परावर्तन के नियम
समतल दर्पण में बने प्रतिबिम्ब
अवतल दर्पण के प्रयोग
विद्युत-चुम्बकीय विकिरण | ||
वि. चु. तरंग | तरंग-दैध्र्य (मीटर में) | आवृत्ति (Hz में) |
रेडियो (radio) तरंग | 6 x 102 से 1.5 तक | 0.5 x 106 से 2 x 108 तक |
सूक्ष्म (micro) तरंग | 0.3 से 10-3 तक | 109 से 3 x 1011 तक |
अवरक्त तरंग | 10.3 से 7 x10-7 तक | 3x1011 से 4.3 x1014 तक |
दृश्य प्रकाश | 7 x 10-7 से 4 x 10-7 तक | 4.3x 1014 तक से 75x1014 |
पराबैंगनी प्रकाश | 4 x 10-7 से 3 x 10-8 तक | 7.5 x 1014 से 1016 तक |
एक्स-किरण | 3 x 10-8 से 10-12 तक | 1016 से 3 x 1020 तक |
गामा-किरण | 3 x 10-10 से 10-14 तक | 1018 से 1022 तक |
उत्तल दर्पण के प्रयोग
दृष्टि दोष और उनके सुधार
सरल सूक्ष्मदर्शी (Simple Microscope)
संयुक्त सूक्ष्मदर्शी (Compound Microscope)
स्मरणीय तथ्य |
• किसी वस्तु को भूमध्य रेखा से ध्रुवों की ओर ले जाते समय उसका भार बढ़ता जाता है। |
• वर्षा की बूँदें पृथ्वी तनाव के कारण गोल हो जाती है। |
• फर्मी नाभिकीय त्रिज्याओं को नापने का मात्रक है। 1 फर्मी = 10.15 मीटर। |
• नाॅट समुद्री जहाज की गति नापने का मात्रक है। 1 नाॅट = 1852 मीटर/घण्टा। |
• नाॅटीकल मील समुद्री दूरी के नापने का मात्रक है। 1 नाॅटीकल मील = 1852 मीटर। |
• पारा तरल धातु है जिसे क्विक सिल्वर (Quick Silver) के नाम से भी पुकारते है। |
• भारत का प्रथम उपग्रह रूस के कोस्मोड्रोम (Cosmodrome) से प्रक्षेपित किया गया था। |
• राष्ट्रीय विज्ञान दिवस (National Science Day) 28 फरवरी को मनाया जाता है। यह इस दिन सी. वी. रमन की खोज ‘रमन प्रभाव’ के प्रकाश में आने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। |
• यूरेनस का सूर्य के परितः भ्रमणकाल लगभग 84 वर्ष है। |
• सी. वी. रमन को सन् 1930 में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया। |
खगोलीय दूरबीन (Astronomical Telescope)
गैलीलियो की दूरबीन
फ्लेमिंगका वामहस्त नियम
स्मरणीय तथ्य |
• बहुत नीचे के तापों के अध्ययन को निम्नतापिकी (Cryogenics) कहते है। |
• थर्मोस्टेट किसी वस्तु का ताप एक निश्चित बिन्दु पर बनाए रखने का यंत्र है। |
• डायनेमोमीटर इंजन द्वारा उत्पन्न शक्ति को मापने का यंत्र है। |
• कुछ वस्तुएं ताप शोषित करने के बाद इसे प्रकाश में परिवर्तित कर देती है |
• जिसके कारण इनसे प्रकाश की किरण निकलती है। ऐसी घटना को तापदीप्ति (Calorescence) कहा जाता है। |
स्मरणीय तथ्य |
• प्रकाश वर्ष दूरी का मात्रक है। एक प्रकाश वर्ष = 9.46 x 1012 किलोमीटर। |
• ऐस्ट्रोनाॅमिकल मात्रक (A.U.) सूर्य और पृथ्वी के मध्य औसत दूरी के बराबर होता है। इसका मान 1.496 x 108 किमी. है। |
• पारसेक दूरी का मात्रक है तथा 1 पारसेक = 3 x 1016 मीटर। |
• यदि किसी मीनार से एक गेंद को उध्र्वतः नीचे तथा दूसरी गेंद को क्षैतिजतः प्रक्षेपित किया जाए तो दोनों गेंदे पृथ्वी पर गिरने में समान समय लेंगी। |
• लैम्प की बत्ती में तेल केशिकीय उन्नयन (Capillary ascent) के कारण चढ़ जाता है। ऐसा पृष्ठ तनाव के कारण होता है। |
• एक समान वृत्तीय गति में त्वरण तथा वेग दोनों ही परिवर्तित होते रहते है। परन्तु चाल नियत रहती है। |
• समुद्र तट पर वायुमण्डलीय दाब 1 बार होता है। |
• एक चन्द्र दिवस पृथ्वी के 28 दिनों के बराबर होता है। |
• अन्तरिक्ष यान की गति धीमी करने के लिए पश्चगतिक राकेट (Retro-rocket) प्रयुक्त किए जाते है। |
अवतल दर्पण से बने प्रतिबिम्ब | ||
वस्तु की स्थिति | प्रतिबिम्ब की स्थिति | प्रतिबिम्ब की प्रकृति |
1. अनन्त दूरी पर | फोकस तल में | वास्तविक, उल्टा, वस्तु से बहुत छोटा |
2. अनन्त तथा वक्रता केन्द्र के बीच | फोकस तथा वक्रता केन्द्र के बीच | वास्तविक, उल्टा, वस्तु से छोेटा |
3. वक्रता केन्द्र पर | वक्रता केन्द्र पर | वास्तविक, उल्टा, वस्तु के बराबर |
4. वक्रता केन्द्र तथा फोकस के बीच | वक्रता केन्द्र तथा अनन्त के बीच | वास्तविक, उल्टा, वस्तु से बड़ा |
5. फोकस पर | अनन्त पर | वास्तविक, उल्टा, वस्तु से बहुत बड़ा |
6. फोकस और ध्रुव के बीच | दर्पण के पीछे | आभासी, सीधा, वस्तु से बड़ा |
उत्तल लेंस से बने प्रतिबिम्ब | ||
वस्तु की स्थिति | प्रतिबिम्ब की स्थिति | प्रतिबिम्ब की प्रकृति |
1. अनन्त दूरी पर | दूसरी ओर फोकस तल में | वास्तविक, उल्टा, वस्तु से बहुत छोटा |
2. अनन्त व 2f के बीच | दूसरी ओर लेंस और 2f के बीच | वास्तविक, उल्टा, वस्तु से छोटा |
3. 2f पर | दूसरी ओर 2f पर | वास्तविक, उल्टा, वस्तु के बराबर |
4. 2f और f के बीच | दूसरी ओर 2f से परे | वास्तविक, उल्टा, वस्तु से बड़ा |
5. f पर | दूसरी ओर अनन्त पर | वास्तविक, उल्टा, वस्तु से बहुत बड़ा |
6. f और लेंस के बीच | लेंस के उसी ओर | आभासी, सीधा, वस्तु से बड़ा |
इसका काम धारा के विभव को घटाना-बढ़ना है। यह दो प्रकार का होता है:
(i) स्टेप-अप ट्रांसफाॅर्मर: यह प्रत्यावर्ती धारा के विभव को उच्च करता है। इसके दो कुंडली में से एक कुंडली के तार मोटे तथा कम चक्कर वाले होते है, जबकि दूसरी कुंडली के तार पतले तथा अधिक चक्कर वाले होते है। जब विद्युत धारा ”मोटी तार वाली कुंडली“ से ”पतली तार वाली कुंडली“ में प्रवाहित होती है तो अधिक विभव की धारा दूसरी कुंडली में प्रेरित होती है।
(ii) स्टेप-डाउन ट्रांसफाॅर्मर: जब विद्युत धारा ‘पतली तार वाली कुंडली’ से ‘मोटी तार वाली कुंडली’ में प्रवािहत होती है तो कम विभव की विद्युत धारा उत्पन्न होती है।
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1. प्रकाश (Optics) क्या है? |
2. प्रकाश (Optics) के मुख्य विभाग क्या हैं? |
3. प्रकाशिकी (Physical Optics) क्या है? |
4. प्रकाशिकी (Physical Optics) के अनुप्रयोग क्या हैं? |
5. प्रकाशिकी (Physical Optics) के बारे में कुछ दिलचस्प तथ्य क्या हैं? |