प्रश्न 1. तोत्तो-चान ने अपने पेड़ पर चढ़ने का न्योता किसे दिया था?
उत्तर – तोत्तो-चान ने अपने पेड़ पर चढ़ने का न्योता यासुकी-चान को दिया था।
प्रश्न 2. तोत्तो – चान अपने पेड़ पर बैठ कर क्या करती थी?
उत्तर – तोत्तो – चान अपने पेड़ पर बैठ कर वहाँ से सामने दूर तक ऊपर आकाश को या नीचे सड़क पर चलते लोगों को देखा करती थी।
प्रश्न 3. किसी दूसरे के पेड़ पर चढ़ने का क्या नियम था?
उत्तर – बच्चे अपने – अपने पेड़ को निजी संपत्ति मानते थे। इसलिए किसी दूसरे के पेड़ पर चढ़ना हो तो उससे पहले पूरी शिष्टता से, “माफ कीजिए, क्या मैं अंदर आ जाऊँ?” उससे ऐसा पूछना पड़ता था।
प्रश्न 4. तोत्तो-चान किससे सच बताए बिना नहीं रह सकी।
उत्तर – तोत्तो-चान झूठ बोलने के वजह से बेचैन थी। जब उसका भाई रॉकी उसे यासुकी – चान के घर छोड़ने उसके पीछे – पीछे स्टेशन तक आया तो जाने से पहले तोत्तो – चान को अपने भाई रॉकी से सच बताए बिना नहीं रहा गया। अर्थात तोत्तो – चान ने उसे बता दिया कि वह यासुकी – चान को अपने पेड़ पर चढ़ने देने वाली है।
प्रश्न 5. तोत्तो – चान द्वारा यासुकी – चान को पेड़ की ओर खींचते अगर कोई बड़ा देखता तो क्या होता? स्पष्ट में लिखिए?
उत्तर – जब तोत्तो – चान यासुकी – चान को पेड़ पर चढ़ने में मदद करते हुए खींच रही थी तो उस समय उस पेड़ की शाखा पर खड़ी तोत्तो – चान द्वारा यासुकी – चान को पेड़ की ओर खींचते हुए अगर कोई बड़ा देख लेता तो वह जरूर डर के मारे चीख उठता। कहने का तात्पर्य यह है कि तोत्तो – चान यासुकी – चान से बहुत छोटी थी और यासुकी – चान बहुत बड़ा था, जिस कारण तोत्तो – चान को अगर कोई अपने से बड़े यासुकी – चान का पूरा भार खींच कर पेड़ पर चढ़ाते हुए देखता तो उसे वे सच में बहुत बड़ा खतरा उठाते ही दिखाई देते। क्योंकि यासुकी – चान बड़ा होने के साथ ही शारीरिक रूप से अस्वस्थ भी था जिस कारण अगर थोड़ी सी भी गलती के कारण वो सीढ़ी से निचे गिर जाता तो उसे बहुत चोट लग सकती थी।
प्रश्न 6. तोत्तो – चान का पेड़ कहाँ था?
उत्तर – तोत्तो – चान का पेड़ मैदान के बाहरी हिस्से में कुहोन्बुत्सु जाने वाली सड़क के पास था।
प्रश्न 7. तोत्तो-चान ने कौन सा साहस भरा काम किया?
उत्तर – तोत्तो-चान ने अपने पोलियो ग्रस्त मित्र यासुकी – चान को पेड़ पर चढ़ा कर साहस भरा काम किया।
प्रश्न 8. तोत्तो-चान ने अपने पेड़ पर चढ़ने का न्योता यासुकी-चान को क्यों दिया था।
उत्तर – यासुकी – चान को पोलियो था, इसलिए वह न तो किसी पेड़ पर चढ़ पाता था और न किसी पेड़ को निजी संपत्ति मानता था। इसलिए तोत्तो – चान ने उसे अपने पेड़ पर आमंत्रित किया था।
प्रश्न 9. तोत्तो – चान ने बड़ो से कौन-सी बात छुपायी थी और क्यों ?
उत्तर – तोत्तो – चान ने यासुकी – चान को अपने पेड़ पर चढ़ने के लिए आमंत्रित किया था। किन्तु इस राज़ का पता किसी को नहीं था। न तो तोत्तो – चान के माता – पिता को और न ही यासुकी – चान के माता – पिता को। क्योंकि यासुकी – चान को पोलियो था। अगर यह बात बड़ों को पता चल जाती, तो उसको डांट पड़ती और यह जोखिम भरा कार्य बिल्कुल नहीं करने देते। इसलिए तोत्तो – चान ने यह बात बड़ो से छुपायी थी।
प्रश्न 10. तोत्तो – चान अपने पेड़ पर यासुकी – चान का कैसे स्वागत किया?
उत्तर – काफी मेहनत करने के बाद दोनों आमने – सामने पेड़ की उस शाखा पर खड़े थे, जहाँ से पेड़ की दो मोटी शाखाएँ जुड़ रही थी। पसीने से पूरी तरह भीगे हुए अपने बालों को अपने चेहरे पर से हटाते हुए तोत्तो – चान ने सम्मान के साथ झुककर यासुकी – चान का अपने पेड़ पर स्वागत किया। यासुकी – चान डाल के सहारे खड़ा था। क्योंकि पोलियो के कारण उसका शरीर बिना किसी सहारे के खड़े रहने में असमर्थ था। तोत्तो – चान के द्वारा अपना स्वागत करते देख यासुकी – चान थोड़ा सा मुसकराया।
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