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The Hindi Editorial Analysis - 1st July 2022 | Current Affairs (Hindi): Daily, Weekly & Monthly - UPSC PDF Download

5G प्रौद्योगिकी और ऑप्टिकल फाइबर

संदर्भ

5G प्रौद्योगिकी बहुत जल्द ही भारत में अपनी पैठ बनाने जा रही है। भारत के शीर्ष स्मार्टफोन निर्माताओं ने इसके स्वागत में 5G क्षमता-युक्त फोन भी जारी कर दिये हैं। 117 करोड़ से अधिक दूरसंचार उपयोगकर्त्ताओं और 82 करोड़ से अधिक इंटरनेट ग्राहकों के साथ, भारत डिजिटल उपभोक्ताओं के लिये सबसे तेज़ी से विकास करते बाज़ारों में से एक है।

  • भौतिक और पारंपरिक अवसंरचनाओं के साथ समेकित रूप से एकीकृत डिजिटल अवसंरचना भारत की विकास गाथा और आत्मनिर्भरता की ओर देश की तेज़ बढ़त के लिये महत्त्वपूर्ण है।
  • ‘डिजिटल इंडिया’ परियोजना को समावेशी बनाने के लिये इंटरनेट कनेक्टिविटी महत्त्वपूर्ण है। इसके साथ ही, देश के दूरस्थ हिस्सों तक में ऑप्टिकल फाइबर का व्यापक उपयोग यह सुनिश्चित करने के लिये महत्त्वपूर्ण है कि कोई भी इस प्रयास में पीछे न छूट जाए।
  • इस संदर्भ में 5G और ऑप्टिकल फाइबर की बुनियादी बातों से अवगत होना हमारे लिये प्रासंगिक होगा।

5G प्रौद्योगिकी से हमारा क्या तात्पर्य है?

  • 5G नेटवर्क 5वीं पीढ़ी का मोबाइल नेटवर्क है। यह 1G, 2G, 3G और 4G नेटवर्क के बाद नवीनतम वैश्विक वायरलेस मानक है।
  • 5G नेटवर्क 3 बैंड (लो, मिड और हाई फ़्रीक्वेंसी स्पेक्ट्रम) में कार्य करता है, जिनमें से सभी के अपने अलग-अलग उपयोग और अपनी सीमाएँ हैं।
  • यह एक नए प्रकार के नेटवर्क को सक्षम बनाता है जिसे मशीनों, वस्तुओं और उपकरणों सहित लगभग सभी को और सब कुछ को एक साथ जोड़ने के लिये डिज़ाइन किया गया है।

WHO की 5G को लेकर क्‍या राय?

  • विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन के मुताबिक, अभी तक की रिसर्च में वायरलेस तकनीकों का सेहत पर कोई दुष्‍प्रभाव सामने नहीं आया है। 5G इन्‍फ्रास्‍ट्रक्‍चर से जो एक्‍सपोजर होता है, वह 3.5 गिगाहर्ट्ज़ के बराबर होता है। यह अभी के मोबाइल बेस स्‍टेशन के बराबर ही है। WHO की वेबसाइट के मुताबिक, चूंकि अभी यह तकनीक विकसित हो रही है, ऐसे में और रिसर्च होनी चाहिए।

5G का पर्यावरण पर कैसा असर?

  • यूनिवर्सिटी ऑफ वॉशिंगटन पर छपे एक लेख के मुताबिक, 5G से निश्चित तौर पर दुनियाभर में ऊर्जा का इस्‍तेमाल बढ़ेगा। लेख में कहा गया है कि जलवायु परिवर्तन के लिए उर्जा का बढ़ता इस्‍तेमाल भी एक प्रमुख वजह है। हालांकि यूनिवर्सिटी ऑफ ज्‍यूरिख की एक स्‍टडी कहती है कि साल 2030 तक 5G नेटवर्क्‍स के जरिए ग्रीनहाउस गैसों का उत्‍सर्जन 4G नेटवर्क्‍स से कम हो जाएगा।

5G से क्या लाभ है?

  • उन्नत मोबाइल ब्रॉडबैंड:
    • हमारे स्मार्टफोन को बेहतर बनाने के अलावा 5G मोबाइल प्रौद्योगिकी तेज़ गति, अधिक समरूप डेटा दर, निम्न लेटेंसी और निम्न प्रति बिट लागत के साथ वर्चुअल रियलिटी (VR) और ऑगमेंटेड रियलिटी (AR) जैसे नए इमर्सिव अनुभवों की शुरुआत कर सकती है।
  • हाई-स्पीड प्रौद्योगिकी:
    • 5G मोबाइल नेटवर्क पर डाउनलोडिंग और अपलोडिंग स्पीड को बढ़ा देगा।
    • 5G के हाई-बैंड स्पेक्ट्रम में इंटरनेट की गति परीक्षण स्तर पर 20 Gbps (गीगाबिट प्रति सेकंड) तक उच्च पाई गई।
    • इसकी तुलना में 4G की अधिकतम इंटरनेट डेटा गति 1 Gbps दर्ज की गई थी।

अर्थव्यवस्था को बढ़ावा: 

  • सरकार द्वारा नियुक्त पैनल (वर्ष 2018) की एक रिपोर्ट के अनुसार, 5G वर्ष 2035 तक भारत में 1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर का संचयी आर्थिक प्रभाव उत्पन्न कर सकता है।
  • यह मशीनों और विभिन्न क्षेत्रों के बीच कनेक्टिविटी बढ़ाकर भारत को व्यापक रूप से आर्थिक बढ़ावा देगा जो फिर दक्षता में वृद्धि करेगा।

मशीन-टू-मशीन इंटरेक्शन’: 

  • 5G मशीन-टू-मशीन संचार की सुविधा प्रदान करने वाली पहली प्रौद्योगिकी होगी, जो इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) की नींव है।
  • IoT, क्लाउड, बिग डेटा, AI और एज कंप्यूटिंग के साथ 5G चौथी औद्योगिक क्रांति का एक महत्त्वपूर्ण प्रवर्तक सिद्ध हो सकता है।
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ऑप्टिकल फाइबर किस प्रकार लाभ की मात्रा निर्धारित कर सकता है?

‘हाई स्पीड’:

  • फाइबर अधिक बैंडविड्थ प्रदान करता है और 10 Gbps और उससे अधिक तक मानकीकृत प्रदर्शन करता है। तांबे के उपयोग के साथ इसे प्राप्त कर सकना असंभव है।
  • अधिक बैंडविड्थ का मतलब है कि फाइबर तांबे के तार की तुलना में कहीं अधिक दक्षता के साथ अधिक सूचनाओं का वहन कर सकता है।

ट्रांसमिशन की रेंज:

  • चूँकि फाइबर-ऑप्टिक केबल्स में डेटा प्रकाश के रूप में गुज़रता है, ट्रांसमिशन के दौरान अत्यंत कम सिग्नल हानि होती है और डेटा उच्च गति से तथा अधिक दूरी तक स्थानांतरित हो सकता है।

व्यतिकरण के प्रति अतिसंवेदनशील नहीं:

  • फाइबर ऑप्टिक केबल कॉपर केबल की तुलना में शोर और विद्युत-चुंबकीय व्यतिकरण के प्रति कम संवेदनशील है।
  • यह वस्तुतः इतना कुशल है कि इसके माध्यम से लगभग7% सिग्नल राउटर तक पहुँच जाता है।

ऑप्टिकल फाइबर से हमारा क्या तात्पर्य है?

  • ऑप्टिकल फाइबर डिजिटल अवसंरचना की रीढ़ है; डेटा पतले फाइबर के लंबे स्ट्रैंड के माध्यम से यात्रा करने वाले प्रकाश-स्पंदों (Light Pulses) द्वारा प्रेषित होता है।
  • फाइबर कम्युनिकेशन में संचरण के लिये धातु के तारों को प्राथमिकता दी जाती है क्योंकि इसमें सिग्नल कम हानि के साथ यात्रा करते हैं।
  • ऑप्टिकल फाइबर पूर्ण आंतरिक परावर्तन (Total Internal Reflection- TIR) के सिद्धांत पर कार्य करता है।
  • प्रकाश किरणों का उपयोग बड़ी मात्रा में डेटा संचारित करने के लिये किया जा सकता है (बिना किसी मोड़ के लंबे सीधे तार के मामले में)।
  • यदि तार में मोड़ हो तो ऑप्टिकल केबलों को इस तरह से डिज़ाइन किया गया है कि वे सभी प्रकाश किरणों को अंदर की ओर मोड़ते हैं (TIR का उपयोग कर)।The Hindi Editorial Analysis - 1st July 2022 | Current Affairs (Hindi): Daily, Weekly & Monthly - UPSC
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डिजिटल समावेशन के संबंध में भारत ने क्या पहल की है?

भारतनेट (BharatNet):

  • यह ऑप्टिकल फाइबर का उपयोग करने वाला विश्व का सबसे बड़ा ग्रामीण ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी कार्यक्रम है औरभारत ब्रॉडबैंड नेटवर्क लिमिटेड (BBNL) द्वारा कार्यान्वित एक प्रमुख मिशन है।
  • यह राज्यों और निजी क्षेत्र की साझेदारी मेंडिजिटल इंडिया के विज़न को साकार करने हेतु एक उच्च मापनीय नेटवर्क अवसंरचना है जिसे गैर-भेदभावपूर्ण आधार पर सभी घरों के लिये 2Mbps से 20Mbps तथा सभी संस्थानों को उनकी मांग क्षमता के अनुसार सस्ती ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिये एक्सेस किया जा सकता है।

अन्य पहल:

  • ग्रामनेट (GramNet)
  • जन वाईफाई (JanWiFi)
  • फाइबर फर्स्ट पहल (Fibre First Initiative)

आगे की राह

एंटी-डंपिंग शुल्क:

  • भारत को चीन, इंडोनेशिया आदि देशों से सस्ते फाइबर उत्पादों के आयात पर एंटी-डंपिंग शुल्क अधिरोपित करना चाहिये।

उत्पादन-संबद्ध प्रोत्साहन (PLI):

  • ऑप्टिकल फाइबर के घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिये सरकार को एक PLI योजना शुरू करने पर विचार करना चाहिये, जो घरेलू इकाइयों में निर्मित ऑप्टिकल फाइबर से बिक्री में वृद्धि पर कंपनियों को प्रोत्साहन देने पर लक्षित हो।

ग्रामीण-शहरी अंतराल को दूर करना:

  • 5G को अलग-अलग बैंड स्पेक्ट्रम पर तैनात किया जा सकता है और निम्न बैंड स्पेक्ट्रम पर रेंज काफी लंबी होती है जो ग्रामीण क्षेत्रों के लिये मददगार होती है।

सरकार की ओर से सहायता: 

  • इनपुट पर सरकार का पूरा नियंत्रण है। 5G के प्रमुख इनपुट में से एक बैंड स्पेक्ट्रम है।
  • स्पेक्ट्रम के डिज़ाइन का प्रबंधन कर सरकार लोगों द्वारा भुगतान किये जाने वाले मूल्य को नियंत्रित कर सकती है।
  • सरकार को दूरसंचार कंपनियों को ऐसे नेटवर्क शुरू करने में सहायता करनी चाहिये जो लोगों के लिये वहनीय और संवहनीय हो
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