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Short Question Answers - ल्हासा की ओर | Class 9 Hindi (Kritika and Kshitij)

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1. तिब्बत में यात्रियों के आराम के लिए क्या-क्या हैं?

उत्तरः नेपात-तिब्बत मार्ग पर अनेक फौजी चैकियाँ और किले बने हुए हैं। पहले कभी यह सैनिक मार्ग था, इसलिए इनमें चीनी सैनिक रहा करते थे। आजकल ये किले किसानों के काम आते हैं। यहीं यात्री थोड़ी-बहुत देर आराम कर लेते हैं।

प्रश्न 2. भारत की महिलाओं की तुलना में तिब्बत की महिलाओं की सामाजिक स्थिति कैसी थी? ल्हासा की ओर पाठ के आधार पर लिखिए।

उत्तरः तिब्बत की औरतें पर्दा नहीं करती थीं। वे अतिथि का स्वागत-सत्कार भी करती थीं, चाहे घर में कोई पुरुष हो या न हो। तिब्बती औरतें जाति-पाँति, छुआछूत में विश्वास नहीं करती थीं। यही अन्तर भारत और तिब्बत की औरतों में थे।

प्रश्न 3. ल्हासा की ओर पाठ के लेखक को मार्ग में किन-किन कठिनाइयों का सामना करना पड़ा था

उत्तरः ल्हासा की ओर जाते समय लेखक को अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ा, था?

(i) वह अपना रास्ता भटक गया।

(ii) तेज धूप के कारण उसे परेशान होना पड़ा।

(iii) 17-18 हजार फीट ऊँची पहाड़ियाँ चढ़नी पड़ीं, सुनसान रास्तों से गुजरना पड़ा।

(iv) डाकुओं के भय से भिखमंगे का वेश धारण करना पड़ा।

(v) कोई भरिया न मिलने पर अपना सामान खुद ढोना पड़ा। 

ल्हासाल्हासाप्रश्न 4. लेखक ने कितनी बार तिब्बत यात्रा की और कैसा अनुभव प्राप्त किया था ? पठित पाठ के आधार पर बताइए।

उत्तरः लेखक ने दो बार तिब्बत की यात्रा की और वहाँ के समाज, भौगोलिक स्थितियों एवं परम्पराओं को जाना।

प्रश्न 5. तिब्बत के निर्जन स्थानों में यात्रियों की स्थिति का वर्णन कीजिए और वहाँ की कानून व्यवस्था पर प्रकाश डालिए।

उत्तरः तिब्बत में कानून व्यवस्था की स्थिति बहुत खराब होने के कारण यात्रियों की स्थिति दयनीय थी। पिस्तौल और बन्दूक का इस्तेमाल यहाँ डाकू लोग प्रायः करते हैं क्योंकि ये आसानी से उपलब्ध हैं। यहाँ की सरकार, खुफिया-विभाग और पुलिस पर ज्यादा खर्चा नहीं करती। भौगोलिक परिस्थितियों के कारण गवाह व सुरक्षा भी उपलब्ध नहीं हैं। पुलिस जाँच भी नहीं करती थी डाँड़े जैसी जगहों में डाकू आसानी से छिप जाते हैं। ऊँचाई के कारण मीलों तक आबादी नहीं है और नदियों के मोड़ व पहाड़ों के कारण आदमी दूर तक दिखाई नहीं देते।

प्रश्न 6. प्रस्तुत यात्रा-वृत्तांत के आधार पर बताइए कि उस समय का तिब्बती समाज कैसा था?

उत्तरः (i) उस समय के तिब्बत में जात-पाँत, छुआछूत आदि का कोई विचार नहीं था।

(ii) वहाँ की औरतें पर्दा नहीं करती थीं।

(iii) अतिथि का स्वागत-सत्कार करती थीं।

(iv) वहाँ के लोग धार्मिक स्वभाव के थे और बौद्ध धर्म को मानते थे। 

प्रश्न 7. तिब्बत में डाँड़े के देवता का स्थान कहाँ था ? उसे कैसे सजाया गया था ?

उत्तरः तिब्बत में डाँड़े के देवता का स्थान ऊँची चोटी पर था जिसे पत्थरों, सींगों और रंग-बिरंगे कपड़ों की झाड़ियों से सजाया गया था।

प्रश्न 8. डाकुओं के लिए तिब्बत में सबसे सुरक्षित स्थान कौन-सा था जहाँ उन्हें पकड़े जाने का डर नहीं था?

उत्तरः तिब्बत में डाँड़े डाकुओं के लिए सबसे सुरक्षित जगह है क्योंकि वहाँ ऊँचाई के कारण मीलों तक आबादी नहीं है और नदियों के मोड़ और पहाड़ों के कोनों के कारण दूर तक आदमी दिखाई नहीं देता। यहाँ कानून का प्रभाव भी नगण्य है क्योंकि पुलिस नहीं है अतः डाकुओं को कोई डर नहीं है।

प्रश्न 9. थोङ्ला के पहले के आखिरी गाँव पहुँचने पर भिखमंगे के वेश में होने के बावजूद लेखक को ठहरने के लिए उचित स्थान मिला जबकि दूसरी यात्रा के समय भद्र वेश भी उन्हें उचित स्थान नहीं दिला सका, क्यों?

उत्तरः (i) क्योंकि लेखक का मानना है कि यह लोगों की उस वक्त की मनोवृत्ति पर निर्भर होता था। थोङ्ला के पहले के आखिरी गाँव में सुमति की जान-पहचान के बहुत लोग रहते थे, अतः भिखमंगे के वेश में होने पर भी उन्हें ठहरने के लिए अच्छी जगह मिल गई।

(ii) जबकि दूसरी बार भद्र वेश में होने पर भी उन्हें ठहरने का अच्छा स्थान नहीं मिला और वे एक गरीब के झोंपड़े में ठहरे, क्योंकि शाम के समय वे लोग छंग (एक प्रकार की शराब) पीकर अपने होश-हवास में नहीं रहते हैं। 

प्रश्न 10. लेखक राहुल सांड्डत्यायन लङ्कोर के मार्ग में अपने साथियों से किस प्रकार पिछड़ गए थे और कब साथ हुए?

उत्तरः लेखक लङ्कोर के मार्ग में अपने साथियों से पिछड़ गया, क्योंकि वहाँ का रास्ता ऊँची चढ़ाई का था और जो घोड़ा मिला था वह भी सुस्त था, रास्ता भटक गया, क्योंकि आगे जाकर दो रास्ते एक साथ निकल रहे थे, वह गलत रास्ते पर मील-डेढ़मील तक चला गया था। पूछने पर सही रास्ते का ज्ञान हुआ तब उसने उसी रास्ते पर वापस आकर पुनः सही रास्ते को पकड़ा और साथियों के साथ हो गया। 

प्रश्न 11. लेखक ने शेकर विहार में सुमति को उनके यजमानों के पास जाने से रोका, परन्तु दूसरी बार रोकने का प्रयास क्यों नहीं किया?

उत्तरः शेकर विहार के आस-पास के गाँवों में सुमति के अनेक यजमान थे। वे गंडे-ताबीज बाँटने के लिए वहाँ जाना चाहते थे। इस काम में उन्हें एक हफ्ता लग सकता था। इसलिए लेखक ने सुमति को वहाँ जाने से रोक दिया।

दूसरी बार लेखक को वहाँ के मन्दिर में कन्जुर (बुद्धवचन अनुवादद्ध की हस्तलिखित 103 पोथियाँ मिल गईं और वे उन्हें पढ़ने में व्यस्त हो गए इसलिए उसने सुमति को उसके यजमानों के पास जाने से नहीं रोका।

प्रश्न 12. सुमति गंडे कैसे बनाता था?

उत्तरः सुमति बोधगया से लाए गए कपड़ों से गंडे बनाता था, परन्तु उसके यजमान काफी होने के कारण जब वे कपड़े समाप्त हो जाते तो वह किसी भी कपड़े की पतली-पतली चिरी बत्तियों से गंडे बना लेता था।

प्रश्न 13. सुमति के यजमान और अन्य परिचित लोग लगभग हर गाँव में मिले। इस आधार पर सुमति के व्यक्तित्व की विशेषताएँ बतलाइए।

उत्तरः सुमति मिलनसार थे। वे सबका ध्यान रखते थे। वे धर्मगुरु के रूप में माने जाते थे। वे परोपकारी व मदद करने वाले थे।

प्रश्न 14. तिब्बत में डाकुओं द्वारा मारे गये आदमी की क्या स्थिति होती है?

उत्तरः तिब्बत में यदि डाकू लोग किसी यात्री को मार देते हैं तो उसके मृत शरीर का भी पता नहीं चलता और न कोई इसकी परवाह करता है। यहाँ हत्या का गवाह मिलना भी मुश्किल है।

प्रश्न 15. लेखक का घोड़ा कैसे चल रहा था और क्यों?

उत्तर: लेखक का घोड़ा बहुत धीरे-धीरे चल रहा था, घोड़ा थका हुआ तथा सुस्त था। लेखक उसे मारना नहीं चाहता था।

प्रश्न 16. ‘मैं अब पुस्तकों के भीतर था।’ लेखक ने ऐसा क्यों कहा?

उत्तर: लेखक को पुस्तकें पढ़ने का बहुत शौक था, अब वहाँ उन्हें बहुत सारी पुस्तकें मिल गईं, जिन्हें वे पढ़ने लग गए।

प्रश्न 17. थोङ्ला के पहले के आखिरी गाँव में लेखक को भिखमंगे के वेश में क्यों रहना पड़ा?

उत्तर: भिखमंगे पर डाकू हमला नहीं करते। भद्र के वेश में डाकुओं का भय था। इसलिए थोङ्ला के पहले के आखिरी गाँव में लेखक को भिखमंगे के वेश में रहना पड़ा।

प्रश्न 18. लेखक सुमति को यजमानों से मिलने क्यों नहीं जाने देना चाहता था?
उत्तर:
 लेखक को भय था कि सुमति अपने यजमानों के पास जाकर हफ्ता लगा देगा। इतने दिनों तक उसे भी उसकी प्रतीक्षा में ठहरना पड़ेगा। इससे उसकी यात्रा में तथा अध्ययन करने के लक्ष्य में बाधा पड़ेगी।

प्रश्न 19. लेखक ने तिब्बत यात्रा किस वेश में की और क्यों?

उत्तर: लेखक ने भिखमंगे के वेश में तिब्बत यात्रा की, क्योंकि उस समय भारतीयों को तिब्बत यात्रा की अनुमति नहीं थी और मार्ग में डाकुओं का भी भय था।

प्रश्न 20. सर्वोच्च स्थान को क्यों और किस प्रकार सजाया गया था?

उत्तर: सर्वोच्च स्थान पर डाँड़े के देवता का स्थान है जिसे पत्थरों, जानवरों के सींगों तथा रंग-बिरंगी झंडियों से सजाया गया था।

प्रश्न 21. भीटे की तरफ दिखने वाले पहाड़ कैसे थे?

उत्तर: भीटे की तरफ दिखने वाले पहाड़ बिलकुल नंगे थे। न उन पर बर्फ की सफेदी थी और न हरियाली का नामो-निशान।

प्रश्न 22. लङ्कोर में वे कहाँ ठहरे और क्या खाया?

उत्तर: लङ्कोर में वे एक अच्छी जगह रुके। उनके यजमान अच्छे थे। पहले चाय पी, सत्तू खाया और रात को थुक्पा मिला।

प्रश्न 23. अपनी यात्रा के दौरान लेखक ने तिब्बत के विषय में क्या अनुभव किया?

उत्तर: अपनी यात्रा के दौरान लेखक ने अनुभव किया कि तिब्बत की जमीन छोटे-बड़े जमींदारों में बँटी है, वहाँ की संस्ड्डति अच्छी है, लोगों का व्यवहार अच्छा है। 

प्रश्न 24. लेखक ने अपने यात्रा वृत्तांत में तिब्बत की भौगोलिक स्थिति का जो शब्द चित्र प्रस्तुत किया है, उसका अपने शब्दों में वर्णन कीजिए।

उत्तर: तिब्बत दुर्गम मार्गों तथा घाटियों से घिरा हुआ पर्वतीय क्षेत्र है। यहाँ अत्यधिक शीत पड़ता है। कहीं मीलों ऊँची चढ़ाई है तो कहीं गहरी घाटियाँ। यह एक ओर से हिमालय की हजारों श्वेत पर्वतमालाओं से घिरा है। चीन, नेपाल आदि देशों की सीमाओं के मिलने के कारण यहाँ फौज का डेरा भी है, चैकियाँ भी हैं और दुर्ग भी।

प्रश्न 25. उस समय के तिब्बत में हथियार का कानून न रहने के कारण यात्रियों को किस प्रकार का भय बना रहता था?

उत्तर: (i) उन दिनों तिब्बत में हथियार रखने का कोई कानून नहीं था। वहाँ के लोग लाठी की तरह पिस्तौल, बन्दूक लिए घूमते थे।

(ii) डाकुओं का आतंक होने के कारण लोगों को अपनी जान का भय बना रहता था, क्योंकि डाकू पहले किसी को मारते थे, और उसके बाद उसका धन लूटते थे। 

प्रश्न 26. तिब्बत के मार्ग में आदमी कम क्यों दिखाई देते हैं ?

उत्तर: तिब्बत के मार्ग में नदियों के मोड़ों तथा पहाड़ों के कोनों के कारण एवं कठिन रास्ते के कारण बहुत कम आदमी दिखाई पड़ते हैं।

प्रश्न 27. गाँव पहुँचकर लेखक को क्या बात मालूम हुई? 

उत्तर: गाँव पहुँचकर लेखक को मालूम हुआ कि पिछले साल थोड्.ला के पास खून हो गया था। लेकिन लेखक को इस बात की परवाह नहीं थी, न ही कोई डर था क्योंकि लेखक इस समय कंगाल था। अर्थात् भिखमंगे के वेश में था और डाकू भिखमंगों पर हमला नहीं करते थे।

प्रश्न 28. तिब्बत में जमीन की क्या स्थिति है?

उत्तर: तिब्बत में जमीन का अधिकतर भाग छोटे-बड़े जागीरदारों में बँटा है। काफी हिस्सा मठों के हाथ में है। उन्हें मजदूर बेगार में मिलते हैं। खेती का इन्तजाम भिक्षु देखता है जो किसी राजा से कम नहीं होता था।

प्रश्न 29. यजमान से क्या तात्पर्य है ? सुमित द्वारा दिए गए गंडों को वे इतना महत्व क्यों देते थे ? ‘ल्हासा की ओर’ पाठ के आधार पर बताइए।

उत्तरः यजमान का शाब्दिक अर्थ है - यज्ञ करने वाला। गाँव वाले सुमति के यजमान थे और सुमित उन गाँव वालों के धर्मगुरु थे। उनके प्रति गाँव वालों की श्रद्धा थी। इसलिए वे उनके दिए गंडों को इतना महत्व देते थे। 

प्रश्न 30. तिङ्री समाधि गिरि का संक्षिप्त परिचय ल्हासा की ओर पाठ के आधार पर दीजिए।

उत्तर: तिङ्री समाधि गिरि एक पहाड़ी का नाम है। तिङ्ऱी पहाड़ों से घिरे टापू जैसा था।

ल्हासा की ओर पाठ के सारांश को यहाँ पढ़ें।

ल्हासा की ओर पाठ इस वीडियो की मदद से  पूरा समझें। 

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FAQs on Short Question Answers - ल्हासा की ओर - Class 9 Hindi (Kritika and Kshitij)

1. ल्हासा क्या है?
Ans. ल्हासा तिब्बत की राजधानी है और एक महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक केंद्र है।
2. ल्हासा किस देश में स्थित है?
Ans. ल्हासा चीन में स्थित है।
3. ल्हासा की स्थापना कब हुई थी?
Ans. ल्हासा की स्थापना 7वीं सदी में हुई थी।
4. ल्हासा में कौन-कौन से पर्व और उत्सव मनाए जाते हैं?
Ans. ल्हासा में लोसर, सगड़वा, दीपावली, छोटरी और ग्यारबाब के उत्सव मनाए जाते हैं।
5. ल्हासा के प्रमुख दर्शनीय स्थल कौन-कौन से हैं?
Ans. पोताला पैलेस, जोरखांग मंदिर, नोरबुलिंका मंदिर, सेरा मन्दिर और नेचुंग मंदिर ल्हासा के प्रमुख दर्शनीय स्थल हैं।
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