Class 10 Exam  >  Class 10 Notes  >  CBSE Sample Papers For Class 10  >  Class 10 Hindi B: CBSE Sample Question Paper (2020-21) - 4

Class 10 Hindi B: CBSE Sample Question Paper (2020-21) - 4 | CBSE Sample Papers For Class 10 PDF Download

खण्ड-‘अ’ वस्तुपरक प्रश्न

अपठित गद्यांश (10 अंक)

Q.1. नीचे दो गद्यांश दिए गए हैं। किसी एक गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए और उस पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए:     5 × 1 = 5

गद्यांश-1

यदि आप इस गद्यांश का चयन करते हैं तो कृपया उत्तर-पुस्तिका में लिखें कि आप प्रश्न संख्या 1 में दिए गए गद्यांश-1 पर आधारित प्रश्नों के  उत्तर लिख रहें हैं।
”सफलता चाहने वाले मनुष्य का प्रथम कर्तव्य यह देखना है कि उसकी रुचि किन कार्यों की ओर अधिक है। यह बात गलत है कि हर कोई मनुष्य हर एक काम कर सकता है। लाॅर्ड वेस्टरफील्ड स्वाभाविक प्रवृत्तियों के काम को अनावश्यक समझते थे और केवल परिश्रम को ही सफलता का आधार मानते थे। इसी सिद्धांत के अनुसार उन्होंने अपने बेटे स्टेनहाप को, जो सुस्त, ढीलाढाला, असावधान था, सत्पुरुष बनाने का प्रयास किया। वर्षों परिश्रम करने के बाद भी लड़का ज्यों का त्यों रहा और जीवन-भर योग्य न बन सका। स्वाभाविक प्रवृत्तियों को जानना कठिन भी नहीं है। बचपन के कामों को देखकर बताया जा सकता है कि बच्चा किस प्रकार का मनुष्य होगा। प्रायः यह संभावना प्रबल होती है कि छोटी आयु में कविता करने वाला कविऋ सेना बनाकर चलने वाला सेनापतिऋ भुट्टे चुराने वाला चोर-डाकूऋ पुरजे कसने वाला मैकेनिक और विज्ञान में रुचि रखने वाला वैज्ञानिक बनेगा।
जब यह विदित हो जाए कि लड़के की रुचि किस काम की ओर है तब यह करना चाहिए कि उसे उसी विषय में ऊँची शिक्षा दिलाई जाए। ऊँची शिक्षा प्राप्त करके मनुष्य अपने काम-धंधे में कम परिश्रम से अधिक सफल हो सकता है। जिनके काम-धंधे का पूर्ण प्रतिबिंब बचपन में नहीं दिखता, वे अपवाद ही हैं। प्रत्येक मनुष्य में एक विशेष कार्य को अच्छी प्रकार करने की शक्ति होती है। वह बड़ी दृढ़ और उत्कृष्ट होती है। वह देर तक नहीं छिपती। उसी के अनुकूल व्यवसाय चुनने से ही सफलता मिलती है। जीवन में यदि आपने सही कार्यक्षेत्र चुन लिया तो समझ लीजिए कि बहुत बड़ा काम कर लिया।

निम्नलिखित में से निर्देशानुसार सर्वाधिक उपयुक्त विकल्पों का चयन कीजिए-
(i) स्वाभाविक प्रवृत्तियों की अपेक्षा परिश्रम को ही सफलता का आधार नामक सिद्धान्त किसके  द्वारा दिया गया है?
(क) 
स्टेपहाप
(ख) लाॅर्ड कर्जन
(ग) लाॅर्ड वेस्टरफील्ड
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तरः (ग)

(ii) उपर्युक्त गद्यांश का शीर्षक बताइए-
(क) स
फलता
(ख) सफलता की सीढ़ी
(ग) सफलता का मूलमन्त्र
(घ) परिश्रम
उत्तरः (ग)

(iii) स्टेनहाप की स्वभावगत विशेषताएँ क्या-क्या हैं?
(क)
सुस्त
(ख) ढीलाढाला
(ग) असावधान
(घ) ये सभी
उत्तरः (घ)

(iv) प्रस्तुत गद्यांश में ‘प्रतिकूल’ शब्द का क्या विलोम शब्द प्रयुक्त हुआ है-
(क) 
अनुकूल
(ख) प्रबल
(ग) प्रवृत्ति
(घ) अतिबल
उत्तरः (क)

(v) ‘वैज्ञानिक शब्द में मूल शब्द एवं प्रत्यय बताइए
(क) 
विज्ञान +इक
(ख) वैज्ञान + इक
(ग) विज्ञानी + इक
(घ) विज्ञा + निक
उत्तरः (क)

अथवा

गद्यांश-2

यदि आप इस गद्यांश का चयन करते हैं तो कृपया उत्तर-पुस्तिका में लिखें कि आप प्रश्न संख्या 1 में दिए गए गद्यांश-2 पर आधारित प्रश्नों के  उत्तर लिख रहें हैं।
हमारे चारों ओर शान से पसरी प्रकृति कितनी समृ(, सम्पन्न और भव्य है, क्या हमने अपनी व्यस्त जीवनचर्या से समय निकाल कर, कभी इस पर गौर किया! वसंत, ग्रीष्म, वर्षा, शरद, हेमंत, शिशिर, इन छह ऋतुओं की अलग-अलग छटा, अलग-अलग मिजाज अपने में समाए प्रकृति नाना मनोहर रूपों में हमारे सामने आती है, तो हर बार हम निःशब्द हुए उसे निहारते रह जाते हैं। हर मौसम का अपना मिजाज, अपना अंदाज, अपनी खुशबू, अपना स्पर्श होता है, जो हमें तरह-तरह की भावनाओं, अनुभूतियों से भरकर हमारे अनुभव-जगत का विस्तार करता है।
वसंत, ग्रीष्म, वर्षा, आदि ऋतुओं का एक के बाद एक आना और जाना, प्रकृति को अपने रंग में रंगना, कभी उसे फूलों से आवृत्त कर खिलखिलाहट से भर देना, कभी भीनी महक से लपेट देना, तो कभी फूल-पत्ते उड़ाकर वैरागिन-सी उदास बना देना, कभी झर-झर पानी बरसा कर तर कर देना, कभी सर्द झोंकों से सिहरा देना, ..... कितने प्यारे, अनोखे व अनूठे रूप हैं। प्रकृति का सौम्य रूप, रौद्र रूप, उसकी चंचलता, उसकी जड़ता, उसकी जीवंतता आदि सब देखने वाले की नज़्ार पर, उसकी संवेदनशीलता पर निर्भर होते हैं।  मैंने महसूस किया है कि हर मौसम का मानव मन पर एक मनोवैज्ञानिक असर होता है। जैसे ग्रीष्म के अलसाए दिन लंबे होने के कारण, ठंडे बंद कमरों में लेटे दिलो-दिमाग को आत्मचिंतन का खूब समय देते हैं। मधुमास हमारी रागात्मक प्रवृत्ति को तराश देता है.... हमें तरह-तरह से रचनात्मक बनाता है। सूरज और चंद्रमा का अस्त और उदय होना इस लोक को क्रमशः दुख और सुख की दो दशाओं में नियमित करता है। दोनों में से एक भी दशा स्थायी नहीं है, अतः हमें न सुख में अधिक सुखी और न दुख में अधिक दुखी होना चाहिए, बल्कि तटस्थ भाव से जीना चाहिए।
निम्नलिखित में से निर्देशानुसार सर्वाधिक उपयुक्त विकल्पों का चयन कीजिए-

(i) वसन्त ऋतु का अनुभव किस माह में किया जाता है? 
(क) ज्येष्ठ माह
(ख) कार्तिक माह
(ग) सावन मास
(घ) फाल्गुन मास
उत्तरः (घ) 

(ii) प्रत्येक मौसम का मानव मन पर एक______असर होता है।
(क) 
वैज्ञानिक
(ख) प्राकृतिक
(ग) मनोवैज्ञानिक
(घ) भू-वैज्ञानिक
उत्तरः (ग)

(iii) सूरज और चंद्रमा से हमें क्या संदेश मिलता है? 
(क) न सुख में अधिक सुखी
(ख) न दुःख में अधिक दुःखी
(ग) तटस्थ भाव से जीना
(घ) ये सभी
उत्तरः (घ) 

(iv) वर्षा ऋतु में प्रकृति का अनूठा रूप किस तरह दिखता है?
(क) 
कभी झर-झर पानी बरसाकर तर कर देना
(ख) कभी फूल पत्ते उड़ाकर वैरागिन सी उदास बना देना
(ग) कभी सर्द झोंकों से सिहरा देना
(घ) उपर्युक्त तीनों
उत्तरः (क) 

(v) गद्यांश में प्रयुक्त ‘ता’ प्रत्यय युक्त शब्द छाँटकर लिखिए-
(क) चंचलता
(ख) चपलता
(ग) सहनशीलता
(घ) ये सभी
उत्तरः (क)

Q.2. नीचे दो गद्यांश दिए गए हैं। किसी एक गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए और उस पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए:

गद्यांश-1

यदि आप इस गद्यांश का चयन करते हैं तो कृप्या  उत्तर-पुस्तिका में लिखें कि आप प्रश्न संख्या 2 में दिए गए गद्यांश-1  पर आधारित प्रश्नों के उत्तर लिख रहे हैं।
पशु को बाँधकर रखना पड़ता है, क्योंकि वह निरंकुश है। चाहे जहाँ-तहाँ चला जाता है, इधर-उधर मुँह मार देता है। क्या मनुष्य को भी इसी प्रकार दूसरों का बंधन स्वीकार करना चाहिए? क्या इससे उसमें मनुष्य रह पाएगा। पशु के  गले की रस्सी को एक हाथ में पकड़ कर और दूसरे हाथ में एक लकड़ी लेकर जहाँ चाहो हाँककर ले जाओ। जिन लोगों को इसी प्रकार हाँके  जाने का स्वभाव पड़ गया है, जिन्हें कोई भी जिधर चाहे ले जा सकता है, काम में लगा सकता है, उन्हें भी पशु ही कहा जाएगा। पशु चाहे कितना उसका अपमान करो, बाद में खाने को दे दो, वह पूंछ और कान हिलाने लगेगा। ऐसे नर पशु भी बहुत से मिलेंगे जो कुचले जाने और अपमानित होने पर भी जरा-सी वस्तु मिलने पर चट संतुष्ट और प्रसन्न हो जाते हैं। कुत्ते को कितना ही ताड़ना देने के  बाद उसके  सामने एक टुकड़ा डाल दो, वह झट से मार-पीट को भूल कर उसे खाने लगेगा। यदि हम भी ऐसे ही हैं तो हम कौन हैं, इसे स्पष्ट कहने की आवश्यकता नहीं। पशुओं में भी कई पशु मार-पीट और अपमान को नहीं सहते। वे कई दिन तक निराहार रहते हैं, कई पशुओं ने तो प्राण त्याग दिए, ऐसा सुना जाता है। पर इस प्रकार के  पशु मनुष्य-कोटि के  हैं, उनमें मनुष्यत्व का समावेश है, यदि ऐसा कहा जाए तो कोई अत्युक्ति न होगी।
निम्नलिखित में से निर्देशानुसार सर्वाधिक उपयुक्त विकल्पों का चयन कीजिए-

(i)  कई पशुओं ने प्राण त्याग दिए, क्योंकि-
(क) 
उन्हें विद्रोह करने की अपेक्षा प्राण त्यागना उचित लगा।
(ख) उन्हें तिरस्कृत हो जीवन जीना उचित नहीं लगा।
(ग) वह यह शिक्षा देना चाहते थे कि प्यार, मार-पीट से अधिक कारगर है।
(घ) वह यह दिखाना चाहते थे कि लोगों को उनकी आवश्यकता अधिक है न कि उन्हें लोगों की।
उत्तर: (ख)

(ii) बंधन स्वीकार करने से मनुष्य पर क्या प्रभाव पड़ेंगे? 
(क) मनुष्य सामाजिक और व्यक्तिगत रूप से कम स्वतंत्र हो जाएगा।
(ख) मनुष्यत्व में व्यक्तिगत इच्छा व निर्णय का तत्व समाप्त हो जाएगा।
(ग) मनुष्य बँधे हुए पशु समान हो जाएगा।
(घ) मनुष्य की निरवंुळशता में परिवर्तन हो जाएगा।
उत्तर: (ख)

(iii) मनुष्यत्व को परिभाषित करने हेतु कौनसा मूल्य अधिक महत्वपूर्ण है?
(क)
स्वतंत्रता
(ख) न्याय
(ग) शांति
(घ) प्रेम
उत्तर: (क)

(iv) गद्यांश के अनुसार कौन-सी उद्घोषणा की जा सकती है?
(क) 
सभी पशुओं में मनुष्यत्व है
(ख) सभी मनुष्यों में पशुत्व है
(ग) मानव के  लिए बंधन आवश्यक नहीं है
(घ) मान-अपमान की भावना केवल मानव ही समझता है
उत्तर: (ग)

(v) गद्यांश में नर और पशु की तुलना किन बातों को लेकर की गई है?
(क) 
पिटने की क्षमता
(ख) पूँछ-कान आदि को हिलाना।
(ग) बंधन स्वीकार करना।
(घ) लकड़ीे  द्वारा हाँके  जाना।
उत्तर: (ग)

अथवा

गद्यांश-2

यदि आप इस गद्यांश का चयन करते हैं तो कृपया उत्तर-पुस्तिका में लिखें कि आप प्रश्न संख्या 1 में दिए गए गद्यांश-2 पर आधारित प्रश्नों के उत्तर लिख रहें हैं। 
व्यक्ति चित्त सब समय आदर्शों द्वारा चालित नहीं होता। जितने बड़े पैमाने पर मनुष्य की उन्नति के विधान बनाए गए, उतनी ही मात्रा में लोभ, मोह जैसे विकार भी विस्तृत होते गए, लक्ष्य की बात भूल गए, आदर्शों को मज़ाक का विषय बनाया गया और संयम को  दकियानूसी मान लिया गया। परिणाम जो होना था, वह हो रहा है। यह कुछ थोड़े-से लोगों के  बढ़ते हुए लोभ का नतीजा है, परंतु इससे भारतवर्ष के पुराने आदर्श और भी अधिक स्पष्ट रूप से महान और उपयोगी दिखाई देने लगे हैं।
भारतवर्ष सदा कानून को धर्म के रूप में देखता आ रहा है। आज एकाएक कानून और धर्म में अंतर कर दिया गया है। धर्म को धोखा नहीं दिया जा सकता, कानून को दिया जा सकता है। यही कारण है कि जो धर्मभीरू हैं, वे भी त्रुटियों से लाभ उठाने में संकोच नहीं करते। इस बात के पर्याप्त प्रमाण खोजे जा सकते हैं कि समाज  के ऊपरी वर्ग में चाहे जो भी होता रहा हो, भीतर-बाहर भारतवर्ष अब भी यह अनुभव कर रहा है कि धर्म कानून से बड़ी चीज़ है। अब भी सेवा, ईमानदारी, सच्चाई और आध्यात्मिकता के मूल्य बने हुए हैं। वे दब अवश्य गए हैं, लेकिन नष्ट नहीं हुए हैं। आज भी वह मनुष्य से प्रेम करता है, महिलाओं का सम्मान करता है, झूठ और चोरी को गलत समझता है, दूसरों को पीड़ा पहुँचाने को पाप समझता है।
निम्नलिखित में से निर्देशानुसार सर्वाधिक उपयुक्त विकल्पों का चयन कीजिए-

(i) मनुष्य ने आदर्शों को मज़ाक का विषय किस कारण बना लिया?
(क) 
कानून
(ख) उन्नति
(ग) लोभ
(घ) धर्मभीरुता
उत्तर: (ग)

(ii) धर्म एवं कानून के  संदर्भ में भारत  के विषय में कौन-सा कथन सबसे अधिक सही है-
(क) महिलाओं का सम्मान धर्म तो है, पर कानून नहीं है।
(ख) धर्म और कानून दोनों को धोखा दिया जा सकता है।
(ग) भले लोगों  के लिये कानून नहीं चाहिये और बुरे इसकी परवाह नहीं करते हैं।
(घ) भारत का निचला वर्ग कदाचित् अभी भी कानून को धर्म के रूप में देखता है।
उत्तर: (ग)

(iii) भारतवर्ष में सेवा और सच्चाई के मूल्य..................उपयुक्त विकल्प छाँटिए।
(क)
मनुष्य की समाज पर निर्भरता में कमी होने के कारण इनमें ट्ठास हुआ है।
(ख) जीवन में उन्नति के बड़े पैमाने के  कारण कहीं छिप से गये हैं।
(ग) न्यायालयों में कानून की सत्याभासी धाराओं में उलझ कर रह गये हैं।
(घ) परमार्थ के लिये जीवन की बाजी लगाने वाले यह सिद्ध करते हैं कि यह व्यक्ति के मन को अभी भी नियंत्रित कर रहे हैं।
उत्तर: (ख)

(iv) भारतवर्ष का बड़ा वर्ग बाहर-भीतर कदाचित् क्या अनुभव कर रहा है?
(क) 
धर्म, कानून से बड़ी चीज़ है।
(ख) कानून, धर्म से बड़ी चीज़ है।
(ग) संयम अशक्त और अकर्मण्य लोगों  के लिये है।
(घ) आदर्श और उसूलों से यथार्थ जीवन असंभव है।
उत्तर: (क)

(v) निम्नलिखित में से सर्वाधिक उपयुक्त शीर्षक का चयन कीजिए-
(क) उन्नति के सन्दर्भ में जीवन मूल्यों की प्रासंगिकता
(ख) मानव चित्त के आकर्षण निवारण में आदर्शों की भूमिका
(ग) समाज कल्याण हेतु धर्म और कानून का सहअस्तित्व
(घ) धार्मिक व सार्वभौमिक मूल्यों का एकीकरण
उत्तर: (क)

व्यावहारिक व्याकरण

Q.3. निम्नलिखित पाँच भागों में से किन्हीं चार के उत्तर दीजिए -
(i) ‘दशरथ पुत्र राम ने रावण को मारा।’ में रेखांकित में पदबंध है     1 अंक
(क) 
संज्ञा पदबंध
(ख) सर्वनाम पदबंध
(ग) विशेषण पदबंध
(घ) क्रिया पदबंध
उत्तरः (क)

(ii) ‘गायक गीत गा रहा है।’ में रेखांकित में पदबंध है        1 अंक
(क) सर्वनाम पदबंध
(ख) विशेषण पदबंध
(ग) क्रिया पदबंध
(घ)  क्रिया विशेषण पदबंध
उत्तरः (ग)

(iii) ‘गीता बगीचे में खेल रही है।’ में रेखांकित में पदबंध है        1 अंक
(क)
सर्वनाम पदबंध
(ख) संज्ञा पदबंध
(ग) विशेषण पदबंध
(घ) क्रिया पदबंध
उत्तरः (घ) 

(iv) सर्वनाम पदबंध का उदाहरण है        1 अंक
(क) 
बहुत सुन्दर चित्र
(ख) आपके  दोस्तों के साथ कौन
(ग) कमरे के भीतर
(घ) सफेद खादी कपड़े
उत्तरः (ख) 

(v) पदबंध के कितने भेद होते हैं?        1 अंक
(क) 
एक
(ख) तीन
(ग) पाँच
(घ) सात
उत्तरः (ग)

Q.4. निम्नलिखित पांच भागों में से किन्हीं चार भागों के उत्तर दीजिये
(i) ”यह वही देश है जो सोने की चिड़िया कहलाता था“ रचना के आधार पर वाक्य का भेद बताइए।
(क) 
मिश्रित वाक्य
(ख) सरल वाक्य
(ग) संयुक्त वाक्य
(घ) संज्ञा उपवाक्य
उत्तरः (क)

(ii) ”जमाना ऐसा खराब है कि हर कोई बेईमान लगने लगता है।“
(क)
खराब जमाने के अनुसार हर कोई बेईमान है।
(ख) जमाना बहुत खराब है इसलिए हर कोई बईमान लगने लगता है।
(ग) जमाने के अनुसार प्रत्येक व्यक्ति बेईमान लगता है।
(घ) जमाना खराब है अतः बेईमान मत लगो।
उत्तरः (ख)

(iii) ”मेरे पाठ्यक्रम में ‘रंगभूमि’ उपन्यास है और उसके  लेखक प्रेमचन्द है।“
(क) 
मेरे पाठ्यक्रम में जो ‘रंगभूमि’ उपन्यास है उसके लेखक प्रेमचन्द हैं।
(ख) रंगभूमि उपन्यास के लेखक मुंशी प्रेमचन्द हैं।
(ग) रंगभूमि उपन्यास पाठ्यक्रम के लेखक मुंशी प्रेमचन्द हैं।
(घ) मेरे पाठ्यक्रम रंगभूमि उपन्यास के लेखक मुंशी प्रेमचन्द हैं।
उत्तरः (क)

(iv) वह फल खरीदने बाजार गया। वहाँ से फल लेकर आ गया।         (संयुक्त वाक्य में)
(क) 
वह बाजार से फल लेकर आया।
(ख) वह बाजार गया और फल लेकर आया।
(ग) वह फल खरीदने बाजार गया और फल लेकर आ गया।
(घ) वह फल खरीदने के लिए बाजार गया।
उत्तरः (ग)

(v) निम्नलिखित में मिश्र वाक्य है-
(क) 
चाय पीने की एक विधि को जापानी में चा-नो-यू कहते हैं।
(ख) चा-नी-यू चाय पीने की एक विधि को कहते हैं।
(ग) जापानी में चा-नो-यू को चाय कहते हैं।
(घ) यह चाय पीने की एक विधि है, जिसे जापानी में चा-नो-यू कहते हैं।
उत्तरः (घ)

Q.5. निम्नलिखित पांच भागों में से किन्हीं चार भागों के  उत्तर दीजिये-
(i) ‘विश्वसंगठन’-
(क) 
विश्व का संगठन-तत्पुरुष समास
(ख) विश्व का गठन-तत्पुरुष समास
(ग) विश्व के  संगठन-कर्मधारय समास
(घ) विश्व में गठन-कर्मधारय समास
उत्तरः (क)

(ii) ‘सुंदर है जो नयन’-
(क)
सुंदर नयन-कर्मधारय समास
(ख) सुंदर नयन-तत्पुरुष समास
(ग) सुंदर नयन-अव्ययीभाव समास
(घ) सुंदर नयन-बहुव्रीहि समास
उत्तरः (क)

(iii) ‘स्नेहहीन’-
(क) 
स्नेह के  द्वारा हीन-तत्पुरुष समास
(ख) स्नेह से हीन-तत्पुरुष समास
(ग) स्नेह का हीन-तत्पुरुष समास
(घ) स्नेह से हीन-कर्मधारय समास
उत्तरः (ख)

(iv) ‘आदेश के  अनुसार’
(क)
आदेशानुसार-तत्पुरुष समास
(ख) आदेशानुसार-अव्ययीभाव समास
(ग) आदेश से अनुसार-तत्पुरुष समास
(घ) आदेश अनुसार-बहुव्रीहि समास
उत्तरः (क)

(v) ‘चिकित्सालय’
(क) 
चिकित्सा का आलय-तत्पुरुष समास
(ख) चिकित्सा के  लिए आलय-तत्पुरुष समास
(ग) चिकित्सा से आलय-तत्पुरुष समास
(घ) चिकित्सा में आलय-कर्मधारय समास
उत्तरः (ख)

Q.6.  निम्नलिखित चारों भागों के  उत्तर दीजिये-
(i) पढ़ाई में मेहनत कर मैं..............हो सकता हूँ। मूहावरे से रिक्त-स्थान की पूर्ति कीजिए।
(क) 
अंधों में काना राजा
(ख) एक पंथ दो काज
(ग) अपना हाथ जगन्नाथ
(घ) पैरों पर खड़ा होना
उत्तर: (घ)

(ii) ‘विपत्ति में उसकी अक्ल....................’ उपयुक्त मुहावरे से रिक्त-स्थान की पूर्ति कीजिए।
(क) 
खो जाना
(ख) ठनक जाना
(ग) चकरा जाना
(घ) आगबबूला हो जाना
उत्तर: (ग)

(iii) सच्चे शूरवीर देश की रक्षा में प्राणों की...............हैं। रिक्त-स्थान की पूर्ति सटीक मुहावरे से कीजिए-
(क) 
बाजी लगा देते हैं।
(ख) जान लगा देते हैं।
(ग) ताकत लगा देते हैं।
(घ) आहुति लगा देते हैं।
उत्तर: (क)

(iv) गरीब माँ-बाप अपना.................कर बच्चों को पढ़ाते हैं और वे चिंता नहीं करते। रिक्त-स्थान की पूर्ति सटीक मुहावरे से कीजिए।
(क)
गला काट
(ख) पेट काट
(ग) खून बहा
(घ) मन लगा
उत्तर: (ख)

Q.7. निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर प्रश्नों के  सर्वाधिक उपयुक्त विकल्पों का चयन कीजिए -   4 × 1 = 4
ऐसी वाणी बोलिए, मन का आपा खोइ।
अपना तन सीतल करै, औरन कौ सुख होइ ||

(i) कवि ने मनुष्य को  कैसी वाणी बोलने का संदेश दिया है?         1 अंक
(क) 
मीठी ;मधुरद्ध
(ख) 
वक्र
(ग) सामान्य
(घ) सरल
उत्तरः (क)

(ii) मीठी वाणी से दूसरे लोग किसका अनुभव करते हैं?     1 अंक
(क) 
सुख का
(ख) ज्ञान का
(ग) प्रकाश का
(घ) अपनापन का
उत्तरः (क)

(iii) प्रस्तुत दोहा ;साखीद्ध में प्रयुक्त ‘आपा’ शब्द का अर्थ क्या है?     1 अंक
(क) 
अहंकार
(ख) प्राप्त करना
(ग) सुध - बुध
(घ) अज्ञानता
उत्तरः (क)

(iv) कवि द्वारा किसके  शीतल होने की बात कही गई है?         1 अंक
(क) 
मन
(ख) तन
(ग) वाणी
(घ) आपा
उत्तरः (ख)

Q.8. निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्पों का चयन कीजिए-    5 × 1 = 5
ग्वालियर में हमारा एक मकान था, उस मकान के  दालान में दो रोशनदान थे। उसमें कबूतर के  एक जोड़े ने घोंसला बना लिया था।एक बार बिल्ली ने उचककर दो में से एक अंडा तोड़ दिया। मेरी माँ ने देखा तो उसे दुख हुआ। उसने स्टूल पर चढ़कर दूसरे अंडे को बचाने की कोशिश की। लेकिन इस कोशिश में दूसरा अंडा उसी के  हाथ से गिरकर टूट गया। कबूतर परेशानी में इधर-उधर फड़फड़ा रहे थे। उनकी आँखों में दुख देखकर मेरी माँ की आँखों से आँसू आ गए। इस गुनाह को खुदा से मुआफ़ कराने के  लिए उसने पूरे दिन रोज़ा रखा। दिन-भर कुछ खाया-पिया नहीं। सिर्फ रोती रही और बार-बार नमाज पढ़-पढ़कर खुदा से इस गलती को मुआफ़ करने की दुआ माँगती रही।

(i) लेखक का घर किस शहर में था?
(क)
ग्वालियर में
(ख) मुम्बई में
(ग) वर्सोवा में
(घ) समुद्री किनारे
उत्तरः (क)

(ii) कबूतर परेशानी में इधर-उधर क्यों फड़फड़ा रहे थे?
(क) 
एक अंडा बिल्ली द्वारा तोड़ा जाना
(ख) लेखक की माँ द्वारा बचाने की कोशिश में दूसरा अंडा उसके हाथ से छूट कर टूट जाना
(ग) मुर्गे द्वारा अण्डे को लुढ़का देने पर
(घ) ‘क’ और ‘ख’ दोनों।
उत्तरः (घ)

(iii) गुनाह को खुदा से माफ़ करने के लिए किसने पूरे दिन रोजा रखा?
(क) 
लेखक ने
(ख) माँ ने
(ग) मौलवी ने
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तरः (ख)

(iv) उपर्युक्त गद्यांश किस पाठ से लिया गया है?
(क) 
पतझड़ में टूटी पत्तियाँ
(ख) आत्मत्राण
(ग) अब कहाँ दूसरों के दुख से दुखी होने वाले
(घ) डायरी का एक पन्ना
उत्तरः (ग)

(v) ‘बरामदा’ इस अर्थ में गद्यांश में कौन-सा शब्द प्रयुक्त हुआ है?
(क)
दालान
(ख) रोशनदान
(ग) गैलरी
(घ) प्राडंगण
उत्तरः (क)

Q.9. निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्पों का चयन कीजिए- 5 × 1 = 5
कर्नल - जंगल की जिंदगी खतरनाक होती है।
लेफ़्टीनेंट - हफ़्तों हो गए यहाँ खेमा डाले हुए। सिपाही भी तंग आ गए हैं। ये वज़ीर अली आदमी है या भूत, हाथ ही नहीं लगता।
कर्नल - उसके  अफ़साने सुन के  राॅबिनहुड के  कारनामे याद आ जाते हैं। अंग्रेज़ों के  खिलाफ़ उसके  दिल में किस कदर नफ़रत है। कोई पाँच महीने हुकूमत की होगी। मगर इस पाँच महीने में वो अवध के  दरबार को अंग्रेज़ी असर से बिल्कुल पाक कर देने में तकरीबन कामयाब हो गया था।
लेफ़्टीनेंट - कर्नल कालिंज ये सआदत अली कौन है?
कर्नल - आसिफ़उद्दौला का भाई है। वज़ीर अली का और उसका दुश्मन। असल में नवाब आसिफ़उद्दौला के  यहाँ लड़के  की कोई उम्मीद नहीं थी। वज़ीर अली की पैदाइश को सआदत अली ने अपनी मौत ख्याल किया।
लेफ़्टीनेंट - मगर सआदत अली को अवध के  तख्त पर बिठाने में क्या मसलेहत थी?
कर्नल - सआदत अली हमारा दोस्त है और बहुत ऐश पसंद आदमी है इसलिए उसने अपनी आधी मुमलिकत ;जायदाद, दौलत हमें दे दी और दस लाख रुपये नगद। अब वो भी मज़े करता है और हम भी ।

निम्नलिखित में से निर्देशानुसार सर्वाधिक उपयुक्त विकल्पों का चयन कीजिए-
(i) सआदत अली कौन है? 
(क) आसिफ़उद्दौला का भाई
(ख) कर्नल कालिंज
(ग) अंग्रेज
(घ) वज़ीर अली का पुत्र
उत्तरः (क)

(ii) सआदत अली किसका दोस्त है?
(क)
लेफ़्टीनेंट का
(ख) कर्नल का
(ग) वज़ीर अली का
(घ) अंग्रेजों का
उत्तरः (ख)

(iii) ..................की जिन्दगी बड़ी खतरनाक होती है।
(क)
डेरा
(ख) जंगल
(ग) खेमा
(घ) पलायन
उत्तरः (ख)

(iv) दस लाख रुपये एवं आधी जायदाद सआदत अली ने किसको दे दी?
(क) 
अंग्रेजों को
(ख) आसिफ़उद्दौला को
(ग) वज़ीर को
(घ) रॉबिनहुड को
उत्तरः (ग)

(v) गद्यांश से उर्दू शब्द छाँटकर लिखिए-
(क)
वज़ीर
(ख) नफ़रत
(ग) अफ़साने
(घ) ये सभी
उत्तरः (घ)

Q.10. निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के  उत्तर लगभग 25 व 30 शब्दों में लिखिए-
(i) एकांकी ‘कारतूस’ के अनुसार व़जीर अली एक जाँबाज सिपाही कैसे था?
उत्तर: 
1. बहादुरी के किस्से प्रचलित थे।
2. अकेले कर्नल के खेमे में आ पहुँचा।
3. कर्नल से अपनी ही गिरफ़्तारी के लिए कारतूस ले गया।
4. कर्नल को अपना परिचय दिया।
5. आसानी से कर्नल के खेमे से चला गया।

व्याख्यात्मक हल:
वजीर अली एक जावाँज सिपाही था। जो अंग्रेजों की ब्रिटिश कम्पनी की सैनिक छावनी में प्रवेश कर कर्नल से कारतूस प्राप्त कर सकता है। वह साधारण व्यक्ति या सिपाही नहीं हो सकता। बजीर अली ने एक जावाँज सिपाही की तरह अपने प्राणों की बाजी लगाकर कारतूस हासिल किये। उसका यह कार्य उसे एक जाबाँज सिपाही सि1⁄4 करता है और हम बजीर अली को जाँबाज सिपाही कह सकते हैं तथा वह देशभक्त, सूझबूझ से काम करने वाला, चालाक व बुद्धिमान, बलशाली व साहसी नौजवान था।

(ii) कहानी ‘बड़े भाई साहब’ के अनुसार जीवन की समझ कैसे आती है?
उत्तर:
1. जीवन की समझ अनुभव से आती है।
2. किताबी ज्ञान से नहीं आती।
3. अम्माँ, दादा और हैडमास्टर की माँ के उदाहरण दिए।

व्याख्यात्मक हल:
बड़े भाई साहब के अनुसार जीवन की समझ जिदंगी के अनुभवों ;तजुर्बेद्ध से आती है। समझ किताब पढ़ने से नहीं आती, दुनिया देखने से आती है। जो व्यक्ति उम्र में अधिक है, कम पढ़ा-लिखा है परन्तु वह जीवन के लम्बे अनुभवों के आधार पर जीवन की समझ रखता है, वह कम उम्र के पढे़-लिखे व्यक्तियों से ज्यादा श्रेष्ठ है और परिस्थितियों का सामना करने की समझ रखता है।

(iii) कबीर  के अनुसार व्यक्ति अपने स्वभाव को निर्मल कैसे रख सकता है?
उत्तर: 
1. अपने आसपास निंदक रखने चाहिए।
2. निंदक हमें हमारी त्रुटियाँ बताते रहते हैं।
3. निंदक वास्तव में हमारे सच्चे हितैषी होते हैं। 

व्याख्यात्मक हल:
निन्दक अपनी आलोचनाओं से हमें हमारी बुराइयों का ज्ञान कराता है और हम उन्हें दूर कर लेते हैं। बुराइयों के दूर हो जाने से हमारा स्वभाव निर्मल हो जाता है, मन के सारे कलुष मिट जाते हैं। निंदक बिना साबुन-पानी का प्रयोग किए, अपनी आलोचनाओं से चित्त को निर्मल कर देता है। इसलिए वे निंदक को अपने निकट ही रखने का सुझाव देते हैं।

Q.11. निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर लगभग 60 - 70 शब्दों में लिखिए -
ईश्वर भक्ति ने कबीर के अहंकार को दूर कर दिया। आप इस दोहे को पढ़कर क्या समझे हैं? अपने विचार लिखिए।

‘जब मैं था तब हरि नहीं, अब हरि हैं मैं नाँहि।
सब अँधियारा मिटि गया जब दीपक देख्या माँहि||’
उत्तरः 

  • ईश्वरीय सत्ता सर्वोपरि है। मनुष्य स्वयं को भूलकर ईश्वर को ही स्वयं में व सम्पूर्ण संसार में देखता है।
  • व्यक्ति की शक्ति अत्यंत सीमित।
  • झूठा अभिमान किसलिए।

व्याख्यात्मक हल:
‘जब मैं था तब हरि नहीं, अब हरि है मैं नाँहि। सब अँधियारा मिटि गया जब दीपक देख्या माँहि ||’ इस दोहे को पढ़कर हम यह समझते हैं कि मनुष्य अहंकारी है तथा स्वयं को महत्त्वपूर्ण मानता है इसलिए वह कण - कण में व्याप्त ईश्वर को नहीं देख पाता है। जबकि ईश्वरीय सत्ता सर्वोपरि है और मानव की शक्ति अत्यंत सीमित है। इसका अहसास व्यक्ति को तब होता है जब उसके  अन्दर ज्ञान रूपी दीपक का प्रकाश पैळलता है और उसके  अन्दर का अहंकार रूपी अंधकार समाप्त हो जाता है। इस अवस्था में वह अपने झूठे अभिमान को त्यागकर अपने आपको भूल जाता है और ईश्वर को स्वयं में और सम्पूर्ण संसार में देखने लगता है। इस प्रकार से स्पष्ट है कि ईश्वर की भक्ति ने कबीर के  अहंकार को दूर कर दिया है।

अथवा
उत्तरः  छोटे भाई का व्यक्तित्व - पढ़ाई में मन न लगना, प्रतिभावान छात्र, बड़े भाई का आदर, भाई के प्रति सहानुभूति व श्रद्धा, मैदान के खेलों में रुचि व भोलापन।
व्याख्यात्मक हल:
‘बड़े भाई साहब’ पाठ के आधार पर छोटे भाई का व्यक्तित्व इस प्रकार है - 

छोटे भाई का मन पढ़ाई में कम खेलने में ज्यादा लगता है। वह एक प्रतिभावान छात्र है तथा अपने बड़े भाई का सदैव सम्मान व आदर करते हैं। छोटे भाई बड़े भाई के प्रति सहानुभूति व श्रद्धा का भाव रखते हैं। मैदान में फुटबाल की तरह उछल - कूद करना, कबड्डी, बाली बाॅल आदि खेलों में उनकी अधिक रुचि थी तथा चेहरे पर भोलापन था।

Q.12. निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 40-50 शब्दों में लिखिए-  2 × 3 = 6
(i) ‘सपनों के से दिन’ पाठ के आधार पर पी. टी. साहब की किन्हीं तीन चारित्रिक विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।
उत्तरः
सख्त पीटी मास्टर- पीटी मास्टर बहुत कठोर था। वह छात्रों को अनुशासन में लाने के लिए बहुत कठोर और क्रूर दण्ड दिया करता था। छात्रों को घुड़की देना, ठुढ्डे मारना, उन पर बाघ की तरह झपटना, उनकी खाल खींचना उसके लिए बाएँ हाथ का खेल था। उसे यह सहन नहीं था कि कोई भी बच्चा कतार से बाहर हो या टेढ़ा खड़ा हो या अपनी पिण्डली खुजलाए। वह ऐसे बच्चों को समझाने की बजाय कठोर दण्ड दिया करता था।
अयोग्य अध्यापक- पीटी मास्टर जब फारसी पढ़ाने लगता था तो और भी क्रूर हो उठता था। वह बच्चों को समझाने की बजाय डंडे से काम कराना चाहता था। वह चाहता था कि बच्चे भय के मारे पाठ याद कर लें। जिस पाठ को कक्षा का एक भी बच्चा याद न कर पाया, वह पाठ जरूर या तो कठिन होगा या छात्र अधिक योग्य न होंगे। दोनों ही स्थितियों में मास्टर का पीटना बेतुका काम था। ऐसा व्यक्ति खच्चर तो हाँक सकता है, छात्रों को नहीं पढ़ा सकता।
स्वाभिमानी- पीटी मास्टर का सिद्धांत है कि लड़कों को डाँट-डपट कर रखा जाए। उसकी सोच गलत हो सकती है, परन्तु अपनी नजरों में वह ठीक है। इसलिए चैथी कक्षा के बच्चों को मुर्गा बनाकर कष्ट देना उसे अनुचित नहीं लगता। अतः जब हैड मास्टर उसे कठोर दण्ड देने पर मुअत्तल कर देते हैं तो वह गिड़गिड़ाने नहीं जाता। 

(ii) पढ़ाई में तेज होने पर भी कक्षा में दो बार फेल हो जाने पर टोपी के साथ घर पर या विद्यालय में जो व्यवहार हुआ उस पर  मानवीय मूल्यों की दृष्टि से टिप्पणी कीजिए।
उत्तरः
 
व्याख्यात्मक हल:
टोपी पढ़ाई में बहुत तेज था। बहुत से ऐसे कारण जिनके कारण वह कक्षा में फेल हो गया। यदि देखा जाए, तो इसमें टोपी की भी कोई गलती नहीं थी। मगर घर तथा विद्यालय में उसके साथ तीन बार फेल हो जाने पर बुरा व्यवहार किया जाने लगा। यह उचित नहीं था। मास्टरों द्वारा उसे अनदेखा किया जाने लगा। यदि वह किसी प्रश्न का उत्तर देना चाहता तो मास्टर जी उसे यह कहते कि तुम्हें इसी कक्षा में तीन साल हो गए हैं। इन्हें नई कक्षा में जाना है। अत: तुमसे बाद में पूछ लेंगा। यह बहुत अपमानजनक थी। मास्टर जी को उसे पूरा सहयोग देना चाहिए। यह जानने का प्रयास करना चाहिए था कि ऐसा क्या हुआ, जो बुद्धिमान बालक कमजोर हो गया। मगर उन्होंने ऐसा नहीं किया। उसके साथ के बच्चों ने उसका अपमान किया। उस पर हँसते थे। इससे उसका दिल दुखता था। यह उचित नहीं था। घरवाले भी ऐसे ही थे। उन्होंने भी उसका साथ देने के स्थान पर उसका मजाक उड़ाया। यह कहाँ का न्याय है। हमारे जीवन मूल्य हमें साथ देना और प्यार करना सिखाते हैं। ऐसे बच्चों को तो हमें बहुत प्यार और साथ देने की आवश्यकता है।

(iii) अकेले होने के कारण हरिहर काका को किन-किन कठिनाइयों से गुजरना पड़ा? इन कठिनाइयों के सामने समर्पण करने के  बजाय हरिहर काका को साहस से किस प्रकार इसका सामना करना चाहिए था?
उत्तरः अकेलेपन के कारण भाइयों के परिवार का आश्रय लिया जिसके कारण-

उपेक्षा, अपमान, हिंसा, यंत्रणा व भूख जैसी कठिनाई का सामना करना पड़ा, परंतु फिर भी उन्हें हिम्मत से सामना करना चाहिए था। आत्म सम्मान से जीना चाहिए था।

  • (अन्य बिंदु)

व्याख्यात्मक हल:
हरिहर काका एक वृद्ध और निःसंतान व्यक्ति हैं। अकेलेपन के कारण उन्होंने भाइयों के परिवार का आश्रय लिया। हरिहर काका के हिस्से में 15 बीघा जमीन थी जिस पर भाइयों के अलावा ठाकुरबारी के महंत की दृष्टि थी। हरिहर काका ने जब निश्चय किया कि वे अपनी जायदाद भाइयों तथा महंत किसी के नाम नहीं लिखेंगे तब महंत ने अपने आदमियों से उन्हें उठवाकर जबरदस्ती कागजों पर अँगूठे के निशान लगवा लिए। पता लगने पर उनके भाई पुलिस की सहायता से बुरी हालत में  उनकी जान बचाकर घर ले आए। ठाकुरबारी से वापस लौटकर काका ने महंत के उठवाकर जबरदस्ती अंगूठे का निशान लगा लेने का मुकदमा दायर कर दिया। भाइयों ने भी काका की जमीन हड़पने के लिए महंत से भी विकराल रूप धारण कर यातनाएँ देना शुरू कर दिया। उन्हें भूखे रखकर शारीरिक यंत्रणाएँ दी गयीं। उनकी पीठ, माथे और पाँवों पर जख्मों के निशान उभर आए थे। इन कठिनाइयों के सामने समर्पण करने के बजाय हरिहर काका को साहस और हिम्मत से सामना करते हुए अपनी जायदाद की कानूनी तौर पर वसीयत बना लेनी चाहिए थी। उस वसीयत में स्पष्ट रूप से लिखवा देना था कि जो उनकी सेवा करेगा वही उनने खेतों से आने वाली आय अपने पास रखेगा और मृत्यु के पश्चात् उनकी जायदाद का मालिक होगा। इस प्रकार से उन्हें आत्मसम्मान से जीना चाहिए।

लेखन

Q.13. निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर दिए गए संकेत-बिन्दुओं के  आधार पर लगभग 80-100 शब्दों में एक अनुच्छेद लिखिए-    1 × 6 = 6
(i) हमारे बुजुर्ग: हमारी धरोहर-
 

  • बुजुर्गों का परिवार में महत्व
  • बुजुर्गों के दायित्व
  • बुजुर्गों की वर्तमान भयावह स्थिति
  • बुजुर्गों के प्रति सोच में बदलाव

उत्तरः हमारे बुजुर्ग: हमारी धरोहर
बुजुर्गों का परिवार में महत्व- परिवार के वृद्ध को बुजुर्ग कहा जाता है। वे परिवार के लिए पेड़ के समान होते हैं जिसकी शीतल छाया में हम सुकून पाते हैं। हमारे बुजुर्ग हमारी धरोहर हैं। बुजुर्गों की आयु और उनके अनुभव परिवार के अन्य सदस्यों से अधिक होते हैं।
बुजुर्गों के दायित्व - यह बात सौ प्रतिशत सही है कि इनकी आवश्यकता परिवार को कदम-कदम पर पड़ती है। बुजुर्गों की उपस्थिति में परिवार के अन्य सदस्यों को चिन्ता या तनाव नहीं रहता। हमारा देश सदियों से संयुक्त परिवारों की परम्परा को महत्त्व देता आ रहा है। विभिन्न रिवाजों, विभिन्न परम्पराओं की जानकारी हमें अपने बुजुर्गों से ही मिलती है।
बुजुर्गों की वर्तमान भयावह स्थिति - लेकिन आज की आधुनिक समस्या - नगरों के बढ़ते आकार तथा सिकुड़ते घरों ने बुजुर्गों को उनके हाल पर अकेले रहकर ही जीने के लिए विवश कर दिया है। युवा पीढ़ी भौतिक सुखों तथा अपने सपनों को साकार करने के लिए दौड़ रही है। इसलिए आज का युवा बुजुर्गों को घर की शान, मान तथा अनमोल धरोहर समझने की बजाय उन्हें भार समझने लगा है तथा उनसे कटने लगा है। यह गलत है।
बुजुर्गों के प्रति सोच में बदलाव - बुजुर्गों का आत्मीयता से भरा साथ, गरमाहट भरा एहसास, अनुभवों का संचार, अनुभवी दृष्टकोण का विस्तार आदि परिवारों की जड़ों को मजबूत बनाते हैं। अंत में हम यही कहना चाहेंगे कि-

भौतिकवादिता की चपेट में बुजुर्गों को न खोना।
बुजुर्गों से अपनापन रखो, यही है संस्कारों का सोना ||

(ii) सेलुलर की क्रांति (मोबाइल) -

  • मोबाइल फोन क्या है?
  • अद्भुत लाभ
  • हानि से कैसे बचें

उत्तरः  सेलुलर की क्रांति (मोबाइल)
वाह ! सेलुलर तुमने की जन-क्रांति
न ऐसी देखी, न सुनी क्रांति,
मोबाइल फोन क्या है ? सेलुलर को हिंदी में चलयंत्र कहते हैं। इसके अर्थ तथा इसकी सीमा को यथेच्छा निर्धारित किया जा सकता है। जितनी बड़ी जन-क्रांति हमारे जीवन में सेलुलर फोन ने की है उतनी बड़ी क्रांति शायद राष्ट्रीय और सामाजिक जीवन में किसी वैचारिक जागरण के कारण भी नहीं हुई होगी। आज छोटे-से-छोटे, बड़े-से-बड़े हर व्यक्ति के कानों पर सेलुलर सेट लगा रहता है।  बच्चा, बूढ़ा, नौजवान, विद्यार्थी, कारोबारी, नाई, धोबी, दुकानदार, मंत्री और नेता सभी सेलुलर फोन के बिना स्वयं को अधूरा-सा तथा समाज से कटा हुआ सा महसूस करते हैं।
अद्भुत लाभ - सेलुलर ने क्रांति भी तो हर क्षेत्र में की है। हर वर्ग में इस छोटे से चलयंत्र का प्रयोग बड़े से लेकर छोटे पैमाने पर हो रहा है। इस यंत्र से हम एस.एम.एस. और एम.एम.एस. भेज सकते हैं। फोटो खींच सकते हैं। वीडियो बना सकते हैं। अपनी पसंद के गाने सुन सकते हैं। इसके अतिरिक्त यह यंत्र कम्प्यूटर का भी काम करता है। इससे हम इंटरनेट, वाट्सअप, फेसबुक व ट्विटर का आनन्द ले सकते हैं। इस तरह से यह यंत्र कई यंत्रों का मिश्रण है।
हानि से कैसे बचें - परन्तु जिस प्रकार सभी वस्तुओं के अच्छे और बुरे पक्ष होते हैं, ठीक उसी प्रकार एक ओर जहाँ इसका सदुपयोग है तो कुछ लोग इसका दुरुपयोग भी कर रहे हैं। ऐसा नहीं होना चाहिए। इसके अतिरिक्त इसके अत्यधिक प्रयोग से कई तरह की बीमारियाँ होने का खतरा भी रहता है। इसलिए हम सभी को ध्यान रखना है कि छोटे-से-प्यारे से यंत्र का दुरुपयोग न हो। इसका प्रयोग तो केवल सदुपयोग के लिए हो।

(iii) परीक्षा के कठिन दिन- 

  • परीक्षा की उपयोगिता
  • परीक्षा-जीवन की कसौटी
  • परीक्षा में सफलता के उपाय

उत्तरः परीक्षा के कठिन दिन

परीक्षा की उपयोगिता - वास्तव में परीक्षा के दिन उन विद्यार्थियों के लिए कठिन होते हैं, जो परीक्षा से जूझने के लिए, परीक्षा में खरा उतरने के लिए, पहले से ही समय के साथ-साथ तैयारी नहीं करते।
परीक्षा-जीवन की कसौटी - जो विद्यार्थी प्रतिदिन की कक्षाओं के साथ-साथ परीक्षा की तैयारी भी करते जाते हैं, उन्हें परीक्षा का सामना करने से डर नहीं लगता। वे तो परीक्षा का इंजतार करते हैं। उन्हें परीक्षा के दिन कठिन नहीं, सुखद लगते हैं। वे परीक्षा की कसौटी पर खरा उतरना चाहते हैं और खरा उतरना जानते भी हैं, क्योंकि जिस प्रकार सोने को कसौटी पर परखा जाता है, उसी प्रकार विद्यार्थी की योग्यता की परख परीक्षा की कसौटी पर होती है।
परीक्षा में सफलता के उपाय - यही एक प्रत्यक्ष प्रमाण या मापदण्ड होता है, जिससे परीक्षार्थी के योग्यता-स्तर की जाँच कर उसे अगली कक्षा में प्रवेश के लिए या नौकरी के योग्य समझा जाता है। परीक्षा तो विद्यार्थियों को गम्भीरतापूर्वक अध्ययन करने के लिए कहती है। परीक्षा में अधिकाधिक अंक प्राप्त करने के लिए प्रतिभाशाली विद्यार्थी परीक्षा की डटकर तैयारी करते हैं, उन्हें परीक्षा से डर नहीं लगता। परीक्षा विद्यार्थियों में स्पर्धा की भावना भरती है तथा उनकी आलसी प्रवृत्ति को झकझोर कर परिश्रम करने में सहायक बनाती है। परीक्षा तो परीक्षा होती है। पर परीक्षा-पद्धति ऐसी होनी चाहिए, जिससे विद्यार्थी की शिक्षा का मूल उद्देश्य पूरा हो, उसकी योग्यता की सही जाँच हो और उसे परीक्षा के दिन कठिन न लगें। इसके लिए सार्थक प्रयास करने होंगे और ये प्रयास तभी सफल होंगे, जब उन्हें सुनियोजित योजना के तहत लागू किया जाएगा।

Q.14. आपसे अपने बचत खाते की चेक-बुक खो गई है। इस संबंध में बैंक-प्रबंधक को उचित कार्यवाही करने के लिए पत्र लिखिए।
उत्तरः

सेवा में,
शाखा प्रबंधक
पंजाब नेशनल बैंक
आगरा।
विषय- चेकबुक खो जाने के  सन्दर्भ में।
महोदय
सविनय निवेदन है कि मेरा नाम पूजा कुमारी है और मैं आपके  बैंक में खाताधारक हूँ जिसकी संख्या 185321XXX है। असावधानीवश इसकी चेकबुक रास्ते में कहीं गिर गई है। इसमें 25058 से 62 तक के पाँच चेक खाली थे। यदि कोई इन चीजों पर भुगतान माँगता है तो वह न किया जाए तथा मुझे एक नई चेक बुक जारी की जाए। मैं सदैव आपकी आभारी रहूँगी।
धन्यवाद
भवदीया
नाम - पूजा कुमारी
मो. न. - 2850XXXX
हस्ताक्षर
दिनांक 12/5/20XX

अथवा

नगर निगम को एक पत्र लिखिए जिसमें नालियों की सफ़ाई एवं कीटनाशक दवाओं के  छिड़काव का सुझाव हो।
उत्तरः

सेवा में,
नगर निगम आगरा
आगरा।
विषय- नालियों की सफाई व कीटनाशक दवाओं के  छिड़काव के  संदर्भ में।
महोदय,
श्रीमान जी इस पत्र के  माध्यम से मैं आपका ध्यान हमारे क्षेत्र कमला नगर की सफाई व्यवस्था की ओर आकर्षित करना चाहती हूँ। हमारे क्षेत्र कमला नगर में सभी नाले व नालियाँ गंदगी से भरे पड़े हैं तथा उनका गंदा पानी गलियों में बह रहा है। बारिश का मौसम भी शुरू हो चुका है जिसके  कारण चारों ओर जलभराव की समस्या उत्पन्न हो गई है। इसमें मक्खियाँ व मच्छर पनप रहे हैं जिससे लोगों का जीवन बेहाल हो गया है। साथ ही मलेरिया, डेंगू फैलने का खतरा बना है।
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए कृपया नालियों की सफाई व कीटनाशक दवाओं के  छिड़काव की समुचित व्यवस्था का प्रबंधक करें।
धन्यवाद
भवदीय
राकेश पचैरी
कमला नगर
दिनांक 20/8/20XX

Q.15.  विद्यालय के प्रधानाध्यापक के सेवानिवृत्त होने पर सचिव अमन शर्मा एक विदाई समारोह करना चाहते हैं। विद्यालय के मार्गदर्शन में विदाई समारोह के विषय में 30 - 40 शब्दों में सूचना लिखिए।
उत्तरः

सूचना

20 दिसम्बर, 20XX

हम बारहवीं कक्षा के छात्र विद्यालय के प्रधानाध्यापक श्री रमन भारद्वाज जी के सेवानिवृत्त होने पर एक विदाई समारोह 30 दिसम्बर को आयोजित करने जा रहे हैं, संपूर्ण कार्यक्रम निर्धारित कर लिया गया है। कार्यालय से भी स्वीकृति ले ली गई है। अतः विद्यालय के बारहवीं कक्षा के सभी छात्रों से अनुरोध है कि निर्धारित दिवस को अधिक - से - अधिक संख्या में पहुँचकर इस विदाई समारोह का हिस्सा बनें और उन्हें भावभीनी विदाई दें।

अमन शर्मा (सचिव)

अथवा

आप अपने विद्यालय में एन.सी.सी. के छात्र प्रतिनिधि हैं। गणतंत्र दिवस समारोह की परेड में हिस्सा लेने में इच्छुक छात्रों हेतु 30 - 40 शब्दों में सूचना तैयार कीजिए।
उत्तरः 

प्रारूप - 1
विषय - वस्तु - 3
भाषा - 1

व्याख्यात्मक हल -

सूचना

दिनांक ________

समस्त छात्र - छात्राओं को सूचित किया जाता है कि विद्यालय में ‘गणतंत्र दिवस’ के अवसर पर गणतंत्र दिवस समारोह की परेड में जो छात्र - छात्राएँ भाग लेने के  इच्छुक हैं, वे एन.सी.सी. के छात्र प्रतिनिधि से संपर्क करके अपना नाम दर्ज कराएँ।
आज्ञा से
रमेश
(एन.सी.सी. प्रतिनिधि)

Q.16. गर्मियों की छुट्टियों में आपने ‘नृत्य संस्थान’ खोला है। उससे संबंधित लगभग 25-50 शब्दों में एक विज्ञापन तैयार कीजिए।

उत्तरः विज्ञापन लेखन
विज्ञापित वस्तु ने विशिष्ट गुणों का उल्लेख - 2 अंक
आकर्षक लेखन शैली - 1 अंक
प्रस्तुति में नयापन - 1 अंक
स्लोगन का उपयोग - 1 अंक

Class 10 Hindi B: CBSE Sample Question Paper (2020-21) - 4 | CBSE Sample Papers For Class 10अथवा

विद्यालय में विद्यार्थियों द्वारा तैयार हस्तशिल्प वस्तुओं की प्रदर्शनी लगेगी और उनकी बिक्री भी होगी। समय तथा स्थान बताते हुए विज्ञापन लगभग 25-50 शब्दों में लिखिए।
उत्तरः

संस्कृति पब्लिक स्कूल, बलदेव मथुरा

हस्त-शिल्प प्रदर्शनी का आयोजन

सहपाठ्यगामी क्रियाकलाप के अंतर्गत दिनांक 6 अगस्त, 20XX को दोपहर 12 बजे से विद्यालय परिसर में विद्यालय के विद्यार्थियों द्वारा तैयार हस्त-शिल्प की वस्तुओं की प्रदर्शनी लगेगी।

इस प्रदर्शनी में विद्यार्थियों द्वारा निर्मित वस्तुओं की बिक्री होगी। बिक्री से प्राप्त धनराशि निर्धन छात्र-छात्राओं को सहायतार्थ प्रदान की जाएगी।

अधिक जानकारी के लिए संपर्क करे - मो. नं. 9192998753XX

Q.17. ‘घमंडी का सिर नीचा’ विषय पर लगभग 100-120 शब्दों में एक लघुकथा लिखिए
उत्तरः लघुकथा -  घमंडी का सिर नीचा
एक दिन पृथ्वी, हवा और वर्षा एक बड़ी चट्टान से बातें कर रहे थे। चट्टान ने कहा - ”मेरे जैसा मजबूत संसार में और कोई नहीं है। तुम तीनों मेरा मुकाबला नहीं कर सकते।“ पृथ्वी और हवा दोनों इस बात पर सहमत थे कि चट्टान बहुत मजबूत है, पर वर्षा इस बात पर सहमत नहीं थी कि वह चट्टान का मुकाबला नहीं कर सकती। उसने कहा, ‘तुम मजबूत हो, यह मैं जानती हूँ, लेकिन मैं कमजोर नहीं।’  इस बात को सुनकर पृथ्वी, हवा और चट्टान हँसने लगे। तब वर्षा ने कहा, देखो, मैं क्या कर सकती हूँ। यह कहकर वह तेज गति से बरसने लगी। कई दिन बरसने पर चट्टान को कुछ नहीं हुआ। कु समय बाद पृथ्वी और हवा पुनः हँसने लगे। प्रत्युत्तर में वर्षा ने कहा, ‘थोड़ा धैर्य रखो बहन।’ वर्षा चट्टान पर लगातार दो वर्षों तक बरसती रही। उसके कुछ समय बाद हवा और पृथ्वी चट्टान से मिलने पहुँची। देखा चट्टान बीच से कट गयी है। तब वर्षा ने कहा - ”यह छेद चट्टान को हिंसक रूप से काटकर नहीं बनाया गया, बल्कि यह चट्टान पर मेरे लगातार, नियमित रूप से गिरने से बना है।“ यह सुनकर घमंडी चट्टान का सिर शर्म से झुक गया। इस शिक्षाप्रद कथा से यह शिक्षा प्राप्त होती है कि कठिन से कठिन लक्ष्य पाने के लिए अभ्यास की निरन्तरता आवश्यक है।

अथवा

‘अनसुनी बुराई’ विषय पर लगभग 100-120 शब्दों में एक लघुकथा लिखिए।
उत्तरः 
लघुकथा - अनसुनी बुराई
एक बार स्वामी विवेकानन्द रेल से कहीं जा रहे थे। वह जिस डिब्बे में सफर कर रहे थे, उसी डिब्बे में कुछ अंग्रेज यात्री भी थे।
(i) उन अंग्रेजों को साधुओं से बहुत चिढ़ थी। वे साधुओं की बहुत निंदा कर रहे थे। साथ वाले साधु यात्री को भी गाली दे रहे थे। उनकी सोच थी कि साधु अँग्रेजी नहीं जानते थे, इसलिए उन अंग्रेजों की बातों को नहीं समझ रहे होंगे। इसलिए उन अंग्रेजों ने आपसी बातचीत में साधुओं को कई बार भला-बुरा कहा।
(ii) हालांकि उन दिनों की हकीकत भी थी कि अंग्रेजी जानने वाले साधु होते भी नहीं थे। रास्ते में एक बड़ा स्टेशन आया। उस स्टेशन पर विवेकानंद के स्वागत में हजारों लोग उपस्थित थे, जिनमें विद्वान एवं अधिकारी भी थे। यहाँ उपस्थित लोगों को सम्बोधित करने के बाद अंग्रेजी में पूछे गए प्रश्नों के उत्तर स्वामीजी अंग्रेजी में ही दे रहे थे। इतनी अच्छी अंग्रेजी बोलते देखकर उन अंग्रेज यात्रियों को साँप सूँघ गया, जो रेल में उनकी बुराई कर रहे थे। अवसर मिलने पर वे विवेकानन्द के पास आए और उनसे नम्रतापूर्वक पूछ -
(iv) आपने हम लोगों की बात सुनी। आपने बुरा माना होगा? स्वामी जी ने सहज शालीनता से कहा - ”मेरा मस्तिष्क अपने ही कार्यों में इतना अधिक व्यस्त था कि आप लोगों की बात सुनी भी पर उन पर ध्यान देने और उनका बुरा मानने का अवसर ही नहीं मिला।“
(v) स्वामीजी का यह जवाब सुनकर अंग्रेजों का सिर शर्म से झुक गया और उन्होंने चरणों में झुककर उनकी शिष्यता स्वीकार कर ली। उपरोक्त कहानी से यह शिक्षा प्राप्त होती है कि हमें सदैव अपने लक्ष्य पर ध्यान केन्द्रित रखना चाहिए।

The document Class 10 Hindi B: CBSE Sample Question Paper (2020-21) - 4 | CBSE Sample Papers For Class 10 is a part of the Class 10 Course CBSE Sample Papers For Class 10.
All you need of Class 10 at this link: Class 10
303 docs|7 tests

Top Courses for Class 10

FAQs on Class 10 Hindi B: CBSE Sample Question Paper (2020-21) - 4 - CBSE Sample Papers For Class 10

1. कक्षा 10 हिंदी बी: सीबीएसई नमूना प्रश्न पत्र (2020-21) - 4 कक्षा 10 के संबंध में क्या जानकारी है?
उत्तर: इस प्रश्न पत्र में कक्षा 10 के हिंदी बी के लिए सीबीएसई द्वारा नमूना प्रश्न पत्र (2020-21) की जानकारी दी गई है। यह प्रश्न पत्र छात्रों को परीक्षा के पैटर्न, प्रश्नों के प्रकार और जवाब की व्याख्या करता है।
2. कक्षा 10 हिंदी बी: सीबीएसई नमूना प्रश्न पत्र (2020-21) - 4 कक्षा 10 के लिए कितने प्रश्न हैं?
उत्तर: इस प्रश्न पत्र में कक्षा 10 हिंदी बी के लिए कुल 30 प्रश्न हैं।
3. कक्षा 10 हिंदी बी: सीबीएसई नमूना प्रश्न पत्र (2020-21) - 4 कक्षा 10 के विषयों के बारे में बताएं।
उत्तर: इस प्रश्न पत्र में कक्षा 10 हिंदी बी के लिए निम्नलिखित विषयों पर प्रश्न हैं: - पत्र लेखन - निबंध लेखन - गद्यांश और पद्यांश लेखन - व्याकरण - संवाद लेखन
4. कक्षा 10 हिंदी बी: सीबीएसई नमूना प्रश्न पत्र (2020-21) - 4 कक्षा 10 के लिए उच्चतम अंक कितने हैं?
उत्तर: इस प्रश्न पत्र में कक्षा 10 हिंदी बी के लिए प्राप्त किए जाने वाले उच्चतम अंक 80 हैं।
5. कक्षा 10 हिंदी बी: सीबीएसई नमूना प्रश्न पत्र (2020-21) - 4 कक्षा 10 के लिए प्रश्न पत्र कैसे डाउनलोड करें?
उत्तर: सीबीएसई की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर, कक्षा 10 हिंदी बी: सीबीएसई नमूना प्रश्न पत्र (2020-21) - 4 कक्षा 10 को डाउनलोड कर सकते हैं। आपको वेबसाइट पर नवीनतम अद्यतनों के लिए खोजना चाहिए।
303 docs|7 tests
Download as PDF
Explore Courses for Class 10 exam

Top Courses for Class 10

Signup for Free!
Signup to see your scores go up within 7 days! Learn & Practice with 1000+ FREE Notes, Videos & Tests.
10M+ students study on EduRev
Related Searches

Viva Questions

,

past year papers

,

Free

,

Class 10 Hindi B: CBSE Sample Question Paper (2020-21) - 4 | CBSE Sample Papers For Class 10

,

Class 10 Hindi B: CBSE Sample Question Paper (2020-21) - 4 | CBSE Sample Papers For Class 10

,

Class 10 Hindi B: CBSE Sample Question Paper (2020-21) - 4 | CBSE Sample Papers For Class 10

,

pdf

,

practice quizzes

,

mock tests for examination

,

video lectures

,

shortcuts and tricks

,

Semester Notes

,

Sample Paper

,

Summary

,

Previous Year Questions with Solutions

,

Important questions

,

Objective type Questions

,

MCQs

,

Exam

,

Extra Questions

,

study material

,

ppt

;