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बहमनी राज्य - इतिहास,यु.पी.एस.सी | Revision Notes for UPSC Hindi PDF Download

बहमनी राज्य
-  हसन गंगू ने दौलताबाद पर अधिकार करके अबुल मुजफ्फर अलाउद्दीन बहमन शाह की उपाधि धारण की तथा 1346-47 में बहमनी राज्य की स्थापना की। हसन गंगू अफगान था।
-  हसन गंगू ने गुलबर्गा को अपने राज्य की राजधानी बनाया तथा पूरे राज्य का चार सूबों- गुलबर्गा, दौलताबाद, बीदर और बरार में विभाजित कर दिया।

स्मरणीय तथ्य
•      ब्रिटिश शासन काल के दौरान बाहरी-मैदानी क्षेत्रों के लोगों (साहूकार, व्यापारी, जमीन हथियाने वाले, ठेकेदार आदि) को आदिवासी खासकर संथाल घृणा की दृष्टि से देखते थे। वे उन्हें किस नाम से जानते थे?  - दिकू
•      1915 में वीरेंद्र तथा चट्टोपाध्याय, भूपेन दत्त, हरदयाल तथा अन्य लोगों द्वारा बर्लिन में ‘इंडियन इंडिपेंडेंस कमेटी’ की स्थापना किस योजना के तहत की गयी थी? - जिमरमान योजना
•      ऐनी बेसेंट की होमरूल लीग का स्वरूप अखिल भारतीय था, जबकि तिलक की लीग सीमित थी? - महाराष्ट्र व कर्नाटक तक
•      ऐनी बेसेंट द्वारा मद्रास से प्रकाशित किए जाने वाले पत्रों के नाम थे? - न्यू इंडिया तथा काॅमनवील
•      इस्लाम धर्म को लोग क्या कहते हैं? - रेगिस्तान का धर्म
•      काश्मीर में हिन्दूवंश की स्थापना किसने की थी? - दुर्लभवर्धन
•      दुर्लभवर्धन के शासनकाल में किस चीनी यात्राी ने भारत की यात्रा की? - ह्नेनसांग
•      खिलजी वंश में कोमल हृदय वाला शासक कौन था? - जलालुद्दीन खिलजी
•      दक्षिण भारत के लोग मृत व्यक्ति के कब्र के साथ औजार, हथियार, मिट्टी के बर्तन आदि रखते थे। ऐसे स्मारकों को क्या कहा जाता है? - महापाषाण (मेगालिथ)
•      सबसे अधिक सोने के सिक्के किस काल में जारी हुए? - गुप्तकाल में
•      सबसे अधिक अभिलेख कहां संग्रहित हैं? - मैसूर के मुख्य पुरालेखशास्त्री के कार्यालय में
•      बाल्मिकी रामायण की रचना कब हुई थी? - ईसा पूर्व पांचवी सदी में
•      भारत के सबसे पहले सिक्के को क्या कहा जाता है? -  आहत या (पंचमार्क्ड)
•      प्रचुर स्वर्ण कण नदी-धाराओं से बने जमावों से बीने जाते थे, उन्हें क्या कहा जाता है? -  प्लेसर्स
•      हड़प्पा संस्कृति कांस्य युग सभ्यता का पूरा क्षेत्राफल कितना है? - 1,299,600 वर्ग किलोमीटर
•      औषधियों का उल्लेख सबसे पहले किसमें मिलता है? -  अथर्ववेद में
•      सातवीं शताब्दी में काश्मीर में हिन्दू वंश की स्थापना किसने की? - दुर्लभवर्धन ने
•      बौद्ध विश्वविद्यालय विक्रमशिला की स्थापना किसने की? - पालवंश के शासक धर्मपाल ने

-    बहमनी राज्य का विजयनगर राज्य से सदैव संघर्ष चलता रहा।
-    बहमनी राज्य का सबसे सशक्त शासक फिरोज शाह बहमनी था जो धर्मशास्त्र और न्यायशास्त्र का ज्ञाता था। वह विद्वान तथा अच्छा कवि था। उसकी कई पत्नियां थीं।
-    फिरोजशाह बहमनी ने खेरला के गोंड राजा नरसिंह राय को पराजित करके बरार की तरफ अपने राज्य का विस्तार करने का प्रयास किया तथा नरसिंह राय की पुत्राी से शादी की।
-    फिरोजशाह बहमनी ने विजयनगर के शासक देवराय प्रथम को पराजित करके अपार सम्पत्ति हरजाने के रूप में ली तथा देवराय प्रथम ने अपनी पुत्राी का विवाह फिरोजशाह के साथ कर दिया।
-    1417 में फिरोजशाह बहमनी को देवराय प्रथम ने पराजित कर दिया।
-    इस वंश के प्रमुख शासक मुहम्मद शाह प्रथम, मुजाहिद शाह, महमूद शाह द्वितीय तथा मुहम्मद शाह तृतीय थे।
-    मुहम्मद शाह तृतीय के काल में बहमनी राज्य की काफी उन्नति हुई जिसका श्रेय उसके मंत्राी महमूद गावां को है। 1482 में महमूद गावां पर राजद्रोह का आरोप लगाकर उसे फांसी दे दी गयी।
-  महमूद गावां की मृत्यु के पश्चात् बहमनी राज्य पाँच स्वतन्त्रा राज्यों : गोलकुण्डा, बीजापुर, अहमदनगर, बरार और बीदर में बँट गया और इस प्रकार बहमनी राज्य का अन्त हो गया।
-  अहमदनगर, बीजापुर, गोलकुण्डा एवं बीदर राज्यों ने मिलकर 1565 में तालीकोटा के युद्ध में विजयनगर को परास्त करके उसका अन्त कर दिया।
-  बीजापुर में मुहम्मद आदिलशाह का मकबरा गोल गुम्बद के नाम से प्रसिद्ध है।
-  बहमनी राज्य ने दक्षिण और उत्तर के मध्य एक सांस्कृतिक सेतु का कार्य किया।


उत्तर भारत के प्रान्तीय राज्य
-  दिल्ली सल्तनत की कमजोरियों तथा तैमूर के दिल्ली पर आक्रमण के फलस्वरूप कई प्रान्तीय गवर्नरों तथा स्वायत्त रियासतों ने अपने को स्वतन्त्रा घोषित कर लिया।
-  अपने को स्वतन्त्रा घोषित करने वाले प्रमुख राज्य बंगाल, मुल्तान, गुजरात, मालवा, जौनपुर इत्यादि ह®।

बंगाल
-  1342 में इल्यास खान नामक एक सरदार लखनौती और सोनार गाँव पर अधिकार करके सुल्तान शमसुद्दीन इल्यास खान के नाम से गद्दी पर बैठा और बंगाल को स्वतन्त्रा घोषित कर दिया।
-  इल्यास खान ने तिरहुत से चंपास और गोरखपुर तथा अन्ततः बनारस तक अपना राज्य फैला लिया।
-  फिरोज तुगलक ने बंगाल की राजधानी पांडुआ पर अधिकार कर लिया तथा इल्यास खान को भागना पड़ा।
-  बाद में एक सन्धि द्वारा बिहार की कोसी नदी तक इल्यास के राज्य की सीमा निर्धारित की गयी।
-  इल्यास खान की मृत्यु के पश्चात् उसके पुत्रा सिकन्दर के गद्दी पर बैठने पर फिरोजशाह ने दुबारा बंगाल पर आक्रमण किया। सिकन्दर छिप गया और फिरोजशाह का अभियान असफल रहा।
-  इल्यास शाह के वंश में सबसे प्रसिद्ध शासक गयासुद्दीन आजमशाह था जो अपनी न्यायप्रियता के लिये प्रसिद्ध था। उसने चीन के साथ पुनः सम्बन्ध स्थापित किया।
-  बंगाल के शासकों ने अपनी राजधानी पांडुआ और गौड़ में निजी शैली में कई इमारतें बनवाई।
-  अलाउद्दीन हुसैन के शासन (1493-1519) में बंगाली भाषा का काफी विकास हुआ।
-  अलाउद्दीन हुसैन शाह ने कामतापुर को जीतकर बंगाल में मिला लिया। बंगाल के शासकों ने चिट्टगांव और अराकान के एक भाग को भी अपने अधीन कर लिया।
-  नुसरत शाह की मृत्यु (1532 में), तथा उसके पश्चात् 1538 में शेरशाह के आक्रमण के कारण स्वतन्त्रा बंगाल राज्य का अन्त हो गया।

जौनपुर
-  जौनपुर नगर की स्थापना फिरोज तुगलक ने की।
-  1394 में मुहम्मद तुगलक द्वितीय ने अपने दरबार के ख्वाजा जहान के नाम से प्रसिद्ध खुसरो को पूर्व का स्वामी बनाया और जौनपुर को उसका मुख्यालय बनाया।
-  दिल्ली सल्तनत के कमजोर होने पर 1399 में ख्वाजा जहान के दत्तक पुत्र ने मुबारक शाह शर्की के नाम से अपने को जौनपुर का स्वतन्त्रा शासक घोषित कर दिया।
-  1400 में मुबारक शाह का छोटा भाई इब्राहिम शाह शर्की गद्दी पर बैठा जिसने लगभग 40 वर्षों तक शासन किया। इब्राहिम का पुत्रा महमूद भी सफल शासक था।
-  शर्की सुल्तानों ने जौनपुर में अनेक भव्य महलों, मस्जिदों और मकबरों का निर्माण करवाया। शर्की सुल्तानों ने दिल्ली की स्थापत्य शैली का ही अनुसरण नहीं किया अपितु उन्होंने विशाल दरवाजों और मेहरावों वाली अपनी शैली का निर्माण भी किया।
-  इब्राहिम शाह शर्की ने जौनपुर में अटाला मस्जिद का निर्माण करवाया।
-  शर्की सुल्तान ज्ञान और कलाओं के प्रबल संरक्षक थे जिसके कारण जौनपुर पूर्व का शीराज माना जाने लगा। प्रसिद्ध हिन्दी कवि मलिक मुहम्मद जायसी जिसने पद्मावत् की रचना की जौनपुर में ही रहता था।
-  शर्की साम्राज्य की सीमा पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ से उत्तरी बिहार के दरभंगा तक और उत्तर में नेपाल की सीमा से दक्षिण में बुन्देलखण्ड तक थी।
-  शर्की वंश का अन्तिम शासक हुसैन शाह था जिसे दिल्ली के शासक बहलोल लोदी ने 1476 में पराजित करके शर्की सल्तनत को दिल्ली सल्तनत में मिला लिया।

गुजरात
-  गुजरात के सुबेदार जफर खां ने 1401 में गुजरात को स्वतन्त्रा घोषित करके अपने पुत्रा तातार खां को मुहम्मद शाह की पद्वी देकर गद्दी पर बैठाया परन्तु 1407 में उसने मुहम्मद शाह को जहर देकर मार डाला और स्वयं मुजफ्फर शाह के नाम से गद्दी पर बैठा।
-  मुजफ्फर शाह के पौत्रा अलय खाँ ने उसे जहर देकर मार डाला और स्वयं 1411 में अहमदशाह के नाम से गद्दी पर बैठा।
-  अहमद शाह को स्वतन्त्रा गुजरात राज्य का वास्तविक संस्थापक माना जा सकता है। उसने अपने राज्य का विस्तार किया।
-  अहमद शाह ने अहमदाबाद नगर बसाया तथा पाटन से हटाकर अपनी राजधानी अहमदाबाद कर ली।
-  अहमद शाह ने गुजरात में स्थापत्य के विकास में महान योगदान दिया।
-  अहमद शाह ने गुजरात के हिन्दुओं पर जजिया कर लगाया तथा अनेक सुन्दर मंदिरों को नष्ट कर दिया।
-  गुजरात का सबसे प्रसिद्ध शासक अहमदशाह का पौत्रा महमूद बेगड़ा (1459-1511) था जिसने 50 वर्षों से अधिक तक शासन किया।
-  महमूद बेगड़ा 13 वर्ष की अवस्था में गद्दी पर बैठा। उसने सौराष्ट्र तथा गिरनार के किलों और दक्षिण गुजरात के चम्पानेर को जीता। उसने गिरनार की पहाड़ी के नीचे मुस्तफाबाद नामक शहर बसाया।
-  महमूद बेगड़ा की दाढ़ी कमर तक तथा मूँछे इतनी लम्बी थी कि वह उन्हें सिर के ऊपर बाँधता था। उसने अनेक अरबी ग्रन्थों का फारसी में अनुवाद कराया। संस्कृत का कवि उदयराज उसका दरबारी कवि था।
-  महमूद बेगड़ा की पुर्तगालियों से लड़ाई हुई और उसने पुर्तगालियों के विरुद्ध तुर्की सुल्तान से सन्धि कर ली।
-  महमूद बेगड़ा के पौत्रा बहादुरशाह ने 1526 से 1537 तक शासन किया। उसने मालवा को जीता। 1535 में हुंमायूँ ने उसे पराजित करके मालवा भागने पर मजबूर कर दिया।
-  1537 में पुर्तगालियों ने बहादुर शाह को मार डाला।
-  1572-73 में अकबर ने गुजरात को जीतकर स्वतंत्रा गुजरात राज्य का पूर्णतः अन्त कर दिया।

मालवा
-  तैमूर के आक्रमण के पश्चात् मालवा का सुबेदार शिहाबुद्दीन मुहम्मद सुल्तान शिहाबुद्दीन गोरी के नाम से सुल्तान बन गया और मालवा को स्वतन्त्रा राज्य घोषित कर दिया।
-    मालवा के शासक हुशंगशाह ने उदार नीति अपनायी और उसने राजपूतों को मालवा में बसने के लिये प्रोत्साहित किया। उसने मेवाड़ के राजा मोक्कल के दो भाइयों को मालवा में जागीरें दीं।
-    मालवा के सुल्तानों में सबसे शक्तिशाली महमूद खिलजी था जिसने 1436 से 1469 तक शासन किया। उसने राणा कुम्भा और अन्य पड़ोसी हिन्दू राजाओं से युद्ध के दौरान अनेक मन्दिरों को नष्ट किया।
-    मालवा की प्रारम्भिक राजधानी धार नगरी थी जिसे होशंगशाह ने परिवर्तित करके मांडु में कर दी।
-    महमूद खिलजी की चित्तौड़ के राजा के साथ अनिर्णीत लड़ाई हुई।
-    महमूद खिलजी के पश्चात् गयासुद्दीन ने 1468 से 1501 तक शासन किया जिसे उसके पुत्रा नासिरुद्दीन ने 1501 में जहर देकर मार डाला।
-    नासिरुद्दीन ने 1501 से 1512 तक शासन किया।
-    नासिरुद्दीन के पश्चात उसका पुत्रा महमूद द्वितीय गद्दी पर बैठा जिसे गुजरात के सुल्तान ने पराजित करके मार डाला।
-    1531 में मालवा को गुजरात राज्य में मिला लिया गया।
-    मांडु में एक भव्य जामा मस्जिद, हिंडोला महल, जहाज महल, होशंगशाह का मकबरा, रानी रूपमती का महल इत्यादि इमारत ह®।

मेवाड़
-    मेवाड़ को शक्तिशाली राज्य बनाने का श्रेय राणा कुम्भा को है जिन्होंने 1433 से 1468 तक मेवाड़ पर शासन किया।
-    राणा कुम्भा का गुजरात तथा मालवा से लगातार संघर्ष होता रहा।
-    मारवाड़ पहले मेवाड़ के अधीन था परन्तु बाद में वह राव जोधा के नेतृत्व में स्वतन्त्रा हो गया।
-    कुम्भा विद्वानों का बड़ा आदर करता था तथा उसने कई भवनों, झीलों तथा मन्दिरों का निर्माण करवाया।
-    राणा कुम्भा के पुत्रा ऊदा ने उसकी हत्या कर दी और स्वयं गद्दी पर बैठा परन्तु शीघ्र ही वह भी अपदस्थ कर दिया गया।
-    राणा कुम्भा ने अपनी विजय की स्मृति में विजय स्तम्भ बनवाया था।
-    1508 में राणा कुम्भा का पोता राणा सांगा अपने भाइयों से संघर्ष करके मेवाड़ की गद्दी पर बैठा।
-    राणा सांगा ने 1517 में मालवा के शासक महमूद द्वितीय को पराजित करके बन्दी बना लिया।
-    1518 में दिल्ली के शासक इब्राहिम लोदी ने मेवाड़ पर असफल आक्रमण किया।
-    जहाँगीर ने मेवाड़ को अपने राज्य में मिलाकर उसके स्वतन्त्रा अस्तित्व का अन्त कर दिया।

कश्मीर
-    बारहवीं सदी के आरम्भ में शाह मिर्जा ने कश्मीर के सिंहासन पर अधिकार करके वहाँ मुस्लिम वंश की स्थापना की।
-    तैमूर के आक्रमण के समय कश्मीर का शासक सिकन्दर था जिसने इसकी रक्षा की।
-    कश्मीर का शासक जैनउल आबिदीन अत्यधिक सहिष्णु तथा साहित्य एवं कला का प्रेमी था।
-    आगे चलकर कश्मीर पर चाक वंश के शासकों ने शासन स्थापित किया जिन्हें 1586 में अकबर ने पराजित करके कश्मीर के स्वतन्त्रा राज्य का अन्त कर दिया।

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FAQs on बहमनी राज्य - इतिहास,यु.पी.एस.सी - Revision Notes for UPSC Hindi

1. बहमनी राज्य क्या था?
उत्तर: बहमनी राज्य भारत के दक्षिणी भाग में 14वीं और 15वीं सदी में महबूब शाही वंश द्वारा स्थापित एक सुल्तानी राज्य था। यह राज्य दक्षिण भारतीय प्रांतों पर शासन करता था और उत्तरी दक्षिण भारतीय राज्यों के साथ प्रभावाधीन था।
2. बहमनी राज्य के संस्थापक कौन थे?
उत्तर: बहमनी राज्य के संस्थापक अलौद्दीन बहमनी थे। उन्होंने 1347 ईस्वी में राज्य की स्थापना की थी और अपने राज्य का नाम उनके नाम पर रखा था।
3. बहमनी साम्राज्य की प्रमुख विशेषताएं क्या थीं?
उत्तर: बहमनी साम्राज्य में धार्मिक सहिष्णुता, सामंजस्य, बौद्धिक प्रगति, संस्कृति की समृद्धता और कला का प्रचार बहुत महत्वपूर्ण थे। इसके साथ ही, यह साम्राज्य मजबूत सेना और कारगर प्रशासनिक व्यवस्था के साथ भी अपने आप को प्रमाणित करता था।
4. बहमनी राज्य की विपणन व्यवस्था क्या थी?
उत्तर: बहमनी राज्य विपणन के माध्यम से व्यापारिक गतिविधियों को प्रोत्साहित करता था। यह राज्य अन्य देशों के साथ वस्त्र, खाद्यान्न, खाद्य औषधि, गहने, चांदी, लकड़ी, अन्य उत्पादों और वस्त्रों का व्यापार करता था।
5. बहमनी राज्य के अंत काल में क्या हुआ?
उत्तर: बहमनी राज्य के अंत काल में इसमें भीषण राजनीतिक और सामरिक उथल-पुथल हुई। इसके बाद 1489 ईस्वी में विजयनगर राज्य और दक्षिणी भारतीय राज्यों ने यह साम्राज्य अपने अधीन कर लिया।
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