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Short Question Answers: डायरी का एक पन्ना | Hindi Class 10 (Sparsh and Sanchayan) PDF Download

अति लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1. ‘डायरी का पन्ना’ में जुलूस और ध्वजारोहण को रोकने के लिए पुलिस ने क्या किया ?
उत्तर:
पुलिस ने इस कार्यक्रम को रोकने के लिए शहर के प्रत्येक मोड़ पर गोरखे और सारजेंट तैनात कर दिए।

प्रश्न 2. पुलिस ने बड़े-बड़े पार्कों तथा मैदानों को क्यों घेर लिया था?
उत्तर:
पुलिस ने बड़े-बड़े पार्कों तथा मैदानों को इसलिए घेर लिया था कि भारतीय जनता स्वतंत्रता का उत्सव न मना सके और झंडा फहराकर सभा न कर सके।

प्रश्न 3. विद्यार्थी संघ के मंत्री अविनाश बाबू के झंडा गाड़ने पर क्या प्रतिक्रिया हुई ?
उत्तर:
विद्यार्थी संघ के मंत्री अविनाश बाबू के झंडा गाड़ने पर यह प्रतिक्रिया हुई उन्हें पुलिस ने पकड़ लिया और लोगों को मार कर हटा दिया।

प्रश्न 4. सुभाष बाबू के जुलूस का भार किस पर था ?
उत्तर:
सुभाष बाबू के जुलूस का भार श्री पूर्णदास जी पर था।

प्रश्न 5. लोग अपने-अपने मकानों व सार्वजनिक स्थलों पर राष्ट्रीय झंडा फहराकर किस बात का संकेत देना चाहते थे?
उत्तर:
लोग अपने-अपने मकानों व सार्वजनिक स्थलों पर राष्ट्रीय झंडा फहराकर इस बात संकेत देना चाहते थे कि मानो उन्हें स्वतंत्रता मिल गई हो।

लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1. 26 जनवरी, 1931 के दिन को अमर बनाने के लिए क्या-क्या तैयारियाँ की गईं ?
उत्तर:
26 जनवरी, 1931 के दिन को अमर बनाने के लिए काफी तैयारियाँ की गईं, उनमें लोगों से चंदा वसूल करना, कार्य का भार अलग-अलग लोगों को सौंपा गया, कार्यकत्र्ता घर-घर जाकर प्रचार कर रहे थे और कार्यकत्र्ताओं को भी समझाया जा रहा था। मकानों, पार्कों की सजावट एवं कार्यक्रम सभा स्थल तय करने की तैयारियाँ की गई थीं।

प्रश्न 2. कलकत्तावासियों के लिए 26 जनवरी, 1931 का दिन क्यों महत्त्वपूर्ण था ?
उत्तर:
कलकत्तावासियों के लिए 26 जनवरी, 1931 का दिन इसलिए महत्त्वपूर्ण था, क्योंकि इस दिन सारे हिंदुस्तान में स्वतंत्रता दिवस मनाया गया था, और इस वर्ष भी उसकी पुनरावृत्ति थी।

प्रश्न 3. अविनाश बाबू कौन थे? उनके झंडा गाड़ने पर क्या प्रतिक्रिया हुई। बताइए।
उत्तर:
अविनाश बाबू बंगाल प्रांतीय विद्यार्थी संघ के मंत्री थे। उनके द्वारा झंडा गाड़ने पर पुलिस ने उन्हें पकड़ लिया तथा अन्य लोगों को मार-पीट कर हटा दिया। 

प्रश्न 4. सुभाष बाबू ने कब और क्यों जुलूस निकाला ? लेखक ने इस दिन को अपूर्व क्यों कहा ?
उत्तर:
सुभाष बाबू ने 26 जनवरी, 1931 को कोलकाता में भारत की पूर्ण स्वतंत्रता के लिए तिरंगे झंडे को फहाराया था। अंग्रेज सरकार के तीव्र विरोध के बावजूद यह उत्सव उत्साहपूर्वक सम्पन्न हुआ था। लेखक ने इस दिन को इसीलिए अपूर्व कहा है।

प्रश्न 5. पुलिस कमिश्नर के नोटिस और कौंसिल के नोटिस में क्या अंतर था ?
उत्तर:
पुलिस कमिश्नर के नोटिस के अनुसार अमुक-अमुक धारा के अनुसार कोई सभा नहीं हो सकती और कौंसिल के नोटिस के अनुसार मोनुमेंट के नीचे ठीक चार बजकर चैबीस मिनट पर झण्डा फहराया जाएगा तथा स्वतंत्रता की प्रतिज्ञा पढ़ी जाएगी। सर्व साधारण की उपस्थिति होनी चाहिए। अर्थात् कमिश्नर के अनुसार सभा नहीं हो सकती और कौंसिल के अनुसार सभा होगी। यही दोनों के नोटिस में अंतर था।

प्रश्न 6.‘आज जो बात थी वह निराली थी’-किस बात से पता चल रहा था कि आज का दिन अपने आप में निराला है ? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
‘आज जो बात थी वह निराली थी।’ बाजार, मकान, रास्ते ऐसे सजाए गए थे जैसे आज ही स्वतंत्रता मिल गई हो। रास्ते में जाते हुए मनुष्यों में उत्साह, नवीनता थी। इसी बात से पता चल रहा था कि आज का दिन अपने आप में निराला है। सभी लोग स्वतंत्रता दिवस मनाने के लिए उत्साह से युक्त थे सारा शहर सजाया गया था। स्थान-स्थान पर सुरक्षा की द्रष्टि से पुलिस के जवान तैनात थे। यह सब किसी निराली बात अथवा विशेष दिन का प्रतीक था।

प्रश्न 7. धर्म तल्ले के मोड़ पर आकर जुलूस क्यों टूट गया ?
उत्तर:
धर्म तल्ले के मोड़ पर आकर जुलूस इसलिए टूट गया, क्योंकि सुभाष बाबू को पकड़कर गाड़ी में बैठाकर लाॅकअप भेज दिया गया। स्त्रियाँ जुलूस बनाकर वहाँ से आगे चलीं तो बहुत भीड़ एकत्र हो गई थी पुलिस ने लाठी चार्ज शुरू कर दिया जिस कारण करीब 50.60 स्त्रियाँ वहीं मोड़ पर बैठ गईं और उन्हें पकड़कर पुलिस लाल बाजार ले गई थी।

प्रश्न 8. डाॅ. दास गुप्ता जुलूस में घायल लोगों की देख-रेख तो कर ही रहे थे, उनके फोटो भी उतरवा रहे थे। उन लोगों के फोटो खींचने की तुम्हारे विचार से क्या दो वजहें हो सकती थीं ?
उत्तर:
डाॅ. दास गुप्ता जुलूस में घायल लोगों की देख-रेख तो कर ही रहे थे, उनके फोटो भी उतरवा रहे थे। उन लोगों के फोटो खींचने की हमारे विचार से दो वजह हो सकती थीं-
(1) वह फोटो इसलिए उतरवा रहे थे जिससे कि अंग्रेज सरकार के कारनामों को समाचार पत्र के माध्यम से देश के सामने ला सकें।
(2) वह अपने द्वारा मरीजों की देखभाल की फोटो खिंचवाकर स्मृति के रूप में रखना चाहते थे कि उन्होंने जुलूस में घायल लोगों की देख-रेख की थी।

प्रश्न 9. ‘डायरी का एक पन्ना’ पाठ में क्या संदेश दिया गया है ?
उत्तर:
‘डायरी का एक पन्ना’ पाठ को पढ़कर हमें यह संदेश मिलता है कि देश के सम्मान को सर्वोपरि समझना चाहिए। इसके लिए कष्ट सहने को भी तैयार रहना चाहिए। विदेशी शासन की क्रूरता से हमें घबराना नहीं चाहिए, हम जिस काम को करने का निश्चय कर लें उसे पूरा करके ही दम लेना चाहिए। यह पाठ हमें देश प्रेम और त्याग भावना का संदेश देता है।

प्रश्न 10. ‘डायरी का एक पन्ना’ आन्दोलनकारियों का ज्वलंत दस्तावेज है, कैसे ? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
26 जनवरी 1931 स्वतंत्रता दिवस में कोलकाता का योगदान बहुमूल्य था। पूरा कोलकाता आन्दोलन में सम्मिलित था। मकानों में राष्ट्रीय ध्वज फहराये गए। हर व्यक्ति घर जाकर झंडा फहराने और कानून तोड़ने का महत्त्व बताता। विद्यार्थी गण, महिलाएँ, व्यापारी, नेता सभी ने सभा स्थल पर कानून की परवाह किए बिना अहिंसक बनकर लाठियाँ झेलीं।

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FAQs on Short Question Answers: डायरी का एक पन्ना - Hindi Class 10 (Sparsh and Sanchayan)

1. डायरी क्या होती है?
उत्तर: डायरी एक प्रकाशित या अप्रकाशित रूप में हो सकती है और इसमें व्यक्ति की व्यक्तिगत विचार, अनुभव और दैनिक घटनाओं का विवरण रखा जाता है। यह एक मनोहारी तरीका है जिसके माध्यम से व्यक्ति अपने विचारों और भावनाओं को निर्धारित कर सकता है।
2. डायरी लिखने के क्या लाभ हो सकते हैं?
उत्तर: डायरी लिखने के कई लाभ हो सकते हैं। यह आपको आपके विचारों और भावनाओं को साझा करने का मौका देती है और आपकी मानसिक स्थिति को सुधारती है। इसके साथ ही, डायरी आपकी यात्राओं, सपनों और लक्ष्यों को प्राथमिकता देने में मदद कर सकती है। यह आपके जीवन का एक ऐतिहासिक रेकॉर्ड बनाने में भी मदद कर सकती है।
3. डायरी को कैसे लिखा जाता है?
उत्तर: डायरी को लिखने के लिए आपको एक निश्चित समय संरचित करना चाहिए। इसके बाद, आप अपने जीवन की विभिन्न घटनाओं, विचारों और अनुभवों का विवरण लिख सकते हैं। आप इसे रोजाना या नियमित रूप से कर सकते हैं या जब भी आपको आवास्यकता महसूस होती है। इसे व्यक्तिगत बनाने के लिए, आप अपनी डायरी को सजावटी बना सकते हैं और उसमें फोटो, आर्ट या अन्य विवरण शामिल कर सकते हैं।
4. डायरी को लिखने के लिए सबसे अच्छी तारीख कौन सी हो सकती है?
उत्तर: डायरी को लिखने के लिए सबसे अच्छी तारीख वह होती है जब आपके पास प्रायोजन और खाली समय होता है। ध्यान देने वाली बात यह है कि आप लिखते समय अन्य विचारों और कामों से मुक्त हों और शांतिपूर्ण वातावरण में हों। आप अपनी डायरी को रोज़ाना शाम की तारीख के बाद लिखने की कोशिश कर सकते हैं या जब भी आपको विचारों को साझा करने का मन करे।
5. क्या डायरी लिखने से मन की स्थिति में सुधार होती है?
उत्तर: हाँ, डायरी लिखने से मन की स्थिति में सुधार होती है। जब आप अपने विचार और भावनाओं को लिखते हैं, तो आपको उन्हें समझने और प्रोसेस करने का मौका मिलता है। यह मानसिक तनाव को कम करने, स्वयं को स्वस्थ रखने और स्वयं के साथ सुखी महसूस करने में मदद कर सकता है। इसके साथ ही, डायरी आपको अपने जीवन के प्रगति का अनुशासनपूर्वक अनुरेखण करने में भी मदद कर सकती है।
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