Class 10 Exam  >  Class 10 Notes  >  सामाजिक विज्ञान कक्षा 10  >  अध्याय-समीक्षा, पाठ - 4 वैश्वीकरण और भारतीय अर्थव्यवस्था (कक्षा दसंवी),सामाजिक विज्ञान

अध्याय-समीक्षा, पाठ - 4 वैश्वीकरण और भारतीय अर्थव्यवस्था (कक्षा दसंवी),सामाजिक विज्ञान | सामाजिक विज्ञान कक्षा 10 - Class 10 PDF Download

वैश्वीकरण और भारतीय अर्थव्यवस्था

अध्याय-समीक्षा

  • वैश्वीकरण - जब कोई देश की अर्थव्यवस्था को संसार के अन्य देशों की अर्थव्यवस्था से सामंजस्य स्थापित करता है तो इसे वैश्वीकरण कहते हैं | 

  • उदारीकरण - सरकार द्वारा अवरोधों और प्रतिबंधों को हटाने की प्रक्रिया या छूट देना उदारीकरण कहलाता है |

  • विश्व बैंक - विश्व बैंक एक अंतर्राष्ट्रीय संस्था है जो अपने सदस्य देशों को वित्तीय सहायता प्रदान करता है |

  • बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ - वह कंपनी जो एक से अधिक देशों में उत्पादन पर नियंत्रण रखती हैं |

  • निजीकरण - जब सार्वजानिक क्षेत्र की कंपनियों को चरणबद्ध तरीके से निजी क्षेत्रों के हाथों बेच दिया जाता है या नियंत्रण दे दिया जाता है तो इसे निजीकरण कहते है | 

  • डब्ल्यू. टी. ओ. - डब्ल्यू. टी. ओ. का पूरा नाम विश्व व्यापार संगठन है | इसका उदेश्य अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को उदार बनाना है | 

  • चालू खाता - एक वित् वर्ष में वस्तुओं तथा सेवाओं के व्यापार के साथ ही भुगतानों का स्थान्तरण चालू खाता कहलाता है |

  • पूँजी खाता - स्टॉक, ब्रांड, भूमि तथा बैंक में जमा राशियों को ख़रीदा या बेचा जा सकता है अथवा इन्हें पूँजी के रूप में लगाया जा सकता है, इसी के विवरण को पूँजी खाता कहते है | 

  • लचीलापन - सरकार द्वारा उद्योगों को प्रोत्साहित करने के लिए कानून में जो ढील दी जाती है उसे लचीलापन कहते है |

  • निवेश - भूमि, भवन, मशीन और अन्य उपकरण जैसे शेयर, बीमा, सावधि जमा आदि परिसंपतियों के खरीद पर व्यय की गई मुद्रा को निवेश कहते हैं |

  • मुक्त व्यापार - जब दो देशों के बीच बिना किसी प्रतिबन्ध के व्यापार हो तो इसे मुक्त व्यापार कहते है | 

  • विदेशी निवेश - जब बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ द्वारा किसी देश में व्यापार स्थापित करने के लिए किया गया निवेश को विदेशी निवेश कहते हैं |

  • भारत में नयी आर्थिक निति 1991 में लागु की गई |

  • SEZ का पूरा नाम विशेष आर्थिक क्षेत्र है | 

  • भारत की अर्थव्यवस्था एक मिश्रित अर्थव्यवस्था है |

  • भारत में अर्थव्यवस्था के तीन क्षेत्रकों में से वैश्वीकरण से सबसे अधिक फायदा/लाभ तृतीय क्षेत्रक को हुआ है ? 

  • राजकोषीय घाटा - सरकार द्वारा अर्जित आय और योजनाओं पर किए गए उससे अधिक खर्च को राजकोषीय घाटा कहते है | 

The document अध्याय-समीक्षा, पाठ - 4 वैश्वीकरण और भारतीय अर्थव्यवस्था (कक्षा दसंवी),सामाजिक विज्ञान | सामाजिक विज्ञान कक्षा 10 - Class 10 is a part of the Class 10 Course सामाजिक विज्ञान कक्षा 10.
All you need of Class 10 at this link: Class 10
33 videos|57 docs

Top Courses for Class 10

FAQs on अध्याय-समीक्षा, पाठ - 4 वैश्वीकरण और भारतीय अर्थव्यवस्था (कक्षा दसंवी),सामाजिक विज्ञान - सामाजिक विज्ञान कक्षा 10 - Class 10

1. वैश्वीकरण क्या है और इसका भारतीय अर्थव्यवस्था पर क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर: वैश्वीकरण एक मानवीय खाद्य और प्रशासनिक प्रक्रिया है जिसमें देशों के बीच वित्तीय, सांस्कृतिक, वाणिज्यिक और राजनीतिक संबंधों को बढ़ावा दिया जाता है। यह विश्व में व्यापार, उद्योग, पर्यटन, निवेश और विदेशी प्रतिस्पर्धा को बढ़ाता है। भारतीय अर्थव्यवस्था को वैश्वीकरण का असर महसूस होता है क्योंकि यह विदेशी निवेश, विदेशी वाणिज्यिक संबंध और विदेशी वस्त्रों के आयात-निर्यात पर प्रभाव डालता है।
2. वैश्वीकरण के कारणों और प्रभावों का उदाहरण दें।
उत्तर: कुछ वैश्वीकरण के कारण और प्रभावों के उदाहरण निम्नलिखित हैं: - विदेशी निवेश और विदेशी बाजारों के खुलने से उद्योगों को अधिक पूंजी, प्रौद्योगिकी और विदेशी बाजारों का लाभ मिलता है। इससे वित्तीय स्थिरता और रोजगार के अवसर में सुधार होता है। - विदेशी वस्त्रों के आयात लोकल वस्त्र उद्योगों को टक्कर देता है और उन्हें स्थायी नुकसान पहुंचाता है। - विदेशी बाजारों से सस्ते उत्पादों की आयात करने से देश की आर्थिक गतिविधियों में बदलाव होता है, जो कई बार देशी उत्पादकों को प्रभावित कर सकता है। - विदेशी निवेश के आने से देश का उत्पादन और निर्यात बढ़ता है, जिससे वित्तीय स्थिरता में सुधार होता है।
3. वैश्वीकरण के लाभ और हानियां क्या हैं?
उत्तर: वैश्वीकरण के लाभ और हानियां निम्नलिखित हैं: लाभ: - वैश्वीकरण विदेशी निवेश, विदेशी वस्त्रों के आयात, विदेशी मार्गदर्शन और विदेशी बाजारों में व्यापार करने का अवसर प्रदान करता है। - इससे वित्तीय स्थिरता और उद्योगों में नई प्रौद्योगिकी के आगमन का मार्ग खुलता है। - यह रोजगार के अवसर प्रदान करता है और अधिक उत्पादन के माध्यम से आय का स्रोत बढ़ाता है। हानियां: - वैश्वीकरण के कारण कुछ लोकल उद्योगों को टक्कर लगती है और उन्हें स्थायी नुकसान पहुंचता है। - वैश्वीकरण के चलते कुछ देशों का उत्पादन और निर्यात कम हो सकता है, जिससे उनकी अर्थव्यवस्था प्रभावित हो सकती है।
4. वैश्वीकरण के समर्थक और विरोधी कौन हैं?
उत्तर: वैश्वीकरण के समर्थक आपसी व्यापार, विदेशी निवेशक, ग्लोबल कंपनियाँ और वित्तीय संस्थानों के बहुराष्ट्रीय नेटवर्क हो सकते हैं। वैश्वीकरण के विरोधी स्थानीय उद्योग, किसान संगठन, मजदूर संगठन और कुछ राजनीतिक दल हो सकते ह
33 videos|57 docs
Download as PDF
Explore Courses for Class 10 exam

Top Courses for Class 10

Signup for Free!
Signup to see your scores go up within 7 days! Learn & Practice with 1000+ FREE Notes, Videos & Tests.
10M+ students study on EduRev
Related Searches

past year papers

,

अध्याय-समीक्षा

,

पाठ - 4 वैश्वीकरण और भारतीय अर्थव्यवस्था (कक्षा दसंवी)

,

pdf

,

पाठ - 4 वैश्वीकरण और भारतीय अर्थव्यवस्था (कक्षा दसंवी)

,

mock tests for examination

,

अध्याय-समीक्षा

,

Exam

,

सामाजिक विज्ञान | सामाजिक विज्ञान कक्षा 10 - Class 10

,

video lectures

,

Previous Year Questions with Solutions

,

पाठ - 4 वैश्वीकरण और भारतीय अर्थव्यवस्था (कक्षा दसंवी)

,

MCQs

,

practice quizzes

,

सामाजिक विज्ञान | सामाजिक विज्ञान कक्षा 10 - Class 10

,

Sample Paper

,

study material

,

Viva Questions

,

Free

,

Semester Notes

,

Important questions

,

अध्याय-समीक्षा

,

Summary

,

Objective type Questions

,

Extra Questions

,

shortcuts and tricks

,

सामाजिक विज्ञान | सामाजिक विज्ञान कक्षा 10 - Class 10

,

ppt

;