CTET & State TET Exam  >  CTET & State TET Notes  >  NCERT Textbooks in Hindi (Class 6 to Class 12)  >  NCERT Solutions: खुशहाल गाँव और समृद्ध शहर (Vital Villages, Thriving Towns)

खुशहाल गाँव और समृद्ध शहर (Vital Villages, Thriving Towns) NCERT Solutions | NCERT Textbooks in Hindi (Class 6 to Class 12) - CTET & State TET PDF Download

कल्पना करो

प्रश्न. तुम बेरिगाज़ा में रहते हो और पत्तन देखने निकले हो। तुमको क्या-क्या देखने को मिला?

बेरिगाज़ा की संकरी खाड़ी में समुद्र से आने वाली नावों को चलाना नाविकों के लिए बहुत मुश्किल होता था। यहाँ कुशल और स्थानीय मछुआरे ही नाव तथा जहाजों को पत्तन तक ला पाते थे। यहाँ पर शराब, ताँबा, टिन, सीसा, मूंगा, पुखराज, कपड़े, सोने और चाँदी के सिक्कों का आयात हो रहा था, जबकि हिमालय की जड़ी-बूटियाँ, हाथी दाँत, गोमेद, कार्नीलियन, सूती कपड़ा, रेशम तथा इत्र जैसी वस्तुओं का यहाँ से निर्यात किया जा रहा था।

आओ याद करें

प्रश्न.1. खाली जगहों को भरो:
(क) तमिल के बड़े भूस्वामी को _______ कहते थे।
(ख) ग्राम-भोजकों की जमीन पर प्रायः _______ द्वारा खेती की जाती थी।
(ग) तमिल में हलवाहे को _______ कहते थे।
(घ) अधिकांश गृहपति _______ भूस्वामी होते थे।

(क) वेल्लला
(ख) दास और मजदूरों
(ग) उणवार
(घ) स्वतंत्र व छोटे


प्रश्न.2. ग्राम-भोजकों के काम बताओ। वे शक्तिशाली क्यों थे?

ग्राम भोजक गांव का प्रधान व्यक्ति होता था। प्राय एक ही परिवार के लोग इस पद पर कई पीढ़ियों तक बने रहते थे। ग्राम भोजक् के पद् पर प्राय गांव का सबसे बड़ा भूस्वामी होता था। साधारणतया इनकी ज़मीन पर इनके दास और मजदूर खेती करते थे। ये ग्राम भोजक् बहुत ही शक्तिशाली होते थे क्योंकि राजा कर वसूलने का कार्य भी इन्हें ही सौप देता था। ये लोग न्यायधीश और कभी कभी पुलिस का काम भी कर देते थे।


प्रश्न.3. गाँवों तथा शहरों दोनों में रहने वाले शिल्पकारों की सूची बनाओ।

गांव में मुख्य रूप से बढई, लोहार, कुम्हार तथा बुनकर जैसे शिल्पकार रहते थे। और शहरो में मुख्य रूप से सुनार, लोहार, बुनकर, टोकरी बुनने वाले, माला बनाने वाले और इत्र बनाने वाले शिल्पकार रहते थे।


प्रश्न.4. सही जवाब ढूंढो:
(क) वलयकूप का उपयोग 

  • नहाने के लिए 
  • कपड़े धोने के लिए
  • सिंचाई के लिए 
  • जल निकास के लिए किया जाता था।

(ख) आहत सिक्के 

  • चाँदी 
  • सोना 
  • टिन 
  • हाथी दाँत के बने होते थे।

(ग) मथुरा महत्त्वपूर्ण 

  • गाँव 
  • पत्तन 
  • धार्मिक केंद्र 
  • जंगल क्षेत्र था।

(घ) श्रेणी 

  • शासकों 
  • शिल्पकारों 
  • कृषकों 
  • पशुपालकों का संघ होता था।

(क) जल निकास के लिए किया जाता था।
(ख) चाँदी
(ग) धार्मिक केंद्र
(घ) शिल्पकारों

आओ चर्चा करें

प्रश्न.5. पृष्ठ 87 पर दिखाए गए लोहे के औजारों में कौन खेती के लिए महत्त्वपूर्ण होंगे? अन्य औज़ार किस काम में आते होंगे?

खेती के लिए महत्त्वपूर्ण औजार कुल्हाड़ी तथा हँसिया थे। किसी वस्तु को बिना छुए हुए पकड़ने के लिए सँड़सी का प्रयोग किया होगा।


प्रश्न.6. अपने शहर की जल निकास व्यवस्था की तुलना तुम उन शहरों की व्यवस्था से करो, जिनके बारे में तुमने पढ़ा है। इनमें तुम्हें क्या-क्या समानताएँ और अंतर दिखाई दिए?

समानताएं: दोनों व्यवस्थाओ में शहर के गंदे पानी की निकासी शहर से दूर करने का समान उदेश्य था। ताकि शहर के बीच में सफाई की व्यवस्था अच्छी बनी रहे।
अंतर: पहले समय में नालियाँ भूमिगत नहीं होती थी, लेकिन आज के शहरो में जल निकासी के लिए भूमिगत नालियाँ बनाई गई है। पहले के समय में नालियो के गलियों के बीच में बने होने के प्रमाण मिले है लेकिन अब के समय में नालियाँ गलियों के किनारो पर बनाई जाती है।

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आओ करके देखें

प्रश्न.7. अगर तुमने किसी शिल्पकार को काम करते हुए देखा है तो कुछ वाक्यों में उसका वर्णन करो। ( संकेत : उन्हें कच्चा माल कहाँ से मिलता है, किस तरह के औजारों का प्रयोग करते हैं, तैयार माल का क्या होता है, आदि।

मैंने बढ़ई शिल्पकार को काम करते देखा है। वह लकड़ी के रूप में कच्चा टिंबर मार्किट से खरीदता है। टिंबर मार्किट में लकड़ी वनों से काटकर लायी जाती है। वह कई प्रकार के औजार; जैसे-लकड़ी घिसने वाला रंदा, लकड़ी काटने वाली आरी, छेद करने वाला, हथौड़ी का प्रयोग करता है। तैयार माल के रूप में मेज, कुर्सी, पलंग, दीवान इत्यादि होते हैं।


प्रश्न.8. अपने शहर या गाँव के लोगों के कार्यों की एक सूची बनाओ। मथुरा में किए जाने वाले कार्यों से ये कितने समान और कितने भिन्न हैं?

शहरों के परिवारों में स्त्री और पुरुष दोनों काम करते है। स्त्रियों और पुरुषो को दोनों को एक सामान समझा जाता है। किसी से कोई भेदभाव नहीं होता। स्त्रियाँ और पुरुष दोनों दफ्तरों और अन्य स्थानों पर काम करते हैं। मथुरा यातायात और व्यापार के दो मुख्य रास्तों पर स्थित था तथा वह एक धार्मिक केंद्र भी था। मथुरा बेहतरीन मूर्तियाँ बनाने का भी केंद्र था।

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FAQs on खुशहाल गाँव और समृद्ध शहर (Vital Villages, Thriving Towns) NCERT Solutions - NCERT Textbooks in Hindi (Class 6 to Class 12) - CTET & State TET

1. खुशहाल गाँव और समृद्ध शहर के बीच क्या अंतर होता है?
उत्तर: खुशहाल गाँव और समृद्ध शहर में कई अंतर होते हैं। गाँव जीवन में लोग सामाजिक रूप से संबंधित होते हैं, जबकि शहर में अत्यधिक व्यापारिक और औद्योगिक गतिविधियाँ होती हैं। गाँव में कृषि और पशुपालन आदि प्रमुख व्यापारिक गतिविधियाँ होती हैं, जबकि शहर में विभिन्न सेवाओं, उद्योगों, शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाएं होती हैं।
2. खुशहाल गाँव और समृद्ध शहर के लिए कौन से सुझाव दिए गए हैं?
उत्तर: खुशहाल गाँव और समृद्ध शहर के लिए कुछ महत्वपूर्ण सुझाव निम्नलिखित हैं: 1. स्वच्छता और स्वच्छ पानी के प्रयासों को बढ़ावा देना। 2. ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि और पशुपालन को मजबूत करना। 3. ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर प्रदान करना। 4. ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं को सुधारना। 5. शहरी क्षेत्रों में विभिन्न उद्योगों को प्रोत्साहित करना और जनसंख्या का ध्यान रखना।
3. खुशहाल गाँव और समृद्ध शहर की आवश्यकता क्यों है?
उत्तर: खुशहाल गाँव और समृद्ध शहर की आवश्यकता इसलिए होती है क्योंकि यह विकास के माध्यम से देश की प्रगति को सुनिश्चित करता है। खुशहाल गाँव और समृद्ध शहर एक समाधान हैं जो सामाजिक, आर्थिक, शैक्षिक और सांस्कृतिक विकास को सुनिश्चित करने में मदद करते हैं। गाँवों में कृषि के माध्यम से खुशहाली बढ़ाने से लोगों को रोजगार का अवसर मिलता है और शहरों में विभिन्न उद्योगों के विकास से अर्थव्यवस्था मजबूत होती है।
4. खुशहाल गाँव और समृद्ध शहर के लिए कौन से नियमों का पालन किया जाना चाहिए?
उत्तर: खुशहाल गाँव और समृद्ध शहर के लिए निम्नलिखित नियमों का पालन किया जाना चाहिए: 1. सामाजिक और सांस्कृतिक समानता के लिए नियमों का पालन करना। 2. पर्यावरण और स्वच्छता के लिए नियमों का पालन करना। 3. ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि और पशुपालन संबंधित नियमों का पालन करना। 4. शहरी क्षेत्रों में निर्माण और उद्योग संबंधित नियमों का पालन करना। 5. स्थानीय निकायों द्वारा निर्धारित विकास कार्यों का पालन करना।
5. खुशहाल गाँव और समृद्ध शहर की दृष्टि में समाज को क्या करना चाहिए?
उत्तर: खुशहाल गाँव और समृद्ध शहर की दृष्टि में समाज को निम्नलिखित कार्यों को करना चाहिए: 1. ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं का सुधार करना। 2. नये उद्योगों और उद्यमियों को स
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