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ऐतिहासिक कालक्रम (भाग - 7) - इतिहास,यु.पी.एस.सी | Revision Notes for UPSC Hindi PDF Download

ऐतिहासिक कालक्रम

1921    असहयोग आंदोलन जारी (1920.24 ई.)-देशी नरेशों के नरेन्द्र मण्डल का गठन-मोपला विद्रोह-प्रिंस आॅफ वेल्स, एडवर्ड की यात्रा-जनगणना वाइसराय लार्ड रीडिंग (1921.26 ई.)।
1922    माण्टेगू का त्यागपत्रा।
1923    स्वराज पर्टी की स्थापना वाइसराय द्वारा अपने विशेषाधिकार से नमक-कर कानून को पास करना-भारतीय सेना की कुछ पलटनों की कमान का भारतीयकरण।
1924    असहयोग आन्दोलन का शिथिल पड़ना।
1925    चित्तरंजन दास की मृत्यु अन्तर्विश्वविद्यालय बोर्ड का गठन-लार्ड लिटन द्वितीय स्थानापन्न वाइसराय।
1926    वाइसराय लार्ड इर्विन (1926.31 ई.)- रुपये का अवमूल्यन।
1927    साइमन कमीशन की नियुक्ति भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के मद्रास अधिवेशन में स्वतन्त्राता के लक्ष्य की घोषणा।
1928    अफगानिस्तान के अमीर अमानुल्ला का अपदस्थ किया जाना-सर्वदलीय सम्मेलन नेहरू रिपोर्ट-कांग्रेस के अन्दर इंडिपेण्डेंस लीग की स्थापना, जिसने इस शर्त पर औपनिवेशिक राज्य स्वीकार कर लिया कि उसकी घोषणा 1929 ई. के वर्ष का अन्त होने से पूर्व कर दी जाये-नादिरशाह अफगानिस्तान का अमीर (1928.34 ई.)
1929    लार्ड इर्विन की घोषणा (31 अक्टूबर) कि भारत की संवैधानिक प्रगति का अन्तिम लक्ष्य औपनिवेशिक राज्य की स्थापना है-भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के लाहौर अधिवेशन में पूर्ण स्वाधीनता  के प्रस्ताव को पारित किया जाना (दिसम्बर)।
1930    6 अपै्रल को सविनय अवज्ञा आन्दोलन का श्रीगणेश-साइमन कमीशन की रिपोर्ट-बर्मा में विद्रोह-गोलमेज सम्मेलन का प्रथम अधिवेशन (नवम्बर-जनवरी)। 
1931    इर्विन-गांधी समझौता (5 मार्च)-भारत में जनगणना गोलमेज सम्मेलन का दूसरा अधिवेशन, जिसमें गांधीजी ने भी भाग लिया (सितम्बर- दिसम्बर) वाइसराय लार्ड विलिंगडन (1931.36 ई.)।
1932    गांधीजी को कारावास (जनवरी)-कांग्रेस गैरकानूनी घोषित-कठोर दमनचक्र साम्प्रदायिक पंच निर्णय- गांधीजी का अनशन-पूना समझौता देहरादून में भारतीय मिलिटरी अकादमी की स्थापना।
1933    प्रस्तावित शासन सुधारों पर श्वेतपत्रा प्रकाशित- संयुक्त प्रवर समिति।
1934    सविनय अवज्ञा आन्दोलन स्थगित बिहार भूकम्प-फैक्टरी अधिनियम भारतीय नौसेना का गठन अफगानिस्तान के अमीर नादिर शाह की हत्या और जहीर शाह का सिंहासनारोहण।
1935    गवर्नमेण्ट आफ इंडिया अधिनियम, 1935।
1936    सम्राट् जार्ज पंचम की मृत्यु-एडवर्ड अष्टम का सिंहासनारोहण और सिंहासन त्याग-लार्ड लिनलिथगो वाइसराय (1936)।
1937    प्रान्तीय स्वशासन का उद्घाटन (1 अपै्रल)- अन्तरिम मंत्रिमंडल वाइसराय का वक्तव्य (जून)-छः प्रान्तों में कांग्रेस मंत्रिमंडल का गठन-संघीय न्यायालय का निर्माण-लार्ड लिनलिथगो वाइसराय और गवर्नर-जनरल (1937.42)।
1939    द्वितीय विश्वयुद्ध (3 सितम्बर) वाइसराय की भारतीय नेताओं से मंत्राणा-कांग्रेस द्वारा युद्ध के उद्देश्यों के तुरन्त स्पष्टीकरण की माँग-वाइसराय की घोषणा (17 अक्टूबर) कि युद्धोपरान्त संवैधानिक विकास का लक्ष्य औपनिवेशिक स्वराज्य की स्थापना है-प्रान्तीय कांग्रेस मंत्रिमण्डलों का त्यागपत्रा।
1940    मुस्लिम लीग द्वारा पाकिस्ताान की माँग-फ्रांस का पतन।
1941    जापान द्वारा युद्ध की घोषणा-सुभाष बोस नजरबंदी से भागकर स्थल मार्ग से जर्मनी पहुँचे।
1942    बर्मा में अंग्रेजों का आत्म-समर्पण और अपने पीछे 90,000 भारतीय सैनिकों को छोड़कर वहाँ से भाग आना-जापान द्वारा विजगापट्टम पर बम वर्षा (अप्रैल)-क्रिप्स मिशन-‘भारत छोड़ो’ आन्दोलन का प्रारम्भ-सविनय अवज्ञा आन्दोलन- देश-व्यापी उपद्रव और दमन चक्र-कांग्रेसी नेताओं की गिरफ्तारी।
1943    बंगाल का दुर्भिक्ष गवर्नर-जनरल लार्ड वावेल (1943.47)।
1944    आसाम पर जापानी आक्रमण आजाद हिन्द फौज-मणिपुर में कोहिमा के निकट जापानी फौजों और आजाद हिन्द फौजों का पीछे खदेड़ा जाना।
1945    जापान का आत्मसमर्पण-भारत में आम चुनाव-उत्तरी-पश्चिमी सीमा प्रांत को छोड़कर सभी प्रांतों में अधिकांश मुस्लिम सीटों पर
मुस्लिम लीग का अधिकार, जबकि कांग्रेस का सभी प्रान्तों और केन्द्र में अधिकांश जनरल सीटों पर अधिकार।
1946    भारतीय नौसेना का विद्रोह (18 फरवरी)- कैबिनेट मिशन भारत में-मुस्लिम लीग द्वारा प्रत्यक्ष कार्यवाही दिवस मनाया गया (16 अगस्त)-कलकत्ता में भयानक साम्प्रदायिक दंगे-ढाका में साम्प्रदायिक दंगे (20 अगस्त)- अन्तरिम सरकार का गठन (2 सितम्बर)- नोआखाली और टिपरा में साम्प्रदायिक दंगे (14 अक्टूबर)- बिहार में साम्प्रदायिक दंगे (25 अक्टूबर)-मुस्लिम लीग का अन्तरिम सरकार में शामिल होना (26 अक्टूबर)- संविधान सभा का प्रथम अधिवेशन (9 सितम्बर)।
1947    लार्ड माउण्टबैटन गवर्नर जनरल-पंजाब में साम्प्रदायिक दंगे- माउण्टबैटन द्वारा भारत और पाकिस्तान  के रूप में देश के विभाजन के आधार पर स्वतंत्राता की घोषणा (3 जून)-भारतीय स्वतंत्राता अधिनियम (15 अगस्त)-पाकिस्तान का जन्म-पाकिस्तान का कश्मीर पर आक्रमण- कश्मीर का भारतीय संघ में सम्मिलित होना (अक्टूबर) भारतीय हस्तक्षेप।
1948    महात्मा गांधी की हत्या ( 30 जनवरी)- राजगोपालाचारी भारत के प्रथम भारतीय गवर्नर-जनरल (21 जून)- भारत द्वारा कश्मीर विवाद संयुक्त राष्ट्र संघ में प्रस्तुत (जुलाई)-जिन्ना की मृत्यु (11 सितम्बर)-हैदराबाद में पुलिस कार्रवाई-हैदराबाद का भारतीय गणतंत्रा में विलयन।
1949    भारतीय संविधान अधिनियम पारित। 
1950    भारत में लोकतांत्रिक गणराज्य की घोषणा (26 जनवरी)-डाॅ. राजेन्द्र प्रसाद राष्ट्रपति निर्वाचित और पण्डित जवाहरलाल नेहरू प्रधानमंत्राी नियुक्त-चीन के साथ कूटनीतिक सम्बन्धों की स्थापना-भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् का दो वर्ष के लिए सदस्य निर्वाचित- देशी रियासतों के विलयन का कार्य पूर्ण।

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FAQs on ऐतिहासिक कालक्रम (भाग - 7) - इतिहास,यु.पी.एस.सी - Revision Notes for UPSC Hindi

1. ऐतिहासिक कालक्रम क्या है?
उत्तर: ऐतिहासिक कालक्रम एक ऐसी क्रमबद्ध सूची है जो विभिन्न ऐतिहासिक घटनाओं को तारीख के आधार पर दर्शाती है। यह कालक्रम ऐतिहासिक घटनाओं को संबंधित तारीखों के साथ संबंधित करता है और हमें ऐतिहासिक विषयों के विकास और प्रगति के बारे में जानकारी प्रदान करता है।
2. कौन सी ऐतिहासिक घटनाएं ऐतिहासिक कालक्रम में शामिल होती हैं?
उत्तर: ऐतिहासिक कालक्रम में विभिन्न प्रकार की ऐतिहासिक घटनाएं शामिल होती हैं, जैसे युद्ध, समझौता, संगठन की स्थापना, धर्मांतरण, व्यापार, राजनीतिक घटनाएं आदि। इन घटनाओं के आधार पर हम इतिहास की प्रगति और विकास को समझ सकते हैं।
3. ऐतिहासिक कालक्रम क्यों महत्वपूर्ण है?
उत्तर: ऐतिहासिक कालक्रम हमें अपनी धरोहर की समझ, ऐतिहासिक घटनाओं के संबंध में जागरूकता, और सिद्धांतों की विकास और प्रगति के बारे में ज्ञान प्रदान करता है। इसके माध्यम से हम अपने भूतकाल की समझ और समय के प्रभाव को समझ सकते हैं और ऐतिहासिक तथ्यों के माध्यम से अपनी वर्तमान स्थिति को समझ सकते हैं।
4. ऐतिहासिक कालक्रम कैसे तैयार किया जाता है?
उत्तर: ऐतिहासिक कालक्रम को तैयार करने के लिए, विभिन्न ऐतिहासिक संस्थाओं और विशेषज्ञों द्वारा ऐतिहासिक घटनाओं का अध्ययन करके तारीख संबंधित जानकारी को संग्रहित किया जाता है। उन्हें विभिन्न स्रोतों, पुराणों, लेखों, और अन्य ऐतिहासिक जानकारियों का इस्तेमाल करके एक क्रमबद्ध सूची तैयार की जाती है।
5. ऐतिहासिक कालक्रम का उपयोग क्या है?
उत्तर: ऐतिहासिक कालक्रम का उपयोग विभिन्न उद्देश्यों के लिए किया जाता है। यह हमें विभिन्न कालों के बीच समय के प्रभाव को समझने में मदद करता है, ऐतिहासिक घटनाओं के संबंध में जागरूकता प्रदान करता है, और विभिन्न ऐतिहासिक युगों और समय संबंधी घटनाओं के बीच संबंध बनाने में सहायता करता है।
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