Class 10 Exam  >  Class 10 Notes  >  Hindi Class 10 (Sparsh and Sanchayan)  >  Short Question Answer: आत्मत्राण

Short Question Answer: आत्मत्राण | Hindi Class 10 (Sparsh and Sanchayan) PDF Download

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1. आत्मत्राण कविता में कवि किससे क्या प्रार्थना करता है?
उत्तर: आत्मत्राण कविता में कवि ईश्वर से प्रार्थना करते हुए भयमुक्त होकर बाधाओं को दूर करने की शक्ति माँगता है और आत्मबल व पुरुषार्थ की कामना करता है।

प्रश्न 2. आत्मत्राण कविता के आधार पर कवि निर्भय होकर क्या वहन करना चाहता है?
उत्तर:
आत्मत्राण कविता के आधार पर कवि निर्भय होकर अपने उत्तरदायित्व को वहन करना चाहता है।

प्रश्न 3. सुख के दिनों में कवि को क्या अपेक्षा है?
उत्तर:
कवि को सुख के दिनों में अहंकार मुक्त होकर विनम्र रहने की अपेक्षा है।

प्रश्न 4. दुःख आने पर कवि क्या नहीं करना चाहता?
उत्तर:
दुःख आने पर कवि ईश्वर पर कोई संशय नहीं करना चाहता।

लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1. कवि किससे और क्या प्रार्थना कर रहा है?
अथवा
‘आत्मत्राण’ कविता में विपत्ति आने पर ईश्वर से कवि क्या प्रार्थना करता है ?
अथवा
‘आत्मत्राण’ कविता में कवि ने करुणामय से क्या प्रार्थना की है?
उत्तर:
‘आत्मत्राण’ कविता में कवि रवीन्द्रनाथ ठाकुर ने करुणामय ईश्वर से प्रार्थना की है कि हे करुणामय मुझे विपदाओं से बचाओ, संकट के समय मैं कभी भयभीत न होऊँ। दुःखों पर मैं विजय प्राप्त कर सकूँ, बल और पुरुषार्थ नहीं हिले, हानि उठाने की क्षमता प्रदान करो। दुःख आने पर भी मैं आप पर कोई संशय नहीं करूँ तथा सुखों में मेरा कल्याण करो।

प्रश्न 2. ‘विपदाओं से मुझे बचाओ, यह मेरी प्रार्थना नहीं’-कवि इस पंक्ति के द्वारा क्या कहना चाहता है ?
उत्तर:
इस पंक्ति द्वारा कवि यह कहना चाहता है कि हे प्रभु। मुझे आप मुसीबतों और कठिनाइयों से भले ही न बचाओ। जब मेरा चित्त मुसीबतों तथा दुःखों से बेचैन हो जाए तो भले सांत्वना भी मत दो। पर हे प्रभु! बस आप इतनी कृपा अवश्य करना कि मैं मुसीबत तथा दुःखों से घबराऊँ नहीं, बल्कि उनको सहर्ष सहन कर उनका मुकाबला करूँ।

प्रश्न 3. कवि कोई सहायक न मिलने पर क्या प्रार्थना करता है ?
उत्तर: 
कवि कहता है कि यदि ऐसी परिस्थिति आ जाए कि कोई सहायक भी न मिले, अर्थात् कोई सहायता करने वाला भी न हो तो भी मेरा आत्मबल, हिम्मत, साहस और बल-पौरुष बना रहे। अर्थात् कवि ईश्वर से साहस माँग रहा है ताकि वह दुःखों का सामना कर सके।

प्रश्न 4. ‘आत्मत्राण’ कविता के आधार पर बताइए कि दुःख और कष्टों के आने पर कवि ईश्वर से क्या चाहता है ?
उत्तर:
कवि ईश्वर से विपदाओं से बचने की प्रार्थना नहीं करता अथवा दुःख-संताप से परेशान हृदय को सांत्वना देने की प्रार्थना नहीं करता, वह केवल यह प्रार्थना करता है कि वह विपदाओं से विचलित और भयभीत न हो। वह निर्भीक होकर उनका सामना करने की शक्ति चाहता है।

प्रश्न 5. ‘आत्मत्राण’ कविता की पंक्ति ‘तव मुख पहचानूँ छिन:छिन में’ का भाव अपने शब्दों में स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: 
‘आत्मत्राण’ कविता की पंक्ति में यह भाव है कि मैं अपना सिर झुकाकर सुख के दिन में सुख को पहचान कर समय को बिताते हुए दुःख और सुख के महत्त्व को समझूँ उसके लिए प्रभु आप मुझे धैर्य गुण प्रदान करना।

प्रश्न 6. ‘आत्मत्राण’ कविता में कवि अंत में क्या अनुनय/प्रार्थना करता है?
उत्तर:
अंत में कवि यह अनुनय करता है कि मैं सिर झुकाकर सुख और दुःख दोनों प्रकार के दिन पहचानते हुए अपना समय व्यतीत कर सकूँ। दुःखों का सामना पृथ्वी पर रात्रि के व्यतीत होने की तरह प्रतीक्षा करके कर सकूँ।

प्रश्न 7. ‘आत्मत्राण’ शीर्षक की सार्थकता कविता के संदर्भ में स्पष्ट कीजिए।
अथवा
‘आत्मत्राण’ शीर्षक की सार्थकता सिद्ध कीजिए।
उत्तर:
आत्मत्राण का अर्थ है-स्वयं अपनी सुरक्षा करना। इस कविता में कवि ईश्वर से सहायता नहीं माँगता। वह ईश्वर को हर दुःख से बचाने के लिए नहीं पुकारता। वह स्वयं अपने दुःख से बचने और उसके योग्य बनना चाहता है। इसके लिए वह केवल स्वयं को समर्थ बनाना चाहता है। इसलिए यह शीर्षक विषय वस्तु के अनुरूप बिलकुल सही और सटीक है।

प्रश्न 8. ‘आत्मत्राण’ कविता से आपको क्या प्रेरणा मिलती है ?
उत्तर:
यह कविता हमें प्रेरणा देती है कि हम भी संसार के दुःखों से न भागकर उन्हें निडर होकर सहन करें, उन पर विजय पाएँ और आस्थावान बने रहें हम परमात्मा से दुःख सहन करने की शक्ति माँगेंगे। हम सुख में भी परमात्मा को याद करना तथा उनके प्रति कृतज्ञता प्रकट करना न भूलें।

प्रश्न 9. ‘आत्मत्राण’ कविता का मुख्य संदेश क्या है ?
उत्तर:
(1) हम-आत्मनिर्भर बनकर जीवन जिएँ।
(2) हम-अपने मन की शक्ति को पहचानकर विषम परिस्थितियों का सामना करें।
(3) हम-सुख-दुःख दोनों ही अवस्थाओं में एकसमान रहकर भगवान को याद करें।

प्रश्न 10. क्या कवि की यह प्रार्थना आपको अन्य प्रार्थना गीतों से अलग लगती है ? यदि हाँ, तो कैसे ?
अथवा
‘आत्मत्राण’ कविता की प्रार्थना अन्य प्रार्थना गीतों से भिन्न है, कैसे? सिद्ध कीजिए।
उत्तर: कवि की यह प्रार्थना अन्य अनेक प्रार्थनाओं से भिन्न है। अधिकांश प्रार्थनाओं में कष्ट हरने, इच्छा पूर्ति करने की याचना व ईश्वर आश्रय का अनुग्रह होता है। इसमें परमात्मा से आत्मविश्वास, मनोबल दृढ़ करने की कामना व कर्मठता, स्वावलम्बन की याचना की गई है।

प्रश्न 11. अपनी इच्छाओं की पूर्ति के लिए आप प्रार्थना के अतिरिक्त और क्या-क्या प्रयास करते हैं ? लिखिए।
उत्तर:
अपनी इच्छाओं की पूर्ति के लिए हम प्रार्थना के अतिरिक्त निम्न प्रयास करते हैं-
(1) अपने अभिभावकों से र्पूिर्त के लिए आग्रह करते हैं।
(2) स्वयं के परिश्रम एवं श्रम द्वारा इच्छाओं की पूर्ति करते हैं।
(3) जो इच्छाएँ सरलता से पूर्ण हो सकती हैं उनके लिए कोशिश करते हैं।

The document Short Question Answer: आत्मत्राण | Hindi Class 10 (Sparsh and Sanchayan) is a part of the Class 10 Course Hindi Class 10 (Sparsh and Sanchayan).
All you need of Class 10 at this link: Class 10
16 videos|201 docs|45 tests

Top Courses for Class 10

FAQs on Short Question Answer: आत्मत्राण - Hindi Class 10 (Sparsh and Sanchayan)

1. आत्मत्राण कक्षा 10 में क्या पढाया जाता है?
उत्तर: आत्मत्राण कक्षा 10 में छात्रों को बहुत सारे विषय पढ़ाए जाते हैं, जैसे कि गणित, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, हिंदी, अंग्रेजी आदि। इन विषयों को पढ़ने के लिए विद्यार्थी को बहुत अध्ययन करना पड़ता है ताकि वे अच्छे अंक प्राप्त कर सकें।
2. आत्मत्राण कक्षा 10 की परीक्षा कब होती है?
उत्तर: आत्मत्राण कक्षा 10 की परीक्षा वर्षभर में आयोजित की जाती है। इसका आयोजन अक्टूबर और नवंबर के बीच होता है और परीक्षा दिसंबर में होती है।
3. आत्मत्राण कक्षा 10 में कितने विषय होते हैं?
उत्तर: आत्मत्राण कक्षा 10 में आमतौर पर पांच विषय पढ़ाए जाते हैं। ये विषय हैं: गणित, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, हिंदी, और अंग्रेजी। इन विषयों का अच्छे ढंग से अध्ययन करना छात्रों के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है।
4. आत्मत्राण कक्षा 10 में परीक्षा की तैयारी कैसे करें?
उत्तर: आत्मत्राण कक्षा 10 में परीक्षा की तैयारी करने के लिए छात्रों को पहले से ही अच्छे स्टडी प्लान और टाइम टेबल बनाना चाहिए। उन्हें दिनचर्या का ध्यान रखना चाहिए, संगठित रहना चाहिए और अवकाश के दौरान भी अध्ययन करना चाहिए। इसके अलावा, उन्हें पुराने पेपर्स का अभ्यास करना चाहिए और अवधि के दौरान अपने शिक्षकों की मार्गदर्शन का प्राप्त करना चाहिए।
5. आत्मत्राण कक्षा 10 की परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करने के लिए टिप्स क्या हैं?
उत्तर: आत्मत्राण कक्षा 10 की परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करने के लिए कुछ टिप्स हैं। छात्रों को अपने सभी विषयों का अच्छे से अध्ययन करना चाहिए, पुराने पेपर्स का अभ्यास करना चाहिए, नोट्स बनाने चाहिए, छोटे छोटे टाइम स्लॉट्स में पढ़ाई करनी चाहिए, और परीक्षा के दिन सुबह ताजगी बनाए रखना चाहिए। इन टिप्स के माध्यम से छात्र अच्छे अंक प्राप्त कर सकते हैं।
16 videos|201 docs|45 tests
Download as PDF
Explore Courses for Class 10 exam

Top Courses for Class 10

Signup for Free!
Signup to see your scores go up within 7 days! Learn & Practice with 1000+ FREE Notes, Videos & Tests.
10M+ students study on EduRev
Related Searches

Free

,

study material

,

Summary

,

Sample Paper

,

mock tests for examination

,

Previous Year Questions with Solutions

,

Semester Notes

,

practice quizzes

,

Short Question Answer: आत्मत्राण | Hindi Class 10 (Sparsh and Sanchayan)

,

Important questions

,

Short Question Answer: आत्मत्राण | Hindi Class 10 (Sparsh and Sanchayan)

,

shortcuts and tricks

,

Extra Questions

,

Short Question Answer: आत्मत्राण | Hindi Class 10 (Sparsh and Sanchayan)

,

ppt

,

MCQs

,

Viva Questions

,

past year papers

,

pdf

,

Exam

,

Objective type Questions

,

video lectures

;