UPSC Exam  >  UPSC Notes  >  NCERT Textbooks in Hindi (Class 6 to Class 12)  >  NCERT Solutions: लिंग बोध-जेंडर (Growing up as Boys and Girls)

लिंग बोध-जेंडर (Growing up as Boys and Girls) NCERT Solutions | NCERT Textbooks in Hindi (Class 6 to Class 12) - UPSC PDF Download

अभ्यास

प्रश्न.1. साथ में दिए गए कुछ कथनों पर विचार कीजिए और बताइए कि ये सत्य हैं या असत्य ? अपने उत्तर के समर्थन में एक उदाहरण भी दीजिए।

(क) सभी समुदाय और समाजों में लड़कों और लड़कियों को भूमिकाओं के बारे में एक जैसे विचार नहीं पाए जाते।

हां हमने प्राय: यह देखा है कि कई समुदाय और समाजों की लड़के और लड़कियों की भूमिकाओं के बारे में अलग अलग विचार होते है। कुछ अपनी लड़कियों को कम मानने की और लड़कों को हर दर्जा प्राप्त हो उन परम्पराओं को साथ लेकर चलते है। कुछ लड़के और लडकियों को सामान दर्जा देने वाले भी होते है।

(ख) हमारा समाज बढ़ते हुए लड़कों और लड़कियों में कोई भेद नहीं करता।

ऐसा नहीं है क्योंकि आज भी कई ऐसे लोग है जो लड़कियों को बाहर निकल कर काम करने की स्वीकृति नहीं देते है और लड़कों को बाहर पढ़ने तक के लिए भेजकर भेदभाव करते है।

(ग) वे महिलाएं जो घर पर रहती है कोई काम नहीं करती।

समाज प्राय:  यह देखता है कि महिलाएं सारा दिन घर रहती है और घर पर कोई काम नहीं करती है। जबकि उनके द्वारा किया गया काम सारा दिन चलता रहता है और पुरुष फिर भी अपना काम 7-8 घंटे में करके घर वापिस आ जाते है।

(घ) महिलाओं के काम पुरुषो के काम की तुलना में कम मूल्यवान समझे जाते हैं।

महिलाओं द्वारा किया गया काम किसी को दिखता नहीं है क्योंकि इसके उन्हें कोई पैसे नहीं मिलते जबकि पुरुषों द्वारा किया गया काम पैसों के रूप में दिखाई पड़ता है और अधिक मूल्यवान समझा जाता है।


प्रश्न.2. घर का काम अदृश्य होता है और इसका कोई मूल्य नहीं चुकाया जाता। घर के काम शारीरिक रूप से थकाने वाले होते हैं। घर के कामों में बहुत समय खप जाता है।
अपने शब्दों में लिखिए कि ‘ अदृश्य होने ‘ ‘ शारीरिक रूप से थकाने ‘ और ‘ समय खप जाने ‘ जैसे वाक्यांशों से आप क्या समझते है ? अपने घर को महिलाओं के काम के आधार पर हर बात को एक उदाहरण से समझाए।

  • अदृश्य होना: महिलाओं द्वारा किया जाने वाला काम अदृश्य होता है। उदाहरण के लिए भोजन बनाने तथा बच्चों की देखभाल से कई छोटे – छोटे काम जुड़े हुए होते हैं, जिनकी अनदेखी की जाती है। क्योंकि ऐसा लगता है कि ये काम तो कोई भी कर सकता है।
  • शारीरिक रूप से थकाने वाला: घर में किए जाने वाले छोटे – छोटे कार्य बहुत होते हैं, जिनके लिए बार – बार इधर से उधर दौड़ना पड़ता है। ये कार्य पूरे दिन चलते रहते हैं, इसलिए ये थका देने वाले होते हैं।
  • समय खपाने वाला: घरेलू काम देखने में हल्के – फुल्के लगते हैं लेकिन इन्हें करने में महिलाओं का बहुत समय लग जाता है। फिर भी, इन कामों के बारे में कह दिया जाता है कि ये काम बहुत कम समय में हो जाते हैं।


प्रश्न.3. ऐसे विशेष खिलौनों की सूची बनाए, जिनसे लड़के खेलते हैं और ऐसे विशेष खिलौनों को भी सूची बनाए, जिनसे केवल लड़कियाँ खेलती है, यदि दोनों सूचियों में कुल अंतर है, तो सोचिए और बताइए कि ऐसा क्यों हैं? सोचिए कि क्या इसका कुछ संबंध इस बात से हैं कि आगे चलकर व्यस्क के रूप में बच्चों को क्या भूमिका निभानी होगी?

  • लड़कों के खिलौने: वीडियो गेम, हवाई जहाज, कार, विमान, जीप ।
  • खेल: फुटबॉल, हॉकी, कबड्डी, वॉलीवाल, क्रिकेट आदि ।
  • लड़कियों के खिलौने: गुड्डे – गुड़ियाँ, संगीत – यंत्र, श्रृंगार – बॉक्स, घर के सामान के खिलौने।            
  • खेल: खो – खो,  लुकम छुपाई, फिट्टू खेलना,  जिम्नास्टिक, टेनिस, तैराकी, टेबल – टेनिस आदि ।
  • अंतर के कारण: लड़कों को प्रायः ऐसे खिलौने दिए जाते हैं। जिनसे कठिनता तथा कठोरता का अहसास होता है। लड़के बहादूर् बने, बाहर जाकर हर किसी का सामना करे। इसके विपरीत, लड़कियों के खिलौनों से मधुरता और कोमलता का बोध होता है। लड़कियाँ घर के अंदर खेल खेलती हैं। वयस्क के रूप में उनकी भूमिका से संबंध- लड़के और लड़कियाँ जिन खिलौनों के साथ खेलते हैं या वे जो खेल खेलते हैं, निश्चित रूप से उनका संबंध वयस्क रूप में उनकी भूमिका से होता है। खिलौने बच्चों को यह बताने का माध्यम बन जाते हैं कि जब वे बड़े होंगे, तो उनको अपने भविष्य में यही काम करने है।


प्रश्न.4. अगर आपके घर में या आस – पास, घर के कामों में मदद करने वाली कोई महिला है तो उनसे बात कीजिए और उनके बारे में थोड़ा और जानने की कोशिश कीजिए, कि उनके घर में और कौन – कौन है? वे क्या करते है? उनका घर कहाँ है? वे रोज कितने घंटे तक काम करती है। वे कितना कमा लेती है? इन सारे विवरणों को शामिल कर, एक छोटी – सी कहानी लिखिए।

हमारे आस पास घर के कामों में मदद करने वाली सपना नाम की एक महिला है। उसके परिवार में उसके पति, दो बेटियाँ तथा दो बेटे है। उसका परिवार एक छोटे से कमरे में किराए पर रहता है। वह दूसरे लोगों के घर प्रतिदिन 8 से 9 घंटे तक काम करती हैं और प्रतिमास 4000 रूपए लगभग कमा लेती है। सपना का पति फैक्ट्री में मजदूर है। सपना दूसरों के घर पर काम करके अपने पति की सहायता करती है। उसका एक लड़का तथा एक लड़की सरकारी स्कूल में पढ़ते हैं। उसका बड़ा लड़का कूलर का काम सीख रहा है। उसकी बड़ी लड़की घर को संभालती हैं।

The document लिंग बोध-जेंडर (Growing up as Boys and Girls) NCERT Solutions | NCERT Textbooks in Hindi (Class 6 to Class 12) - UPSC is a part of the UPSC Course NCERT Textbooks in Hindi (Class 6 to Class 12).
All you need of UPSC at this link: UPSC
916 docs|393 tests
Related Searches

shortcuts and tricks

,

practice quizzes

,

Important questions

,

MCQs

,

Objective type Questions

,

Previous Year Questions with Solutions

,

लिंग बोध-जेंडर (Growing up as Boys and Girls) NCERT Solutions | NCERT Textbooks in Hindi (Class 6 to Class 12) - UPSC

,

video lectures

,

लिंग बोध-जेंडर (Growing up as Boys and Girls) NCERT Solutions | NCERT Textbooks in Hindi (Class 6 to Class 12) - UPSC

,

ppt

,

Exam

,

study material

,

Summary

,

mock tests for examination

,

past year papers

,

Semester Notes

,

Sample Paper

,

pdf

,

लिंग बोध-जेंडर (Growing up as Boys and Girls) NCERT Solutions | NCERT Textbooks in Hindi (Class 6 to Class 12) - UPSC

,

Free

,

Extra Questions

,

Viva Questions

;