अति लघु उत्तरीय प्रश्न
निम्नांकित काव्याशों को पढ़कर दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए-
1. बादल, गरजो!
घेर घर घोर गगन, धाराधर ओ!
ललित ललित, काले घुँघराले,
बाल कल्पना के-से पाले,
विद्युत-छवि उर में, कवि, नवजीवन वाले!
वज्र छिपा, नूतन कविता
फिर भर दो-
बादल, गरजो।
प्रश्न (क)-प्रस्तुत गीत में किसे सम्बोधित किया गया है ?
उत्तर: बादलों को।
प्रश्न (ख)-प्रस्तुत गीत में बादलों की तुलना बाल कल्पना से क्यों की गई है ?
उत्तर: बच्चों की कल्पनाएँ मधुर होती हैं तथा बदलती रहती हैं। बादल भी बार-बार अपना रूप बदलते रहते हैं।
प्रश्न (ग)-बादलों के सौन्दर्य का वर्णन कीजिए।
उत्तर: बादल सुन्दर, काले-घुँघराले बालों वाले हैं। वे अपने हृदय में बिजली छिपाए हुए तथा नया जीवन प्रदान करने वाले हैं।
2. बादल, गरजो!
विकल विकल, उन्मन थे उन्मन
विश्व के निदाघ के सकल जन,
आए अज्ञात दिशा से अनंत के घन!
तप्त धरा, जल से फिर
शीतल कर दो-
बादल, गरजो!
प्रश्न (क)-विश्व के सभी लोग विकल और उन्मन क्यों थे ?
उत्तर: विश्व के सभी लोग ग्रीष्म ऋतु की गर्मी की अधिकता के कारण बहुत विकल और उन्मन थे।
प्रश्न (ख)-कवि ने यह क्यों कहा कि ‘आए अज्ञात दिशा से अनंत के घन’ ?
उत्तर: कवि ने यह इसलिए कहा कि गर्मी से तपती धरती को राहत प्रदान करने के लिए बादल अनजानी दिशा से आकर आकाश में छा गए थे।
प्रश्न (ग)-कवि ने बादलों का आह्नान किसलिए किया है ?
उत्तर: कवि ने बादलों का आह्नान मानवता को और धरती को गर्मी के प्रभाव से बचाने के लिए किया है।
3. अट नहीं रही है आभा फागुन की तन
सट नहीं रही है। कहीं साँस लेते हो,
घर-घर भर देते हो, उड़ने को नभ में तुम
पर-पर कर देते हो, आँख हटाता हूँ तो
हट नहीं रही है। पत्तों से लदी डाल
कहीं हरी, कहीं लाल, कहीं पड़ी है उर में
मंद-गंध-पुष्प-माल, पाट-पाट शोभा-श्री
पट नहीं रही है।
प्रश्न (क)-कवि ने किस महीने की सुन्दरता का वर्णन किया है ?
उत्तर: फागुन के।
प्रश्न (ख)-‘पाट-पाट शोभा-श्री पट नहीं रही है’ पंक्तियों का भाव स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: फागुन में प्राकृतिक सौन्दर्य व मस्ती सँभाले नहीं सँभल रही है।
प्रश्न (ग)-साँस लेना किस स्थिति का परिचायक है ?
उत्तर: सुगंधित हवाओं का चलना।
4. कहीं साँस लेते हो,
घर-घर भर देते हो,
उड़ने को नभ में तुम
पर-पर कर देते हो,
आँख हटाता हूँ तो
हट नहीं रही है।
पत्तों से लदी डाल
कहीं हरी, कहीं लाल,
कहीं पड़ी है उर में
मंद-गंध-पुष्प-माल
पाट-पाट शोभा-श्री
पट नहीं रही है।
प्रश्न (क)-”पाट-पाट शोभा-श्री पट नहीं रही है“ में निहित काव्यगत विशेषता बताइए।
उत्तर: काव्यांश में अनुप्रास, अनुकरणनात्मकता तथा नाद-सौन्दर्य व्यंजित है।
प्रश्न (ख)-काव्यांश में किस ऋतु का वर्णन है तथा उसकी क्या-क्या विशेषताएँ कविता में अंकित हुई हैं?
उत्तर: बसंत का; चारों ओर हरियाली, फूलों-पत्तों से डालियों का लद जाना। चारों ओर सुगंधित वातवरण, हरे-भरे खेत आदि का प्राकृतिक सौन्दर्य।
व्याख्यात्मक हल:
काव्यांश में बसंत ऋतु का वर्णन है। इस ऋतु में चारों ओर हरियाली फैली हुई है। पेड़ों की डालियाँ फूल-पत्तों से लदी हुई हैं, जिससे चारों ओर का वातावरण सुगंधित हो रहा है।
प्रश्न (ग)-कवि की आँख हटाने पर भी क्यों नहीं हट रही है? उन्हें कौन-कौन-सी चीजें आकर्षित कर रही हैं?
उत्तर: प्रकृति की शोभा-श्री जिससे आनंदानुभूति हो रही है। हरे व लाल पत्तों से लदी डालें, फूलों से लदी डालियाँ, सुगंधित वातावरण।
व्याख्यात्मक हल:
प्रकृति की शोभा को देखकर कवि को अत्यधिक आनंद की अनुभूति हो रही है, जिसके कारण कवि की आँख उस प्राकृतिक शोभा से हटाने से भी नहीं हट रही है। उन्हें हरे व लाल पत्तों से लदी डालें, फूलों से लदी डालियाँ, सुगंधित वातावरण आकर्षित कर रहा है।
5. पत्तों से लदी डाल
कहीं हरी, कहीं लाल,
कहीं पड़ी है उर में
मंद-गंध-पुष्प-माल,
पाट-पाट-शोभा-श्री
पट नहीं रही है।
प्रश्न (क)-बसंत ऋतु में वृक्षों और पौधों में क्या परिवर्तन हो जाता है ?
उत्तर: बसंत ऋतु में वृक्षों और पौधों की डालियाँ पत्तों से भर जाती हैं। उन पर नए-नए पत्ते आते हैं। उनमें कहीं हरी और कहीं लाल कोपलें फूटी हैं।
प्रश्न (ख)-विविध रंग के पुष्प कैसे प्रतीत होते हैं ?
उत्तर: प्रकृति में विविध रंग के खिले पुष्प ऐसे प्रतीत होते हैं मानो प्रकृति के हृदय पर फूलों की माला शोभायमान हो रही है।
प्रश्न (ग)-‘पाट-पाट शोभा-श्री, पट नहीं रही है’-कथन से कवि का क्या आशय है ?
उत्तर: बसंत ऋतु में प्राकृतिक सौन्दर्य हर स्थान पर व्याप्त है और वह सौन्दर्य इतना अधिक है कि किसी भी सीमा में नहीं समा पाता।
प्रश्न 1. कवि ने ‘उत्साह’ कविता बादलों को क्यों सम्बोधित की है ?
उत्तर: उत्साह कविता में कवि ने बादलों लोगों के अंदर उत्साह का संचार लाने के लिए संबोधित किया है , क्योंकि बादल गजरते है , तब सोए हुए लोग नींद से जाग जाते है | बादल धरती के सभी प्राणियों को नया जीवन प्रदान करते हैं और यह हमारे अंदर के सोये हुए साहस को भी जगाते है। बादलों की आवाज़ से वह लोगों के अंदर नई उमंगे भरना चाहता है |
प्रश्न 2. कविता का शीर्षक ‘उत्साह’ क्यों रखा गया है ?
उत्तर: कविता का शीर्षक ‘उत्साह’ इसलिए रखा गया है, क्योंकि कवि ने बादलों की गर्जना को उत्साह का प्रतीक माना है । प्रस्तुत कविता में ओज गुण विद्यमान है। बादलों की गर्जना नवजीवन का प्रतीक है। मनुष्य में उत्साह होना ही उसकी उन्नति का कारण है, जिसमें उत्साह है, उसी में जीवन है।
प्रश्न 3. ‘बाल कल्पना के से पाले’ पंक्ति का भाव सौन्दर्य स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: पंक्ति का भाव यह है कि जिस प्रकार बच्चे अनेक कल्पनाएँ करते तथा मिटाते हैं, उसी प्रकार बादल अचानक थोड़े समय के लिए छा गए हैं और तिरोहित भी होने लग जाते हैं।
प्रश्न 4. ”घेर घेर घोर गगन तथा काले घुँघराले“ शब्द चित्र को ‘उत्साह’ कविता के आधार पर अपने शब्दों में स्पष्ट कर समझाइए।
उत्तर: बादल जो काले-काले घुँघराले हैं तथा वायु के साथ घोर करते हुए चारों ओर से घिर आए हैं।
व्याख्यात्मक हल:
बादल आकाश को घेरकर, भयानक गर्जना करते हुए बरसते हैं तथा वे सुन्दर और काले-घुँघराले बालों के समान लग रहे हैं।
प्रश्न 5. निराला जी बादलों से फुहारों, रिमझिम तथा अन्य प्रकार से बरसने की न कहकर ‘गरजते हुए’ बरसने की याचना क्यों करते हैं? बताइए।
अथवा
कवि बादल से फुहार, रिमझिम या बरसने के स्थान पर गरजने के लिए कहता है, क्यों?
उत्तर: कवि निराला बादल को क्रांतिदूत मानते हैं। अतः वे गर्जना करते हुए बरसने की याचना करते हैं, दुःखी लोगों के दुःख दूर करने के लिए वे क्रांति के समर्थक हैं, चुपके से परिवर्तन की बात न वे सोचते हैं और न उन्हें संभव प्रतीत होता है।
प्रश्न 6. ‘उत्साह’ कविता में ‘नवजीवन वाले’ किसके लिए प्रयुक्त किया गया है और क्यों ?
उत्तर: बादलों के लिए, क्योंकि गर्मी से संतप्त धरती के ताप को शान्त कर नवजीवन व चेतना प्रदान करना। प्रकृति का प्रफुल्ल वातावरण पशु-पक्षी तथा मानव में उत्साह और जोश का संचार करता है। कवि भी बादलों की गर्जना से उत्साहित होकर अपने जीवन में निराशा में आशा का संचार देखता है और वह समाज में क्रान्ति का सूत्रपात करने में सक्षम है। अतः नवजीवन वाले कहना सार्थक है।
प्रश्न 7. ”कहीं साँस लेते हो, घर-घर भर देते हो“ पंक्ति में किसकी विशिष्टता व्यंजित हुई है? बताइए कि वह उसकी कौन-सी खूबी है जिससे घर-घर भर जाता है? ‘अट नहीं रही है’ कविता के आधार पर उत्तर दीजिए।
उत्तर: मंद-मंद बहने वाला पवन घर-उपवन, वन सभी को आनंदित कर देता है। बसंत में पवन की विशिष्टता का वर्णन। शीतल मंद पवन, सृष्टि में नयापन, नवीनता आदि विशेषताएँ।
व्याख्यात्मक हल:
इस पंक्ति में बसंत ऋतु में बहने वाली पवन की विशिष्टता का वर्णन हुआ है। बसंत में बहने वाली शीतल मंद सुगंधित पवन से सारा घर महक उठता है। वातावरण में ताजगी व उत्साह का आभास होता है।
प्रश्न 8. कवि निराला की आँख फागुन की सुन्दरता से क्यों नहीं हट रही है?
उत्तर: फागुन मास की प्राकृतिक शोभा इतनी विविध और मनोहारी है कि घर-घर को महकाती पवन, आकाश में अठखेलियाँ करते पक्षी, पत्तों से लदी डालियों और मंद सुगंध से परिपूर्ण पुष्प समूह के इन सारे दृश्यों ने मंत्रमुग्ध सा कर दिया।
प्रश्न 9. ‘उड़ने को नभ में तुम, पर-पर कर देते हो’-कथन में कवि क्या कहना चाहता है ?
उत्तर: फागुन के सौन्दर्य को देखकर भावुक हृदय कल्पनाओं के पंख लगाकर उड़ने लगते हैं। अर्थात् फागुन के सौन्दर्य को देख मन प्रसन्न हो उठता है।
प्रश्न 10. फागुन मास की मादकता का व्यक्ति पर क्या प्रभाव पड़ता है ?
उत्तर: फागुन मास की मादकता का व्यक्ति पर निम्नलिखित प्रभाव पड़ता है-
(क) फागुन की मादकता व्यक्ति को कल्पना लोक में ले जाती है।
(ख) कल्पना के पंख लगाकर आकाश में उड़ना।
(ग) फागुन की शोभा सर्वव्यापक होना।
(घ) सारा वातावरण पुष्पित एवं सुगंधित होना।
(ङ) मन में उल्लास भरना, सर्वत्र फागुन का सौन्दर्य झलकना।
प्रश्न 11. ‘पाट-पाट शोभा-श्री पट नहीं रही है।’-पंक्ति किस सन्दर्भ में लिखी गई है ?
अथवा
‘पट नहीं रही’-पंक्ति द्वारा कवि क्या कहना चाहता है? ‘अट नहीं रही’ कविता के आधार पर लिखिए।
उत्तर: फागुन में प्रकृति सौन्दर्यशालिनी नजर आती है, कण-कण में सौन्दर्य बिखरा नजर आता है, यह सुन्दरता इतनी अधिक है कि भीतर समा नहीं पा रही है। प्रकृति के माध्यम से प्रकट हो रही है।
प्रश्न 12: ‘अट नहीं रही है’ कविता में कवि क्या संदेश देना चाहता है ?
उत्तर: फागुन का सौन्दर्य चारों दिशाओं में व्याप्त है। प्रकृति में आनन्द की अनुभूति के साथ उन्माद है, थके लोगों में नवजीवन प्रफुल्लता का सन्देश है, खुशियों की अनंतता है, यही सन्देश देना चाहता है।
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1. उत्साह और अट नहीं रही Class 10 क्या है? |
2. Class 10 में उत्साह कैसे बढ़ाया जा सकता है? |
3. Class 10 के छात्रों को रुचि कैसे बढ़ाएं? |
4. Class 10 में अट कैसे दूर किया जा सकता है? |
5. Class 10 के छात्रों को प्रेरित करने के लिए क्या किया जा सकता है? |
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