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स्मरणीय महत्त्वपूर्ण तथ्य - सामान्य विज्ञान | सामान्य विज्ञानं (General Science) for UPSC CSE in Hindi PDF Download

  • किसी वस्तु को भूमध्य रेखा से ध्रुवोंकी ओर ले जाते समय उसका भार बढ़ता जाता है।
  • वर्षा की बूँदेंपृथ्वी तनाव के कारण गोल हो जाती है।
  • फर्मी नाभिकीय त्रिज्याओंको नापने का मात्राक है।1फर्मी = 10.15 मीटर।
  • नाॅट समुद्री जहाज की गति नापने का मात्राक है। 1 नाॅट = 1852 मीटर/घण्टा।
  • नाॅटीकल मील समुद्री दूरी के नापने का मात्राक है। 1 नाॅटीकल मील = 1852 मीटर।
  • पारा तरल धातु है जिसे क्विक सिल्वर (Quick Silver) के नाम से भी पुकारते है ।
  • भारत का प्रथम उपग्रह रूस के कोस्मोड्रोम (Cosmodrome) से प्रक्षेपित किया गया था।
  • राष्ट्रीय विज्ञान दिवस (National Science Day) 2828 फरवरी को मनाया जाता है। यह इस दिन सी. वी. रमन की खोज ‘रमन प्रभाव’ के प्रकाश में आने के उपलक्ष्य मेंमनाया जाता है।
  • यूरेनस का सूर्य के परितः भ्रमणकाल लगभग 84 वर्ष है।
  • सी. वी. रमन को सन् 1930 मेंनोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
  • प्रकाश वर्ष दूरी का मात्राक है। एक प्रकाश वर्ष = 9.46 ´ 1012 किलोमीटर।
  • ऐस्ट्रोनाॅमिकल मात्राक (A.U.) सूर्य और पृथ्वी के मध्य औसत दूरी के बराबर होता है। इसका मान 1.496 ´ 108 किमी. है।
  • पारसेक दूरी का मात्राक है तथा 1 पारसेक = 3 ´ 1016 मीटर।
  • यदि किसी मीनार से एक गेंद को उध्र्वतः नीचे तथा दूसरी गेंद को क्षैतिजतः प्रक्षेपित किया जाए तो दोनों गेंदं पृथवी पर गिरने मेंसमान समय लेंगी।
  • लैम्प की बत्ती मेंतेल केशिकीय उन्नयन (Capillary ascent)  के कारण चढ़ जाता है। ऐसा पृष्ठ तनाव के कारण होता है।
  • एक समान वृत्तीय गति मेंत्वरण तथा वेग दोनोंही परिवर्तित होते रहते है । परन्तु चाल नियत रहती है।
  • समुद्र तट पर वायुमण्डलीय दाब बार होता है।
  • एक चन्द्र दिवस पृथ्वी के 28 दिनोंके बराबर होता है।
  • अन्तरिक्ष यान की गति धीमी करने के लिए पश्चगतिक राकेट (Retro-rocket) प्रयुक्त किए जाते है ।
  • बहुत नीचे के तापोंके अध्ययन को निम्नतापिकी (Cryogenics) कहते है ।
  • थर्मोस्टेट किसी वस्तु का ताप एक निश्चित बिन्दु पर बनाए रखने का यंत्रा है।
  • डायनेमोमीटर इंजन द्वारा उत्पन्न शक्ति को मापने का यंत्रा है।
  • कुछ वस्तुएं ताप शोषित करने के बाद इसे प्रकाश में परिवर्तित कर देती है , 
  • जिसके कारण इनसे प्रकाश की किरणें निकलती है । ऐसी घटना को तापदीप्ति (Calorescence) कहा जाता है।
  • प्रचलन में पराध्वनिक (Supersonic) गतियोंके अध्ययन मेंवस्तु की चाल को ध्वनि की चाल के सापेक्ष बताया जाता है। इनके अनुपात को मैक संख्या (Mach Number)  कहते है ।
  • पराध्वनिक (Supersonic) गतियोंके लिए मैक संख्या 1 से अधिक तथा अवध्वनिक गतियोंके लिए 1 से कम होती है।
  • प्रचलन मेंमैक संख्या जेट या राकेट यान की गति व्यक्त करने के लिए प्रयुक्त की जाती है।
  • पराध्वनिक यानों (Supersonic planes) के इंजनोंद्वारा उत्पन्न ध्वनि की आवृत्ति श्रव्य क्षेत्रा (Audible region)  के परे होती है।
  • सितार तथा वीणा से उत्पन्न एक ही सुर (Note) गुणता (Quality) में भिन्न होता है।
  • हाइड्रोफोन यंत्रा जल के अन्दर ध्वनि अंकित करता है।
  • ध्वनि को दूर स्थान तक ले जाने वाला यन्त्रा मेगाफोन है।
  • निर्वात मेंध्वनि तरंगेंनहीं चल सकतीं।
  • टेपरिकाॅर्डर के टेप पर आयरन आॅक्साइड की एक पतली पर्त चढ़ी होती है। यह एक चुम्बकीय पदार्थ होता है।
  • कास्टिक सोडा या कास्टिक पोटाश को जस्ता, एल्युमिनियम या टिन के साथ गर्म किए जाने पर हाइड्रोजन बनता है।
  • लाल तप्त कोक पर वाष्प प्रवाहित करने पर हाइड्रोजन और कार्बन मोनोक्साइड का मिश्रण बनता है। इस मिश्रण को जल गैस कहा जाता है।
  • कार्बन डाइआॅक्साइड गैस को चूना जल से प्रवाहित करने पर कैल्सियम कार्बोनेट का दुधिया अवक्षेप बनता है, जिससे चूना-जल का रंग दुधिया हो जाता है। किन्तु अधिक गैस प्रवाहित किये जाने पर कैल्सियम बाइ-कार्बोनेट बनता है, जिससे घोल पुनः स्वच्छ बन जाता है।
  • कार्बन डाइआॅक्साइड मेंमैग्नेशियम का जलता हुआ फीता ले जाने पर काले-काले कण प्राप्त होते है । काले कण कार्बन डाइआॅक्साइड से मुक्त कार्बन होते है ।
  • श्वेत या पीला फास्फोरस को खास-खास अक्रिय गैस की उपस्थिति में कास्टिक सोडा के साथ गर्म करने पर फाॅस्फीन निकलती है और सोडियम हाइपो फाॅस्फेट बनता है।
  • श्वेत फाॅस्फोरस हवा में मुक्त छोड़ देने पर 30°C ताप पर अपने आप जल उठता है और आॅक्सीजन से संयोग कर फाॅस्फोरस पेंटाक्साइड का उजला धुँआ उत्पन्न करता है।
  • सल्फर डाइआॅक्साइड गैस मेंजलता हुआ मग्नेशियम का फीता गंधक मुक्त करता है और मैग्निशियम आॅक्साइड बनता है।
  • लकड़ी, ऊन, चीनी आदि को समाहृत सल्फ्यूरिक अम्ल के साथ मिलाने पर ये झुलस जाते है , क्योंकि यह इनके जल को अवशोषित कर लेता है और कार्बन शेष बच जाता है।
  • गर्म शुष्क बुझा हुआ चूना (Slaked lime)  से क्लोरिन गैस प्रवाहित करने पर विरंजक चूर्ण का निर्माण होता है।
  • तूतिया को गर्म करने पर इसका रवाजल निकल जाता है और यह नीला से रंगहीन हो जाता है।
  • कार्बनिक पदार्थों का विघटन जीवाणु के कारण होता है।
  • एक लीटर ठंडे जल का वजन एक लीटर शुष्क वायु से अधिक होता है, क्योंकि निम्न तापमान पर अणु संख्या बढ़ जाती है।
  • समुद्र जल का घनत्व, जैसे-जैसे इसकी गहराई और इसमेंलवण की मात्रा बढ़ती है,  बढ़ता जाता है।
  • गोबर गैस में प्रमुखतः मिथेन गैस रहती है।
  • द्रव को गर्म कर वाष्प और वाष्प को ठंडा कर द्रव बनाने की क्रिया को स्त्रावण कहा जाता है।
  • अशुद्धियोंके कारण पदार्थ का द्रवणांक या हिमांक कम हो जाता है।
  • अशुद्धियों के कारण द्रव का क्वथनांक (Boiling point)  बढ़ जाता है।
  • ठोस पदार्थ को जल मेंघोलने पर ताप का अवशोषण होता है।
  • वह प्रक्रिया जिसमेंकोई ठोस पदार्थ घोल से पृथक होने लगता है अवक्षेपण कहलाता है।
  • तत्त्वोंके दो या दो से अधिक रूपों मेंपाए जाने की स्थिति को बहुरूपता कहा जाता है।
  • कार्बन, गंधक और फाॅस्फोरस विभिन्न अपरूपों (Allotropic forms) में पाए जाते है ।
  • हीरा और ग्रेफाइट कार्बन के अपरूप है ।
  • जिसकी उपस्थिति मात्रा से रासायनिक प्रतिक्रिया की गति मेंपरिवर्तन आ जाए, उसे उत्प्रेरक कहा जाता है।
  • अमोनिया को आॅक्सीकृत कर नाइट्रिक अम्ल बनाने मेंप्लैटिनम उत्प्रेरक का प्रयोग किया जाता है।
  • पोटाशियम क्लोरेट से आॅक्सीजन बनाने में मेमेंगनीज डाॅय-आॅक्साइड उत्प्रेरक का उपयोग किया जाता है।
  • किसी गैस के एक ग्राम अणु का आयतन 22.4 लीटर होता है।
  • स्थिर तापमान पर किसी गैस की निश्चित मात्रा का आयतन उसके दाब का व्युत्क्रमानुपाती होता है।
  • स्थिर दाब पर किसी गैस की निश्चित मात्रा का आयतन उसके परम तापमान का समानुपाती होता है।
  • एक ही तापमान एवं दाब पर गैसों के समान आयतन मेंउपस्थित अणुओंकी संख्या बराबर होती है।
  • आयतन के विचार से हवा मेंनाइट्रोजन 77.16%, आॅक्सीजन 20.6%, जल-वाष्प 1.4% और कार्बन डाइआॅक्साइड 0.04% है।
  • निश्चित तापमान एवं दाब पर विभिन्न गैसोंके विसरण की आपेक्षिक गति उनके घनत्वोंके वर्गमूल के विपरीत अनुपात मेंहोती है।
  • सभी पदार्थों का निर्माण परमाणुओंसे होता है।
  • न्यूट्रान का भार प्रोटाॅन के भार के लगभग बराबर होता है।
  • जिन तत्त्वोंकी परमाणु संख्या (Atomic number)  एक हो, किन्तु पिंड संख्या (Mass number or Atomic Weight) भिन्न-भिन्न, उन्हेंसमस्थानिक कहा जाता है।
  • ड्यूटेरियम और ट्राइटियम हाइड्रोजन के समस्थानिक है।
  • क्लोरीन के दो समस्थानिक है।
  • पिंड संख्या = प्रोटाॅन की संख्या + न्यूट्राॅन की संख्या; प्रोटाॅन की संख्या = एलेक्ट्राॅन की संख्या।
  • वे तत्त्व, जिनकी पिंड संख्या समान किन्तु परमाणु संख्या भिन्न-भिन्न होती है, समभारिक कहलाते है।
  • आर्गन, पोटाशियम और कैल्सियम समभारिक है, जिनकी पिंड संख्या 40 है।
  • आॅर्गन का उपयोग विद्युत बल्ब को भरने मेंकिया जाता है।
  • इरिडियम अधिकतम घनत्व वाला तत्त्व है।
  • हाइड्रोजन सबसे कम परमाणु भार वाला तत्त्व है।
  • वाष्प के ठण्डा होते समय ताप उत्पन्न होता है।
  • समतल दर्पण मेंबिम्ब उतनी ही दूरी पर बनता है जितनी दूरी पर वस्तु स्थित 
  • रहती है।
  • कार्बन डाइ-आॅक्साइड चूना-जल को दुधिया बना देता है।
  • मोमबत्ती के जलने पर कार्बन डाइ-आॅक्साइड और जलवाष्प उत्पन्न होते है।
  • बिजली की चमक के कारण हवा मेंमौजूद आॅक्सीजन और नाइट्रोजन का कुछ  भाग नाइट्रोजन आॅक्साइड में परिणत हो जाता है।
  • वेग की परिवर्तन-दर को त्वरण (Acceleration) कहा जाता है।
  • हरा पौधा कार्बन डाइ-आॅक्साइड और जल को आॅक्सीजन मेंपरिणत कर देता है।
  • वर्षा के बाद वायुमंडल के कणोंपर अंटकी जल की बूँदोंपर प्रकाश के अपवर्तन (Refraction) और पूर्ण आन्तरिक परावर्तन (Total internal reflection) के कारण इन्द्रधनुष बनता है।
  • हाइड्रोमीटर द्रव का घनत्व मापने का एक उपकरण है।
  • लाल और पीला फास्फोरस फास्फोरस के अपरूप (Allotropic forms) वितउेद्ध है।
  • अम्लीकृत जल (acidulated water)  का विद्युत् अपघटन (Electrolysis)  करने पर हाइड्रोजन और आॅक्सीजन प्राप्त होते है।
  • लवण-घोल की अपेक्षा शुद्ध जल का क्वथनांक (boiling point) अधिक होता है।
  • समान विद्युत् आवेश के परमाणु या परमाणुओंके समूह को मूलक कहा जाता है।
  • तांबे के आॅक्साइड मेंतांबे की संयोजकता (Valency) क्यूप्रस आॅक्साइड में 1 तथा क्यूप्रिक आॅक्साइड में 2 होती है।
  • लोहे के क्लोराइड मेंलोहे की संयोजकता (Valency) फेरिक क्लोराइड में 3 तथा फेरस क्लोराइड में 2 होती है।
  • टीन के क्लोराइड मेंटीन की संयोजकता स्टैनस क्लोराइड में 2 तथा स्टैनिक क्लोराइड में 4 होती है।
  • अम्ल एवं भस्म की प्रतिक्रिया को उदासीकरण कहा जाता है।
  • फेनाॅल्फथेलीन (Phenolphthalein) का रंग क्षारीय (Alkaline) घोल मेंगुलाबी हो जाता है।
  • मिथाइल औरेंज (Methile orange) का रंग क्षारीय घोल में पीला तथा अम्लीय घोल मेंगुलाबी हो जाता है।
  • अमोनिया गैस का जलीय घोल क्षारीय होता है।
  • लिटमस पत्रा (Litmus paper) क्षारीय घोल मेंनीला तथा अम्लीय घोल मेंलाल हो जाता है।
  • धातुओंके आॅक्साइड प्रायः भाष्मिक तथा अधातुओं के आॅक्साइड अम्लीय होते है।
  • प्रति लीटर घोल मेंउपस्थित घुल्य के ग्राम समतुल्यांक की संख्या को घोल की सामान्यता कहा जाता है।
  • तनु घोल के घोलक का किसी अर्ध पारगम्य झिल्ली से स्वतः पार कर समाहृत घोल में प्रसारित होने की क्रिया को परासरण कहा जाता है।
  • साबुन सोडा और वनस्पति तेल से प्राप्त किया जाता है।
  • अम्लीय जल के विद्युत अपघटक मेंऋणोद (Cathode) पर हाइड्रोजन और धनोद (Anode) पर आॅक्सीजन मुक्त होता है।
  • अमोनिया नाइट्रोजन एवं हाइड्रोजन का यौगिक है।
  • फाॅस्फीन फाॅस्फोरस तथा हाइड्रोजन का यौगिक है।
  • अमोनिया गैस कली चूना में प्रवाहित कर शुष्क किया जाता है।
  • सल्फर डाइआॅक्साइड तथा क्लोरीन गैस संतृप्त गंधकाम्ल से प्रवाहित कर शुष्क किया जाता है।
  • फ्लोरीन, क्लोरीन, ब्रोमीन तथा आयोडीन हैलोजन परिवार के तत्त्व हैं।
  • क्लोरीन का उपयोग पानी की बैक्टीरिया नष्ट करने मेंकिया जाता है।
  • वायुमंडल मेंहाइड्रोजन सल्फाइड के कारण सिल्वर पर काला धब्बा उत्पन्न होता है।
  • एमल्गम (Amalgam) धातु तथा पारा का घोल होता है।
  • पोटाशियम क्लोरेट को गर्म करने पर आॅक्सीजन बनता है।
  • जस्ते पर तनु सल्फ्यूरिक अम्ल या तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल की प्रतिक्रिया से हाइड्रोजन बनता है।
  • लाल तप्त लोहे पर वाष्प प्रवाहित करने पर जल विच्छेदित होता है और हाइड्रोजन बनता है।
  • मनुष्य के शरीर मेंलगभग 100 अरब से भी अधिक कोशिकाएं है। शरीर की हड्डियाँ, माँसपेशियाँ, त्वचा, रक्त, दाँत, नाड़ियाँ, बाल आदि सभी अंग कोशिकाओंसे मिलकर बने है। दाँतोंका इनेमल शरीर का सबसे सख्त ऊतक है।
  • शरीर का सबसे बड़ा अंग त्वचा (Skin) होता है। पुरानी त्वचा, शरीर पर से लगभग 50 दिनोंमेंनई त्वचा द्वारा बदल दी जाती है। शरीर पर त्वचा की मोटाई सभी जगह एक सी नहीं होती। पैरोंके तलवे और हथेलियोंकी त्वचा सबसे अधिक मोटी होती है और आँखोंकी पलकोंकी त्वचा सबसे कम मोटी होती है। त्वचा की मोटाई 5 मिमी, से 6 मिमी, तक होती है।
  • मनुष्य शरीर मेंभी विद्युत उत्पन्न होती है और चुम्बकीय विद्युत संदेश शरीर के अंगोंसे संचारित होते रहते है। इसी विद्युत-धारा से शरीर की तंत्रिकाओं, माँसपेशियोंऔर दूसरे अं
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FAQs on स्मरणीय महत्त्वपूर्ण तथ्य - सामान्य विज्ञान - सामान्य विज्ञानं (General Science) for UPSC CSE in Hindi

1. सामान्य विज्ञान UPSC परीक्षा के लिए कौन-कौन से विषय महत्वपूर्ण होते हैं?
उत्तर: सामान्य विज्ञान UPSC परीक्षा में विभिन्न विषयों की जानकारी महत्वपूर्ण होती है। कुछ मुख्य विषय शामिल हैं: भौतिकी, रसायन विज्ञान, जीवविज्ञान, खगोल विज्ञान, पृथ्वी विज्ञान, जलवायु विज्ञान, आदि।
2. सामान्य विज्ञान UPSC परीक्षा के लिए किस प्रकार की तैयारी की जानी चाहिए?
उत्तर: सामान्य विज्ञान UPSC परीक्षा की तैयारी के लिए छात्रों को उच्चतर माध्यमिक स्तर की पुस्तकों का अध्ययन करना चाहिए। वे प्रश्नों का अभ्यास कर सकते हैं जो पिछले वर्षों में पूछे गए हैं और प्रतियोगी परीक्षा के लिए पुस्तकों और अन्य स्रोतों का उपयोग कर सकते हैं।
3. सामान्य विज्ञान UPSC परीक्षा में किस प्रकार के प्रश्न पूछे जाते हैं?
उत्तर: सामान्य विज्ञान UPSC परीक्षा में, विभिन्न विषयों से संबंधित प्रश्न पूछे जाते हैं। प्रश्न भौतिकी, रसायन विज्ञान, जीवविज्ञान, खगोल विज्ञान, पृथ्वी विज्ञान, जलवायु विज्ञान, आदि के मूल तत्वों, प्रक्रियाओं, सिद्धांतों और विधियों से संबंधित होते हैं।
4. सामान्य विज्ञान UPSC परीक्षा की तैयारी के लिए कौन-कौन सी पुस्तकें उपयोगी हो सकती हैं?
उत्तर: सामान्य विज्ञान UPSC परीक्षा की तैयारी के लिए कई पुस्तकें उपयोगी हो सकती हैं। कुछ प्रमुख पुस्तकें शामिल हैं: "सामान्य विज्ञान" द्वारा लुडविग, "सामान्य विज्ञान के 5000 प्रश्न-उत्तर" द्वारा आदित्य विजयवर्गीय, "UPSC सामान्य विज्ञान के 10000+ प्रश्न-उत्तर" द्वारा आदित्य विजयवर्गीय आदि।
5. सामान्य विज्ञान UPSC परीक्षा के लिए ऑनलाइन स्रोत कौन-कौन से उपयोगी हो सकते हैं?
उत्तर: सामान्य विज्ञान UPSC परीक्षा की तैयारी के लिए कई ऑनलाइन स्रोत उपयोगी हो सकते हैं। कुछ प्रमुख ऑनलाइन स्रोत हैं: UPSC की आधिकारिक वेबसाइट, जहां परीक्षा पैटर्न, सिलेबस और पिछले साल के प्रश्न पत्र उपलब्ध होते हैं, और अन्य वेबसाइटें जैसे कि ClearIAS, Jagran Josh, Unacademy, BYJU's, आदि जो आपको सामान्य विज्ञान से संबंधित महत्वपूर्ण सामग्री और मॉक टेस्ट प्रदान करती हैं।
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