फल और पादप-हारमोन
फल (Fruit)
कुछ सामान्य रोग, प्रभावित अंग, कारण | ||
रोग | प्रभावित अंग | कारण |
कण्ठमाला (Goitre) | गला (थाॅयराॅयड ग्रंथि) | आयोडीन की कमी |
ओटोरिया (Otorrhoea) | कान | बैक्टिरिया |
चेचक (छोटी माता) | त्वचा | वायरस (वेरियोला) |
खसरा (Measles) | त्वचा | वायरस (पारामिक्सो) |
रूबेला (Rubella) | श्वसन संस्थान | वायरस (टोथा) |
बलकंठ (Mumps) | पिट्यूटरी ग्रंथि | वायरस (मिक्सो) |
इन्फ्लूएन्जा (Influenxa) | पूरा शरीर | वायरस (इनफ्लूएंजा) |
डीप्थिरिया (Diptheria) | गला | बैक्टिरिया (कोर्नी बैक्टिरिया) |
कुकुर खाँसी (Whooping Cough) | फेफड़ा | बैक्टिरीया (बी. परटूमिस) |
क्षय (Tuber Culosis) | सामान्यतः छाती; परंतु आँत, वृक्क,ग्रंथियों, अस्थि आदि में भी हो जाता है | बैक्टिरिया (माइकोबैक्टिरिया ट्यूबरक्यूलोसिस) |
पोलियो मेलाइटिस | तंत्रिकाएँ | वायरस (पोलियो) |
जाउण्डिस | यकृत | वायरस (हेमाटाइटिस A तथा B) |
टायफाॅयड या इन्टेरिक बुखार | आँत | बैक्टिरिया (टाइफी सालमोनेला) |
हैजा (Cholera) | छोटी आँत | बैक्टिरिया (बीब्रियो कोलेरी) |
एमोयबियेसिस (Amoebiasis) | छोटी आँत प्रोटोजोआ |
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एस्केरियेसिस (Ascariasis) | छोटी आँत | प्रोटोजोआ (एस्केरिस लंब्रीकोयड्स) |
पीत ज्वर (Yellow fever) | लीवर व यकृत | वायरस(फ्लेवी फेब्रीक्स) |
प्लेग (Plague) | लिम्फ-नोड्स | बैक्टिरिया |
मलेरिया | लीवर | प्रोटोजोआ (प्लाजमीडियम बाइवेक्स) |
कालाजार | प्लीहा (Spleen) | प्रोटोजोआ (लिसमेनिया डोनोवानी) |
पादप-हारमोन
(1) आॅक्सिन (Auxin)- आॅक्सिन (Auxin) वे कार्बनिक पदार्थ होते है जो तने की कोशा का दीर्घीकरण करते है। ऐसे सभी पदार्थ जो IAA (इण्डोल एसेटिक एसिड = प्राकृतिक हारमोन) की तरह कार्य करते है, आॅक्सिन कहलाते है। वर्तमान में विभिन्न प्रकार के आॅक्सिन पाए जाते है। आॅक्सिन के द्वारा पौधों में अनुवर्तनी गति (Tropical Movement), शीर्ष प्रमुखता (Apical dominance), विलगन (Abscission) अपतृण निवारण (Weed destruction), कटे तनों पर जड़ विभेदन (Root-differentiation on stem cutting), अनिषेक फलन (Parthenocarpy), फसलों के गिरने का नियंत्रण (Control of lodging) एवं प्रसुप्तता नियंत्रण (Control of dormancy) किया जाता है। कृषि के क्षेत्र में इनका उपयोग विस्तृत पैमाने पर किया जाता है।
(2) जिबरलिन (Gibberellin)- इस वर्ग के पादप हारमोन की प्राप्ति सर्वप्रथम कवक से हुई। विभिन्न प्रकार के पौधे से अब तक 50 जिबरलिन पृथक किए जा चुके है। जिबरलिन पौधे की लम्बाई में वृद्धि (विशेषतया बौने पौधे में) एवं पुष्प उत्पत्ति में सहायक होता है। जिबरलिन से कुछ पौधों में अनिषेक फलन ;च्ंतजीमदवबंतचलद्ध भी हो जाता है।
(3) साइटोकाइनिन अथवा फाइटोकाइनिन (Cytok-inins or phytokinins) - साइटोकाइनिन ऐसे पदार्थ है जो आॅक्सिन की सहायता से कोशा-विभाजन का उद्दीपन करते है। ये जीर्णता (Senescence) को रोकते है और पर्णहरिम को काफी समय तक नष्ट नहीं होने देते है। कोशा-विभाजन के अतिरिक्त साइटोकाइनिन पौधों के कुछ अंगों के निर्माण को नियंत्रित करते है।
(4) इथीलीन (Ethylene)- यह वृद्धिरोधक (Growth inhibitors) हारमोन है, जो गैसीय अवस्था में पाया जाता है। यह फल पकाने वाला हारमोन है। यह पुष्पी पौधों में पुष्पन को कम करता है, परन्तु अन्नानास में पुष्पन को तीव्र करता है। यह मादा पुष्पों की संख्या में वृद्धि करता है और नर पुष्पों की संख्या कम करता है। यह पत्तियों, फलों व पुष्पों के विलगन (Abscission) को तीव्र करता है।
(5) एबसिसिक एसिड (Abscisic acid)- ये भी वृद्धिरोधक (Growth inhibitors) हारमोन है। ये पत्तियों का विलगन करते है। ये कलियों की वृद्धि तथा बीजों के अंकुरण को रोकते हैं। ये पर्णहरित को नष्ट कर जीर्णावस्था को उत्पन्न करते है। ये आलू में कन्द बनाने मंे सहायता करते है। ये रंध्रों (Stomata) को बंद कर वाष्पोत्सर्जन को कम करते हैं।
कुछ सामान्य रोग, प्रभावित अंग, कारण | ||
रोग | प्रभावित अंग | कारण |
फाइलेरिया | लिम्फ नोड्स एवं वेसल्स | प्रोटोजोआ (वूचेरिया वेनक्रोफ्टी) |
रेबिज (Rabies) (Hydrobhobia) | तंत्रिका | वायरस (बीज) |
ट्रेकोमा (Trachoma) | आँख | बैक्टिरिया |
कंजंक्टिवाइटिस | आँख | वायरस तथा बैक्टिरिया |
टिटनस | मेरू रज्जु | बैक्टिरीया (क्लोस्ट्रिडियमटिटोनाई) |
कोढ़ (Leprosy) | तंत्रिकाएँ | बैक्टिरिया (माइकोबैक्ट्रियम लेप्री) |
मोतियाबिन्द (Cataract) | आँख | नेत्र के लेंस पर अपार-दर्शी परत जम जाना |
ग्लूकोमा | आँख | एक्वस ह्यूमर का दबाव बढ़ जाना |
जीरोपथेल्मिया (Xerophthalmia) | आँख | विटामीन ‘A’ की कमी |
रता®धी (Night Blindness) | आँख | विटामीन ‘A’ की कमी |
मायोपिया (निकट दृष्टि दोष) | आँख | नेत्र गोलक का लम्बा हो जाना |
दूर दृष्टि दोष (Hypermetropea) | आँख | नेत्र गोलक का छोटा हो जाना |
अबिन्दुकता (Astigmatism) | आँख | नेत्र गोलक की वक्रता में असमानता हो जाना |
प्रेसबायोपिया (Presbiopia) | आँख | बुढ़ापा में नेत्र-लेंस के समायोजन क्षमता मंे कमी आ जाना। |
कैलेजियाँ (Chalazian) | आँख | मीबोमीयन ग्रंथि का संक्रमण (जैसे स्टेफाइलोकोक्कस बैक्टिरिया से) |
बेरी-बेरी | तंत्रिका तंत्र | विटामीन B1 की कमी |
पोलीन्यूराइटिस | तंत्रिका तंत्र | विटामीन B6 की कमी |
पेलेग्रा | त्वचा, पाचन संस्थान तथा मस्तिष्क | विटामीन B5 की कमी |
रक्ताल्पता (Anaemia) | शरीर में कमजोरी | विटामीन B12 की कमी तथा आयरन की कमी |
स्कर्वी | मसूढ़ा | विटामीन 'C' की कमी |
कुछ सामान्य रोग, प्रभावित अंग, कारण | ||
रोग | प्रभावित अंग | कारण |
रिकेट | अस्थि | विटामीन ‘D’ की कमी |
नंपुसकता | पेशियाँ | विटामीन ‘E’ की कमी |
एलर्जी | कोई भी अंग | एलरजेण्ट्स (जैसे-पराग कण, धूल-कण, सुगंधित पदार्थ, धूप आदि कुछ भी) |
अर्थाइटिस | अस्थि-बंध |
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न्यूरोसिस | मस्तिष्क | अज्ञात |
सीजोफ्रोनिया | मस्तिष्क | एड्रीनल ग्रंथि का ठीक तरह से कार्य न करना, वस्तुतः कारक अज्ञात है |
मेनिया | मस्तिष्क | अज्ञात |
सुजाक (Gonorrhoea) | जेनाइटल ट्रेक्ट | बैक्टिरिया (नाइजेरियाँ गोनोरी) |
सिफलिस (Syphilis | जेनाइटल ट्रेक्ट | बैक्टिरिया (ट्रिपोनेमापेलेडग) |
एड्स (AIDS) | जेनाइटल ट्रेक्ट्स | HIV वायरस |
मेनिनजाइटिस | मस्तिष्क | बैक्टिरिया तथा वायरस |
इनसेफेलाइटिस | मस्तिष्क | वायरस |
राइनाइटिस (Rhinitis) | नाक | एलरजेन्ट्स, वायरस तथा बैक्टिरिया |
एनथ्रैक्स (Anthrax) | त्वचा, श्वसन-नलिका, फेफड़े,पाचन-नाल | बैक्टिरिया |
स्कारलेट ज्वर (Scarlet fever) | श्वसन-संस्थान | बैक्टिरिया (स्ट्रैप्टीकाकेकस) |
पायरिया | मसूड़े | बैक्टिरिया |
ब्रोंकाइटिस | श्वसन संस्थान | बैक्टिरिया |
पेचिस (Dysentry) | आँत | प्रोटोजोआ (एन्टअमीबा हिस्टोलीटिका) |
सर्दी-जुकाम (Common Cold) | श्वसन संस्थान | वायरस तथा एलरजेन्ट्स |
एक्जीमा | त्वचा | कवक (Fungi) |
खुजली (स्कॅबीज) | त्वचा | कवक |
दाद-दिनाय (Ring worm) | त्वचा | कवक |
वाष्पोत्सर्जन (Transpiration)
(i) क्यूटिकूलर (Cuticular): उपचर्म (Cuticle) से
(ii) लेन्टीकूलर (Lenticular): वातरंध्र (Lenticel) से
(iii) स्टोमाटल (Stomatal): रंध्रों (Stomata) से
बिन्दुस्त्राव (Guttation)
प्रकाश संश्लेषण (Photosynthesis)
CO2 + 12 H2O → C6H12O6 + 6O2 + 6H2O
श्वसन (Respiration)
C6H12O6 → 6CO2 + 6O2 + 38 ATP
स्मरणीय तथ्य |
• जीवद्रव्य जीवन का भौतिक आधार है। |
• शरीर के भीतर होने वाली विभिन्न भौतिक एवं रासायनिक क्रियाओं को सम्मिलित रूप से उपापचय कहते है। |
• निर्माणकारी उपापचयी क्रियाओं को उपचय या एनाबाॅलिज्म कहते है और विखण्डनात्मक उपापचयी क्रियाओं को अपचय या कटाबाॅलिज्म कहते है। |
• पौधों की कोशिकाओं की कोशिकाभित्ति कड़ी और मोटी होती है और उसमें सेल्यूलोस नामक पदार्थ पाया जाता है। जन्तुओं की कोशिकाओं का बाहरी आवरण मुलायम कोशिका-झिल्ली का बना होता है जिसमें सेल्यूलोस नहीं पाया जाता। |
• पादप-कोशिकाओं में एक बड़ी रिक्तिका पायी जाती है जिसमें कोशाद्रव भरा रहता है, जन्तुओं में नहीं होता। पादप-कोेशिकाओं में हरितलवक पाया जाता है, जन्तु-कोशिकाओं में नहीं। |
• पादप-कोशिकाओं का विभाजन कोशिका-पट्ट द्वारा होता है, जन्तु-कोशिकाओं में गढ़े द्वारा। |
जन्तु-कोशिकाओं में केन्द्रक के पास तारककाय होता है, पादप-कोशिकाओं में नहीं होता। |
• जन्तुओं में जटिल अंग और अंगतंत्रा पाये जाते है, पौधों में नहीं। |
• पौधे अपना भोजन सरल अकार्बनिक तत्त्वों से प्रकाश-संश्लेषण क्रिया द्वारा खुद बनाते है। जन्तुओं में प्रकाश-संश्लेषण क्रिया नहीं होती। जन्तु अपना भोजन ठोस कार्बनिक पदार्थ के रूप में लेते है। |
• पौधे उत्पादक कहलाते है और जन्तु उपभोक्ता कहलाते है। |
• पौधों में वृद्धि तीव्र और जीवनपर्यन्त होती है। इनमें वृद्धि की कोई निश्चित सीमा नहीं होती। जन्तुओं में वृद्धि एक निश्चित समय के बाद रुक-सी जाती है। इनमें वृद्धि एक निश्चित सीमा तक और निश्चित ढंग से होती है। |
• विषाणु सबसे सूक्ष्मतर जीव है। ये जीव और निर्जीव की सीमा-रेखा पर रखे जाते है और बहुत-सी बीमारियों के जनक है। |
• बैक्टिरिया या जीवाणु सूक्ष्मतर पौधा है। ये भी कई घातक बीमारियों के जनक होते है। |
• विषाणु और जीवाणु संसार के प्रत्येक हिस्से में विद्यमान है। |
• अधिकांश पौधे और जन्तु अपने प्राकृतिक आवासों में रहते है और विशिष्ट जीवन-यापन के लिए भलीभाँति अनुकूलित होते है। |
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1. फल क्या होता है और यह पादप-हारमोन के साथ कैसे जुड़ा होता है? |
2. फल के विकास के दौरान पादप-हारमोन की क्या भूमिका होती है? |
3. फल का विकास किस प्रक्रिया से होता है? |
4. फल के विकास के लिए कौन से पादप-हारमोन जिम्मेदार होते हैं? |
5. फल के विकास में पादप-हारमोनों के किस प्रकार का नियंत्रण होता है? |