Table of contents |
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कविता का परिचय |
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कविता का सारांश |
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कविता की व्याख्या |
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कविता से शिक्षा |
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शब्दार्थ |
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यह कविता "दादा-दादी" है, जिसे कवि श्रीप्रसाद ने लिखा है। इस कविता में एक बच्चे ने अपनी दादी और दादाजी के बारे में बहुत प्यारी बातें लिखी हैं। यह कविता बच्चों के लिए सरल और आसान है, जिसमें दादा-दादी के साथ बिताए गए अच्छे पलों को बताया गया है।
इस कविता में कवि ने अपने दादा-दादी के बारे में बताया है। दादाजी और दादी दोनों खादी पहनते हैं, जो एक पारंपरिक कपड़ा है। दादी गाना गाती हैं और दादाजी हंसते-हंसते मज़ेदार बातें करते हैं। कभी-कभी दादाजी भी गाना गाते हैं। इस कविता में दादा-दादी के साथ बिताए गए खुशहाल और प्यारे समय को व्यक्त किया गया है।
(1)
एक हमारे दादाजी हैं,
एक हमारी दादी।
दोनों ही पहना करते हैं,
बिल्कुल भूरी खादी।
व्याख्या: इन पंक्तियों में बच्चे बताते हैं कि उनके दादा-दादी को भूरी खादी के वस्त्र पहनना अच्छा लगता है।
(2)
दादी गाना गाया करतीं,
दादाजी मुस्काते।
कभी-कभी दादाजी भी,
कोई गाना गाते।
व्याख्या: इन पंक्तियों में बच्चे बताते हैं कि दादी जब कोई गीत गाती हैं तो दादा जी मुस्काते हैं। कभी-कभी दादा जी गाना गाते हैं।
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Summary: दादा-दादी
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यह कविता हमें यह सिखाती है कि दादा-दादी हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होते हैं। उनका प्यार, आशीर्वाद और साथ हमें हमेशा चाहिए।
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1. दादा-दादी का कक्षा 1 में क्या मतलब है? | ![]() |
2. दादा-दादी के कक्षा 1 छात्रों के लिए प्राथमिक शिक्षा की क्या महत्वता है? | ![]() |
3. दादा-दादी कक्षा 1 में कौन-कौन से विषय पढ़ाएगा? | ![]() |
4. दादा-दादी कक्षा 1 में शिक्षकों का योगदान क्या हो सकता है? | ![]() |
5. दादा-दादी कक्षा 1 में बच्चों के लिए प्रश्नोत्तरी क्यों महत्वपूर्ण है? | ![]() |