Class 7 Exam  >  Class 7 Notes  >  Hindi (Vasant II) Class 7 (Old NCERT)  >  NCERT Solutions: संघर्ष के कारण मैं तुनुकमिज़ाज हो गया : धनराज

संघर्ष के कारण मैं तुनुकमिज़ाज हो गया : धनराज NCERT Solutions | Hindi (Vasant II) Class 7 (Old NCERT) PDF Download

प्रश्न-अभ्यास

साक्षात्कार से

प्रश्न 1: साक्षात्कार पढ़कर आपके मन में धनराज पिल्लै की कैसी छवि उभरती है? वर्णन कीजिए।
उत्तर: धनराज पिल्लै का साक्षात्कार पढ़कर यही छवि उभरती है कि वे सीधा-सरल जीवन व्यतीत करने वाले मध्यमवर्गीय परिवार से नाता रखने वाले हैं। वे देखने में बहुत सुंदर नहीं हैं। हॉकी के खेल में इतनी प्रसिद्धि प्राप्त करने का जरा भी अभिमान उनमें नहीं है। आम लोगों की भाँति लोकल ट्रेनों में सफर करने में भी कतराते नहीं। विशेष लोगों से मिलकर बहुत प्रसन्नता का अनुभव करते हैं। उन्हें माँ से बहुत लगाव है। इतनी प्रसिद्धि पाने पर भी आर्थिक समस्याओं से जूझते रहें। उन्हें हॉकी खेल से बहुत लगाव है। लोग भले ही उनको तुनुकमिज़ाज समझे लेकिन वे बहुत सरल हृदय मनुष्य हैं।

प्रश्न 2: धनराज पिल्लै ने ज़मीन से उठकर आसमान का सितारा बनने तक की यात्रा तय की है। लगभग सौ शब्दों में इस सफ़र का वर्णन कीजिए।
उत्तर: 
धनराज पिल्लै की ज़मीन से उठकर आसमान का सितारा बनने तक की यात्रा कठिनाइयों और संघर्षों से भरी थीं। धनराज पिल्लै एक साधारण परिवार के होने के कारण उनके लिए हॉकी में आना इतना आसान न था। उनके पास हॉकी खरीदने तक के पैसे नहीं थे। उन्हें हॉकी खेलने के लिए अपने मित्रों से हॉकी स्टिक उधार माँगनी पड़ती थी। लेकिन कहते हैं ना जहाँ चाह वहाँ राह धनराज पिल्लै ने हार न मानते पुरानी स्टिक से ही निष्ठा और लगन से अभ्यास करते रहे और विश्व स्तरीय खिलाड़ी बनकर दिखाया। ऑलविन एशिया कैंप में चुने जाने के बाद धनराज पिल्लै ने मुड़कर कभी पीछे नहीं देखा अर्थात् उसके बाद वे लगातार सफलता की सीढ़ियाँ चढ़ते गए।

प्रश्न 3: ‘मेरी माँ ने मुझे अपनी प्रसिद्धि को विनम्रता से सँभालने की सीख दी है’ – धनराज पिल्लै की इस बात का क्या अर्थ है?
उत्तर: 
“मेरी माँ ने मुझे अपनी प्रसिद्धि को विनम्रता से संभालने की सीख दी है।“ धनराज पिल्लै की इस बात का आशय यह है, कि उनकी माँ हमेशा, उन्हें अपनी सफलता के पीछे, उनके संघर्ष को स्मरण करने की सीख देती हैं, क्योंकि सफलता तब तक किसी व्यक्ति के पास रहती है, जब तब व्यक्ति उसका आदर करता है। अपनी सफलता के प्रति हमेशा सहज और विनम्र स्वभाव होना चाहिए।

साक्षात्कार से आगे 

प्रश्न 1: ध्यानचंद को हॉकी का जादूगर कहा जाता है। क्यों? पता लगाइए।
उत्तर: 
ध्यानचंद को हॉकी का जादूगर कहा जाता है। वे वैश्विक पटल के हॉकी खेल के खिलाड़ी थे। उनका जन्म 29 अगस्त, 1905 को हुआ था। वे भारतीय हॉकी टीम के भूतपूर्व खिलाड़ी और कप्तान थे। वे भारत और विश्व स्तर पर हॉकी के लिए मशहूर थे। वो ओलम्पिक में तीन बार स्वर्ण पदक जीतने वाली भारतीय टीम के सदस्य रहे हैं। वे और उनकी टीम 1928 का एम्सटर्डम ओलम्पिक, 1932 का लोस एजेल्स ओलम्पिक एवं 1936 का बर्लिन ओलंपिक में भी शामिल हुए थे। उनकी जन्मतिथि को भारत में “राष्ट्रीय खेल दिवस” के रूप में मनाया जाता है। वे हमेशा टक्कर देने वाले प्रतिद्वंदी थे। उन्होंने अपने खेल के प्रति निष्ठा और ईमानदारी को कभी खोने नहीं दिया। उनकी कलाकारी से मोहित होकर ही जर्मनी के रूदोल्फ़ हिटलर ने, उन्हें जर्मनी की ओर से खेलने के लिए पेशकश का वादा किया था। किंतु उन्होंने वह स्वीकार नहीं की। वे हमारे राष्ट्रीय खेल में जादूगरी बिखेरने वाले खिलाड़ी थे। 

प्रश्न 2: किन विशेषताओं के कारण हॉकी को भारत का राष्ट्रीय खेल माना जाता है?
उत्तर: 
हॉकी का खेल भारत में अत्यंत लोकप्रिय है। यह खेल भारत के प्रत्येक प्रदेश में खेला जाता है। इस खेल ने भारत को विश्व-पटल पर काफी प्रसिद्धि दिलवाई है। हॉकी के खेल में भारत देश ने सन् 1928 से 1956 तक, लगातार छः स्वर्ण-पदक जीते हैं। इन्हीं विशेषताओं के कारण हॉकी को भारत का राष्ट्रीय खेल माना जाता है।

प्रश्न 3: आप समाचार-पत्रों, पत्रिकाओं में छुपे हुए साक्षात्कार पढ़े और अपनी रुचि से किसी व्यक्ति को चुनें, उसके बारे में जानकारी प्राप्त कर कुछ प्रश्न तैयार करें और साक्षात्कार लें।
उत्तर: साक्षात्कार- क्रिकेटर और पत्रकार

  • पत्रकार: आप इतने बड़े क्रिकेटर हैं, आपको कैसा महसूस होता है?
  • क्रिकेटर: बहुत ज्यादा अच्छा लगता है।
  • पत्रकार: आपके पिता क्या करते थे? 
  • क्रिकेटर: मेरे पिता मोची थे।
  • पत्रकार: आपकी जिंदगी में इतने उतार चढ़ाव के बावजूद, आप सफलता की चोटी को जकड़े हुए है। कैसा लगता है आपको?
  • क्रिकेटर: अपने जीवन में आर्थिक संकटों को खूब देखा है। किंतु कहते हैं न संघर्ष आपको सूर्य की तरह चमका देता है।

अनुमान और कल्पना

प्रश्न 1: यह कोई जरूरी नहीं कि शोहरत पैसा भी साथ लेकर आए-‘क्या आप धनराज पिल्लै की इस बात से सहमत हैं? अपने अनुभव और बड़ों से बातचीत के आधार पर लिखिए।
उत्तर:
हम धनराज पिल्लै के इस बात से सहमत हैं कि कोई ज़रूरी नहीं कि शोहरत पैसा भी साथ लेकर आए। उनका यह कथन बिलकुल सच है क्योंकि धनराज को स्वयं जितनी शोहरत मिली उतना पैसा प्राप्त नहीं हुआ। वे काफ़ी समय तक आम लोगों की भाँति लोकल ट्रेनों में सफ़र करते रहे, जिसे देखकर लोग हैरान होते थे। हमारे देश में कई ऐसे उदाहरण हैं जिन्हें प्रसिद्ध व्यक्तियों को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ा है। मसलन प्रेमचंद, मशहूर शहनाई वादक उस्ताद बिस्मिल्ला खाँ का उदाहरण ले सकते हैं। इन जैसे महान व्यक्तियों का जीवन आर्थिक तंगी के बीच व्यतीत हुआ है।

प्रश्न 2: (क) अपनी गलतियों के लिए माफ़ी माँगना आसान होता है या मुश्किल?
(ख) क्या आप और आपके आसपास के लोग अपनी गलतियों के लिए माफ़ी माँग लेते हैं?
(ग) माफ़ी माँगना मुश्किल होता है या माफ़ करना? अपने अनुभव के आधार पर लिखिए।
उत्तर: (क)
अपनी गलतियों के लिए माफ़ी माँगना कठिन होता है, क्योंकि हमें दूसरे के सामने अपने स्वाभिमान को झुकाना पड़ता है। माफ़ी माँगने का अर्थ है किसी के सामने झुकना अपने को छोटा बनाना।
(ख) नहीं, कई बार लोग गलती मानने को तैयार नहीं होते वे गलतियाँ करते हैं, साथ ही साथ अकड़ भी दिखाते हैं।
(ग) माफ़ी माँगना आसान है, जबकि माफ़ करना उससे ज्यादा कठिन है। माफ़ी माँगना इसलिए आसान है क्योंकि माफ़ माँगने के लिए एक बार झुककर अपने स्वाभिमान को झुकाना पड़ता है जबकि कभी-कभी माफ़ करना ज्यादा कठिन होता है क्योंकि जब कोई अपराध बड़ा होता है तो उस परिस्थिति में माफ़ कर पाना माफ़ी माँगने से ज्यादा कठिन होता है। कभी-कभी माफ़ करने वाला कई बार बिना माफ़ी माँगे ही माफ़ कर देता है।

भाषा की बात

प्रश्न 1: नीचे कुछ शब्द लिखे हैं जिनमें अलग-अलग प्रत्ययों के कारण बारीक अंतर है। इस अंतर को समझाने के लिए इन शब्दों का वाक्य में प्रयोग कीजिए - 
संघर्ष के कारण मैं तुनुकमिज़ाज हो गया : धनराज NCERT Solutions | Hindi (Vasant II) Class 7 (Old NCERT)उत्तर1. प्रेरणा: महात्मा गांधी के आदर्शों से हम सबको प्रेरणा लेनी चाहिए।
प्रेरक: महापुरुषों की कथाएँ प्रेरक होती हैं। 
प्रेरित: बहादुरी की कहानियाँ मुझे बहादुर बनने के लिए प्रेरित करती हैं।
2. संभव: यह काम मेरे लिए संभव है।
संभावित: परीक्षा की अभी संभावित तिथि ही जारी हुई है।
संभवत:: संभवत: आज बारिश होगी।
3. उत्साह: आज का दिन उत्साह भरा रहा।
उत्साहित: आज छात्र बड़े उत्साहित हैं।
उत्साहवर्धक: यह किताब छात्रों कर लिए उत्साहवर्धक है।

प्रश्न 2: तुनुकमिज़ाज शब्द तुनुक और मिज़ाज दो शब्दों के मिलने से बना है। क्षणिकतनिक और तुनुक एक ही शब्द के भिन्न रूप हैं। इस प्रकार का रूपांतर दूसरे शब्दों में भी होता है, जैसे - बादल, बादर, बदरा, बदरिया; मयूर, मयूरा, मोर; दर्पण, दर्पन, दरपन। शब्दकोश की सहायता लेकर एक ही शब्द के दो या दो से अधिक रूपों को खोजिए। कम-से-कम चार शब्द और उनके अन्य रूप लिखिए। 
उत्तर

  • वर्षा: बारिश, बरखा, बरसात
  • चन्द्रमा: चंदा, चाँद, चन्द्र
  • नया: नया, नवीन, नूतन
  • पैर: पग, पद, पाँव

प्रश्न 3: हर खेल के अपने नियम, खेलने के तौर-तरीके और अपनी शब्दावली होती है। जिस खेल में आपकी रुचि हो उससे संबंधित कुछ शब्दों को लिखिए,
जैसे - फुटबॉल के खेल से संबंधित शब्द हैं - गोल, बैकिंग, पासिंग, बूट इत्यादि।
उत्तर:  क्रिकेट - गेंद, बल्ला, विकेट, रन, पिच, आदि।

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FAQs on संघर्ष के कारण मैं तुनुकमिज़ाज हो गया : धनराज NCERT Solutions - Hindi (Vasant II) Class 7 (Old NCERT)

1. What is the article "संघर्ष के कारण मैं तुनुकमिज़ाज हो गया : धनराज Class 7" about?
Ans. The article "संघर्ष के कारण मैं तुनुकमिज़ाज हो गया : धनराज Class 7" is about a chapter from the Class 7 Hindi textbook, which discusses how conflicts can lead to a change in a person's behavior.
2. What is the main message of the article "संघर्ष के कारण मैं तुनुकमिज़ाज हो गया : धनराज Class 7"?
Ans. The main message of the article "संघर्ष के कारण मैं तुनुकमिज़ाज हो गया : धनराज Class 7" is to highlight the importance of resolving conflicts in a peaceful manner and how conflicts can negatively impact a person's behavior and relationships.
3. What is the meaning of the word "तुनुकमिज़ाज" mentioned in the title of the article?
Ans. The word "तुनुकमिज़ाज" mentioned in the title of the article means "touchy" or "irritable" in Hindi. The title of the article suggests that the protagonist has become touchy and irritable due to the conflicts he has faced.
4. What is the name of the author of the chapter "संघर्ष के कारण मैं तुनुकमिज़ाज हो गया" in the Class 7 Hindi textbook?
Ans. The author of the chapter "संघर्ष के कारण मैं तुनुकमिज़ाज हो गया" in the Class 7 Hindi textbook is Dhanraj.
5. What is the importance of the chapter "संघर्ष के कारण मैं तुनुकमिज़ाज हो गया" in the Class 7 Hindi textbook?
Ans. The chapter "संघर्ष के कारण मैं तुनुकमिज़ाज हो गया" in the Class 7 Hindi textbook is important as it teaches students about the negative impact of conflicts on a person's behavior and relationships. It also highlights the importance of resolving conflicts in a peaceful manner. This chapter helps students develop better conflict resolution skills and become more empathetic towards others.
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