प्रश्न 1: टोपी शुक्ला कहानी का लेखक कौन है ?
(क) गुरदयाल सिंह
(ख) खुशवंत सिंह
(ग) राही मासूम रज़ा
(घ) कोई नहीं
उत्तर: (ग)
प्रश्न 2: टोपी को बचपन में कहाँ से प्यार मिलता था ?
(क) अपने मित्र की दादी माँ से
(ख) अपने परिवार की नौकरानी से
(ग) दोनों से
(घ) कोई नहीं
उत्तर: (ग)
प्रश्न 3: टोपी का पहला मित्र कौन था ?
(क) इफ़्फ़न
(ख) उसकी माता जी
(ग) उनकी नौकरानी
(घ) कोई नहीं
उत्तर: (क)
प्रश्न 4: किसके पास रहते हुए टोपी स्वयं को कभी अकेला नहीं समझता था ?
(क) नौकरानी के पास
(ख) इफ़्फ़न के पास
(ग) किसी के पास नहीं
(घ) कोई नहीं
उत्तर: (ख)
प्रश्न 5: टोपी कौन सी कक्षा में दो बार फेल हुआ ?
(क) आठवीं
(ख) दसवीं
(ग) नौवीं कक्षा में
(घ) कोई नहीं
उत्तर: (ग)
प्रश्न 6: टोपी की किस बात से घर में बवाल खड़ा हो गया था ?
(क) नौवीं कक्षा में फेल होने से
(ख) माता जी को अम्मी बुलाने से
(ग) किसी बात से नहीं
(घ) दोस्तों के साथ खेलने से
उत्तर: (ख)
प्रश्न 7: इफ़्फ़न की दादी अपने पीहर क्यों जाना चाहती थी ?
(क) खुली हवा में सांस लेने के लिए
(ख) दूध दही और घी खाने के लिए
(ग) दोनों
(घ) कोई नहीं
उत्तर: (ग)
प्रश्न 8: टोपी शुक्ला पाठ का मुख्य पात्र कौन है ?
(क) टोपी
(ख) इफ़्फ़न
(ग) इफ़्फ़न की दादी
(घ) नौकरानी
उत्तर: (क)
प्रश्न 9: टोपी शुक्ला पाठ का मूल भाव क्या है ?
(क) बचपन की मासूमियत और प्रेम भाव में अपनापन दर्शाना
(ख) बचपन की लड़ाईया दिखाना
(ग) कोई नहीं
(घ) प्रेमभाव
उत्तर: (क)
प्रश्न 10: टोपी को अपनी दादी सुभद्रा अच्छी क्यों नहीं लगती ?
(क) क्योंकि सुंदर नहीं है
(ख) लड़ती है
(ग) डांटती रहती है
(घ) कोई नहीं
उत्तर: (ग)
प्रश्न 11: उर्दू और हिंदी कौन सी भाषा के दो नाम हैं ?
(क) हिंदवी
(ख) फ़ारसी
(ग) कोई नहीं
(घ) उर्दू
उत्तर: (क)
प्रश्न 12: टोपी खुद को भरे पूरे घर में अकेला क्यों समझता है ?
(क) क्योंकि सब उसको डांटे है
(ख) मुन्नी बाबू और भैरव भी सब को उसके विरुद्ध भटकाते हैं
(ग) दोनों
(घ) कोई नहीं
उत्तर: (ग)
प्रश्न 13: कौन दोनों दूध देने वाली गाय चराते थे ?
(क) पैगंबर मोहम्मद और अवतार श्री कृष्ण
(ख) टोपी और इफ़्फ़न
(ग) कोई नहीं
(घ) अवतार
उत्तर: (क)
प्रश्न 14: लेखक नामों के चक्कर को अजीब क्यों मानता है ?
(क) क्योंकि नाम से किसी का स्वरूप नहीं बदलता
(ख) क्योंकि नाम सभी भाषा में होते है
(ग) कोई नहीं
(घ) क्योंकि नाम नाम होते हैं
उत्तर: (क)
प्रश्न 15: मरते समय इफ़्फ़न की दादी को अपना मायका क्यों याद आ रहा था ?
(क) अपनी माँ के कारण
(ख) अपनी खूबसूरत यादो और वहाँ बिताए अच्छे समय के कारण
(ग) कोई नहीं
(घ) अच्छे समय के कारण
उत्तर: (ख)
प्रश्न 16: इफ़्फ़न और टोपी अलग अलग धर्म के थे, फिर भी एक थे, ऐसे क्यों ?
(क) क्यूंकि वे धर्म को नहीं मानते थे
(ख) वे प्यार को मानते थे
(ग) दोनों
(घ) कोई नहीं
उत्तर: (ग)
प्रश्न 17: कहानी कहते हुए इफ़्फ़न की दादी ऐसे क्यों कहती थी कि “आँखों की देखी नहीं कहती। …… “?
(क) क्योंकि कहानियाँ सुनी हुई थी
(ख) कहानियाँ देखी नहीं थी
(ग) दोनों
(घ) कोई नहीं
उत्तर: (ग)
प्रश्न 18: लेखक के अनुसार आपस में प्यार कब पनपता है ?
(क) जब विचार मिलते हो
(ख) जब धर्म मिलते हो
(ग) जब परिवार मिलते हो
(घ) कोई नहीं
उत्तर: (क)
प्रश्न 19: टोपी प्यार की चाहत में इधर उधर क्यों भटकता था ?
(क) क्यूंकि उसे वहां से प्यार मिलता था
(ख) उसके परिवार से उसे प्यार नहीं मिलता था
(ग) दोनों
(घ) कोई नहीं
उत्तर: (ग)
प्रश्न 20: परिवार का आधार क्या होता है ?
(क) विश्वास और प्यार
(ख) पैसा
(ग) धर्म
(घ) प्यार
उत्तर: (क)
प्रश्न 1: टोपी एक दिन के लिए ही सही अपने बड़े भाई मुन्नी बाबू से क्यों बड़ा होना चाहता था?
उत्तर: इफ़्फ़न से दोस्ती करने के और इफ़्फ़न की ही तरह माँ को अम्मी कह देने के कारण जब टोपी की पिटाई हो रही थी तभी उसके बड़े भाई मुन्नी बाबू ने दादी से शिकायत करते हुए कहा था कि उसने टोपी को एक दिन रहीम कबाबची की दुकान पर कबाब खाते देखा था। यह झूठ था इसलिए टोपी को बहुत गुस्सा आया, क्योंकि वह कबाब को हाथ तक नहीं लगाता था। कबाब तो स्वयं मुन्नी बाबू ने खाया था। यह बात घर न बताने के लिए उसने इकन्नी रिश्वत दी थी। इसका मजा चखाने के लिए टोपी मुन्नी बाबू से बड़ा होना चाहता था। ताकि वह मुन्नी बाबू से बदला ले सके।
प्रश्न 2: लेखक ने इफ़्फ़न और टोपी को दो आज़ाद व्यक्ति क्यों कहा हैं?
उत्तर: लेखक ने इफ़्फ़न और टोपी को दो आज़ाद व्यक्ति इसलिए कहा हैं क्योंकि भले ही इफ़्फ़न और टोपी हमेशा इकट्ठे रहते थे परन्तु दोनों का विकास एक-दूसरे से आज़ाद तौर पर हुआ अर्थात इन दोनों के विकास में एक-दूसरे का कोई योगदान नहीं है। इन दोनों को दो तरह के घरेलू रीती रिवाज़ मिले। इन दोनों ने ही जीवन के बारे में हमेशा से अलग-अलग सोचा।
प्रश्न 3: प्रेम जाति और उम्र का बंधन नहीं मानता है। “टोपी शुक्ला” पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: टोपी और इफ्फ़न की दादी में घनिष्ठ प्रेम था। टोपी कट्टर हिंदूवादी ब्राहमण परिवार का था तो इफ्फ़न की दादी पक्की रोज़ा-नमाज़ रखने वाली। यह भेद भी इन दोनों को एक-दूसरे से प्रेम करने से न रोक सका। टोपी और दादी में एक ऐसा सम्बन्ध हो चूका था जिसे शायद अगर इफ़्फ़न के दादा जीवित होते तो वह भी बिलकुल उसी तरह न समझ पाते जैसे टोपी के घरवाले नहीं समझ पाए थे। दोनों अलग-अलग अधूरे थे।
एक ने दूसरे को पूरा कर दिया था। दोनों ही प्यार के प्यासे थे और एक ने दूसरे की इस प्यास को बुझा दिया था। दोनों अपने-अपने घरों में अजनबी और भरे घर में अकेले थे क्योंकि दोनों को ही उनके घर में कोई समझने वाला नहीं था। दोनों ने एक दूसरे का अकेलापन दूर कर दिया था। एक बहत्तर बरस की थी और दूसरा आठ साल का। इससे स्पष्ट होता है कि प्रेम जाति और उम्र का बंधन नहीं मानता है।
प्रश्न 4: किन बातों से पता चलता है कि टोपी को इफ्फ़न की दादी बहुत प्रिय थीं?
उत्तर: टोपी जब भी इफ्फ़न के घर जाता था तो उसकी दादी के पास ही बैठता था। वह दादी की पूरबी को सुनकर खुश होता था। दादी उसके दुख और उसकी भावनाओं को समझती थीं। इफ़्फ़न की अम्मी और बाजी जब टोपी की हँसी उड़ाती तो दादी बीच-बचाव करके उसे अपने पास बुला लेती थी। वे टोपी को कहानियाँ सुनाते हुए खुश रखती थी। उनके मरने की खबर सुनकर टोपी उदास हो जाता है और एक कोने में बैठकर रोने लगता है। यहाँ तक कि टोपी इफ़्फ़न को सहानुभूति देता हुआ कहता है कि इफ़्फ़न की दादी की जगह उसकी दादी मर गई होती तो ठीक हुआ होता। इन बातों से पता चलता है कि टोपी को इफ़्फ़न की दादी प्रिय थीं।
प्रश्न 5: दसवीं कक्षा में पहुँचने में टोपी को दो साल क्यों लग गए?
उत्तर: नवीं कक्षा में तो टोपी सन उनचास ही में पहुँच गया था, परन्तु दसवीं कक्षा में पहुँचते-पहुँचते साल बावन हो चूका था। ऐसी बात नहीं थी कि वह मुर्ख या मन्दबुद्धि था। वह पढ़ाई में बहुत तेज़ था परन्तु उसे कोई पढ़ने ही नहीं देता था। जब भी टोपी पढ़ाई करने बैठता था तो कभी उसके बड़े भाई मुन्नी बाबू को कोई काम याद आ जाता था या उसकी माँ को कोई ऐसी चीज़ मँगवानी पड़ जाती जो नौकरों से नहीं मँगवाई जा सकती थी, अगर ये सारी चीज़े न होती तो कभी उसका छोटा भाई भैरव उसकी कापियों के पन्नों को फाड़ कर उनके हवाई जहाज़ बना कर उड़ाने लग जाता। यह तो थी पहले साल की बात। दूसरे साल उसे टाइफ़ाइड हो गया था। जिसके कारण वह पढ़ाई नहीं कर पाया और दूसरी साल भी फेल हो गया।
प्रश्न 6: जब अंग्रेजी-साहित्य के मास्टर ने टोपी को कक्षा में बेइज्जत किया तो अबदुल वहीद ने ऐसी कौन सी बात कही जिससे टोपी को गुस्सा आ गया?
उत्तर: जब अंग्रेजी-साहित्य के मास्टर ने टोपी को कक्षा में बेइज्जत किया तो अबदुल वहीद ने एक ऐसी बात कही जिससे टोपी को बहुत अधिक गुस्सा आ गया। अबदुल वहीद ने टोपी से कहा कि वह उन लोगों के साथ क्यों खेलता है। उसे तो आठवीं कक्षा वालों से दोस्ती करनी चाहिए क्योंकि वे लोग तो आगे दसवीं कक्षा में चले जाएँगे और टोपी को तो आठवीं वालों के साथ ही रहना है तो उनसे दोस्ती करना टोपी के लिए अच्छा होगा। यह बात टोपी को बहुत बुरी लगी और ऐसा लगा जैसे यह बात उसके दिल के आर-पार हो गई हो। और उसने उसी समय कसम खाई कि इस साल उसे टाइफ़ाइड हो या टाइफ़ाइड का बाप, वह पास होकर ही दिखाएगा।
प्रश्न 1 बालमन किसी स्वार्थ या हिसाब से चलायमान नहीं होता। बचपन प्रेम के रिश्ते के अलावा किसी और रिश्ते को कबूल नहीं करता।
‘टोपी शुक्ला’ पाठ में टोपी अपने परिवार के एक सदस्य को बदलने की बात करता है। उसकी सोच के आधार पर उसकी मनोदशा का वर्णन कीजिए। (CBSE 2022-23)
उतर: प्रेम केवल अपनापन देखता है जाति या धर्म नहीं, टोपी शुक्ला को अपनेपन की तलाश थी जो उसे इफ़्फ़न की दादी में दिखी, टोपी को इफ़्फ़न की दादी बहुत अच्छी लगती थी उनकी हर एक शब्द शक़्कर की तरह मिठ्ठा लगता था। इसलिए इफ़्फ़न की दादी से टोपी का बहुत गहरा सम्बन्ध बन गया था। और अपनी दादी से नफ़रत थी क्योंकि स्वयं की दादी सदैव डांटती रहती और कभी भी उसके मनोभावों को समझने का प्रयास नहीं करती थी इसलिए टोपी ने अपनी दादी को इफ़्फ़न की दादी से बदलना चाहा । वह इफ़्फ़न की दादी के प्यार व अपनापन से वह बहुत प्रभावित था।
प्रश्न 2: वह तो जब डॉक्टर साहब की जमानत जब्त हो गई तब घर में ज़रा सन्नाटा हुआ और टोपी ने देखा कि इम्तहान सिर पर खड़ा है।
वह पढ़ाई में ‘जुट गया। परंतु ऐसे वातावरण में क्या कोई पढ़ सकता था? इसलिए उसका पास ही हो जाना बहुत था।
“वाह!” दादी बोलीं, “भगवान नज़रे-बद से बचाए। रफ़्तार अच्छी है। तीसरे बरस तीसरे दर्जे में पास तो हो गए।….”
टोपी ज़हीन होने के बावजूद कक्षा में दो बार फेल हो गया। जीवन में प्रतिकूल परिस्थितियों से हार मान लेना कहाँ तक उचित है?टोपी जैसे बच्चों के विषय में आपकी क्या राय है? (CBSE 2021-22)
उतर: ज़हीन (बुद्धिमान) होने के बावजूद भी टोपी नौवीं कक्षा में दो बार फेल हो गया। उसकी पारिवारिक परिस्थितियाँ उसकी पढ़ाई में बाधा उत्पन्न करती थीं। जब भी वह पढ़ने बैठता तो बड़े भाई या माँ को कोई काम याद आ जाता, जो सिर्फ़ वही कर सकता था। छोटा भाई उसकी कॉपियां खराब कर दिया करता था। दूसरे साल उसे टाइफाइड हो गया। डॉक्टर भूगु नारायण चुनाव के लिए खड़े हो गए और घर में चुनावी माहौल छा गया परंतु फिर उसने दृढ़ निश्चय किया कि वह किसी भी तरह परीक्षा पास ज़रूर करेगा और उसने कर दिखाया। सच्ची लगन और दृढ़ निश्चय से जो काम उसने तीसरे साल में किया उसे पहले साल में भी कि जा सकता था। परिस्थितियां सदैव हमारे अनुकूल नहीं होती परंतु उनका सामना करके कर्तव्य पथ पर बढ़कर ही हम लक्ष्य प्राप्त कर सकते हैं।
प्रश्न 3: रामदलुारी की मार से टोपी पर क्या प्रभाव पड़ा? ‘टोपी शुक्ला’ पाठ के आधार पर स्पष्ट करें। (CBSE 2020-21)
उतर: राम दुलारी की मार का टोपी पर बहुत गहरा प्रभाव पड़ा। एक दिन खाने की मेज पर टोपी ने अपनी मां (रामदुलारी) को ‘अम्मी’ कह कर पुकारा। टोपी के मुख से अम्मी शब्द सुनकर घरवालों के होश उड़ गए। सभी की आंखें टोपी पर जम गई। फिर दादी के पूछने पर टोपी ने बताया कि ‘अम्मी’ शब्द उसने अपने दोस्त इफ्फ़न के घर से सीखा है। जिस दिन सभी को पता चला कि टोपी ने मुस्लिम लड़के से दोस्ती कर रखी है। टोपी की माँ ने टोपी को बहुत मारा और एक ही बात बार-बार पूछ रही थी कि क्या अब वह इफ़्फ़न के घर जाएगा? इसके उत्तर में हर बार टोपी “हाँ” ही कहता था। टोपी की माँ टोपी को मारते-मारते थक गई परन्तु टोपी ने यह नहीं कहा कि वह इफ़्फ़न के घर नहीं जाएगा। वह इतना पिट गया था कि उसका सारा बदन दुख रहा था। जब टोपी की पिटाई हो रही थी, उसी समय मुन्नी बाबू एक और बात जोड़ कर बोल दिया कि टोपी को दुकान पर कबाब खाते देखा था। कबाब का नाम सुनते ही टोपी की माँ नफ़रत के साथ दो कदम पीछे हट गई और “राम, राम” कहने लगी। । टोपी बहुत उदास हो गया । क्योंकि मुन्नी बाबू झुठ बोल रहा था । वह बस यही सोचता रहा था। कि काश वह एक दिन के लिए मुन्नी बाबू से बड़ा हो पाता और उसे सबक सीखा पाता।
प्रश्न 4. ‘मित्रता और आत्मीयता जाति व भाषा के बंधनों से परे होते है’ – टोपी शुक्ला पाठ के आधार पर अपने विचार व्यक्त कीजिए। (CBSE 2017-18)
उतर: टोपी की मित्रता इफ़्फ़न नाम के लड़के से थी जो मुस्लिम धर्म से था। टोपी जब भी इफ़्फ़न के घर जाता था तो उसकी दादी के ही पास बैठने की कोशिश करता था। उसे इफ़्फ़न की दादी से अपनापन महसूस होता था। वह ज्यादा से ज्यादा समय अपने मित्र की दादी के साथ बिताना चाहता था । उसकी दादी की बोली टोपी के दिल में उतर गई थी। दादी और पोते के मित्र के बीच लंबा उम्र का अंतराल परंतु दोनों के मन मिल गए, टोपी को जो प्यार अपने घर में नहीं मिलता था वह उसे मित्र, उसकी दादी और अपने घर की नौकरानी से पाने की कोशिश करता था।
प्रश्न 5. टोपी शुक्ला पाठ के आधार पर बच्चो की मनोवृत्ति पर किस प्रकार प्रकाश डाला गया है | (CBSE 2016-17)
उतर: टोपी अपने भरे-पूरे घर में भी अकेलापन महसूस करता था उसकी भावनाओं को कोई नहीं समझता था । दादी भी हमेशा टोपी की छोटी – छोटी गलतियों पर गुस्सा करती थी। टोपी को जो प्यार इफ़्फ़न की दादी से मिला वो अपनी खुद की दादी से कभी नहीं मिला। टोपी के भाई मुन्नी बाबू और भैरव जो थे उनसे भी झगड़ा होता था । टोपी का अच्छा मित्र इफ़्फ़न था वह इफ़्फ़न के घर जाता था और इफ़्फ़न के दादी से कहानियां सुनता, टोपी को वहां अपनापन महसूस होता था परंतु इफ़्फ़न मुस्लिम होने के कारण उनके बीच मजहब की दीवार थी टोपी के घरवाले टोपी को इफ़्फ़न के घर जाने से मना करते थे, फिर इफ़्फ़न की दादी के मरने के बाद तो अकेला महसूस कर ही रहा था और इफ़्फ़न के पिता बदली पर मुरादाबाद चले गए। मित्र के जाने के बाद टोपी स्कूल में भी अकेला हो गया । बुद्धिमान होने के बावजूद भी टोपी नौवीं कक्षा में दो बार फेल हो गया। जिस कारण अन्य साथियों ने मजाक बनाया और अंग्रेजी-साहित्य के मास्टर ने टोपी को कक्षा में बेइज्जत किया। जिसके कारण टोपी बहुत दुखी था।
प्रश्न 6: इफ़्फ़न टोपी शुक्ला की कहानी का महत्वपूर्ण हिस्सा किस तरह से है?
उत्तर: इफ़्फ़न टोपी का पहला दोस्त था। दोनों एक दूसरे के बिना अधूरे थे। दोनों एक दूसरे से कोई बात नहीं छुपाते थे। टोपी का इफ़्फ़न की दादी से भी बहुत गहरा नाता था क्योंकि जो प्यार और अपनापन टोपी को उसके घर में नहीं मिला वह इफ़्फ़न और इफ़्फ़न की दादी से मिला। इसलिए कहा जा सकता है कि इफ़्फ़न टोपी शुक्ला की कहानी का महत्वपूर्ण हिस्सा है।
प्रश्न 7: इफ़्फ़न की दादी अपने पीहर क्यों जाना चाहती थीं?
उत्तर: इफ़्फ़न की दादी किसी इस्लामी आचार्य की बेटी नहीं थी बल्कि एक जमींदार की बेटी थी। दूध-घी खाती हुई बड़ी हुई थी परन्तु लखनऊ आ कर वह उस दही के लिए तरस गई थी। जब भी वह अपने मायके जाती तो जितना उसका मन होता, जी भर के खा लेती क्योंकि लखनऊ वापिस आते ही उन्हें फिर मौलविन बन जाना पड़ता। यही कारण था कि इफ़्फ़न की दादी अपने पीहर जाना चाहती थीं।
प्रश्न 8: दादी अपने बेटे की शादी में गाने-बजाने की इच्छा पूरी क्यों नहीं कर पाई?
उत्तर: दादी की शादी एक मौलवी परिवार में हुई थी और मौलवियों के घर में शादी-ब्याह के अवसर पर कोई गाना-बजाना नहीं होता। इसी वजह से दादी अपने बेटे की शादी में गाने-बजाने की इच्छा पूरी नहीं कर पाई।
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