Class 7 Exam  >  Class 7 Notes  >  संस्कृत कक्षा 7 (Sanskrit Class 7)  >  अभ्यास - समवायो हि दुर्जयः | NCERT Solution

अभ्यास - समवायो हि दुर्जयः | NCERT Solution | संस्कृत कक्षा 7 (Sanskrit Class 7) PDF Download

प्रश्न.1. प्रश्नानाम् उत्तराणि एकपदेन लिखत

(क) वृक्षे का प्रतिवसति स्म?
(ख) वृक्षस्य अधः कः आगतः?
(ग) गज: केन शाखाम् अत्रोटयत्?
(घ) काष्ठकूट: चटकां कस्याः समीपम् अनयत्?
(ङ) मक्षिकायाः मित्रं कः आसीत्?
उत्तरम्-

(क) चटका
(ख) प्रमत्तः गजः
(ग) शुण्डेन
(घ) मक्षिकायाः
(ङ) मण्डूकः।

प्रश्न.2. रेखाङ्कितानि पदानि आधृत्य प्रश्ननिर्माणं कुरुत-

(क) कालेन चटकायाः सन्ततिः जाता।
(ख) चटकायाः नीडं भुवि अपतत्।
(ग) गजस्य वधेनैव मम दुःखम् अपसरेत्।
(घ) काष्ठकूटः चञ्च्वा गजस्य नयने स्फोटयिष्यति।
उत्तरम्-
(क) कालेन कस्याः सन्ततिः जाता?
(ख) चटकायाः किम् भुवि अपतत्?
(ग) कस्य वधेनैव मम दुःखम् अपसरेत्?
(घ) काष्ठकूटः केन गजस्य नयने स्फोटयिष्यति?

प्रश्न.3. मञ्जूषातः क्रियापदानि चित्वा रिक्तस्थानानि पूरयत

अभ्यास - समवायो हि दुर्जयः | NCERT Solution | संस्कृत कक्षा 7 (Sanskrit Class 7)

(क) काष्ठकूटः चञ्च्वा गजस्य नयने ______।
(ख) मार्गे स्थितः अहमपि शब्द ______।
(ग) तृषार्तः गजः जलाशयं ______।
(घ) गजः गर्ते ______।
(ङ) काष्ठकूटः तां मक्षिकायाः समीपं ______।
(च) गजः शुण्डेन वृक्षशाखाः ______।
उत्तर:

(क) स्फोटयिष्यति
(ख) करिष्यामि
(ग) गमिष्यति
(घ) पतिष्यति
(ङ) अनयत्
(च) त्रोटयति।

प्रश्न.4. प्रश्नानाम् उत्तराणि एकवाक्येन लिखत

(क) चटकायाः विलापं श्रुत्वा काष्ठकूटः तां किम् अपृच्छत्?
(ख) चटकायाः काष्ठकूटस्य च वार्ता श्रुत्वा मक्षिका किम् अवदत्?
(ग) मेघनादः मक्षिकां किम् अवदत्?
(घ) चटका काष्ठकूटं किम् अवदत्?
उत्तरम्- 
(क) चटकायाः विलापं श्रुत्वा काष्ठकूटः ताम् अपृच्छत्-“भद्रे, किमर्थं विलपसि?”
(ख) चटकायाः काष्ठकूटस्य च वार्ता श्रुत्वा मक्षिका अवदत्-“ममापि मित्रं मण्डूकः मेघनादः अस्ति। शीघ्रं तमुपेत्य यथोचितं करिष्यामः।”
(ग) मेघनाद: मक्षिकां अवदत्‌ यत "यथाहं कथयामि तथा कुरुतम्। मक्षिके प्रथंम त्वं मध्याह्मे तस्य गजस्य कर्णे शब्दं कुरु, येन स: नयने निमील्य स्थास्यति। तदा काष्ठकूट चञ्च्वा तस्य नयने स्फोटयिष्यति एवं स: गज: अन्ध: भविष्यति। तृषार्त: स: जलाशयं गमिष्यति। मार्गें महान गर्त: अस्ति तस्य अन्टिके मम शब्देन तं गर्त जलाशयं मत्वा स तस्मिन्नेव गर्ते पतिष्यति मरिष्यति च।
(घ) चटका काष्ठकूटम् अवदत्-“एकेन दुष्टेन गजेन मम सन्ततिः नाशिताः। तस्य गजस्य वधेन एव मम दुःखम् अपसरेत्।”

प्रश्न.5. उदाहरणमनुसृत्य रिक्तस्थानानि पूरयत –

अभ्यास - समवायो हि दुर्जयः | NCERT Solution | संस्कृत कक्षा 7 (Sanskrit Class 7)
उत्तरम्-
अभ्यास - समवायो हि दुर्जयः | NCERT Solution | संस्कृत कक्षा 7 (Sanskrit Class 7)

प्रश्न.6. उदाहरणानुसारं ‘स्म’ शब्दं योजयित्वा भूतकालिकक्रियां रचयत
यथा- अवसत् – वसति स्म।

अपठत् – ______ (1)
अत्रोटयत् – ______ (2)
अपतत् – ______ (3)
अपृच्छत् – ______ (4)
अवदत् – ______ (5)
अनयत् – ______ (6)
उत्तरम्- 
(1) पठति स्म।
(2) त्रोटयति स्म।
(3) पतति स्म।
(4) पृच्छति स्म।
(5) वदति स्म।
(6) नयति स्म।

प्रश्न.7. कोष्ठकात् उचितं पदं चित्वा रिक्तस्थानानि पूरयत

(क) ______ बालिका मधुरं गायति। (एकम्, एका, एकः)
(ख) ______ कृषकाः कृषिकर्माणि कुर्वन्ति। (चत्वारः, चतस्त्रः, चत्वारि)
(ग) ______ पत्राणि सुन्दराणि सन्ति। (ते, ताः, तानि)
(घ) धेनवः दुग्धं ______ (ददाति, ददति, ददन्ति)
(ङ) वयं संस्कृतम् ______ (अपठम्, अपठन्, अपठाम)
उत्तर:

(क) एका
(ख) चत्वारः
(ग) तानि
(घ) ददति
(ङ) अपठाम।

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FAQs on अभ्यास - समवायो हि दुर्जयः - NCERT Solution - संस्कृत कक्षा 7 (Sanskrit Class 7)

1. समवाय क्या है और इसका महत्व क्या है?
Ans. समवाय एक संस्कृत शब्द है जिसका अर्थ होता है "उभयोरन्तरङ्गभावी वस्त्रधारी"। यह बात कहता है कि जिस वस्त्र का धारण किया जाता है, उसका समवाय जीवित रहता है। यह व्यक्ति और वस्त्र के बीच एक संबंध होता है। समवाय का महत्व यह है कि यह वस्त्र को जीवित रखता है और उसे उच्चतर स्तर पर ले जाने में मदद करता है।
2. समवाय के क्या-क्या प्रकार होते हैं?
Ans. समवाय के विभिन्न प्रकार हो सकते हैं। ये हैं: 1. उपादान समवाय - इसमें समवाय वस्त्र के रूप में दिखाई देता है। इसमें वस्त्र और व्यक्ति का सम्बंध होता है। उदाहरण के लिए, एक व्यक्ति एक कपड़े को धारण करता है। 2. निमित्त समवाय - यह समवाय कार्य के रूप में दिखाई देता है। इसमें एक कार्य और कारण का संबंध होता है। उदाहरण के लिए, एक व्यक्ति एक पेंसिल से लिखता है। 3. सहकारी समवाय - इसमें एक समूह और सदस्यों का संबंध होता है। यह समवाय समुदाय के उच्चतम मार्ग की ओर ले जाने में मदद करता है। उदाहरण के लिए, एक समूह लोगों द्वारा मिलकर एक नया व्यापार शुरू किया जाता है।
3. समवाय क्यों दुर्जय होता है?
Ans. समवाय दुर्जय होता है क्योंकि यह एक अप्रत्याशित और अनियमित प्रकृति का संबंधित होता है। यह एक अनुमान करना मुश्किल होता है कि किस समय और कैसे यह समवाय तोड़ दिया जाएगा। यह व्यक्ति के वस्त्र के बीच एक ऐसा संबंध है जिसके बारे में व्यक्ति नहीं जानता होता है।
4. समवाय की परीक्षा कैसे आयोजित की जाती है?
Ans. समवाय की परीक्षा सामान्यतः समस्याओं और उत्तरों के रूप में आयोजित की जाती है। परीक्षार्थी को दिए गए समवाय के विभिन्न प्रकारों की समझ करनी होती है और उनके बीच संबंध स्थापित करने की क्षमता को मापनी होती है। यह परीक्षा व्यक्ति के विचारशीलता और वाणिज्यिक नजरिए की क्षमता को मापने का एक माध्यम होता है।
5. समवाय के बारे में और अधिक जानने के लिए कौन से स्रोतों का उपयोग किया जा सकता है?
Ans. समवाय के बारे में और अधिक जानने के लिए कई स्रोतों का उपयोग किया जा सकता है। कुछ महत्वपूर्ण स्रोतों में शामिल हैं: सामान्य ज्ञान पुस्तकें, व्यापारिक प्रकाशन, अनुसंधान पत्रिकाएं, वेबसाइटें, आदि। आप भी विभिन्न विश्वविद्यालयों और शोध संस्थानों की वेबसाइटों का उपयोग कर सकते हैं जहां आपको विस्तृत जानकारी मिल सकती है।
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