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Short Questions: हम पंछी उन्मुक्त गगन के | Hindi (Vasant II) Class 7 PDF Download

'हम पंछी उन्मुक्त गगन के' कविता आज़ादी चाहने वाले पक्षियों पर आधारित है। कवि पक्षियों के माध्यम से मनुष्य को आज़ादी का मूल्य बताना चाहता है। 

Short Questions: हम पंछी उन्मुक्त गगन के | Hindi (Vasant II) Class 7


हम पंछी उन्मुक्त गगन के: प्रश्न उत्तर 

प्रश्न.1. हम पंछी उन्मुक्त गगन के पाठ के रचयिता कौन हैं?
उत्तर:  हम पंछी उन्मुक्त गगन के पाठ के रचयिता शिवमंगल सिंह 'सुमन' हैं।

शिवमंगल सिंह `सुमन`शिवमंगल सिंह 'सुमन'
प्रश्न.2. पंछी अपना मधुर गीत कब नहीं ा पाएँगें?
उत्तर: पंछी अपना मधुर गीत पिंजरे में बंद होकर नहीं ग पाएँगें।

प्रश्न.3. पंछी कहाँ का जल पीना पसंद करते हैं?
उत्तर: पंछी नदी और झरनों का बहता जल पीना पसंद करते हैं।

प्रश्न.4. पंछियों के लिए पिंजरे में रखे मैदा से बेहतर क्या है?
उत्तर: पंछियों के लिए पिंजरे में रखे मैदा से बेहतर नीम का फल है।

प्रश्न.5. पंछियों के अरमान क्या थे?
उत्तर: पंछियों के अरमान है कि वे नीले आसमान में दूर-दूर तक उड़ते हुए आकाश की सीमा तक पहुँच जाएँ। इस कोशिश में क्षितिज से मुकाबला करते हुए उसका अंतिम छोर ढूंढ़ निकालें या अपने प्राण त्याग दें।

प्रश्न.6. पंछी कैसा जीवन चाहते हैं?
उत्तर: पंछी एक स्वतंत्र जीवन चाहते हैं।

प्रश्न.7. पंछी क्या खाते पीते हैं?
उत्तर: पंछी बहता हुआ जल पीते हैं और पेड़ पे लगे हुए फल खाते हैं।

प्रश्न.8. पिंजरे में पंख फ़ैलाने पर पंछियों की क्या दशा होगी?
उत्तर: पिंजरे में पंख फ़ैलाने पर पंछियों के पंख पिंजरे के सलाखों से टकराकर टूट जायेंगें।

प्रश्न.9. पिंजरे में पंछी क्या-क्या नहीं कर सकते?
उत्तर: पिंजरे में पक्षी खुले आसमान में उड़ान नहीं भर सकते, नदी-झरनों का बहता जल नहीं पी सकते, कड़वी निबौरियाँ नहीं खा सकते, फुदक नहीं सकते, अपने पंख नहीं फैला सकते, अनार के दानों रूपी तारों को चुग नहीं सकते। इसके अतिरिक्त पिंजरे में पक्षियों को वह वातावरण नहीं मिलता, जिसमें रहने के वे आदी हैं।

प्रश्न.10. कविता में पंछी क्या याचना कर रहें हैं?
उत्तर: कविता में पंछी याचना कर रहे हैं कि चाहे उनके घोंसलें तोड़ दें या चाहे उनके टहनी के आश्रय छिन्न भिन्न कर दें पर जब उन्हें पंख दिए हैं तो उनके उड़ान में विघ्न न डालें।


Short Questions: हम पंछी उन्मुक्त गगन के | Hindi (Vasant II) Class 7


प्रश्न.11. इस कविता के माध्यम से पंछी क्या संदेश देना चाहते हैं?
उत्तर: कवि ने इस कविता के माध्यम से संदेश देना चाहा है कि पराधीन सपनेहुँ सुख नाहीं। यानी स्वतंत्रता सबसे अच्छी है। स्वतंत्र रहकर ही अपने सपने और अरमान पूरे किए जा सकते हैं। पराधीनता में सारी इच्छाएँ खत्म हो जाती हैं। पराधीन रहने से हमें अपनी मूलभूत आवश्यकताओं के लिए भी दूसँरों पर निर्भर हो जाना पड़ता है। अतः कवि ने इस कविता के माध्यम से स्वतंत्रता के महत्त्व को दर्शाया है। अतः हमें पक्षियों को बंदी बनाकर नहीं रखना चाहिए। उन्हें आजाद कर आसमान में उड़ान भरने देना चाहिए।

प्रश्न.12. हर तरह की सुख सुवधाएं पाकर भी पक्षी पिंजरे में बंद क्यों नहीं रहना चाहते?
उत्तर: पंछी स्वतंत्र रहकर आकाश में उड़ना चाहता है। वह नीला आसमान की सीमा को नापना चाहता है। अपनी सूरज जैसी लाल चोंच से अनार के दाने अर्थात तारों को चुगना चाहता है। वह स्वतंत्र रहकर नदियों झरनों को जल पिएगा। आकाश की अंतहीन सीमा को मापेगा और वृक्षों की डालियों पर बैठकर झुला करेगा।

प्रश्न.13. पक्षी उन्मुक्त रहकर अपनी कौन - कौन सी इच्छाएँ पूरी करना चाहते थे?
उत्तर: पक्षी उन्मुक्त रहकर बहता हुआ शीतल जल, कड़वे निबौरी के फल खाना, पेड़ की सबसे ऊंची टहनी पर झुलना, खुले आसमान में उड़ना, क्षितिज के अंत तक उड़ने की इच्छाएँ पूरी करना चाहते थे ।

प्रश्न.14. भाव स्पष्ट कीजिए -
"या तो क्षितिज मिलन बन जाता / या तनती साँसो की डोरी।"
उत्तर: पंछी आकाश की अंतहीन सीमा तक पहुंचना चाहते हैं।उनका प्रण है कि आकाश की सीमा तक पहुँच जायेंगे। या तो वे अंतहीन आकाश की ऊंचाईयों को माप लेंगे या अपने प्राण त्याग देंगे। पंछी आकाश से प्रतिस्पर्धा करना चाहते हैं।  

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FAQs on Short Questions: हम पंछी उन्मुक्त गगन के - Hindi (Vasant II) Class 7

1. What is the poem "Hum Panchi Unmukt Gagan Ke" about?
Ans. The poem "Hum Panchi Unmukt Gagan Ke" is about the freedom of birds in the limitless sky and how they inspire us to break free from our own limitations and soar high.
2. Who is the author of the poem "Hum Panchi Unmukt Gagan Ke"?
Ans. The author of the poem "Hum Panchi Unmukt Gagan Ke" is Sumitranandan Pant, one of the most famous poets of modern Hindi literature.
3. What is the central theme of the poem "Hum Panchi Unmukt Gagan Ke"?
Ans. The central theme of the poem "Hum Panchi Unmukt Gagan Ke" is the idea of freedom and the sense of liberation that comes with it. The poet uses the metaphor of birds flying in the sky to represent the human desire for freedom.
4. What is the meaning of the phrase "Unmukt Gagan" used in the poem?
Ans. The phrase "Unmukt Gagan" in the poem means "limitless sky" or "unbounded sky". The poet uses this phrase to convey the idea of infinite possibilities and freedom.
5. What is the message of the poem "Hum Panchi Unmukt Gagan Ke"?
Ans. The message of the poem "Hum Panchi Unmukt Gagan Ke" is that we should strive for freedom and break free from our limitations. The poem encourages us to follow our dreams and aspirations, just like the birds who soar high in the sky without any restrictions.
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