Class 10 Exam  >  Class 10 Notes  >  Short & Long Answer Questions for Class 10  >  Short & Long Questions: पद

Short & Long Questions: पद | Short & Long Answer Questions for Class 10 PDF Download

लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1: कवयित्री मीरा ने अपने प्रभु से क्या प्रार्थना की है? प्रथम पद के आधार पर लिखिए।
उत्तर: 
कवयित्री मीरा ने अपने प्रभु श्रीकृष्ण से लोगों की पीड़ा दूर करने की प्रार्थना की है। उनके प्रभु श्रीकृष्ण ने द्रौपदी, प्रहलाद और गजराज की जिस तरह सहायता की थी और उन्हें विपदा से मुक्ति दिलाई उसी तरह मीरा अपनी पीड़ा दूर करने की प्रार्थना अपने प्रभु से की है।

प्रश्न 2: कवयित्री मीरा ने श्रीकृष्ण को उनकी क्षमताओं का स्मरण क्यों कराया?
उत्तर: 
कवयित्री मीरा श्रीकृष्ण की अनन्य भक्त एवं उपासिका थीं। उन्होंने अपने प्रभु के दयालु स्वभाव की कहानियाँ सुन रखी थीं। मीरा जानती थीं कि उनके प्रभु के लिए उनकी पीड़ा कठिन कार्य नहीं है। उन्होंने तो इस तरह का अनेक कार्य पहले भी किया है। श्रीकृष्ण उनकी पुकार को शीघ्र सुनें, इसलिए मीरा ने श्रीकृष्ण को उनकी क्षमताओं का स्मरण कराया है।

प्रश्न 3: श्रीकृष्ण ने गजराज की मदद किस तरह की थी ?
उत्तर:
एक बार गजराज किसी बड़े जलाशय में नहाने गया। वह नहाने में व्यस्त था, तभी उसके पैर को एक मगरमच्छ ने मुँह में दबाया और उसे गहराई में खींचने लगा। असहाय हाथी गहरे पानी में सरकने लगा। अपनी मृत्यु निकट देखकर गजराज ने कमल पुष्प कँड़ में उठाया और प्रभु को मदद के लिए पुकारा। उसकी पुकार सुनकर प्रभु नंगे पाँव दौड़े आए। उन्होंने मगरमच्छ को मारकर गजराज को बचाया।

प्रश्न 4: भगवान को नरहरि का रूप क्यों धारण करना पड़ा?
उत्तर:
हिरण्यकश्यप नामक एक अत्याचारी एवं अभिमानी राजा था। वह स्वयं को ही ईश्वर मानता था; परंतु उसका पुत्र ईश्वर का परम भक्त था। हिरण्यकश्यप ने प्रहलाद को तरह-तरह से समझाया कि वह प्रभु भक्ति छोड़कर उसे (हिरण्यकश्यप) ही भगवान माने पर प्रहलाद तैयार न हुआ। उसके पिता उसे तरह-तरह की यातना दी पर प्रहलाद का विश्वास प्रभु में बढ़ता ही गया। एक बार जब उसने प्रहलाद की जान लेनी चाही तो भगवान ने नरसिंह का रूप धारण कर प्रहलाद की रक्षा की और हिरण्यकश्यप को मार दिया।

प्रश्न 5: ‘तीनू बाताँ सरसी’ के माध्यम से कवयित्री क्या कहना चाहती है? उसकी यह मनोकामना कैसे पूरी हुई ?
उत्तर: 
कवयित्री मीरा अपने प्रभु श्रीकृष्ण की अनन्य भक्त थीं। वह श्रीकृष्ण की चाकरी करके उनका सामीप्य पाना चाहती थी। इस चाकरी से उन्हें अपने प्रभु के दर्शन मिल जाते। उनका नाम स्मरण करने से स्मरण रूपी जेब खर्च मिल जाता और भक्तिभाव रूपी जागीर उन्हें मिल जाती। उन्होंने अपनी इस मनोकामना की पूर्ति कृष्ण की अनन्य और भक्ति के माध्यम से पूरी की।

प्रश्न 6: कवयित्री मीरा अपने प्रभु के सौंदर्य पर क्यों रीझी हुई हैं? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
कवयित्री मीरा के प्रभु का रूप-सौंदर्य अत्यंत सुंदर है। उनके प्रभु के सिर पर मोर मुकुट है। उनके गले में बैजंती के फूलों की सुंदर माला सुशोभित है। वे मधुर धुन में मुरली बजाते हुए वृंदावन में गाएँ चराते हैं। इसी अद्वितीय सौंदर्य के कारण मीरा अपने प्रभु पर रीझी हैं।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 7: पाठ में संकलित पदों के आधार पर मीरा की भक्ति भावना पर प्रकाश डालिए।
उत्तर:
मीरा कृष्ण की अनन्य भक्त थीं। उनकी भक्ति में दास्य भाव अधिक दिखाई देता है। इस पाठ में संकलित पदों को पढ़ने से उनकी भक्ति का दो रूप उभरकर सामने आता है-

  • दास्य रूप
  • रसिक रूप।

प्रथम पद में कवयित्री अपने प्रभु से पहले लोगों का दुख दूर करने की प्रार्थना करती है। वह अपने प्रभु का गुणगान करती हुई उनकी क्षमताओं का स्मरण कराती है। इसी क्रम में वह अपने प्रभु को द्रौपदी, गजराज और प्रहलाद के प्रति किए गए कार्यों का दृष्टांत प्रस्तुत करती हुई अपनी पीड़ा दूर करने की प्रार्थना करती है।
दूसरे पद में मीरा अपने प्रभु के रूप सौंदर्य पर मोहित होती हैं। वे उनका सान्निध्य पाने का प्रयास करती हैं और उनकी सेवा करते हुए उन्हें प्रसन्न करने का हर संभव उपाय करती है।

प्रश्न 8: मीरा अपने आराध्य श्रीकृष्ण का दर्शन और सामीप्य पाने के लिए क्या-क्या उपाय करती हैं?
उत्तर:
कवयित्री मीरा अपने प्रभु की भक्ति में डूबकर उनका सामीप्य और दर्शन पाना चाहती हैं। इसके लिए वे चाहती हैं कि श्रीकृष्ण उन्हें अपनी चाकरी में रख लें। मीरा बाग लगाना चाहती हैं ताकि श्रीकृष्ण वहाँ घूमने आएँ और उन्हें दर्शन मिल सके। वे श्रीकृष्ण का गुणगान ब्रज की गलियों में करती हुई घूमना-फिरना चाहती हैं। मीरा विशाल भवन में भी बगीचा बनाना चाहती हैं ताकि उस बगीचे में घूमते श्रीकृष्ण के दर्शन कर सके। वे श्रीकृष्ण का सामीप्य पाने के लिए लाल रंग की साड़ी पहनती हैं और अपने प्रभु से प्रार्थना करती हैं कि वे आधी रात में यमुना के किनारे मिलने की कृपा करें क्योंकि इस मिलन के लिए उनका मन बेचैन हो रहा है।

The document Short & Long Questions: पद | Short & Long Answer Questions for Class 10 is a part of the Class 10 Course Short & Long Answer Questions for Class 10.
All you need of Class 10 at this link: Class 10
328 docs

Top Courses for Class 10

328 docs
Download as PDF
Explore Courses for Class 10 exam

Top Courses for Class 10

Signup for Free!
Signup to see your scores go up within 7 days! Learn & Practice with 1000+ FREE Notes, Videos & Tests.
10M+ students study on EduRev
Related Searches

Semester Notes

,

shortcuts and tricks

,

pdf

,

Previous Year Questions with Solutions

,

Viva Questions

,

Important questions

,

Exam

,

Extra Questions

,

practice quizzes

,

Summary

,

MCQs

,

ppt

,

Short & Long Questions: पद | Short & Long Answer Questions for Class 10

,

past year papers

,

Short & Long Questions: पद | Short & Long Answer Questions for Class 10

,

Sample Paper

,

video lectures

,

mock tests for examination

,

Short & Long Questions: पद | Short & Long Answer Questions for Class 10

,

Objective type Questions

,

study material

,

Free

;