प्रश्न 1. कविता का शीर्षक ‘भोर और बरखा’ क्या प्रदर्शित करता है ?
उत्तर – भोर प्रदर्शित करता है ब्रज प्रदेश की सुबह को और बरखा प्रदर्शित करता है मन में आने की प्रसन्नता को।
प्रश्न 2. मीरा बाई के प्रमुख रचनाएं कौन – कौन सी है?
उत्तर – मीरा बाई के प्रमुख रचनाएं नरसी का मायरा, राग सोरठा के पद, राग गोविंद आदि हैं। मीरा के पद एक ग्रन्थ में भी संकलित हैं।
प्रश्न 3. निम्नलिखित शब्दों का शब्दार्थ लिखिए – बदरिया, भनक, मन-भावन, मंगल, ठाढ़े |
उत्तर –
प्रश्न 4. ‘भोर और बरखा’ कविता में कुल कितने पद है? पदों में क्या भिन्नता है?
उत्तर – कविता में कुल दो पद हैं। पहले पद में मीराबाई ने यशोदा माँ द्वारा श्रीकृष्ण को जगाने के किस्से का वर्णन किया है। मीरा के इस पद में माता यशोदा कान्हा को तरह-तरह के प्रलोभन देकर उठाने का प्रयास कर रही हैं। दूसरे पद में मीरा ने सावन के महीने का मनमोहक चित्रण किया है। साथ ही, इन दोनों पदों में मीरा बाई ने श्री कृष्ण के प्रति अपने प्रेम का वर्णन भी किया है।
प्रश्न 5. मीरा ने सावन का वर्णन किस प्रकार किया है?
उत्तर – कविता के दूसरे पद में मीराबाई ने सावन का बड़ा ही मनमोहक चित्रण किया हैं। वे कहती हैं कि सावन के महीने में होने वाली बरसात मन को शांत करने वाली होती है। बरसात के आगमन से उन्हें उनके प्रभु के आने का आभास होता है। उमड़-घुमड़ कर बादल आसमान में चारों तरफ फैल जाते हैं, आसमान में बिजली भी कड़कती है। बरसात मीरा बाई को ऐसा महसूस करवाती हैं, मानो श्रीकृष्ण ख़ुद चलकर उनके कल्याण के लिए उनके समक्ष सावन के रूप में आ गए हैं।
प्रश्न 6. किसका मन उमंग से भर गया है और क्यों?
उत्तर – कवयित्री मीरा का मन उमंग से भर गया क्योंकि उन्हें कृष्ण के आने की भनक हो गई है।
प्रश्न 7. मीरा बाई को सावन मास क्यों अच्छा लगा ?
उत्तर – कवयित्री मीरा बाई का मन सावन मास में अत्यधिक उत्साहित होता है क्योंकि बरसात के आगमन से उन्हें उनके प्रभु के आने का आभास होता है। इसलिए मीराबाई को सावन मास अच्छा लगता है।
प्रश्न 8. ‘भोर और बरखा’ कविता के अनुसार ब्रज की सुबह का वर्णन कीजिए।
उत्तर – ‘भोर और बरखा’ कविता के अनुसार ब्रज में सुबह होते ही हर एक घर के द्वार खुल जाते हैं। ग्वालिन दही तथा मक्खन बनाना आरंभ कर देती है और उनके कंगन की खनखनाहट हर घर में गूंजती रहती है। ग्वाल लड़के अपने हाथों में मक्खन और रोटी लेकर गायों को चराने के लिए तैयार हो जाते हैं।
प्रश्न 9. ‘भोर और बरखा’ कविता के पहले पद में मीराबाई ने किसका वर्णन किया है?
उत्तर – कवयित्री मीरा बाई कविता के पहले पद में यशोदा माँ द्वारा कान्हा जी को सुबह जगाने के दृश्य का अत्यधिक मनोरम दृश्य प्रस्तुत किया है। गाँव में सुबह जहाँ एक ओर गोपियाँ अपने कामों में व्यस्त हो गई हैं वहीँ दूसरी और देवता और मनुष्य सभी श्री कृष्ण के उठने और उनके दर्शन के इन्तजार में उनके दरवाजे पर खड़े हैं। मीरा बाई ने इस पद के द्वारा श्री कृष्ण को सभी का उद्धार करने वाला बताया है।
प्रश्न 10. माता यशोदा अपने कान्हा जी को सुबह किस प्रकार और क्या कहकर जगाती है?
उत्तर – यशोदा माता बड़े प्यार से कान्हा जी को सुबह उठाते हुए कहती हैं कि बाँसुरी धारण करने वाले मेरे प्यारे पुत्र अब जाग जाओ। रात अब बीत गयी है और सुबह हो चुकी है। सभी लोगों ने अपने-अपने घरों के दरवाजे खोल दिए हैं। सभी गोपियाँ दही को मथकर मक्खन निकाल रही हैं और हमारे दरवाज़े पर देवता और मनुष्य तुम्हारे दर्शन करने के लिए इंतज़ार कर रहे हैं। तुम्हारे सभी ग्वाल – मित्र हाथ में मक्खन और रोटी लिए , गौ रक्षक अर्थात तुम्हारा गाय चराने जाने के लिए इंतज़ार कर रहे हैं।
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