प्रश्न 1: हालदार साहब जिस कस्बे से गुजरा करते थे उसका संक्षेप में वर्णन कीजिए।
उत्तरः ‘नेताजी का चश्मा’ कहानी में उल्लिखित कस्बा ज़्यादा बड़ा नहीं था। वहाँ थोड़े-बहुत पक्के मकान, एक छोटा बाज़ार, एक लड़कों का स्कूल, एक लड़कियों का स्कूल, एक सीमेंट का छोटा-सा कारखाना, दो ओपन एयर सिनेमाघर और एक नगरपालिका थी। कस्बे के चौराहे पर नेताजी की मूर्ति प्रतिष्ठापित थी।
प्रश्न 2: कस्बों, शहरों, महानगरों के चैराहों पर किसी-न-किसी क्षेत्र के प्रसिद्ध व्यक्ति की मूर्ति लगाने का प्रचलन-सा हो गया है। इस तरह की मूर्ति लगाने के क्या उद्देश्य हो सकते हैं?
उत्तरः देश की एकता, अखण्डता, स्वतंत्रता आदि के लिए कार्य करने वाले महापुरुषों के प्रति आदर व कृतज्ञता प्रकट करना। देश की धार्मिक, सांस्कृतिक एवं सामाजिक एकता को बढ़ाने वाले तथा सामाजिक बुराइयों को मिटाने के लिए अपना सारा जीवन लगाने वालों के प्रति श्रद्धा प्रकट करना।
प्रश्न 3: हालदार साहब को नेताजी की मूर्ति को देखकर कैसा अनुभव हुआ था और क्यों? पहली बार में पान के पैसे चुकाकर जब वे चलने लगे तो वे किसके प्रति नतमस्तक हुए थे?
उत्तरः नेताजी की मूर्ति पर असली चश्मा देखकर हालदार साहब को बड़ा विचित्र और कौतुकपूर्ण अनुभव हुआ। उन्हें नेताजी का मजाक उड़ाना अच्छा नहीं लगा। जब उन्हें चश्मा लगाने वाले की देशभक्ति का पता चला, तो वे कैप्टन की भावना के प्रति नतमस्तक हो गए।
प्रश्न 4: नेताजी की प्रतिमा की आँखों पर कैसा चश्मा लगा था ? प्रतिमा वाले पत्थर का चश्मा न लगा होने के संभावित कारणों पर पठित पाठ के आधार पर प्रकाश डालिए।
उत्तरः नेताजी की प्रतिमा की आँखों पर काँच का असली चश्मा लगा था। प्रतिमा पर पत्थर का चश्मा न होने के संभावित कारण ये हो सकते हैं — नगरपालिका को देश के मूर्तिकारों की जानकारी नहीं थी, अच्छी मूर्ति के लिए बजट की कमी थी, शासनावधि समाप्त हो रही थी, इसलिए जल्दीबाज़ी में स्थानीय स्कूल मास्टर मोतीलाल (मान लें) को ही मूर्ति बनाने का काम सौंपा गया होगा। उन्होंने एक महीने में मूर्ति पूरी करने का विश्वास दिलाया होगा। इसी जल्दी में पत्थर का चश्मा नहीं बन पाया होगा।
प्रश्न 5: नेताजी की मूर्ति में कौन-सी कमी थी और क्यों?
उत्तरः नेताजी की मूर्ति में चश्मे की कमी थी। मूर्ति बनाते समय शायद असमंजस की स्थिति रही होगी कि पारदर्शी चश्मा कैसे बनाया जाए। इस कारण, या चश्मा बनाते समय किसी बारीकी के कारण वह टूट गया होगा, अथवा उसे अलग से फिट किया गया होगा जो कि बाद में निकल गया होगा।
प्रश्न 6: हालदार साहब हमेशा चैराहे पर रुककर नेताजी की मूर्ति को क्यों निहारते थे ?
उत्तरः हालदार साहब के मन में देशभक्ति और नेताजी की प्रतिमा के प्रति लगाव था। वे प्रतिमा पर चश्मा देखने की उत्सुकता के कारण हमेशा चौराहे पर रुककर नेताजी की मूर्ति को निहारा करते थे।
प्रश्न 7: ‘नेताजी का चश्मा’ पाठ में वर्णित नेताजी की मूर्ति को चश्मा पहनाने वाला व्यक्ति किस नाम से पुकारा जाता था? उसका पेशा और आर्थिक स्थिति कैसी थी? उसके व्यक्तित्व के किस गुण ने आपको प्रभावित किया है?
उत्तरः ‘नेताजी का चश्मा’ पाठ में नेताजी की मूर्ति को चश्मा पहनाने वाला व्यक्ति कैप्टन नाम से पुकारा जाता था। उसका पेशा फेरी लगाकर चश्मा बेचना था और उसकी आर्थिक स्थिति अत्यंत साधारण थी। उसकी देशभक्ति की भावना ने मुझे विशेष रूप से प्रभावित किया है।
प्रश्न 8: हालदार साहब को मूर्ति में कौन-सी कमी खटकती थी ?
उत्तरः नेताजी की मूर्ति की आँखों पर चश्मा नहीं था। यद्यपि इस कमी को असली चश्मा पहनाकर ढकने का प्रयास किया गया था, लेकिन हालदार साहब का मानना था कि संगमरमर की मूर्ति पर चश्मा भी संगमरमर का ही होना चाहिए था। यही कमी उन्हें खटकती थी।
प्रश्न 9: कैप्टन (चश्मेवाला) मूर्ति का चश्मा बार-बार क्यों बदल देता था ? ‘नेताजी का चश्मा’ पाठ के आधार पर उत्तर दीजिए।
उत्तरः कैप्टन नेताजी के प्रति श्रद्धा प्रकट करने के लिए अपने चश्मों में से एक फ्रेम मूर्ति को पहना देता था। जब कोई ग्राहक वैसा ही चश्मा माँगता, तो वह मूर्ति से चश्मा उतारकर ग्राहक को दे देता और मूर्ति पर दूसरा चश्मा लगा देता था।
प्रश्न 10: कैप्टन को साक्षात् देखने से पहले हालदार साहब के मानस पटल पर कैप्टन का कैसा चित्र रहा होगा ?
उत्तरः वह सोचते होंगे कि कैप्टन अवश्य ही अत्यंत बलिष्ठ और गठीले शरीर वाला होगा। वह देशभक्ति की भावना से ओत-प्रोत तथा दूसरों को देशभक्ति की सीख देने वाला कोई भूतपूर्व सिपाही होगा।
प्रश्न 11: हालदार साहब के विचार से देश को स्वतंत्र कराने वाले लोग कैसे थे और उनका उपहास करने वाले आज के देशवासी कैसे हो गए हैं? सोदाहरण स्पष्ट कीजिए।
उत्तरः हालदार साहब के अनुसार, देश को स्वतंत्र कराने वाले लोग त्यागी, बलिदानी और देशभक्ति की भावना से ओत-प्रोत थे। उन्होंने अपने जीवन की सारी खुशियाँ, युवावस्था और घर-गृहस्थी देश के लिए कुर्बान कर दी। वे निस्वार्थ भाव से देश की सेवा में लगे रहे।
इसके विपरीत, आज के देशवासी स्वार्थी, भौतिकवादी और अवसरवादी हो गए हैं। वे देशहित की भावना से विमुख हो चुके हैं और देशभक्तों के बलिदान का उपहास करते हैं। उदाहरणस्वरूप, नेताजी जैसी महान विभूतियों की मूर्तियों पर ध्यान न देकर लोग केवल दिखावे के लिए देशभक्ति जताते हैं।
प्रश्न 12: देशप्रेम की भावना किसी भी व्यक्ति में हो सकती है उसके लिए हथियार उठाना जरूरी नहीं है ‘नेताजी का चश्मा’ पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए।
उत्तरः चश्मेवाला कभी सेनानी नहीं था, वह गरीब और अपाहिज था, लेकिन उसके मन में देशभक्ति की असीम भावना थी। नेताजी की बिना चश्मे वाली मूर्ति को देखकर उसका दुःखी होना और अपने पैसे से नया चश्मा लगवाना, उसकी गहरी देशभक्ति को दर्शाता है।
प्रश्न 13: हालदार साहब ने नेताजी की मूर्ति को देखकर उनके असली चश्मे के विषय में मूर्तिकार की सोच के विषय में क्या-क्या अनुमान लगाए थे ? स्पष्ट रूप से समझाइए।
उत्तरः हालदार साहब ने अनुमान लगाया कि शायद मूर्तिकार यह तय नहीं कर पाया होगा कि पत्थर में पारदर्शी चश्मा कैसे बनाया जाए, या उसने काँच वाला चश्मा बनाने की कोशिश की होगी लेकिन असफल रहा होगा। यह भी हो सकता है कि बारीकी में चश्मा टूट गया हो या पत्थर का चश्मा अलग से बनाकर फिट किया गया हो और वह गिर गया हो।
प्रश्न 14: पानवाला एक हँसोड़ स्वभाव वाला व्यक्ति है, परन्तु उसके हृदय में संवेदना भी है। इस कथन पर अपने विचार व्यक्त कीजिए।
उत्तरः पानवाला एक हँसोड़ स्वभाव वाला व्यक्ति है, परन्तु उसके हृदय में संवेदना भी है क्योंकि हालदार साहब ने जब मूर्ति के चेहरे पर कोई चश्मा नहीं देखा तो उसके बारे में पानवाले से पूछा। इस पर उसने उदास होकर अपनी आँखें पोंछते हुए कैप्टन की मृत्यु की सूचना दी। सामान्यतः पानवाला गंभीर बात भी हँसकर बताता था क्योंकि वह हँसकर निकटता का भाव प्रकट करता था।
प्रश्न 15: हालदार साहब को पानवाले की कौन-सी बात अच्छी नहीं लगी और क्यों ?
उत्तरः कैप्टन के बारे में पूछने पर उसने कहा कि "कैप्टन तो लँगड़ा है, वह भला फौज में क्या जाएगा! वह तो पागल है!" पानवाले द्वारा एक देशभक्त का मज़ाक उड़ाया जाना हालदार साहब को अच्छा नहीं लगा क्योंकि कैप्टन देशभक्तों का सम्मान करता था।
प्रश्न 16: हालदार साहब के द्वारा कैप्टन के बारे में पूछने पर पानवाला अपनी आँखें क्यों पोंछने लगा?
उत्तरः पानवाला बताना चाहता था कि कैप्टन की मृत्यु हो गई है। अतः उसके प्रति सहानुभूति के कारण उसकी आँखों में आँसू आ गए, जिन्हें वह पोंछने लगा।
प्रश्न 17: हालदार साहब एक भावुक देशप्रेमी इंसान हैं- उदाहरण देकर सिद्ध कीजिए।
उत्तरः हालदार साहब के मन में देशभक्तों के लिए अत्यंत सम्मान था। वे कस्बे में लगी नेताजी की मूर्ति पर चश्मा लगाने वाले कैप्टन जैसे साधारण व्यक्ति की देशभक्ति की भावना को श्रद्धा से देखते थे। साथ ही, देशभक्तों का मज़ाक उड़ाने वालों की आलोचना करते थे और इससे दुःखी हो जाते थे। इससे सिद्ध होता है कि वे एक भावुक देशप्रेमी इंसान हैं।
प्रश्न 18: ‘‘क्या होगा उस कौम का जो अपने देश की खातिर घर-गृहस्थी-जवानी -ञजदगी सब कुछ होम कर देने वालों पर भी हँसती है और अपने लिए बिकने के मौके ढूँढती है।’’ हालदार साहब के इस कथन को स्पष्ट करते हुए बताइए कि उनके इस विचार से आप कहाँ तक सहमत हैं?
अथवा
आशय स्पष्ट कीजिए-
”बार-बार सोचते, क्या होगा उस कौम का जो अपने देश की खातिर घर-गृहस्थी-जवानी-जिंदगी सब कुछ होम कर देने वालें पर भी हँसती है और अपने लिए बिकने के मौके ढूँढती है।“
उत्तरः आशय यह है कि उस कौम या समाज का भविष्य अंधकारमय होता है, जो अपने देश के लिए सब कुछ बलिदान कर देने वाले लोगों का उपहास उड़ाता है और खुद अवसर आने पर व्यक्तिगत स्वार्थ के लिए बिकने को तैयार रहता है। हालदार साहब के इस कथन में आज की युवा पीढ़ी की मानसिकता और समाज की चिंता झलकती है। मैं उनके इस विचार से पूरी तरह सहमत हूँ क्योंकि देशभक्ति का सम्मान ही किसी राष्ट्र की सच्ची शक्ति होती है।
प्रश्न 19: ‘नेताजी का चश्मा’ पाठ में वर्णित कैप्टन के चरित्र पर प्रकाश डालिए तथा बताइए कि उसके व्यक्तित्व की किस विशेषता ने आपको प्रभावित किया है?
उत्तरः कैप्टन एक गंभीर, देशभक्त, परिश्रमी और त्यागी व्यक्ति था। वह शारीरिक रूप से विकलांग (‘लंगड़ा’) होने पर भी हर समय सक्रिय और कर्मठ था। उसने नेताजी की मूर्ति पर अपने हाथों से सरकंडे का चश्मा बनाकर लगाया, जिससे उसकी देशभक्ति और सेवा-भावना झलकती है। उसकी सादगी, समर्पण और देश के प्रति निष्ठा ने मुझे सबसे अधिक प्रभावित किया।
प्रश्न 20: हालदार साहब की आँखें भर आने का क्या कारण रहा होगा ? ‘नेताजी का चश्मा’ पाठ के आधार पर उत्तर दीजिए।
अथवा
मूर्ति पर लगे सरकंडे के चश्मे ने हालदार साहब को द्रवित क्यों कर दिया?
अथवा
हालदार साहब इतनी सी बात पर भावुक क्यों हो गए?
उत्तरः नेताजी की मूर्ति पर एक साधारण से सरकंडे के चश्मे को देखकर हालदार साहब भावुक हो गए। उन्हें यह देखकर आशा की किरण दिखाई दी कि देशभक्ति की भावना अभी भी जीवित है। यह छोटी-सी बात उनके मन को छू गई, इसलिए उनकी आँखें भर आईं।
नेताजी का चश्मा पाठ को इस वीडियो की मदद से पूरा समझें।
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1. नेताजी का चश्मा किसका है और इसका महत्व क्या है ? | ![]() |
2. नेताजी का चश्मा किस प्रकार से संग्रहालय में रखा गया है ? | ![]() |
3. नेताजी का चश्मा क्या किसी विशेष घटना से जुड़ा हुआ है ? | ![]() |
4. क्या नेताजी का चश्मा किसी ऐतिहासिक दस्तावेज़ का हिस्सा है ? | ![]() |
5. नेताजी का चश्मा किस प्रकार के लोगों को प्रेरित करता है ? | ![]() |