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Short Questions Answers(Part - 2) - पद | Hindi Class 10 (Kritika and Kshitij) PDF Download

लघु-उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1. सूरदास द्वारा रचित तथा आपके द्वारा पठित पदों की भाषा तथा प्रमुख रचना के नाम लिखकर उनकी एक-एक विशेषता बताइए। 
उत्तर: ब्रजभाषा, सूरसागर, भाषा मधुर तथा कोमल भावों की सृजिका तथा सूरसागर वात्सल्य तथा शृंगार का अनूठा काव्य
व्याख्यात्मक हल:
सूरदास ने ब्रजभाषा में पदों की रचना की। उनकी रचनाएँ सूरसागर, सूरसारावली व साहित्य लहरी हैं जिनमें सूरसागर सबसे प्रमुख है। सूरसागर में सूरदास जी ने कृष्ण व गोपियों के प्रेम की सहज मानवीय प्रेम के रूप में प्रतिष्ठा स्थापित की है।

प्रश्न 2. आपके द्वारा पठित सूरदास के पदों में किस रस की प्रधानता है? इसमें कौन-कौन प्रमुख पात्र हैं?
उत्तर:
सूरदास के पदों में शृंगार और वात्सल्य रस की प्रधानता है। इनमें कृष्ण, गोपियाँ तथा माता यशोदा आदि प्रमुख पात्र हैं।

प्रश्न 3. गोपियों के अनुसार प्रीति की नदी में किसने पैर नहीं रखा है और उन्हें उसकी दृष्टि में क्या अभाव दिखाई दे रहा है?
उत्तर:
उद्भव ने, रूप तथा प्रेम के रहस्य से अनभिज्ञ तथा अनजान हैं।
व्याख्यात्मक हल:
गोपियों के अनुसार योग का संदेश देने वाले उद्धव ने प्रेम की नदी में पैर नहीं रखा है। उद्धव कृष्ण के अति निकट रहते हुए भी उनके प्रेम व सौन्दर्य पर मुग्ध नहीं हुए। उद्धव प्रेम के महत्व से अनजान हैं।

प्रश्न 4. उद्धव के व्यवहार की तुलना किस-किससे की गई है?
उत्तर:
जल के भीतर भी जल से अप्रभावित रहने वाले कमल के पत्ते से।
व्याख्यात्मक हल:
उद्धव के व्यवहार की तुलना पानी के ऊपर तैरते हुए कमल के पत्ते और पानी में डूबी हुई तेल की गागर से की गयी है।

प्रश्न 5. सूरदास की गोपियाँ स्वयं को ‘भोली’ क्यों कहती हैं ?
उत्तर:
कृष्ण से एकनिष्ठ प्रेम करने वाली गोपियाँ जब उनके हाथों छली जाती हैं तब उन्हें अहसास होता है कि अपने भोलेपन के कारण वे कृष्ण को समझ नहीं पाईं। भोलेपन में कृष्ण के प्रति ऐसे समर्पित हुईं जैसे गुड़ के साथ चींटी। कृष्ण ने प्रेम का उत्तर नहीं दिया बल्कि कटु संदेश भिजवाया।

प्रश्न 6. गोपियों द्वारा उद्धव को भाग्यवान (बड़भागी) कहने के पीछे क्या व्यंग्य निहित है ?
उत्तर:
उद्धव कृष्ण के निकट रहते हुए भी उनके प्रेम से वंचित हैं, उन्हें कृष्ण में अनुराग उत्पन्न नहीं है इससे बड़ा दुर्भाग्य क्या होगा। प्रेम की पीड़ा न सहन करने के कारण वे भाग्यशाली हो सकते हैं।

प्रश्न 7. गोपियाँ उद्धव को भाग्यवान क्यों कहती हैं?
उत्तर:
गोपियाँ उद्धव को श्रीकृष्ण के निकट होने के कारण भाग्यवान कहती हैं। इसके साथ वे उद्धव पर भाग्यवान कहकर व्यंग्य भी करती हैं।

प्रश्न 8. ”चाहति हुतीं गुहारि जितहिं तैं, उत तैं धार बही“ पंक्ति का भाव सूरदास के पद के आधार पर प्रसंग सहित स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: 
गोपियाँ श्रीकृष्ण से ही अपने प्रेम के प्रतिकार रूप ब्रज अपने की गुहार (टेर) लगा रही थीं, उधर से योग धारा बह गई जो अनर्थ हैं। उनके साथ न्याय नहीं हुआ।

प्रश्न 9. अब इन ”जोग सँदेसनि सुनि सुनि बिरहिनि बिरह दही।“ पंक्ति का भाव स्पष्ट करते हुए बताइए कि बिरहिनि कौन है जो विरह में दग्ध हो रही हैं?
उत्तर: भाव यह है कि अब इन योग के संदेशों को पाकर तथा सुनकर विरहिणी गोपियाँ विरह में तप्त हो रही हैं। यहाँ विरहिणी गोपियाँ हैं जो कृष्ण की याद में विरहिणी होकर जल रही हैं।

प्रश्न 10. ‘मरजादा न लही’ के माध्यम से कौन-सी मर्यादा न रहने की बात की जा रही है?
उत्तर: 
कृष्ण के प्रति प्रेम के कारण गोपियों को विश्वास था कि कृष्ण भी उनके प्रति उसी प्रेम का व्यवहार करेंगे किंतु कृष्ण ने प्रेम-संदेश के स्थान पर योग-संदेश भेजकर प्रेम की मर्यादा को नहीं रखा।

प्रश्न 11. उद्धव द्वारा दिए गए योग के संदेश ने गोपियों की विरहाग्नि में घी का काम कैसे किया ?
उत्तर:
गोपियाँ कृष्ण के वियोग की पीड़ा में जल रही थीं, लौट आने की आशा थी, किन्तु कृष्ण ने स्वयं न आकर उद्धव के हाथों योग संदेश भेजा जिससे उनके वियोग की पीड़ा बढ़ गई।

प्रश्न 12. गोपियाँ उद्धव की बातों से निराश क्यों हो उठीं?
उत्तर:
गोपियाँ उद्धव से श्रीकृष्ण के प्रेम का सकारात्मक उत्तर सुनने को विचलित हो रही थीं, किन्तु उद्धव ने ज्ञान और योग का संदेश देना आरम्भ कर दिया, जिसे सुनकर वे निराश हो उठीं।
प्रश्न 13. गोपियाँ योग का संदेश किसे देने को कहती हैं और क्यों? उनके मन में कौन रमा हुआ है? ‘पद’ के
आधार पर लिखिए।
अथवा
गोपियों ने उद्धव से योग की शिक्षा कैसे लोगों को देने की बात कही है?
उत्तर:
  जिनके मन आज किसी को भजते हैं और कल किसी और की बात सोचते हैं अर्थात् चलायमान चरित्र हैं। गोपियों को तो श्रीकृष्ण को ही मजबूती से पकड़ रखा है, रात-दिन उन्हीं को भजती हैं।

प्रश्न 14. ‘सुनत जोग लागत है ऐसौ, ज्यों करुई ककरी’ पंक्ति में गोपियों के कैसे मनोभाव दर्शाए गए हैं?
अथवा
गोपियों ने योग की शिक्षा को किस-किस के समान बताया है और क्यों?
उत्तर:
गोपियाँ योग के प्रति उपेक्षित रवैया अपनाती हैं। उन्हें योग कड़वी ककड़ी जैसा प्रतीत होता है। कृष्ण प्रेम की मिठास के समक्ष योग में उन्हें कड़वाहट नजर आती है।

प्रश्न 15. गोपियों ने कृष्ण के प्रति अपने प्रेमभाव की गहनता को किस प्रकार प्रकट किया है? सूरदास-रचित पदों के आधार पर स्पष्ट कीजिए।
अथवा
कृष्ण के प्रति अपने अनन्य प्रेम को गोपियों ने किस प्रकार अभिव्यक्त किया है?
उत्तर
: (क) कृष्ण के प्रेम में ऐसी अनुरक्त हैं जैसे गुड़ में चींटी।
(ख) अपने आपको हारिल पक्षी के समान कहना जिसने कृष्ण रूपी लकड़ी को मज़बूती से पकड़ रखा है।
(ग) मन, क्रम, वचन से कृष्ण को मन में धारण करना।
(घ) दिन-रात, उठते-बैठते, सोते-जागते श्रीकृष्ण का नाम रटना।
(ङ) योग-संदेश को सुनकर व्याकुल हो जाना।

प्रश्न 16. गोपियों का योग-साधना के प्रति दृष्टिकोण कैसा है?
अथवा
सूरदास के पदों के आधार पर गोपियों का योग-साधना के प्रति दृष्टिकोण स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
गोपियों के अनुसार योग-साधना एक कड़वी ककड़ी के समान व एक ऐसी व्याधि के समान माना है जिसे पहले कभी न देखा, न सुना और न भोगा है। वे उसे निरर्थक एवं अरुचिकर मानती हैं।

प्रश्न 17. कृष्ण को ‘हारिल की लकड़ी’ कहने से गोपियों का क्या आशय है?
उत्तर: 
गोपियों ने कृष्ण को हारिल की लकड़ी कहकर प्रेम की दृढ़ता एवं एकनिष्ठा को प्रकट किया है। हारिल पक्षी सदैव अपने पंजे में कोई लकड़ी या तिनका पकड़े रहता है, किसी भी दशा में नहीं छोड़ता। इसी प्रकार गोपियों ने भी कृष्ण के प्रेम को अपने हृदय में दृढ़तापूर्वक बसाया हुआ है, जो किसी भी प्रकार निकल नहीं सकता।

प्रश्न 18. ‘जागत सोवत स्वप्न दिवस-निसि, कान्ह-कान्ह जकरी’। इस पंक्ति द्वारा गोपियों की किस मनः स्थिति का वर्णन किया गया है ?
उत्तर:
गोपियों द्वारा कृष्ण को दिन-रात याद करना।
कृष्ण के अतिरिक्त और कोई बात अच्छी न लगना।

प्रश्न 19. गोपियों ने ‘व्याधि’ और ‘करुई ककरी’ जैसे शब्दों का प्रयोग किसके लिए और क्यों किया?
उत्तर: 
योग-साधना के लिए प्रयोग किया गया है, क्योंकि वे योग-साधना को निरर्थक, नीरस एवं अनुपयोगी मानती हैं जिसमें निरत व्यक्ति प्रेम-आनंद से वंचित रहता है और यह चंचल मन वाले के लिए होता है।

प्रश्न 20. गोपियों का मन किसने चलते समय चुरा लिया था? अब वे क्या चाहती हैं?
उत्तर: 
गोपियों का मन श्रीकृष्ण ने ब्रज से चलते समय चुरा लिया था। उनका मन उनके वश में नहीं रहा, अब वे उसे फिर से प्राप्त करना चाहती हैं।

प्रश्न 21. गोपियाँ किसकी प्रतीक हैं? श्रीकृष्ण के प्रति उनका प्रेम-भाव क्या सिद्ध करता है?
उत्तर: 
गोपियाँ ‘जीवात्मा’ का प्रतीक हैं। कृष्ण के प्रति उनका प्रेम-भाव परमात्मा के प्रति जीवात्मा का प्रेम है। आत्मा-परमात्मा का ही अंश है। उससे बिछुड़कर रहना आत्मा के लिए कठिन है।

प्रश्न 22. दूसरों को नीति की सीख देने वाले कृष्ण स्वयं अनीति का आचरण करने लगे। गोपियों ने ऐसा क्यों कहा है?
उत्तर:
ऐसा इसलिए कहा है क्योंकि वे श्रीकृष्ण स्वयं आदर्श और प्रेम की मूरत हैं और वे उद्धव के हाथ प्रेम के बदले योग का संदेश भेजते हैं जो नीति नहीं अनीति है।

प्रश्न 23. गोपियों को कृष्ण में ऐसे कौन-से परिवर्तन दिखाई दिए, जिनके कारण वे अपना मन वापस पा लेने की बात कहती हैं ?
उत्तर: 
मथुरा जाने से सोच में परिवर्तन।
प्रेम की उपेक्षा, योग से प्रभावित होना।
कुशल राजनीतिज्ञ होकर छल-प्रपंच का सहारा लेना।
नीति की अपेक्षा, अनीति का सहारा लेना।

प्रश्न 24. गोपियों के अनुसार एक अच्छे राजा का धर्म क्या होना चाहिए ?
उत्तर:
राजा का धर्म है कि प्रजा का अहित न करे और न किसी को करने दे। प्रजा की भलाई हेतु सदैव प्रयत्नशील रहे।

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FAQs on Short Questions Answers(Part - 2) - पद - Hindi Class 10 (Kritika and Kshitij)

1. What is the significance of the poem "Pad" in the Class 10 exam?
Ans. "Pad" is a Hindi poem that is included in the Class 10 Hindi exam syllabus. It holds a significant weightage of 15 marks in the exam. Students are required to read and analyze the poem to answer the questions asked in the exam.
2. What is the central theme of the poem "Pad"?
Ans. The central theme of the poem "Pad" is the power of education and its ability to transform human lives. The poem highlights the struggles and hardships faced by a poor boy in his pursuit of education and ultimately achieving success in life. It emphasizes the importance of education and encourages students to pursue their dreams.
3. How can students prepare for the "Pad" poem for the Class 10 exam?
Ans. To prepare for the "Pad" poem for the Class 10 exam, students should read and understand the poem thoroughly. They should pay attention to the language, tone, and literary devices used in the poem. Students should also practice answering different types of questions based on the poem to improve their comprehension and analysis skills.
4. What are the literary devices used in the "Pad" poem?
Ans. The "Pad" poem uses various literary devices, including metaphors, similes, personification, and alliteration. For example, the line "Sapne kho gaye, khwaab kho gaye" is a metaphorical representation of the protagonist's loss of dreams. The line "Chaand ki roshani jaisi" is a simile that compares the protagonist's intelligence to the brightness of the moon.
5. What is the message conveyed by the "Pad" poem to the society?
Ans. The "Pad" poem conveys a powerful message to the society about the importance of education, especially for those who come from humble backgrounds. It highlights the struggles and hardships faced by a poor boy in his pursuit of education and emphasizes the need to provide equal educational opportunities to all. The poem encourages society to support and uplift those who aspire to achieve success through education.
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