रहे हैं – इस पर चर्चा करें और लिखें कि प्रकृति से जुड़े रहने के लिए क्या कर सकते हैं।
उत्तर:- यह बात बिल्कुल सच है कि वर्तमान समय में हम प्रकृति से दूर होते जा रहे हैं। वर्तमान समय में प्रकृति गमलों, चल-चित्रों, कैलेंडरों, पुरानी यादों आदि में सिमटती जा रही है।
मानव की स्वार्थवृत्ति और व्यावसायिक दृष्टिकोण ही प्रकृति विनाश की जिम्मेदार है। मानव ने अपने लाभ के लिए प्रकृति का अत्याधिक दोहन कर दिया है। अतः हमें चाहिए कि प्रकृति का दोहन करने के स्थान पर उसका पोषण करे तभी हम स्वयं के लिए सुरक्षित कल बना पाएँगे। प्रकृति का महत्त्व हम भुला नहीं सकते हैं। इसके बिना हम अपनी कल्पना नहीं कर सकते हैं।
प्रकृति से जुड़े रहने के लिए हम निम्न उपाय कर सकते हैं –
1. सड़क के दोनों तरफ़ जहाँ तक संभव हो पेड़-पौधे लगाएँ जाय।
2. विद्यालय परिसर, आवासीय कॉलोनी, औद्योगिक स्थलों आदि की खुली जगहों पर पेड़-पौधें लगवाएँ जाय।
3. देश में वृक्षारोपण संबंधित जन जागरण अभियान चलाएँ जाय।
4. पर्यावरण को नुकसान पहुँचानेवाली वस्तुओं का उपयोग न किया जाय।
5. नैसर्गिक वस्तुओं के प्रयोग पर बल दिया जाय।
6. प्रकृति पर्यटन को बढ़ावा दिया जाय।

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FAQs on NCERT Solutions for Class 11 Hindi Aroh - Poem Ramniwas Tripathi

1. What are NCERT Solutions?
Ans. NCERT Solutions refer to the detailed answers or explanations provided for the questions given in the NCERT textbooks. These solutions help students understand the concepts better and prepare for their exams effectively.
2. Who is Ramniwas Tripathi?
Ans. Ramniwas Tripathi is the poet of the poem mentioned in the article. He is the author of the poem and has written it with a specific theme or message in mind.
3. How can NCERT Solutions for poems be helpful for exam preparation?
Ans. NCERT Solutions for poems provide a comprehensive understanding of the poem's theme, literary devices, and overall meaning. By studying these solutions, students can analyze the poem in depth, enhance their interpretation skills, and effectively answer questions related to the poem in their exams.
4. Are NCERT Solutions available for all poems in the NCERT textbooks?
Ans. NCERT Solutions are available for most of the poems included in the NCERT textbooks. However, it is advisable to check the official NCERT website or reliable educational platforms to ensure the availability of solutions for a particular poem.
5. Where can I find NCERT Solutions for the poem by Ramniwas Tripathi?
Ans. NCERT Solutions for the poem by Ramniwas Tripathi can be found in various online educational platforms or websites that offer study materials for students. Additionally, the official NCERT website may also provide the solutions for this particular poem.
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