Class 10 Exam  >  Class 10 Notes  >  CBSE Sample Papers For Class 10  >  Class 10 Hindi B: CBSE Sample Question Paper (2020-21) - 2

Class 10 Hindi B: CBSE Sample Question Paper (2020-21) - 2 | CBSE Sample Papers For Class 10 PDF Download

अपठित गद्यांश 

Q.1. नीचे दो गद्यांश दिए गए हैं। किसी एक गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए और उस पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए:  5 × 1 = 5 

गद्यांश - 1

यदि आप इस गद्यांश का चयन करते हैं तो कृपया उत्तर - पुस्तिका में लिखें कि आप प्रश्न संख्या 1 में दिए गए गद्यांश पर आधारित प्रश्नों  के उत्तर लिख रहे हैं।
आज का विद्यार्थी भविष्य की सोच में कुछ अधिक लग गया है। भविष्य कैसा होगा वह भविष्य में क्या बनेगा इस प्रश्न को सुलझाने में या दिवास्वप्न देखने में वह बहुत समय नष्ट कर देता है। भविष्य के बारे में सोचिए ज़रूर, लेकिन भविष्य को वर्तमान पर हावी मत होने दीजिए, क्योंकि वर्तमान ही भविष्य की नींव बन सकता है, अतः नींव को मज़बूत बनाने के लिए आवश्यक है कि भान तो भविष्य का भी हो, लेकिन ध्यान वर्तमान पर रहे। आपकी सफलता का मूलमंत्र यही हो सकता है कि आप एक स्वप्न लें सोचें कि आपको क्या बनना है और क्या करना है और स्वप्न के अनुसार कार्य करना प्रारंभ करें। वर्तमान रूपी नींव को मज़बूत करें और यदि वर्तमान रूपी नींव सबल बनती गई, तो भविष्य का भवन भी अवश्य बन जाएगा। जितनी मेहनत हो सके, उतनी मेहनत करें और निराशा को जीवन में स्थान न दें। यह सोचते हुए समय खराब न करें कि अब मेरा क्या होगा, मैं सफल भी हो पाऊँगा या नहीं? ऐसा करने में आपका समय नष्ट होगा और जो समय नष्ट करता है, समय उसे नष्ट कर देता है। वर्तमान में समय का सदुपयोग भविष्य के निर्माण में सदा सहायक होता है। भविष्य के बारे में अधिक सोच या अधिक चर्चा करने से चिंताएँ घेर लेती हैं। ये चिंताएँ वर्तमान के कर्म में बाधा उत्पन्न करती हैं। ये बाधाएं हमारे उत्साह को, लगन को धीमा करती हैं और लक्ष्य हमसे दूर होता चला जाता है। निःसन्देह भविष्य के लिए योजनाएं बनानी चाहिए, किंतु वर्तमान को विस्मृत नहीं करना चाहिए। भविष्य की नींव बनाने में वर्तमान का परिश्रम भविष्य की योजनाओं से अधिक महत्वपूर्ण है।
निम्नलिखित में से निर्देशानुसार सर्वाधिक उपयुक्त विकल्पों का चयन कीजिए - 

(i) आज का विद्यार्थी अपना बहुमूल्य समय किन बातों में नष्ट कर देता है?         1 अंक
(क) 
भविष्य की सोच में
(ख) दिवास्वप्न देखेने में
(ग) क व ख दोनों
(घ) कल्पनाओं की उड़ान में
उत्तरः (ग)

(ii) वर्तमान में समय का सदुपयोग किसमें सहायक होता है?         1 अंक
(क) 
भूतकाल के कार्यों में
(ख) भविष्य के निर्माण में
(ग) चिंताओं में
(घ) कोरी बातें बनाने में
उत्तरः (ख)

(iii) वर्तमान के कार्यों में कौन बाधा उत्पन्न कर देता है?     1 अंक
(क)
चिंताएँ
(ख) परिवार
(ग) शिक्षा
(घ) धर्म
उत्तरः (क)

(iv) ______भविष्य की योजनाओं से अधिक महत्वपूर्ण है।     1 अंक
(क) 
वर्तमान का परिश्रम
(ख) समय का सदुपयोग
(ग) आशावादी होना
(घ) उपर्युक्त सभी
उत्तरः (घ)

(v) हम अन्ततः लक्ष्य से  कैसे दूर होते जाते हैं?     1 अंक
(क) भविष्य के बारे में अधिक सोचने से
(ख) अतीत पर अधिक ध्यान देने से
(ग) निराशा को जीवन में स्थान न देने से
(घ) परिश्रम पर जोर देने से
उत्तरः (क)

अथवा

गद्यांश - 2

यदि आप इस गद्यांश का चयन करते हैं तो  कृपया उत्तर - पुस्तिका में लिखें कि आप प्रश्न संख्या 1 में दिए गए गद्यांश पर आधारित प्रश्नों के उत्तर लिख रहे हैं।
प्रतिभा किसी की मोहताज नहीं होती। इसके आगे सारी समस्याएँ बौनी हैं, लेकिन समस्या एक प्रतिभा को खुद दूसरी प्रतिभा से होती है। बहुमुखी प्रतिभा का होना, अपने भीतर एक प्रतिभा के बजाय दूसरी प्रतिभा को खड़ा करना है। इससे हमारा नुकसान होता है। कितना और कैसे? मन की दुनिया की एक विशेषज्ञ कहती हैं कि बहुमुखी होना आसान है, बजाय एक खास विषय का विशेषज्ञ होने की तुलना में। बहुमुखी लोग स्पर्धा से घबराते हैं। कई विषयों पर उनकी पकड़ इसलिए होती है कि वे एक में स्प1⁄र्4ा होने पर दूसरे की ओर भागते हैं। वे आलोचना से भी डरते हैं और अपने काम में तारीफ ही तारीफ सुनना चाहते हैं। बहुमुखी लोगों में सबसे महान माने जाने वाले माइकल एंजेलो से लेकर अपने यहाँ रवींद्रनाथ टैगोर जैसे कई लोग हैं, लेकिन आज ऐसे लोगों की पूछ - परख कम होती है। ऐसे लोग प्रतिभाशाली आज भी माने जाते हैं, लेकिन असफल होने की आशंका उनके लिए अधिक होती है। आज वे लोग ‘विंची सिडोम’ से पीड़ित माने जाते हैं, जिनकी पकड़ दो - तीन या इससे ज़्यादा क्षेत्रों में हो, लेकिन हर क्षेत्र में उनसे बेहतर उम्मीदवार मौजूद हों। बहुमुखी प्रतिभा वाले लोगों के भीतर कई कामों को साकार करने की इच्छा बहुत तीव्र होती है। उनकी उत्सुकता उन्हें एक से दूसरे क्षेत्र में हाथ आज़माने को बाध्य करती है। समस्या तब होती है, जब यह हाथ आज़माना दखल करने जैसा हो जाता है। वे न इधर के रह जाते हैं, और न उधर के। प्रबंधन की दुनिया में ‘एक के साधे सब सधे, सब साधे सब जाए’ का मंत्र ही शुरू से प्रभावी है। यहाँ उस पर ज़्यादा फोकस नहीं किया जाता, जो सारे अंडे एक टोकरी में न रखने की बात करता है। हम दूसरे क्षेत्रों में हाथ आज़मा सकते हैं, पर एक क्षेत्र के महारथी होने में ब्रेकर की भूमिका न अदा करें।

निम्नलिखित में से निर्देशानुसार सर्वाधिक उपयुक्त विकल्पों का चयन कीजिए -
(i)  बहुमुखी लोग______से घबराते हैं।     1 अंक
(क) 
तारीफ
(ख) स्पद्र्धा
(ग) असफलता
(घ) निराशा
उत्तरः (ख) 

(ii) ‘विश्व’ शब्द का गद्यांश में से चुनकर पर्यायवाची शब्द बताइए    1 अंक
(क) 
दुनिया
(ख) भारत
(ग) कस्बा
(घ) नगर
उत्तरः (क)

(iii) असफल प्रतिभाशाली किस रोग से पीड़ित माने जाते हैं?        1 अंक
(क) विंची सिंडोम
(ख) बहुविशेषज्ञ
(ग) विषयी समस्याओं से
(घ) स्पद्र्धाओं से
उत्तरः (क)

(iv) ‘एक के साधे सब सधे, सब साधे सब जाएँ’ नामक मंत्र किस क्षेत्र में प्रभावी है?    1 अंक
(क) 
प्रतिभाओं में
(ख) प्रबंधन क्षेत्र में
(ग) आलोचनाओं के क्षेत्र में
(घ) बहुमुखी क्षेत्र में
उत्तरः (ख)

(v) बजाय एक खास विषय का विशेषज्ञ होने की तुलना में_____होना आसान है।     1 अंक
(क)
बहुमुखी प्रतिभावान
(ख) प्रतिभावान
(ग) बुद्धिमान
(घ) बेहतर उम्मीदवार
उत्तरः (क)

Q.2. नीचे दो गद्यांश दिए गए हैं। किसी एक गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए और उस पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए:     5 × 1 = 5

गद्यांश-1

यदि आप इस गद्यांश का चयन करते हैं तो कृपया उत्तर-पुस्तिका में लिखें कि आप प्रश्न संख्या 2 में दिए गए गद्यांश-1 पर आधारित प्रश्नों के उत्तर लिख रहें हैं।
चरित्र का मूल भी भावों के विशेष प्रकार के संगठन में ही समझना चाहिए। लोकरक्षा और लोक-रंजन की सारी व्यवस्था का ढाँचा इन्हीं पर ठहराया गया है। धर्म-शासन, राज-शासन, मत-शासन- सबमें इनसे पूरा काम लिया गया है। इनका सदुपयोग भी हुआ है और दुरुपयोग भी। जिस प्रकार लोक-कल्याण के व्यापक उद्देश्य की सिद्धि के लिए मनुष्य के मनोविकार काम में लाए गए हैं उसी प्रकार संप्रदाय या संस्था के संकुचित और परिमित विधान की सफलता के लिए भी। सब प्रकार के शासन में चाहे धर्म-शासन हो, चाहे राज-शासन, मनुष्य-जाति से भय और लोभ से पूरा काम लिया गया है। दंड का भय और अनुग्रह का लोभ दिखाते हुए राज-शासन तथा नरक का भय और स्वर्ग का लोभ दिखाते हुए धर्म-शासन और मत-शासन चलते आ रहे हैं। इसके द्वारा भय और लोभ का प्रवर्तन सीमा के बाहर भी प्रायः हुआ है और होता रहता है। जिस प्रकार शासक-वर्ग अपनी रक्षा और स्वार्थसिद्धि के लिए भी इनसे काम लेते आए हैं उसी प्रकार धर्म-प्रवर्तक और आचार्य अपने स्वरूप वैचित्र्य की रक्षा और अपने प्रभाव की प्रतिष्ठा के लिए भी। शासक वर्ग अपने अन्याय और अत्याचार के विरोध की शांति के लिए भी डराते और ललचाते आए हैं। मत-प्रवर्तक अपने द्वेष और संकुचित विचारों के प्रचार के लिए भी कँपाते और डराते आए हैं। एक जाति को मूर्ति-पूजा करते देख दूसरी जाति के मत-प्रवर्तकों ने उसे पापों में गिना है। एक संप्रदाय को भस्म और रुद्राक्ष धारण करते देख दूसरे संप्रदाय के प्रचारकों ने उनके दर्शन तक को पाप माना है।

निम्नलिखित में से निर्देशानुसार सर्वाधिक उपयुक्त विकल्पों का चयन कीजिए-
(i) लोकरंजन का उपयोग निम्न में से कहाँ किया गया है?
(क) 
धर्म-शासन में
(ख) व्यवसाय में
(ग) देश-रक्षा में
(घ) ये सभी
उत्तरः (क)

(ii) प्रस्तुत गद्यांश में किन-किन बाह्य आडम्बरों का वर्णन है?
(क) 
मूर्ति पूजा करना
(ख) रूद्राक्ष धारण करना
(ग) भस्म आदि लगाना
(घ) ये सभी
उत्तरः (घ)

(iii) गद्यांश में प्रयुक्त ‘प्रतिष्ठा’ शब्द का समानार्थक शब्द लिखिए
(क) 
सम्मान
(ख) स्वागत
(ग) निरादर
(घ) आवभगत
उत्तरः (क)

(iv) _____अपने अन्याय और अत्याचार के विरोध की शांति के लिए भी डराते और ललचाते हैं।
(क) 
मत-प्रवर्तक
(ख) शासक वर्ग
(ग) आचार्य वर्ग
(घ) धर्म-प्रवर्तक
उत्तरः (ख)

(v) लोकरंजन की व्यवस्था का ढाँचा किस पर आधारित है?
(क) 
भय
(ख) लोभ
(ग) (क) व (ख) दोनों
(घ) द्वेष एवं संकुचित विचार
उत्तरः (ग)

अथवा

गद्यांश-2

यदि आप इस गद्यांश का चयन करते हैं तो कृपया उत्तर-पुस्तिका में लिखें कि आप प्रश्न संख्या 1 में दिए गए गद्यांश-2 पर आधारित प्रश्नों के उत्तर लिख रहें हैं।
श्रीलंका का मुख्य नगर कोलंबो है। यहाँ कई उद्यान हैं और जगह-जगह फूलों वाले पेड़ लगाए गए हैं। हरियाली की अधिकता के कारण कोलंबो को उद्यानों का नगर कहते हैं। कोलंबो एक बहुत बड़ा बंदरगाह भी है। यहाँ पर पश्चिम से सुदूर पूर्व को जाने वाले जहाज आकर रुकते हैं। प्राचीनकाल में श्रीलंका की राजधानियाँ रही हैं - अनुराधापुर, सीगिरिया, पोलोन्नारुवा, यप्पाहुवा और कैंडी। आज कोलंबो इसकी राजधानी है। कैंडी एक झील के चारों ओर बसा और पहाड़ियों से घिरा हुआ शहर है। यह बहुत ही सुंदर नगर है, विशेषतः रात को, जब नगर की चमचमाती बत्तियाँ झील के पानी में झिलमिलाती हैं तो इसकी शोभा देखते ही बनती है। यहाँ एक प्रसि( मंदिर है, जिसे दलादा मालीगावा या पवित्र दाँत का मंदिर कहते हैं। कहा जाता है कि इस मंदिर में भगवान बुद्ध का एक पवित्र वशेष-उनका एक दाँत रखा हुआ है। कैंडी का नृत्य श्रीलंका का एक प्राचीन नृत्य है। नर्तकों के बदन पर धोती और सिर पर एक ताजनुमा, सुसज्जित पगड़ी होती है, गले में ढेरों हार होते हैं और बाँहों में बाजूबंद। इनके ढोलक भारतीय मृदंग से मिलते-जुलते हैं। वैसे तो श्रीलंका के अधिकांश निवासी बौद्ध हैं, पर वहाँ हिंदू, मुसलमान और ईसाई भी रहते हैं। श्रीलंका के निवासियों का मुख्य आहार चावल है। यहाँ के लोग मछली के झोल या सब्जी के साथ चावल खाते हैं। श्रीलंका का एक विशेष पकवान होपर्स कहलाता है। यह चावल के आटे से बना बहुत ही स्वादिष्ट मालपुआ होता है। द्वीप के दक्षिण-पश्चिम भाग में रत्नपुर नामक नगर है। इसे ‘रत्नों का नगर’ कहा जाता है। यहाँ अनेक प्रकार के मूल्यवान रत्नों की खानें हैं। इन खानों से नीलम, पुखराज, दूधिया, चंद्रकांत मणि, विडालाक्ष मणि आदि कीमती पत्थर निकाले जाते हैं। यहाँ के रत्न प्राचीन काल से विख्यात हैं। श्रीलंका एक स्वतंत्र देश है। श्रीलंका का राष्ट्रध्वज लाल रंग का है और उसके एक तरफ हरी और केसरिया रंग की धारियाँ बनी हैं। लाल रंग वाले हिस्से में तलवार धारण किए हुए एक सुनहरे रंग का सिंह है। यह सिंह कैंडी के प्राचीन राजाओं का राजचिह्न है
गद्यांश के आधार पर निम्नलिखित में से निर्देशानुसार सर्वाधिक उपयुक्त विकल्पों का चयन कीजिए-

(i) उद्यानों एवं हरियाली की अधिकता के कोलम्बो को क्या कहा जाता है?
(क) 
उद्यानों का नगर
(ख) श्रीलंका
(ग) रत्नों का नगर
(घ) स्वतंत्र देश
उत्तरः (क)

(ii) भगवान बुद्ध के पवित्र दाँत का प्रसिद्ध मन्दिर कहाँ स्थित है?
(क) 
अनुराधापुर में
(ख) कैंडी नगर में
(ग) सीगिरिया
(घ) पोलोन्नारुवा में
उत्तरः (ख)

(iii) श्रीलंका का एक विशेष पकवान..................कहलाता है।
(क) 
होपर्स
(ख) दाल-भात
(ग) मछली के झोल
(घ) चावल
उत्तरः (क)

(iv) प्राचीन काल में श्रीलंका की..................राजधनियाँ रही हैं।
(क) 
यप्पाहुवा
(ख) पोलोन्नारूवा
(ग) सीगिरिया
(घ) ये सभी
उत्तरः (घ)

(v) कैंडी के प्राचीन राजाओं का राजचिह्न क्या है?
(क)
सिंह
(ख) राष्ट्रध्वज
(ग) दलादा मालीगावा
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तरः (क)

व्यावहारिक व्याकरण (16 अंक)

Q.3. निम्नलिखित पाँच भागों में से किन्हीं चार के  उत्तर दीजिए
(i) ‘अनिल मेहनती और बुद्धि मान छात्र है।’ रेखांकित में पदबंध का भेद बताइए।
(क)
संज्ञा पदबंध
(ख) विशेषण पदबंध
(ग) क्रिया पदबंध
(घ) सर्वनाम पदबंध
उत्तरः (ख)

(ii) ‘लोगों ने चोर को पीट-पीटकर मार डाला।’ रेखांकित में पदबंध का भेद बताइए।
(क) 
संज्ञा पदबंध
(ख) सर्वनाम पदबंध
(ग) क्रिया पदबंध
(घ) क्रियाविशेषण पदबंध
उत्तरः (घ)

(iii) ‘वह दौड़ा-दौड़ा घर पहुँच गया।’ रेखांकित में पदबंध का कौनसा भेद है?
(क)
संज्ञा पदबंध
(ख) सर्वनाम पदबंध
(ग) क्रिया पदबंध
(घ) क्रियाविशेषण पदबंध
उत्तरः (ख) 

(iv) ‘गीता बहुत अच्छा नाचती है।’ में रेखांकित पद है-
(क)
संज्ञा
(ख) सर्वनाम
(ग) क्रिया
(घ) विशेषण
उत्तरः  (क)

(v) ‘मोहन पुस्तक पढ़ सकता है।’ में क्रिया पदबंध है-
(क)
मोहन पढ़
(ख) मोहन पुस्तक
(ग) पुस्तक पढ़
(घ) पढ़ सकता है
उत्तरः (घ)

Q.4.  निम्नलिखित पाँच भागों में से किन्हीं चार भागों के  उत्तर दीजिये-
(i) ‘बच्चे आए हैं और खेल रहे हैं।’ वाक्य-रचना की दृष्टि से है।
(क) 
मिश्र वाक्य
(ख) सरल वाक्य
(ग) संयुक्त वाक्य
(घ) सामान्य वाक्य
उत्तर: (ग)

(ii) ”राम घर गया। उसने माँ को देखा।“ का संयुक्त वाक्य बनेगा-
(क)
राम ने घर जाकर माँ को देखा।
(ख) राम घर गया और उसने माँ को देखा।
(ग) राम घर गया अतः उसने माँ को देखा।
(घ) जब राम घर गया तब उसने माँ को देखा।
उत्तर: (ख)

(iii) निम्नलिखित में मिश्र वाक्य है।
(क) 
चोर को देखकर सिपाही उसे पकड़ने दौड़ा।
(ख) नेताजी भाषण देकर चले गए।
(ग) सेठ जानता है कि नौकर ईमानदार है।
(घ) उसने खाना खाया और सो गया।
उत्तर: (ग)

(iv) निम्नलिखित में संयुक्त-वाक्य है।
(क)
वह बाज़ार पुस्तक खरीदने गया।
(ख) वह बाज़ार से पुस्तक खरीद लाया।
(ग) जब वह बाज़ार गया तब पुस्तक खरीद लाया।
(घ) वह बाज़ार गया और पुस्तक खरीद लाया।
उत्तर: (घ)

(v) मिश्र वाक्य को संयुक्त वाक्य में अथवा संयुक्त वाक्य को सरल वाक्य में बदलने को कहते हैं।
(क) 
वाक्य निर्माण
(ख) वाक्य रूपांतरण
(ग) वाक्य प्रक्रिया
(घ) वाक्य संश्लेषण
उत्तर: (ख)

Q.5. निम्नलिखित पांच भागों में से किन्हीं चार भागों के  उत्तर दीजिये -
(i) ‘नीलकमल’ का समास - विग्रह है-    1 अंक
(क)
नीला और कमल
(ख) नीला है जो कमल
(ग) नीला कमल
(घ) नीलकमल है जिसका वह
उत्तरः (ख)

(ii) ‘घुड़साल’ का समास विग्रह है-    1 अंक
(क) घोड़े के लिए साल
(ख) घुड़ और साल
(ग) घोड़े का साल
(घ) घोड़े
उत्तरः (क)

(iii) ‘नवाभूषण’ में समास का भेद है-    1 अंक
(क) कर्मधारय समास
(ख) तत्पुरुष समास
(ग) अव्ययी
(घ) द्वन्द
उत्तरः (क)

(iv) ‘गगन में विचरण करने वाला’ का समस्त पद है        1 अंक
(क) खच्चर
(ख) नभचर
(ग) आकाशचर
(घ) गगने
उत्तरः (ख)

(v) ‘पानी की चक्की’ का समस्त पद है-    1 अंक
(क) 
पनचक्की
(ख) पनीचक्की
(ग) पनचुक्की
(घ) पानचक्की
उत्तरः (क)

Q.6. निम्नलिखित चारों भागों के उत्तर दीजिये-

(i) आग बबूला होना-
(क) बहुत अधिक क्रोध करना
(ख) धोखा देना
(ग) मूर्ख बनना
(घ) स्वार्थी
उत्तरः (क)

(ii) आकाश पाताल एक करना-
(क) बहुत शोर मचाना
(ख) बहुत अधिक परिश्रम करना
(ग) आत्मनिर्भर बनना
(घ) चापलूसी करना
उत्तरः (ख)

(iii) मौत सिर पर होना-
(क) जान खतरे में होना
(ख) होश आना
(ग) सारे बदन में दर्द होना
(घ) बहुत अधिक संकट
उत्तरः (क)

(iv) चेहरा मुरझा जाना-
(क) धोखा देना
(ख) निराश व उदास होना
(ग) मजाक करना
(घ) क्रोधित होना।
उत्तरः (ख)

पाठ्य पुस्तक (14 अंक)

Q.7. निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर प्रश्नों के  सर्वाधिक उपयुक्त विकल्पों का चयन कीजिए-  4 × 1 = 4
स्याम म्हाने चाकर राखो जी,
गिरधारी लाला म्हाँने चाकर राखोजी।
चाकर रहस्यूँ बाग लगास्यूँ नित उठ दरसण पास्यूँ।
बिन्दरावन री कुंज गली में, गोविन्द लीला गास्यूँ।
चाकरी में दरसण पास्यूँ, सुमरण पास्यूँ खरची।
भाव भगती जागीरी पास्यूँ, तीनूं बाताँ सरसी।
मोर मुगट पीताम्बर सौहे, गल बैजयन्ती माला।
बिन्दरावन में धेनु चरावे, मोहन मुरली वाला।
ऊँचा-ऊँचा महल बणावं बिच बिच राखूँ बारी।
साँवरियाँ रा दरसण पास्यूँ पहर कुसुम्बी साड़ी।
आधीरात प्रभु दरसण, दीज्यो जमनाजी रे तीरा।
मीराँ रा प्रभु गिरधर नागर, हिवड़ो घणो अधीराँ ||

(i) मीरा कृष्ण की लीलाओं का गुणगान कहाँ करना चाहती हैं?
(क) 
वृन्दावन के  मन्दिरों में
(ख) वृन्दावन की कुंज गलियों में
(ग) गुप्त स्थान में
(घ) ये सभी
उत्तरः (ख)

(ii) मीरा कृष्ण के  लिए कुसुम्बी साड़ी क्यों पहनना चाहती है?
(क) 
कृष्ण द्वारा पीताम्बर धारण करने के  कारण
(ख) कुसुम्बी साड़ी पहनकर कृष्ण के  समक्ष जोगन रूप में प्रस्तुत होना
(ग) कुसम्बी-गहरा लाल
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तरः (ख)

(iii) मीराबाई भगवान श्रीकृष्ण की चाकरी क्यों करना चाहती है?
(क) 
चाकरी करने पर बदले में दर्शन की इच्छा
(ख) भक्ति-भाव की जागीर प्राप्त करना
(ग) स्मरण कर उसे खर्च समझ कर रख लेना
(घ) ये सभी
उत्तरः (क)

(iv) मीराबाई की भाषा-शैली किस प्रकार की है?
(क) 
राजस्थानी
(ख) ब्रजभाषा
(ग) गुजराती
(घ) उपर्युक्त सभी
उत्तरः (घ)

Q.8.  निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्पों का चयन कीजिए।
हमारे जीवन की रफ़्तार बढ़ गई है। यहाँ कोई चलता नहीं, बल्कि दौड़ता है। कोई बोलता नहीं, बकता है। हम जब अकेले पड़ते हैं, तब अपने आप से लगातार बड़बड़ाते रहते हैं। अमेरिका से हम प्रतिस्पर्धा करने लगे। एक महीने में पूरा होने वाला काम एक दिन में पूरा करने की कोशिश करने लगे। वैसे भी दिमाग़ की रफ़्तार हमेशा तेज़ ही रहती है। उसे ‘स्पीड’ का इंजन लगाने पर वह हज़ार गुना अधिक रफ्तार से दौड़ने लगता है। फिर एक क्षण ऐसा आता है जब दिमाग़ का तनाव बढ़ जाता है और पूरा इंजन टूट जाता है। यही कारण है जिससे मानसिक रोग यहाँ बढ़ गए हैं। अकसर हम या तो गुज़रे हुए दिनों की खट्टी-मिठी यादों में उलझे रहते हैं। हम या तो भूतकाल में रहते हैं या भविष्यकाल में। असल में दोनों ही काल मिथ्या हैं। एक चला गया है, दूसरा आया ही नहीं है। हमारे सामने जो वर्तमान क्षण है, वही सत्य है। उसी में जीना चाहिए। चाय पीते-पीते उस दिन दिमाग से भूत और भविष्य दोनों ही काल उड़ गए थे। केवल वर्तमान क्षण सामने था, और वह अनंतकाल जितना विस्तृत था।

(i) गद्यांश में मानसिक रोगों के  बढ़ने का कारण क्या बताया गया है?
(क) 
अमेरिका से प्रतिस्पर्धा करना
(ख) तेज़ रफ़्तार से दौड़ते दिमाग का तनाव
(ग) सामथ्र्य से अधिक कार्य करने का दबाव
(घ) खट्टी-मीठी यादों में उलझे रहना।
उत्तर: (ख)

(ii) जीवन की रफ़्तार बढ़ने का अर्थ है-
(क) 
प्रतियोगी होना
(ख) दूसरों को हराना
(ग) तीव्र गति से कार्य का निष्पादन करना
(घ) जल्दी बूढ़ा होना
उत्तर: (ग)

(iii) ‘दोनों ही काल मिथ्या हैं’ इसका तात्पर्य है-
(क) समय सदा सत्य नहीं रहता
(ख) दोनों ही काल झूठे हैं
(ग) व्यक्ति का नियंत्रण केवल वर्तमान पर रहता है
(घ) व्यक्ति को खट्टी-मीठी यादों में नहीं रहना चाहिए
उत्तर: (ग)

(iv) दिमाग पर स्पीड का इंजन क्यों लगाया जाता है?
(क) 
अमेरिका से प्रतिस्पर्धा  के लिए
(ख) दौड़ने की गति बढ़ाने  के लिए
(ग) दिमाग की स्पीड बढ़ाने  के लिए
(घ) दिमाग को तनाव मुक्त रख अधिक कार्य करने के लिए?
उत्तर: (ग)

(v) अनंतकाल के  विस्तृत होने का क्या कारण था?
(क) 
समय व्यतीत नहीं हो पाने के  कारण
(ख) लेखक के बोर होने के  कारण
(ग) लेखक केवल वर्तमान के  बारे में ही सोच पा रहा था
(घ) क्योंकि आकाश का दूसरा नाम अनंत है
उत्तर: (ग)

Q.9. निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्पों का चयन कीजिए - 
एक शाम तताँरा दिनभर के  अथक् परिश्रम के  बाद समुद्र किनारे टहलने निकल पड़ा। सूरज समुद्र से लगे क्षितिज तले डूबने को था। समुद्र से ठंडी बयारें ऊपर आ रही थी। पक्षियों की सांयकालीन चहचहाहटें शनैः - शनैः क्षीण होने को थीं। उनका मन शांत था। विचारमग्न तताँरा समुद्री बालू पर बैठकर सूरज की अंतिम रंग - बिरंगी किरणों को समुद्र पर निहारने लगा। तभी कहीं पास से उसे मधुर गीत गूँजता सुनाई दिया। गीत मानो बहता हुआ उसकी तरफ आ रहा हो। बीच - बीच में लहरों का संगीत सुनाई देता। गायन इतना प्रभावी था कि वह अपनी सुध - बुध खोने लगा। लहरों के एक प्रबल वेग ने उसकी तंद्रा भंग की। चैतन्य होते ही वह उधर बढ़ने को विवश हो उठा जिधर से अब भी गीत के स्वर बह रहे थे। वह विवश सा उस तरफ बढ़ता गया। अंततः उसकी नजर एक युवती पर पड़ी जो ढलती हुई शाम  सौंदर्य में बेसुध, एकटक समुद्र की देह पर डूबते आकर्षक रंगों को निहारते हुए गा रही थी। यह एक शृंगार गीत था।
निम्नलिखित में से निर्देशानुसार सर्वाधिक उपयुक्त विकल्पों का चयन कीजिए - 

(i) दिन भर के अथक परिश्रम के  बाद समुद्र किनारे कौन टहल रहा था?
(क) वामीरो
(ख) तताँरा
(ग) निकोबारी
(घ) लिटिल
उत्तरः (ख)

(ii) तताँरा कहाँ बैठकर सूरज की रंग - बिरंगी किरणों को समुद्र पर निहार रहा था?
(क) 
समुद्री बालू पर
(ख) समुद्री चट्टान
(ग) पेड़ पर
(घ) समुद्री लहरों पर
उत्तरः (क)

(iii) ढलती हुई शाम के  सौन्दर्य में बेसुध होकर युवती द्वारा गाया गया गीत किस प्रकार का था?
(क) 
विरह गीत
(ख) शृंगार गीत
(ग) करुण
(घ) भजन
उत्तरः (ख)

(iv) गद्यांश में प्रयुक्त ‘आकर्षक’ शब्द में उपसर्ग और प्रत्यय बताइए -
(क) 
अ+ इक
(ख) आ + इ + क
(ग) आ + अक
(घ) आ + षक्
उत्तरः (ग)

(v) ‘गायन इतना प्रभावी था कि वह अपनी सुध - बुध खोने लगा’ वाक्य में प्रयुक्त मुहावरा बताइए -
(क) 
सुध - बुध खोना
(ख) खोने लगा
(ग) गायन प्रभावी
(घ) इनमें से कोई नहीं।
उत्तरः (क)

खण्ड-‘ब’ वर्णनात्मक प्रश्न

पाठ्य-पुस्तक एवं पूरक पाठ्य-पुस्तक(14 अंक)

Q.10. निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 25-30 शब्दों में उत्तर लिखिए- 2 × 2 = 4

(i) ‘एकै आषिर पीव का, पढ़ै सुपंडित होइ’- इस पंक्ति के द्वारा कवि क्या कहना चाहता है?
उत्तरः
‘एकै आषिर पीव का, पढ़ै सु पंडित होइ।’- इस पंक्ति के द्वारा कवि यह कहना चाहता है जिस व्यक्ति ने प्रेम के एक अक्षर को पढ़ लिया है, वह विद्वान् हो जाता है अर्थात् जिसने प्रेम का व्यावहारिक अनुभव ;ज्ञानद्ध प्राप्त कर लिया है, वही संसार में सबसे बड़ा विद्वान् है।

(ii) ‘बड़े भाई साहब’ कहानी में भाई साहब दिमाग को आराम देने के लिए क्या करते थे?
उत्तरः 
(i) कापियों के किनारे पर जानवरों की तस्वीरें बनाते थे।
(ii) कोई शेर या वाक्य दस-बीस बार लिख डालते। 

व्याख्यात्मक हल:
बड़े भाई साहब कहानी में भाई साहब दिमाग को आराम देने के लिए अपनी कापियों के किनारों पर जानवरों के चित्र बनाते थे तथा कोई वाक्य या शेर दस-बीस बार सुंदर-सुंदर अक्षरों में कापी में लिख डालते थे। कभी ऐसी शब्द - रचना करते, जिसमें न कोई अर्थ होता, न कोई सामंजस्य।

(iii) शेख अयाज के पिता भोजन छोड़कर क्यों उठ खड़े हुए? अब वहाँ दूसरों ने दुःख से दुःखी होने वाले पाठ ने आधार पर लिखिए।
उत्तरः 
शेख अयाज़ के पिता अत्यंत दयालु और सहृदय व्यक्ति थे। एक बार वे कुएँ से स्नान करके लौटे और भोजन करने बैठ गए। अचानक उन्होंने देखा कि एक काला च्योंटा उनकी बाजू पर रेंग रहा है। उन्होंने भोजन वहीं छोड़ दिया और उसे छोड़ने उसके घर (कुएँ के पास) चल पड़े ताकि उस बेघर को उसका घर मिल सके।

Q.11. निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर लगभग 60-70 शब्दों में लिखिए-         1 × 4 = 4
कर चले हम फिदा’ कविता की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि का उल्लेख करते हुए उसका प्रतिपाद्य अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तरः 
अपने देश के सम्मान और सुरक्षा के लिए सैनिक हर चुनौतियों को स्वीकार करके अपने जीवन का बलिदान करने के लिए तैयार रहते हैं। अपनी अंतिम साँस तक देश के मान की रक्षा कर उसे शत्रुओं से बचाते हैं। कवि इसमें देशभक्ति को विकसित करके देश को जागरूक करना चाहता है। यह कविता सन 1962 के भारत-चीन युद्ध की पृष्ठभूमि पर बनी है। कवि एक सैनिक के मन के भाव और उसके दर्द को व्यक्त करता है। इसके अंदर एक सैनिक देशवासियों से निवेदन करता है कि उसने देश की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व त्याग कर दिया है। उसके बाद उन्हें ही देश की रक्षा करना होगी।

अथवा

बड़े भाई साहब ने स्वयं फेल हो जाने पर भी अपने छोटे भाई को डाँटकर भी उसका प्यार किस प्रकार जीता? अगर आपके  बड़े भाई  ऐसा करते तो आपकी क्या प्रतिक्रिया होती? लिखिए 
उत्तरः 1. छोटे भाई को डाँटने में उसकी भलाई की भावना।
2. छोटा भाई बड़े भाई के अधिकार को समझता था।
3. अधिक अनुभवी व प्यार करने वाले।
4. विद्यार्थी का निजी मत।

व्याख्यात्मक हल:
बड़े भाई साहब स्वयं फेल हो गये और छोटा भाई कक्षा में अव्वल आया तब उसके स्वभाव में आए परिवर्तन को देखकर बड़े भाई ने उसे डाँटकर समझाया कि परीक्षा पास कर लेने से मानसिक विकास नहीं होता। उनकी बातों को सुनकर छोटे भाई के मन पर पड़ा भ्रम का परदा दूर हो जाता है और उसको समझ में आ जाता है कि उनके डाँटने में उसी की ;छोटे भाई कीद्ध भलाई की भावना है। वे उससे बड़े हैं और छोटे भाई की भलाई के विषय में सोचना उनका अधिकार है क्योंकि वे उससे अधिक अनुभवी हैं और उसे बहुत प्यार करते हैं। इस प्रकार छोटे भाई की दृष्टि में बड़े भाई साहब का स्थान और भी बड़ा हो जाता है। यदि हमारे बड़े भाई ऐसा करते तो हमारे मन में उनके प्रति श्रद्धा का भाव बढ़ जाता और हम जीवन भर उनके आदर्शों पर चलते।

Q.12. निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के  उत्तर लगभग 40-50 शब्दों में लिखिए
(i) ‘सपनों के से दिन’ पाठ के लेखक और ‘टोपी शुक्ला’ नामक पात्र का बचपन एक जैसा-सा है। आप के बचपन से इनकी कथा कैसे मिलती-जुलती है?
उत्तर: 
1. खेल-कूद में मन लगाना
2. स्कूल के मस्ती भरे दिन
3. अध्यापकों तथा अभिभावकों का डर
4. बचपन में मिला अपनापन और प्यार
5. मित्रता भेदभाव नहीं मानती है

व्याख्यात्मक हल:
‘सपनों के से दिन’ पाठ के  लेखक के  मित्र राजस्थान व हरियाणा से आए परिवारों के थे जिनकी बोली भी कम समझ में आती थी। लेकिन मित्रता कोई भेद-भाव नहीं जानती। बचपन में लेखक उनके  साथ खूब मौज-मस्ती करता। खेलते-दौड़ते में यदि चोट लग जाती तो घर आने पर डाँट पड़ती लेकिन अगले दिन फिर उन्हीं मित्रों के साथ खेलने लग जाता। अध्यापकों से सदा भयभीत रहा तथा परिवार से विशेष अपनापन नहीं मिला। वही ‘टोपी शुक्ला’ पाठ में टोपी को भी अपने मुस्लिम मित्र व उसकी दादी से ही बचपन में अपनापन मिला। घरवाले इफ़्फ़न से मिलने पर डाँटते लेकिन मित्रता भेद-भाव नहीं जानती। वह फिर भी उसके पास जाता। स्कूल में अध्यापक  के दुव्र्यवहार से टोपी आहत रहता। इस तरह दोनों का अचपन एक जैसा रहा।

(ii) रामदुलारी की मार से टोपी पर क्या प्रभाव पड़ा? ‘टोपी शुक्ला’ पाठ के आधार पर स्पष्ट करें।
उत्तर: 
1.  टोपी पिटता रहा लेकिन उसने रामदुलारी की इस बात को नहीं स्वीकारा कि वह इफ़्फन के घर फिर कभी नहीं जाएगा।
2. टोपी बहुत उदास हो गया था।
3. उसका सारा बदन दुखता रहा था।
4. वह बस यही सोचता रहा था कि काश वह एक दिन के लिए मुन्नी बाबू से बड़ा हो पाता और उसे सबक सिखा पाता।

व्याख्यात्मक हल:
टोपी के द्वारा ‘अम्मी’ कहे जाने पर टोपी के  घर में बवंडर पैदा हो गया। दादी के  उकसाने पर माँ रामदुलारी ने टोपी की बहुत पिटाई लगाई तथा उसे इफ़्फ़न से न मिलने की हिदायत दी। लेकिन पिटाई खाकर भी टोपी ने इफ़्फ़न से मिलना नहीं छोड़ा वरन् इस पिटाई से टोपी बहुत उदास हो गया तथा उसका पूरा बदन दर्द करने लगा। उसे अपनी दादी से नफ़रत हो गई। वह सोचने लगा कि काश! इफ़्फन की दादी से उसकी दादी को बदला जा सके। इफ़्फ़न की दादी के मरने पर उसने इफ़्फ़न से कहा भी कि तेरी दादी की जगह मेरी दादी मर जाती तो अच्छा रहता। वहीं वह मुन्नी बाबू से भी घृणा करने लगा। वह बस यही सोचता रहता था कि काश वह एक दिन के लिए मुन्नी बाबू से बड़ा हो पाता और उसे सबक सिखा पाता।

(iii) महंत और अपने भाई हरिहर काका को एक जैसे क्यों लगने लगते हैं? ‘हरिहर काका’ कहानी के आधार पर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: 
1. दोनों ही स्वार्थ में डूबे हुए थे।
2. दोनों में से कोई भी हरिहर काका को नहीं, उनकी जमीन-जायदाद चाहते थे।
3. उनकी जमीन हथियाने के  लिए वे किसी भी हद तक गिर सकते हैं।
4. दिखावा करने के अलावा दोनों कुछ नहीं करते थे।
5. दोनों हरिहर काका की जान तक लेने को तैयार थे।

व्याख्यात्मक हल:
हरिहर काका एक वृद्ध और निःसंतान व्यक्ति हैं। अकेलेपन के कारण उन्होंने भाइयों के परिवार का आश्रय लिया। हरिहर काका के हिस्से में 15 बीघा जमीन थी जिस पर भाइयों के अलावा ठाकुरबारी के महंत की दृष्टि थी। हरिहर काका ने जब निश्चय किया कि वे अपनी जायदाद भाइयों तथा महंत किसी के नाम नहीं लिखेंगे तब महंत ने अपने आदमियों से उन्हें उठवाकर जबरदस्ती कागजों पर अँगूठे के निशान लगवा लिए। पता लगने पर उनके भाई पुलिस की सहायता से बुरी हालत में उनकी जान बचाकर घर ले आये। ठाकुरबारी से वापस लौटकर काका ने महंत के ऊपर जबरदस्ती अंगूठे का निशान लगा लेने का मुकदमा दायर कर दिया। भाइयों ने भी काका की जमीन हड़पने के लिए महंत से भी विकराल रूप धारण कर यातनाएँ देना शुरू कर दिया। उन्हें भूखे रखकर शारीरिक यंत्रणाएँ दी गयीं। उनकी पीठ माथे और पाँवों पर जख्मों के निशान उभर आए। इस तरह वे दोनों हरिहर काका से नहीं, उनकी जमीन-जायदाद से लगाव रखते थे तथा उसे हथियाने के लिए वे उनकी जान लेने को भी तैयार थे। इसी कारण हरिहर काका को अपने भाई और महंत एक ही श्रेणी के  लगने लगे।

लेखन

Q.13. निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर दिए गए संकेत - बिन्दुओं के आधार पर लगभग 80 - 100 शब्दों में एक अनुच्छेद लिखिए -    1 × 6 = 6
(i) 
युवाओं के लिए मतदान का अधिकार
मतदान का अधिकार
मतदान के प्रति जागरूकता
सभ्य समाज की अरुचि
अनिवार्य मतदान के लिए प्रयास
उत्तरः युवाओं के लिए मतदान का अधिकार
मतदान का अधिकार - मतदान युवाओं के लिए महत्वपूर्ण अधिकार है। लोकतंत्र में इसका बहुत महत्व है। इसके माध्यम से वे अपने लिए उचित सरकार का चयन करते हैं। यह अधिकार उनके अधिकारों के प्रति सजगता का परिचायक है। इसका प्रयोग कर वह स्वयं के और देश के भविष्य को विकास व प्रगति प्रदान करते हैं। उनके दिए मतदान के कारण ही सरकार बनाती है।
मतदान के प्रति जागरूकता - देश में राजनीति के प्रति लोगों की उदासीनता को देखते हुए 25 जनवरी को देश में मतदाताओं को जागरूक करने के लिए राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाये जाने का संकल्प लिया गया।
सभ्य समाज की अरुचि - गाँव आदि में तो फिर भी लोग वोट देने के लिए चले जाते हैं, पर हमारे तथाकथित पढ़े - लिखे सभ्य समाज की चुनावों में क्या भूमिका होती है, यह हम सभी जानते हैं। देश में चुनाव आयोग और कोई भी सरकार केवल चुनाव के आयोजन तक ही अपनी भूमिका अदा कर सकते हैं, पर उसका सदुपयोग करना हमारा दायित्व है। आज अगर कहीं पर कोई अनियमितता है तो वह केवल इसलिए कि हम उसके प्रति उदासीन हैं। अगर हम अपने वोट का प्रयोग करना सीख जाएँ तो समाज से खराब लोगों का चुनकर आना काफी हद तक कम हो सकता है।
अनिवार्य मतदान के लिए प्रयास - आज देश में मताधिकार को भी अनिवार्य कर दिया जाना चाहिए और जो भी वोट डालना चाहे उसको कई दिन मिलने चाहिए। तकनीकी के क्षेत्र में देश की मेधा का उपयोग करके हम चुनावों को और अधिक सुरक्षित और आसान बना सकते हैं। वोट न डालने वालों के सभी नागरिक अधिकार अगले 5 साल के  लिए वापस ले लिए जाने चाहिए जिससे लोगों को यह समझ में आ सके कि वोट देना कितना आवश्यक है। बिना किसी उचित कारण के वोट न देने वालों पर जुर्माना भी लगाया जाना चाहिए। इस देश में बिना दण्ड कुछ भी नहीं हो सकता है, इसलिए वोट न देने वालों पर भी कुछ सख्ती की जानी चाहिए।

(ii) वर्षा ऋतु
अवधि
प्रभाव
लाभ और हानि
उत्तरः वर्षा ऋतु
अवधि - यदि वसंत को ऋतुराज माना गया है तो वर्षा को ऋतुओं रानी। मई - जून की गर्मी से जब धरती पर हाहाकार मचने लगता है, तब जून के  अंत में या जुलाई के  प्रारंभ में हमें आकाश में काले - काले बादलों के दर्शन होने लगते हैं और कुछ ही क्षणों में जब वर्षा की पहली झड़ी लगती है, तब मानो बुझते दीपक में तेल पड़ जाता है। इसके बाद यह सिलसिला लगभग सितंबर के अंत तक चलता है।
प्रभाव - इस मौसम में आकाश कभी काले तो कभी भिन्न - भिन्न रंगों के बादलों से ढँका रहता है। इस ऋतु में संध्या समय में पश्चिम दिशा का रूप निहारने योग्य होता है। ऐसा लगता है, मानो प्रकृति देवी ने सतरंगी ओढ़नी ओढ़ ली हो। कभी प्रातः तो कभी संध्या समय सतरंगी धनुष धरती से स्वर्ग में पहुँचने के लिए पुल का निर्माण कर देता है।
लाभ और हानि - जब बादलों से झरता पानी प्रकृति देवी की कृपा की वर्षा करता है, तब सड़कों पर भरे पानी में बच्चों को बड़ा आनंद आता है। कई बार तो सड़कों पर ही नदियों और नहरों का - सा दृश्य दिखाई देने लगता है। कभी पुरवैया पेड़ों पर नृत्य करती हैं तो छोटे - छोटे पौधे भी नाच - नाचकर गा - गाकर अपना हर्ष प्रकट करते हैं। प्रकृति रानी हरी चुनरिया ओढ़े नित्य प्रति नई नवेली दुल्हनिया - सी दिखाई देती है। पेड़ों पर बोलती कोयलिया मधुर गीत गाती है। प्रातःकाल युगल बुलबुल प्रभाती के गीत गाकर मानो हमें जगाते हैं। बाग - बगीचे, खेत - जंगल सब स्नान करके न जाने किसकी आराधना करते दिखाई देते हैं। इस प्रकार मनुष्यों, पशुओं, पक्षियों, मेढकों, जुगुनुओं, मंजीरों सबको आनंद विभोर करके कुछ महीने तक अपना आतिथ्य देकर वर्षा रानी विदा हो जाती हैं।

(iii) कमरतोड़ महँगाई
महँगाई का कारण
माँग और आपूर्ति में अंतर
सरकारी नीति
बढ़ती महँगाई के दुष्परिणाम
उत्तरः कमरतोड़ महँगाई
महँगाई का कारण - वर्तमान समय में निम्न - मध्यम वर्ग महँगाई की समस्या से त्रस्त है। महँगाई भी ऐसी, जो रुकने का नाम ही नहीं लेती, यह तो सुरसा के मुख तरह बढ़ती ही चली जा रही है। ऐसा प्रतीत होता है कि सरकार का महँगाई पर कोई नियंत्रण रह ही नहीं गया है। महँगाई बढ़ने के कई कारण हैं, यथा - जनसंख्या वृद्धि, जमाखोरी, मुद्रास्फीति, रुपए का अवमूल्यन आदि।
माँग और आपूर्ति में अंतर - उत्पादन में कमी तथा माँग में वृद्धि होना महँगाई का प्रमुख कारण है। कभी - कभी सूखा, बाढ़ तथा अतिवृष्टि जैसे प्राकृतिक प्रकोप भी उत्पादन को प्रभावित करते हैं। वस्तुओं की जमाखोरी भी महँगाई बढ़ने का प्रमुख कारण है। जमाखोरी से शुरू होती है - कालाबाजारी, दोषपूर्ण वितरण प्रणाली तथा अंधाधुन्ध मुनाफाखोरी की प्रवृत्ति।
सरकारी नीति - सरकारी अंकुश का अप्रभावी होना भी महँगाई तथा जमाखोरी को बढ़ावा देता है। सरकार अखबारों में तो महँगाई कम करने की बात करती है पर वह भी महँगाई बढ़ाने में किसी से कम नहीं है। सरकारी उपक्रम भी अपने उत्पादों के दाम बढ़ाते रहते हैं।
बढ़ती महँगाई के दुष्परिणाम - इस जानलेवा महँगाई ने आम नागरिकों की कमर तोड़कर रख दी है। अब उसे दो जून की रोटी जुटाना तक कठिन हो गया है। पौष्टिक आहार का मिलना तो और भी कठिन हो गया है। महँगाई बढ़ने का एक कारण यह भी है कि हमारी आवश्यकताएँ तेजी से बढ़ती चली जा रही हैं। अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए हम किसी भी दाम पर वस्तु खरीद लेते हैं, इससे जमाखोरी और महँगाई को बढ़ावा मिलता है। महँगाई को सामान्य व्यक्ति की आय के संदर्भ में देखा जाना चाहिए। महँगाई के लिए अंधाधुंध बढ़ती जनसंख्या भी उत्तरदायी है। इस पर भी नियंत्रण करना होगा।

Q.14. खराब सेलफोन के सेट की शिकायत करते हुए संबंधित कंपनी के स्थानीय अधिकारी को पत्र लिखिए। 5
उत्तरः 

सेवा में,
प्रबंधक,
सैमसंग इण्डिया लि.
आगरा।
विषय - खराब सेलफोन की शिकायत हेतु
महोदय,
अत्यन्त खेद है कि आपके शोरूम से खरीदा गया सैमसंग ग्रैंड - 2 सेलफोन ठीक प्रकार से कार्य नहीं कर रहा है। कई बार कंपनी के अधिकारियों से इसकी शिकायत की, परंतु उन्होंने कोई उचित कार्यवाही नहीं की। अतः आपसे निवेदन है कि अविलम्ब इस सेलफोन को ठीक कराने की कृपा करें। मैं आपका बहुत आभारी रहूँगा।
धन्यवाद!
भवदीय
जयनारायण वर्मा
29, पाण्डव नगर, आगरा।
दिनांक _____

अथवा

अनियमित डाक वितरण में सुधार करने के लिए अपने क्षेत्र के डाकपाल को पत्र लिखिए।
उत्तरः
 
सेवा में,
डाकपाल महोदय,
डाकघर, सिकन्दरा आगरा-7
विषय - अनियमित डाक वितरण में सुधार हेतु
मान्यवर,
प्रार्थना है कि मैं कैलाश मोड़, सी, जनकपुरी का निवासी हूँ। मैं अपने इस पत्र के माध्यम से अपने क्षेत्र की डाक वितरण की अनियमितताओं की ओर आपका ध्यान आकृष्ट कराना चाहता हूँ।  श्रीमानजी, गत दो सप्ताह से हमारे इस क्षेत्र में डाक का वितरण सुचारु रूप से नहीं हो पा रहा है। इस काॅलोनी में चार मंजिले मकान हैं। पोस्टमैन डाक को नीचे सीढ़ियों में ही फेंक देता है या सीढ़ियों के सामने खड़े बच्चों के हाथ में पकड़ा देता है जिससे अनेक बार महत्त्वपूर्ण पत्र भी पत्राधिकारी को नहीं मिल पाते। पत्रों के वितरण में विलंब की शिकायत भी देखी गई है। डाक वितरण की व्यवस्था दिन में दो बार की है लेकिन इस क्षेत्र में दिन में एक बार ही यदि पोस्टमैन के दर्शन हो जाएँ तो बड़ी बात है। कभी-कभी तो पूरे सप्ताह पोस्टमैन के दर्शन नहीं होते। यह भी देखा गया है कि हर त्यौहार पर पोस्टमैन लोगों को पुरस्कार देने को बाध्य करता है। ऐसा न करने पर पुरस्कार न देने वालों के पत्र गड़बड़ कर देता है। डाक वितरण की शिकायत केवल मेरी ही नहीं, अपितु इस क्षेत्र के सभी निवासियों की है। अतः आपसे विनम्र निवेदन है कि संबंधित पोस्टमैन को उचित निर्देश देकर इस क्षेत्र में डाक वितरण को सुचारु बनाया जाए। आपकी बड़ी कृपा होगी।
धन्यवाद।
भवदीय
प्रेमसिंह
6.सी, जनकपुरी, आगरा
दिनांक ____

Q.15. विद्यालय में छुट्टी के दिनों में भी प्रातःकाल में योग की अभ्यास कक्षाएँ चलने की सूचना देते हुए इच्छुक विद्यार्थियों द्वारा अपना नाम देने हेतु सूचना-पट्ट के लिए एक सूचना लगभग 30-40 शब्दों में लिखिए।
उत्तरः

रेनबो पब्लिक स्कूल
नई दिल्ली
सूचना
दिनांक ____

विद्यालय में छुट्टी के समय में योग के अभ्यास की कक्षाओं की सूचना!

आप सभी को सूचित किया जाता है कि हमारे विद्यालय में छुट्टी के दिनों में सुबह 6 बजे से योग के अभ्यास की कक्षाएं आरंभ की जाएगी।  इच्छुक विद्यार्थी इन दिनों में विद्यालय के मैदान में आकर इसका लाभ उठा सकते हैं। कृपया वह अपना नाम कक्षा अध्यापक को इस सप्ताह तक दे दें।
___हस्ताक्षर___
नेहा मिश्रा
(हेड गर्ल)
रेनबो पब्लिक स्कूल

अथवा

वरिष्ठ नागरिकों के लिए आयोजित किए जा रहे किसी आयोजन के आकर्षणों का उल्लेख करते हुए लगभग 30-40 शब्दों में में एक सूचना लिखिए।
उत्तरः 

आवश्यक सूचना

दिनांक - 20.4.20XX

नगर के समस्त वरिष्ठ नागरिकों को सूचित किया जाता है कि लायन्स क्लब आगरा द्वारा वरिष्ठ नागरिकों का सम्मान करने के लिए कार्यक्रम 25.04.20×× को प्रातःकाल 11:00 बजे रामलीला मैदान में आयोजित किया जा रहा है। आयोजन के प्रमुख आकर्षण हैं: मुख्य अतिथि द्वारा दीप प्रज्वलन, पार्षद महोदय द्वारा सम्मान व लघु नाटिका आदि।

धन्यवाद

आज्ञा से

देवप्रताप सिंह

;लायन्स क्लब

Q.16. विद्यालय के ‘अहंग समूह’ द्वारा प्रस्तुत ताजमहल नाटक के बारे में नाम, पात्र, दिन, समय, टिकट आदि की सूचना देते हुए लगभग 25-50 शब्दों में एक विज्ञापन तैयार कीजिए।
उत्तरः

व्याख्यात्मक हल:

सूचना

दिनांक - ______.

समस्त छात्र-छात्राओं को सूचित किया जाता है कि विद्यालय आडिटोरियम में दिनांक- 18/11/20XX को सायं 4 बजे से वार्षिकोत्सव समारोह का आयोजन किया जायेगा। सभी विद्यार्थी विद्यालय गणवेश में अपने अभिभावकों के  साथ आयें। दीप प्रज्ज्वलन, लघु नाटिका, नृत्य, गीत-संगीत पुरस्कार वितरण आदि कार्यक्रम शामिल हैं।
अमित शर्मा
(संयोजक)

अथवा

अपनी दुकान को किराए पर उठाने के  लिए लगभग 25-50 शब्दों का विज्ञापन तैयार कीजिए।
उत्तरः
व्याख्यात्मक हल:

आवश्यक सूचना

दिनांक- ______

सभी विद्यार्थियों  को सूचित किया जाता है कि विद्यालय की छुट्टी के  उपरांत विद्यालय मैदान में फुटबॉल सीखने की विशेष कक्षाएं आयोजित की जायेगी। इच्छुक विद्यार्थी कल तक अपना नाम खेल सचिव के  पास लिखवा दें।
राजेश भदौरिया
(खेल सचिवद्ध)

Q.17. ‘संगति का प्रभाव’ विषय पर लगभग 100 - 120 शब्दों में एक लघुकथा लिखिए। 5
उत्तरः लघुकथा - संगति का प्रभाव 
एक धनी सेठ था। उसका एक ही बेटा था। उसका नाम त्रिशूल था। वह अपनी कक्षा में हमेशा प्रथम आता था। एक बार वह बुरी संगत में पड़ गया और लापरवाह हो गया। उसका पिता बहुत दुःखी हुआ। उसे एक उपाय सूझा। वह बाजार से सेब खरीद लाया। उसने साथ ही एक खराब सेब भी खरीद लिया। उसने त्रिशूल से कह दिया कि ये सब एक टोकरी में रख दे। पिता ने अगले दिन त्रिशूल को बुलाया और उससे टोकरी लाने को कहा टोकरी में रखे सभी सेब खराब हो चुके  थे। त्रिशूल को यह देखकर बड़ी हैरानी हुयी। तभी उसके  पिता ने कहा एक खराब सेब ने सभी अच्छे सेबों को भी सड़ा दिया। इसी तरह बुरी संगति में व्यक्ति भी बर्बाद हो जाता है। त्रिशूल ने सबक सीखा। उसने अपनी बुरी संगत छोड़ दी और फिर से एक अच्छा लड़का बन गया।

अथवा

‘अनोखी सीख’ विषय पर लगभग 100 - 120 शब्दों में एक लघुकथा लिखिए।
उत्तरः 
अनोखी सीख
विश्व प्रसिद्धदार्शनिक सुकरात शक्ल से अत्यन्त कुरूप थे। एक दिन एकांकी बैठे वह दर्पण हाथ में लिए अपना मुँह देख रहे थे, तभी उनका एक प्रिय शिष्य कमरे में आया और सुकरात को दर्पण देखता पाकर बहुत आश्चर्यचकित हुआ। वह कुछ बोला नहीं, मात्र मुस्कराने लगा। विद्वान् सुकरात ने शिष्य की मुस्कुराहट देखकर सब बात समझ ली। कुछ क्षणों के  पश्चात् वे बोले, ”मैं तुम्हारी मुस्कराहट का कारण जान गया हूँ। संभवतः तुम यह सोच रहे हो कि ”मुझ जैसा असुन्दर व्यक्ति आखिर शीशा क्यों देख रहा है?“ शिष्य मौन रहा। उसकी चोरी पकड़ी गई थी। उसका सिर लज्जा से झुक गया। वह धरती की ओर देखता रहा। सुकरात ने पुनः बोलना प्रारम्भ किया ”वत्स शायद तुम नहीं जानते कि मैं यह शीशा क्यों देखता हूँ।“ नहीं गुरु जी ”शिष्य ने कहा ”मैं कुरूप हूँ, इसलिए प्रतिदिन शीशा देखता हूँ। शीशा देखकर मुझे अपनी कुरूपता का भान हो जाता है। मैं अपने रूप को जानता हूँ इसलिए मैं प्रतिदिन प्रयत्न करता हूँ कि ऐसे अच्छे काम करूँ“ जिससे मेरी यह कुरूपता ढक जाए।“ शिष्य को यह बड़ा शिक्षाप्रद लगा। किन्तु उसने स्वाभाविक शंका प्रकट की ‘तब तो गुरु जी सुन्दर मनुष्यों को कदापि शीशा नहीं देखना चाहिए।’ सुकरात बोले तिक उन्हें भी प्रतिदिन शीशे में अपनी शक्ल देखनी चाहिए ताकि उन्हें यह याद रहे कि हम कोई भी ऐसा गलत कार्य न करें जिससे हमारे चरित्र पर दाग लगे। शिष्य गुरु की बात का रहस्य समझ समझकर उनके  सम्मुख श्रद्धा से नतमस्तक हो गया।

The document Class 10 Hindi B: CBSE Sample Question Paper (2020-21) - 2 | CBSE Sample Papers For Class 10 is a part of the Class 10 Course CBSE Sample Papers For Class 10.
All you need of Class 10 at this link: Class 10
303 docs|7 tests

Top Courses for Class 10

FAQs on Class 10 Hindi B: CBSE Sample Question Paper (2020-21) - 2 - CBSE Sample Papers For Class 10

1. कक्षा 10 हिंदी बी: सीबीएसई नमूना प्रश्न पत्र (2020-21) - 2 कक्षा 10 से संबंधित 5 मतलबपूर्ण अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों (FAQs) के साथ संबंधित विस्तृत उत्तर प्रदान करें जो आमतौर पर खोजे जाने के अधिक संभावित हैं और लेख की सामग्री के अनुरूप हों। प्रश्नों और उत्तरों का जटिलता सामग्री या परीक्षा की अधिकतम सीमा से अधिक नहीं होनी चाहिए। ऐसे प्रश्नों को विचार करें जो Google पर इसी विषय के लिए अधिकतर खोजे जाते हैं। कृपया प्रश्न के बाद हर प्रश्न के बाद
का उपयोग करें। कृपया प्रत्येक प्रश्न संख्या के पहले
1. कक्षा 10 हिंदी बी: सीबीएसई नमूना प्रश्न पत्र (2020-21) - 2 कक्षा 10 के बारे में क्या है?
उत्तर: कक्षा 10 हिंदी बी: सीबीएसई नमूना प्रश्न पत्र (2020-21) - 2 कक्षा 10 के लिए एक नमूना प्रश्न पत्र है जिसका उपयोग परीक्षा की तैयारी के लिए किया जाता है। यह प्रश्न पत्र सीबीएसई द्वारा जारी किया गया है और छात्रों को परीक्षा पैटर्न, प्रश्नों की संरचना और परीक्षा में पूछे जाने वाले प्रश्नों की समझ में मदद करने के लिए उपयोगी है।
2. कक्षा 10 हिंदी बी: सीबीएसई नमूना प्रश्न पत्र (2020-21) - 2 का उपयोग किस उद्देश्य के लिए किया जाता है?
उत्तर: कक्षा 10 हिंदी बी: सीबीएसई नमूना प्रश्न पत्र (2020-21) - 2 का उपयोग परीक्षा की तैयारी के लिए किया जाता है। छात्रों को प्रश्नों की संरचना, परीक्षा पैटर्न को समझने में मदद करता है और परीक्षा में पूछे जाने वाले प्रश्नों के लिए उनकी तैयारी को सुनिश्चित करता है।
3. कक्षा 10 हिंदी बी: सीबीएसई नमूना प्रश्न पत्र (2020-21) - 2 में कितने प्रश्न होते हैं?
उत्तर: कक्षा 10 हिंदी बी: सीबीएसई नमूना प्रश्न पत्र (2020-21) - 2 में सामान्यतया 25-30 प्रश्न होते हैं। यह प्रश्न पत्र सीबीएसई द्वारा तैयार किया जाता है और परीक्षा के लिए छात्रों को दिया जाता है।
4. कक्षा 10 हिंदी बी: सीबीएसई नमूना प्रश्न पत्र (2020-21) - 2 कैसे डाउनलोड करें?
उत्तर: कक्षा 10 हिंदी बी: सीबीएसई नमूना प्रश्न पत्र (2020-21) - 2 डाउनलोड करने के लिए आपको सीबीएसई की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा। वहां परीक्षा के नवीनतम पेपर्स के लिए एक विभाग होगा और आप वहां से इस प्रश्न पत्र को डाउनलोड कर सकते हैं।
5. कक्षा 10 हिंदी बी: सीबीएसई नमूना प्रश्न पत्र (2020-21) - 2 के लिए तैयारी कैसे करें?
उत्तर: कक्षा 10 हिंदी बी: सीबीएस
303 docs|7 tests
Download as PDF
Explore Courses for Class 10 exam

Top Courses for Class 10

Signup for Free!
Signup to see your scores go up within 7 days! Learn & Practice with 1000+ FREE Notes, Videos & Tests.
10M+ students study on EduRev
Related Searches

Objective type Questions

,

Free

,

ppt

,

Exam

,

video lectures

,

Important questions

,

past year papers

,

pdf

,

Class 10 Hindi B: CBSE Sample Question Paper (2020-21) - 2 | CBSE Sample Papers For Class 10

,

Viva Questions

,

Extra Questions

,

Sample Paper

,

mock tests for examination

,

practice quizzes

,

MCQs

,

Previous Year Questions with Solutions

,

Summary

,

Semester Notes

,

Class 10 Hindi B: CBSE Sample Question Paper (2020-21) - 2 | CBSE Sample Papers For Class 10

,

study material

,

shortcuts and tricks

,

Class 10 Hindi B: CBSE Sample Question Paper (2020-21) - 2 | CBSE Sample Papers For Class 10

;