Class 3 Exam  >  Class 3 Notes  >  NCERT Textbooks & Solutions for Class 3  >  NCERT Solutions: प्रकृति पर्व — फूलदेई

प्रकृति पर्व — फूलदेई NCERT Solutions | NCERT Textbooks & Solutions for Class 3 PDF Download

बातचीत के लिए

1. त्‍योहार क्यों मनाए जाते हैं?
उत्तर: त्‍योहार हमारे जीवन में खुशियाँ और उत्साह लाते हैं। ये सामाजिक और सांस्कृतिक एकता को बढ़ावा देते हैं और हमें अपनी परंपराओं से जोड़ते हैं।

2. आपका प्रिय त्‍योहार कौन-सा है?
उत्तर: मेरा प्रिय त्‍योहार दीवाली है, क्योंकि इस दिन हम अपने घर को दीयों और रंगोलियों से सजाते हैं और मिठाइयाँ बाँटते हैं।

3. आप अपना प्रिय त्‍योहार कैसे मनाते हैं?
उत्तर: मैं दीवाली पर अपने घर को साफ करके सजाता हूँ, रंगोली बनाता हूँ, दीयों और लाइटों से घर को रोशन करता हूँ, और परिवार के साथ मिठाइयाँ और पटाखे चलाता हूँ।

4. वसंत ऋतु के आगमन पर भारत में मनाए जाने वाले त्‍योहार कौन-कौन से हैं?
उत्तर: वसंत ऋतु के आगमन पर होली, मकर संक्रांति और बसंत पंचमी जैसे त्योहार भारत में मनाए जाते हैं।

5. उत्तराखंड के कुमाऊँ क्षेत्र में माँ को इजा कहकर पुकारते हैं। आप अपनी माँ को क्या कहकर पुकारते हैं?
उत्तर: मैं अपनी माँ को 'माँ' कहकर पुकारता हूँ

सोचिए और लिखिए

1: फूलारी किसे कहते हैं?
उत्तर: फूलारी उन बच्चों की टोली को कहते हैं जो फूलदेई पर्व के दौरान फूल और अक्षत लेकर घर-घर जाकर फूल चढ़ाते हैं और गीत गाते हैं।

2: फूलारी को मिले चावल और गुड़ से क्या-क्या बनाया जाता है?
उत्तर: फूलारी को मिले चावल और गुड़ से हलवा, छोई, साई, और पापड़ी जैसे स्वादिष्ट व्यंजन बनाए जाते हैं।

3: फूलदेई को 'बाल पर्व' क्यों कहा जाता है?
उत्तर: फूलदेई को 'बाल पर्व' इसलिए कहा जाता है क्योंकि इसे खासतौर पर बच्चे ही मनाते हैं और यह बच्चों के बीच बेहद लोकप्रिय है।

4: फूलदेई पर्व बच्चों को प्रकृति से कैसे जोड़ता है?
उत्तर: फूलदेई पर्व के दौरान बच्चे फूल चुनते हैं, उन्हें सजाते हैं और घर-घर जाकर फूल अर्पित करते हैं, जिससे वे प्रकृति के करीब आते हैं और उसे महत्व देना सीखते हैं।

भाषा की बात

प्रकृति पर्व — फूलदेई NCERT Solutions | NCERT Textbooks & Solutions for Class 3

ऊपर दिए गए चित्र में शिक्षक पजा से प्रश्न पूछ रहे हैं। पजा उत्तर देते हुए अपने और अपने मित्रों के बारे में बता रही है। इन दोनों उदाहरणों में पूर्ण विराम (।), अल्प विराम (,) और प्रश्नवाचक चिह्न (?) का प्रयोग किया गया है। 
नीचे दिए गए वाक्यों में इन विराम चिह्नों का उपयोग कर वाक्य ठीक कीजिए— गरिमा को फल खाना बहुत पसंद हैवह अपने मित्र गौरव दीपक ममता और नवजोत को भी फल खाने की सलाह देती है क्या आपको भी फल खाना पसंद है। 
उत्तर: गरिमा को फल खाना बहुत पसंद है। वह अपने मित्र गौरवदीपकममता और नवजोत को भी फल खाने की सलाह देती है क्या आपको भी फल खाना पसंद है ?

पता कीजिए

1.फूलदेई वसंत ऋतु (मार्च-अप्रैल) में मनाया जाने वाला त्योहार है। ऐसे ही शरद ऋतु (सितंबर-अक्टूबर) और हेमंत ऋतु (नवंबर-दिसंबर) में मनाए जाने वाले त्योहारों की जानकारी खोजिए और लिखिए—
प्रकृति पर्व — फूलदेई NCERT Solutions | NCERT Textbooks & Solutions for Class 3उत्तर:

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हमारे अवकाश 

2. आपके विद्यालय में मिलने वाले अवकाशों की जानकारी प्राप्त कीजिए और ऋतुओं के आधार पर नीचे दी गई तालिका में लिखिए

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उत्तर:

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आइए, अपना घर सजाएँ

3. फूलदेई के दिन घरों को स्वच्छ करके मुख्य द्वार की देहली को गोबर-मिट्टी से लीपकर तैयार किया जाता है। आप अपने घर को त्योहारों के लिए सजाने हेतु किन-किन वस्तुओं का प्रयोग करते हैं?

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उत्तर:

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मेरी कलाकारी

1. फूल, आम और अशोक के पत्तों से या अन्य किसी भी वस्तु के उपयोग से सुंदर तोरण बनाइए।

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उत्तर: छात्र स्वयं करें।

कल्‍पना कीजिए 

1. मधुरानी एक दिन उद्यान में गई। वह बहुत प्रसन्न थी। वहाँ उसे मिली सूरजमुखी बहन और सूरज मामा। सोचकर लिखिए, वे तीनों आपस में क्या बातचीत कर रहे होंगे?

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उत्तर:

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आइए जाने

1. बुराँस के फूल लाल रंग के होते हैं जो गर्मी के मौसम में आते हैं। ये देखने में बहुत सुंदर लगते हैं। इनका उपयोग दवाई बनाने के लिए किया जाता है। यह हिमालयी राज्यों में बड़ी संख्या में पाया जाने वाला वृक्ष है।

प्रकृति पर्व — फूलदेई NCERT Solutions | NCERT Textbooks & Solutions for Class 3फ्योंली के फूल वसंत के आगमन की सूचना देते हैं। पीले रंग के होने के कारण इनका नाम फ्योंली रखा गया है। ये पहाड़ों की सुंदरता के प्रतीक हैं। ये भी औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं।प्रकृति पर्व — फूलदेई NCERT Solutions | NCERT Textbooks & Solutions for Class 3

उत्तर: छात्रों की जानकारी के लिए दिया गया है।

सुनो भाई गप्प

सुनो भाई गप्प, सुनो भाई शप्प,
नाव में नदिया डूबी जाए।
चींटी चली बाज़ार को,
नौ मन मोल के तेल,
ईंटें दो बगल में ले लीं,
सिर पर धर ली रेल।
प्रकृति पर्व — फूलदेई NCERT Solutions | NCERT Textbooks & Solutions for Class 3सुनो भाई गप्प, सुनो भाई शप्प,
नाव में नदिया डूबी जाए।
गधा चढ़ा खजूर पर,
खाने को अंगूर,
पीठ पे उसके नाच रहे थे,
पाँच-पाँच लंगूरप्रकृति पर्व — फूलदेई NCERT Solutions | NCERT Textbooks & Solutions for Class 3सुनो भाई गप्प, सुनो भाई शप्प,
नाव में नदिया डूबी जाए।
हाथी ढम-ढम ढोल बजाए,
ऊँट खाट पर सोए,
बिल्ली सबकी रोटी सेके,
घोड़ा कपड़े धोए।
सुनो भाई गप्प, सुनो भाई शप्प,
नाव में नदिया डूबी जाए।प्रकृति पर्व — फूलदेई NCERT Solutions | NCERT Textbooks & Solutions for Class 3- अज्ञात
(मालती देवी द्वारा संशोधित एवं परिवर्धित)

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FAQs on प्रकृति पर्व — फूलदेई NCERT Solutions - NCERT Textbooks & Solutions for Class 3

1. फूलदेई क्या है और इसे क्यों मनाया जाता है ?
Ans. फूलदेई एक पारंपरिक पर्व है जो मुख्य रूप से उत्तराखंड में मनाया जाता है। यह पर्व वसंत ऋतु के आगमन का प्रतीक है और इसे विशेष रूप से बच्चों द्वारा मनाया जाता है। इस दिन बच्चे फूलों को इकट्ठा करके घरों में जाते हैं और बधाई देने के साथ-साथ प्रकृति के प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त करते हैं।
2. फूलदेई के दिन कौन-कौन सी विशेषताएँ होती हैं ?
Ans. फूलदेई के दिन बच्चे फूलों के साथ सजकर गाते हैं और अपने पड़ोसियों से मिठाइयाँ लेते हैं। यह पर्व बच्चों के लिए विशेष आनंद का अवसर होता है, जिसमें वे रंग-बिरंगे फूलों से अपने घरों को सजाते हैं और प्राकृतिक सौंदर्य का अनुभव करते हैं।
3. फूलदेई पर कौन से फूलों का उपयोग किया जाता है ?
Ans. फूलदेई पर विभिन्न प्रकार के रंग-बिरंगे फूलों का उपयोग किया जाता है, जैसे कि गेंदा, गुलाब, चमेली, और अन्य स्थानीय फूल। बच्चे इन फूलों को इकट्ठा करके अपने घरों को सजाते हैं और पर्व का आनंद लेते हैं।
4. इस पर्व का बच्चों पर क्या प्रभाव पड़ता है ?
Ans. फूलदेई बच्चों में प्रकृति के प्रति जागरूकता और सृजनात्मकता को बढ़ावा देता है। यह उन्हें सामूहिकता, मित्रता और सांस्कृतिक परंपराओं के महत्व को समझने में मदद करता है। साथ ही, यह बच्चों के लिए एक मजेदार और यादगार अनुभव होता है।
5. फूलदेई का पर्व किस प्रकार से मनाना चाहिए ?
Ans. फूलदेई का पर्व मनाने के लिए बच्चों को फूलों को इकट्ठा करना चाहिए, घरों को सजाना चाहिए, गाने गाने चाहिए और पड़ोसियों को मिठाई बाँटनी चाहिए। यह उत्सव सामूहिकता और खुशियों को साझा करने का अवसर प्रदान करता है, जिससे सभी मिलकर इस पर्व का आनंद ले सकें।
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