भारतीय अर्थव्यवस्था के क्षेत्रक
अध्याय-समीक्षा
प्राथमिक क्षेत्रक वह क्षेत्र है जिसमें प्राकृतिक साधनों का प्रयोग करके वस्तुओं का उत्पादन किया जाता है। जैसे - कृषि, पशुपालन, मत्शय पालन,
द्वितीयक क्षेत्रक वह क्षेत्र है जिसमें उद्यम प्राथमिक उद्योग से प्राप्त वस्तु को दूसरे अन्तिम प्रकार में परिवर्तित करते है। विनिर्माण उद्योग आदि |
तृतीयक क्षेत्रक या सेवा क्षेत्र प्राथमिक एवं द्वितीयक क्षेत्रक के उद्योगों की सेवाओं के लिए उत्पादन करता है। जैसे- परिवहन, बैंकिंग आदि |
सार्वजनिक क्षेत्र जिनमें अधिकांश परिसंपतियों पर सरकार का स्वामित्व होता है और सरकार ही सभी सेवाएँ उपलबध कराती है।
निजी क्षेत्र वह क्षेत्र होता है जिसमें परिसंपतियों पर स्वामित्व और सेवाओं के वितरण की जिम्मेदारी एकल व्यक्ति या कम्पनी के हाथों में होती है।
ग्रामीण रोजगार गांरटी अधिनियम 2005 - केन्द्रीय सरकार ने भारत के 200 जिलों में काम का अधिकार लागू करने के लिए एक कानून बनाया है।
शिक्षित बेरोजगारी:- जब शिक्षित, प्रशिक्षित, कुशल व्यक्तियों को उनकी योग्यता के अनुसार काम नहीं मिलता।
कुशल श्रमिक वह है जिसने उचित प्रशिक्षण प्राप्त किया है। अकुशल श्रमिक वे होते हैं जिन्होंने कोई प्रशिक्षण प्राप्त नहीं किया।
ग्रामीण रोजगार गांरटी अधिनियम को 2005 में लागु किया गया |
संचार तृतीय क्षेत्रक का उद्यम है |
सवेतन छुट्टी का प्रावधान संगठित क्षेत्रक में होता है |
प्राथमिक क्षेत्रक 1973 से पहले भारत का सबसे बड़ा उत्पादक क्षेत्र था |
निजी क्षेत्रक लाभ कमाने के उदेश्य से कार्य करती है |
सार्वजानिक क्षेत्रक का उदेश्य सामाजिक कल्याण और सुरक्षा होता है |
मधुमक्खी पालन प्राथमिक क्षेत्रक की गतिविधि है |
आटे से विस्कुट बनाना द्वितीयक क्षेत्रक की गतिविधि है |
अतिरिक्त प्रश्नोत्तर :
प्रश्न 1. संगठित व असंगठित क्षेत्रकों में रोजगार की परिस्थितियों में अंतर का वर्णन कीजिए?
उत्तर -
संगठित क्षेत्र
(1) अधिक वेतन मिलना
(2) नौकरी सुरक्षित
(3) कार्य स्थिति अच्छी होती है
(4) काम के घंटे निश्चित
(4) काम के घन्टों की सीमा निर्धारित होती है।
(5) कर्मचारियों को योजना का लाभ
असंगठित क्षेत्र
(1) कम वेतन मिलना
(2) नौकरी सुरक्षित नहीं
(3) कार्य स्थिति निन्न होती है |
(4) काम के घन्टों की सीमा निर्धारित नहीं।
(5) इन्हें योजना का लाभ नहीं मिलता लाभ मिलता है।
प्रश्न 2. असंगठित क्षेत्रक में मजदूरों के समक्ष आने वाली समस्याओं का वर्णन कीजिए?
उत्तर -
(1) यह क्षेत्रक सरकारी नियम एवं विनियमों को नहीं मानता है।
(2) इसमें बहुत से लोग अपने-अपने छोटे कार्य सड़कों पर विक्रय करते है।
(3) निन्न वेतन मिलना
(4 ) मजदूरी तय नहीं होती तथा रोजगार भी नियमित नहीं होता।
(5) यहाँ अतिरिक्त समय में काम करने से वेतन छुट्टी अवकाश और बीमारी के कारण छुट्टी का प्रावधान नहीं।
(6) नौकरी असुरक्षित होती है।
प्रश्न 3. प्रच्छन्न (छुपी हुई) बेरोजगारी से क्या अभिप्राय है? ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों से उदाहरण दीजिए जहां इस प्रकार की बेरोगारी है?
उत्तर -
(1) लोग प्रत्यक्षत कार्यरत होते है मगर वास्तव में बेरोजगार होते है। एक ही काम पर जरूरत से ज्यादा लोग लगे रहते है।
(2) यह सामान्यतः ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि क्षेत्रक में पाया जाता है।
(3) शहरी क्षेत्रों में एक दुकान को परिवार के चार सदस्य चलाते है जहाँ दो के कार्य की आवश्यकता है।
प्रश्न 4. राष्ट्रीय रोजगार गारंटी अधिनियम द्वारा भारत में रोजगार क्षेत्र की दशा में सुधार हेतु निभाई गई भूमिका का वर्णन कीजिए।
उत्तर -
(1) भारत सरकार ने काम के अधिकार लागू करने के लिए एक योजना बनाई है जिसे राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गांरटी अधिनियम खण्ड कहते है।
(2) सभी सक्षम लोग जिन्हें काम की जरूरत है।
(3) सरकार द्वारा वर्ष में 100 दिन के रोजगार की गारंटी।
प्रश्न 5. सार्वजनिक क्षेत्रक तथा निजी क्षेत्रक में अंतर लिखिए।
उत्तर -
सार्वजनिक क्षेत्रक
(1) अधिकांश परिसम्पतियों पर सरकार का नियंत्रण
(2) सभी सेवाएँ सरकार उपलब्ध के हाथों में होती है।
(3) सार्वजनिक क्षेत्र की गतिविधियाँ की जाती है।
(4) श्रमिक रोजगार सुरक्षित।
निजी क्षेत्रक
(1) निजी स्वामित्व
(2) एक व्यक्ति या कम्पनी कराती है।
(3) ये केवल लाभ कमाने के लिए पूरे देश में है।
(4) श्रमिकों का रोजगार असुरक्षित।
प्रश्न 6. राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी 2005 अधिनियम के तीन प्रावधान बताइए।
उत्तर -
(1) सरकार द्वारा वर्ष में 100 दिन के रोजगार की गारंटी।
(2) काम उपलब्ध न होने की स्थिति में बेरोजगारी भत्ता देना।
(3) ग्रामीण क्षेत्रों में वरीयता देना।
(4) भविष्य में भूमि से उत्पादन बढ़ाने में मदद करने वालो को मदद।
प्रश्न 7. प्राथमिक क्षेत्रक से आप क्या समझते है? इस क्षेत्रक के किन्ही चार गतिविधियों को सूची बद्ध करे।
उत्तर -
(1) प्राकृतिक संसाधनों के प्रत्यक्ष उपयोग पर आधारित अनेक गतिविधियों को प्राथमिक क्षेत्रक होता है।
(2) इसमें प्राकृतिक वस्तु का उत्पादन होता है।
(3) उदाहरण- कृषि, डेयरी, मत्स्यन, वानिकी
प्रश्न 8. उदाहरणों की मदद से स्वामित्व के आधार पर क्षेत्रकों के मध्य अन्तर कीजिए?
उत्तर - सार्वजनिक क्षेत्रक- रेलवे, ओ. एन. जी. सी
निजी क्षेत्रक- रिलायंस, विपरो, इन्फोसिस
प्रश्न 9. क्या आप इस कथन से सहमत है कि असंगठित क्षेत्रों में कर्मचारी का शोषण किया जाता है। अपने उत्तर पक्ष में तीन तर्क प्रस्तुत कीजिए।
उत्तर -
(1) असंगठित क्षेत्रक सरकारी नियंत्रण से बाहर है। इस क्षेत्रक के नियम और विनिमय तो है परन्तु उनका पालन नहीं होता।
(2) कम वेतन तथा प्राय: नियमित नहीं है।
(3) अतिरिक्त समय में काम करने, सवेतन, छुट्टी, अवकाश बीमारी के कारण छुट्टी का प्रावधान नहीं है।
(4) रोजगार सुरक्षित नहीं है। बिना किसी कारण से हटाया जा सकता है।
प्रश्न 10. शहरी क्षेत्र में रोजगार के अवसर पैदा करने की कोई तीन विधियाँ सुझाइए।
उत्तर -
(1) क्षेत्रीय शिल्प उद्योग और सेवाओं को प्रोत्साहन देकर।
(2) पर्यटन उद्योग को प्रोत्साहन देकर।
(3) सरकार की नीतियाँ बदलकर
(4) मूलभूत सुविधाएँ ढाँचा विकास एवं कर्ज तथा तकनीकी सहायता देकर।
प्रश्न 11. संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों को प्राप्त होने वाले किन्हीं तीन लाभो का उल्लेख कीजिए?
उत्तर -
(1) रोजगार सुरक्षा का लाभ
(2) अतिरिक्त समय में काम का प्रावधान
(3) सवेतन छुट्टी, अवकाश काल में भुगतान, भविष्य निधि सेवानुदान आदि मिलते है।
(4) चिकित्सीय लाभ और पेंशन का प्रावधान
प्रश्न 12. सकल घरेलु उत्पाद (जी. डी. पी.) किसे कहते है? भारत में इसे नापने का कार्य किस संगठन द्वारा किया जाता है?
उत्तर -
(1) सकल घरेलू उत्पाद किसी देश के भीतर किसी वर्ष में प्रत्येक क्षेत्रक द्वारा उत्पादित अन्तिम वस्तुओं और सेवाओं का मूल्य।\
(2) उस वर्ष में क्षेत्रक के कुल उत्पादन की जानकारी प्रदान करता है।
(3) मापन का कार्य केन्द्र सरकार तथा राज्य सरकारें करती है।
प्रश्न 13. भारत में तृतीयक क्षेत्रक को इतना महत्वपूर्ण बनाने के लिए उत्तरदायी किन्हीं तीन कारकों को बताइए ?
उत्तर -
(1) अनेक सेवाओं- अस्पताल, शैक्षिक संस्थाएं, डाक एवं तार रक्षा, परिवहन आदि की आवश्यकता।\
(2) कृषि एवं उद्योग के विकास हेतु अनेक सेवाओं की आवश्यकता होती है।
(3) जैसे-जैसे आय बढ़ती है। कुछ लोग अन्य कई सेवाओं की मांग शुरू कर देते है।
(4) कुछ नई सेवाएं जैसे संचार एवं प्रौद्योगिकी पर आधारित सेवाएं।
प्रश्न 14. ग्रामीण भारत में रोजगार के अधिक अवसर उत्पन्न करने हेतु कोई चार सुझाव दीजिए?
उत्तर -
(1) सिचांई की सुविधाओं को सुधारना चाहिए।
(2) शिक्षा और स्वास्थ्य में सुधार करना।
(3) ग्रामीण क्षेत्र में सुलभ, सस्ती और बेहतर परिवहन सेवाएं देकर कृषि और गैर कृषि को बढ़ावा देगी।
(4) कृषि आधारित उद्योगों, लघु उद्योग एवं कुटीर उद्योगों को बढ़ावा दिया जाना चाहिए।
प्रश्न 15. तीव्र जनसंख्या वृद्धि किस प्रकार बेरोजगारी को प्रभावित करती है।
उत्तर -
1. रोजगार के अवसर जनसंख्या वृद्धि के अनुपात में नहीं बढ़ते है।
2. द्वितीयक और तृतीयक क्षेत्र तीव्र गति के बढ़ रही जनसंख्या को पर्याप्त रोजगार के अवसर प्रदान नहीं कर पाते।
3. कृषि क्षेत्र में प्रच्छन्न बेरोजगारी बढ़ जाती है।
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1. भारतीय अर्थव्यवस्था क्षेत्रक क्या है? |
2. भारतीय अर्थव्यवस्था के क्षेत्रक क्या-क्या होते हैं? |
3. भारतीय अर्थव्यवस्था के क्षेत्रक क्यों महत्वपूर्ण हैं? |
4. वित्तीय क्षेत्रक क्या होते हैं? |
5. भारतीय अर्थव्यवस्था के क्षेत्रक कैसे मदद करते हैं व्यापार क्षेत्रक? |
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