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बीसवीं सदी की विज्ञान की उपलब्धि - रसायन विज्ञान, सामान्य विज्ञान | सामान्य विज्ञानं (General Science) for UPSC CSE in Hindi PDF Download

बीसवीं सदी की विज्ञान की उपलब्धि
1901- आस्ट्रिया के केर्ल लैण्डस्टीनर ने मानव रक्त के तीन प्रकार ‘ए’, ‘बी’ और ‘सी’ वर्ग की पहचान कर रक्त आधान को संभव कर दिया। रक्त की कमी होने पर अब दूसरों का रक्त लेकर चढ़ाया जाने लगा।
1901 - इटली के मारकोनी ने वायरलेस से संदेश भेजने में सफलता प्राप्त कर संचार क्षेत्रा में क्रांति ला दी।
1907 - बेल्जियन अमेरिकन रासायनज्ञ लियो बैकेलेंड से अनजाने में बेकेलाइट बन गया जिसे अब हम प्लास्टिक कहते हैं। आज ये पर्यावरण के लिये खतरा बन गया है फिर भी बीसवीं सदी की महत्वपूर्ण खोजों में से एक है।
1910 - फ्रांसिसी वैज्ञानिक जार्ज क्लाडे ने नियोन गैस (एक निष्क्रिय गैस) से भरी ट्यूब में विद्युत प्रवाह कर एक नये किस्म का प्रकाश उत्पन्न किया जो बाद में निओन के नाम से प्रसिद्ध हुआ। आज बाजारों में रात्राी के समय जगमगाते रंग-बिरंगे विज्ञापन इसी आविष्कार की देन हैं।
1911 - अर्नस्ट रदरफोर्ड ने कृत्रिम रूप से परमाणु का विखंडन किया। इसी प्रसंग में परमाणु शक्ति पर ध्यान गया। बाद में सन् 42 में शिकागो में फर्मी परमाणु रिएक्टर बनाया गया और सन् 45 में एडवर्ड टेलर, हेंस बेथे, आन्द्रेई साखारोव और गे राबर्ट ओपन हेमर ने मिलकर परमाणु बम बना डाला। आज भारत भी परमाणु शक्ति संपन्न देशों की श्रेणी में आता है।
1912 - ब्रिटेन के फ्रेडरिक हाॅपकिंस और सी फंक ने विटामिन की खोज की। असल में हाॅपकिंस इसे 1906 में ही ‘भोजन सहायक घटक’ के रूप में पहचान चुके थे।
1913 - लोहे और क्रोमियम से तैयार मिश्र धतु स्टेनलेस स्टील का ब्रिटेन में आविष्कार हुआ। इसने आज पूरे विश्व के घरों की रसोई में महत्वपूर्ण स्थान बना लिया है।
1921 - कनाडा के फ्रेडरिक ग्रांट बेनटिंग एवं उनके सहयोगियों ने इंसुलिन की खोज कर डायबिटीज के मरीजों को आशा की एक नयी किरण दिखायी।
1924 - फ्रांस के डी ब्रोगली ने एक नया सिद्धांत प्रस्तुत किया कि प्रत्येक पदार्थ एक कण और तरंग की भांति व्यवहार करता है। इसी आधार पर बाद में इलेक्ट्राॅन सूक्ष्मदर्शी का आविष्कार हुआ।
1928 - ब्रिटिश चिकित्सक एलेक्जेंडर फ्लेमिंग ने पेनीसिलीन नामक एंटिबायोटिक की खोजकर मानव जीवन को एक अनमोल उपहार दिया।
1928 - ग्रीक अमेरिकन चिकित्सक जार्ज पेपेनिकोलाओं ने पेप स्मिअर विकसित किया जिससे कैंसर का स्क्रीनिंग टेस्ट किया जाता है।
1930 - क्लाइड टाॅम बाॅग ने नवें ग्रह प्लूटो की खोज कर भारतीय ज्योतिषियों के नवग्रह की बराबरी कर ली। इससे पहले तक वैज्ञानिक सौर परिवार में केवल आठ ग्रह ही मानते थे।
1935 - अमेरिका के भूकम्प विज्ञानी रिचटर ने भूकम्प की तीव्रता को मापने के लिए एक पैमाना तैयार किया।
1938 - इटली में ‘इलैक्ट्रोकाॅन्वल्सिव थैरेपी’ से मनोरोगियों के उपचार की नयी विधि विकसित हुई। इसमें बिजली के नियंत्रित झटकों का प्रयोग किया जाता है।
1940 - अमेरिकन चिकित्सक जाल्र्स ड्रा ने रक्त प्लाज्मा को अधिक समय तक संरक्षित रखने की विधि विकसित की। तमाम रक्त बैंकों में इसी आधार पर रक्त एकत्रित करके संरक्षित रहता है और समय पड़ने पर रक्त आधान में प्रयोग किया जा सकता है।
1943 - हाॅलैंड के विलियम काॅफ ने डायलिसिस की मशीन विकसित की। जिन व्यक्तियों की किडनी काम करना बंद कर देती है उनका रक्त साफ करने के लिए यह मशीन वरदान साबित हुई।
1947 - विलियम शाॅकले, जाॅन वारडीन वाल्टर ब्रेटेन ने ट्रांजिस्टर का आविष्कार कर वाल्व ट्यूबों को गये जमाने की चीज बना दिया। रेडियो सहित तमाम इलेक्ट्राॅनिक उपकरणों में इनका उपयोग होता था। ये आकार में बड़े होते थे इसीलिए स्थान ज्यादा घेरते थे। साथ ही इसकी प्रोसेस काफी धीमी भी थी। ट्रांजिस्टर ने इलेक्ट्राॅनिक उपकरणों में से ये दोनों दुर्गुण दूर कर दिये।
1952 - ब्रिटेन के चिकित्सक डगलस बेविस ने अमीनासेन्टेसिस नामक विधि तैयार की। यह एक पेरेंटल टेस्ट हैं। इससे अनुवांशिक विकृतियों की जांच की जाती है।
1953 - जेम्स वरटसन एवं क्रिक ने डी . एन .ए. की संरचना प्रस्तुत की। बाद में इसके फलस्वरूप जेनेटिक इंजीनियरिंग में अभूतपूर्व प्रगति हुई।
1954 - परिवार को नियोजित करने के लिए अमेरिका के हार्मान विज्ञानी ग्रिगोरी पिंकस, जाॅन राॅक और सी आर ग्रेसिया ने एक खाने की गर्भ निरोधक गोली विकसित की। आज विश्व भर में ऐसी गोलियां सहजता के साथ उपलब्ध हैं।
1956 - अमेरिका ने नाभिकीय संग्लयन की प्रक्रिया के आधार पर हाइड्रोजन बम का निर्माण किया।
1957 - (पूर्व) सोवियत संघ ने पृथ्वी के चारों ओर अंतरिक्ष की कक्षा में सर्वप्रथम एक कृत्रिम उपग्रह ‘स्पूतनिक’ भेजा।
1958 - रोबर्ट नोएसी और जैक किलवी ने माइक्रोचिप यानी इंटिग्रेटेड सर्किट की खोज की। इसे हम सिलिकाॅन चिप भी कहते हैं। सारे इलेक्ट्राॅनिक उपकरण और कंप्यूटर इसी माइक्रोचिप पर आधारित होते हैं। यह माइक्रोचिप का ही कमाल है कि हम कंप्यूटर, मल्टीमीडिया, इंटरनेट, वेब के करिश्मों का फायदा उठा रहे हैं।
1960 - थियोडर मअमेन ने लेजर को विकसित किया। यह वह प्रकाश पुंज है जो हीरे में छेद कर सकता है, धातु पिघला सकता है, हजारों संदेश यहां से वहां पहुंचा सकता है, चिकित्सीय सर्जरी में प्रयोग किया जा सकता है आदि। लेजर की मदद से हम अनेक क्रांतिकारी उपलब्धियां हासिल कर सके।

1967 - दक्षिण अफ्रीका के क्रिस्टियन बनार्ड ने पहला सफल हृदय प्रत्यारोपण किया। इनका मरीज लुइस बास्केन्स्कार्ड प्रत्यारोपण के बाद 18 दिन तक जीवित रहा। इससे पहले भी 1902 में गुर्दा प्रत्यारोपण और 63 में फेफड़ें और यकृत के प्रत्यारोपण में भी सफलता हासिल की जा चुकी थी। आज हड्डियों एवं आंखों का प्रत्यारोपण आम बन गया है। 
1969 - अमेरिकी यात्राी नील आर्मस्ट्रांग और एल्ड्रिन ने चांद पर कदम रखा। वहां के कुछ टुकड़ों को भी वे पृथ्वी पर लेकर आये।
1978 - इंग्लैंड में विश्व की पहली टेस्ट ट्यूब बेबी, लुइस ब्राउन का जन्म हुआ। इस प्रक्रिया में अण्डाणु को प्रयोगशाला में निषेचित कर गर्भाशय में प्रत्यारोपित कर दिया जाता है।
1982 - सर्जन विलियम डी ब्रिज ने बार्नी क्लार्कस के फेल हुए हृदय के बदले यान्त्रिाक हृदय लगाकर उसे 112 दिन जीवित रखने में सफलता प्राप्त की।
1984 - एलेक जैफ्रेस ने जैनेटिक फिंगर प्रिंट की तकनीक विकसित की। हर व्यक्ति की कोशिका में उपस्थिति डीएनए की संरचना एकदम निराली होती है और इस विधि ने उसे पहचानने में मदद की।
1984 - अमेरिका में घरेलू काम के लिए पहला रोबोट बनाया गया।
1984 - डाॅ - राबर्ट गैलो ने सर्वप्रथम एड्स नामक रोग की जानकारी दी। शायद यह बीसवीं सदी का सबसे बड़ा श्राप कहा जा सकता है। जिसका अभी तक कोई इलाज नहीं खोजा जा सका है।
1997 - नासा का सोर्जोनर अंतरिक्ष यान मंगल की जमीन पर उतरा और वहां के चित्रा पृथ्वी पर भेजे।
1997 - स्काॅटलैंड के डाॅ विल्मुट और सहयोगी वैज्ञानिकों ने क्लोन विधि से डाॅली नामक भेड़ को पैदा किया। इस विधि में कोशिका से डीएनए निकालकर भ्रूण तैयार किया जाता है और उसे मादा के गर्भ में विकसित होने के लिए डाल दिया जाता है।

महत्वपूर्ण खोज

ब्राउनी कैमरा: 1900 में ईस्ट मैन कोडेक ने यह कैमरा ईजाद किया जिसने शौकिया लोगों को भी फोटोग्राफर बना दिया।

पेपर क्लिप: नार्वे के जोहन वालर ने 1901 में पेपर क्लिप का अमेरिकन पेटेंट हासिल किया। क्या आप जानते हैं कि केवल 20 फीसदी क्लिप ही वास्तव में कागजों को क्लिप करने में  प्रयोग होता है।

सेफ्टी रेजर: किंग जिलेट ने 1930 में इसका आविष्कार कर दुनिया के करोड़ों लोगों को शेव बनाते समय गाल कटने की परेशानी से बचाया और ‘स्मूथ शेव’ दी।

जिप: पेसिंलवानिया में स्वीडन के जी संडबैक ने 1913 में जिपर का निर्माण किया, लेकिन 1930 से पहले यह कपड़ों में प्रयोग नहीं हो सका। इसके बाद पैंट में तो बटन को लगभग दरकिनार ही कर दिया। आज यह बैग से लेकर विंडशिटर, टी शर्ट तक न जाने कहां-कहां इस्तेमाल नहीं हो रहा।

टेलीविजन: ब्लाडीमीर के - ज्योरीकिन ने सन 1920 में पहला प्रायोगिक टीवी तैयार किया। सन 1951 में अमेरिका के नार्थ ईस्ट से सारे देश में प्रसारण शुरू हुआ। 1946 में टेलीविजन का बड़े पैमाने पर उत्पादन शुरू हुआ। 1953 में रंगीन टीवी आया।

टीवी रिमोट: वायरलेस स्पेस कमाण्डर में अल्ट्रासोनिक्स की मदद से टीवी पर नियंत्राण का आविष्कार सन् 1956 में रोबर्ट एडलर ने किया। 25 वर्षों तक ऐसा ही चला और आज इन्फ्रारेड किरण पुंजों का प्रयोग हो रहा है।

कम्प्यूटर: 1943 में कोलोसस नामक पहला कम्प्यूटर बनाया गया। यह जर्मन गुप्त संकेतों को समझ सकता था। सन् 1946 में इलेक्ट्राॅनिक न्यूमरिकल इंटीग्रेटर एंड कम्प्यूटर यानी यूनिवेक नामक पहला व्यावसायिक कम्प्यूटर नामक बड़ी मशीन बनायी गयी। उसमें 1900 ट्यूब तथा 6000 स्विच लगे थे। इसका निर्माण जाॅन मौचली तथा जे - प्रेस्पर एकर्ट ने किया। 1951 में यूनीवर्सल एटोमिक कम्प्यूटर अमेरिका में बना। माइक्रोचिप के आविष्कार के बाद इलेक्ट्राॅनिक कम्प्यूटर आये और आई बी एम ने उसे पीसी का रूप प्रदान किया। आज का लेपटाॅप भी कम्प्यूटर का ही आधुनिकतम रूप है।

सेलुलर फोन: पहला सेलुलर फोन 1973 में मा£टन कूपर ने विकसित किया। सेल फोन ने सड़क पर चलते हुए घर से मीलों दूर से भी बात और सम्पर्क को सुलभ कर दिया।

आटोमैटिक वाशिंग मशीन: अल्वा जे - फिशर ने 1910 में इसका आविष्कार किया। यह मशीन कपड़े से पानी को निचोड़ती थी। वास्तविक स्वचालित मशीन 1930 में आयी।

रेफ्रिजरेटर: छोअी इलेक्ट्राॅनिक मोटर तथा फ्रिआॅन के प्रयोग ने रेफ्रिजरेटर्स को उद्योग से घरों में ला दिया। 1931 में पहला इलेक्ट्रिक रेफ्रिजरेटर बेचा गया। जिससे घर बैठे बर्फ मिलने लगी, खाना खराब होने से बचने लगा।

लाई डिटेक्टर: स्काॅटलैंड के हृदय रोग विशेषज्ञ जेम्स मैकेन्जी ने सन् 1902 में एक पाॅलीग्राफ मशीन बनायी जो बाद में ‘लाई डिटेक्टर’ या झूठ पकड़ने वाली मशीन के नाम से प्रसिद्ध हुई।

माइक्रोवेव ओवन: 1945 में पर्सी स्पेंसर से अनजाने में माइक्रोवेव कुकिंग का आविष्कार हो गया जब उसके जेब में रखी कैंडीबार माइक्रोवेव सिग्नल से पिघलने लगी।

इंटरनेट: सन् 1969 में चार कंप्यूटरों को आपस में जोड़ने से शुरू हुई इस शृंखला में आज लाखों कंप्यूटर सूचनाओं के आदान-प्रदान में जुटे हुए हैं। इस साइबर संसार की परिकल्पना को साकार किया हाॅलैंड के टिम बर्नर्सली ने। सन् 1991 में उन्होंने इंटरनेट पर वल्र्ड वाइड वेब या डब्ल्यू - डब्ल्यू - डब्ल्यू - को जन्म दिया।

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FAQs on बीसवीं सदी की विज्ञान की उपलब्धि - रसायन विज्ञान, सामान्य विज्ञान - सामान्य विज्ञानं (General Science) for UPSC CSE in Hindi

1. बीसवीं सदी में रसायन विज्ञान की कौन सी महत्वपूर्ण उपलब्धि हुई?
उत्तर. बीसवीं सदी में रसायन विज्ञान की महत्वपूर्ण उपलब्धि में शामिल हैं परमाणु ऊर्जा का उपयोग, नये रासायनिक तत्वों की खोज, रासायनिक संयंत्रों का विकास, रसायनिक उत्पादों के संश्लेषण और उपयोग एवं रासायनिक नवीनीकरण की प्रगति।
2. बीसवीं सदी में सामान्य विज्ञान की कौन सी महत्वपूर्ण उपलब्धि हुई?
उत्तर. बीसवीं सदी में सामान्य विज्ञान की महत्वपूर्ण उपलब्धि में शामिल हैं आधुनिक गैजेट्स और तकनीकों का विकास, जैव-प्रौद्योगिकी की प्रगति, इंटरनेट और डिजिटल युग की शुरुआत, नये चिकित्सा तकनीकों का प्रयोग और जीवविज्ञान में नवीनतम खोजों की प्रगति।
3. बीसवीं सदी में रसायन विज्ञान के क्षेत्र में कौन-कौन से प्रगतिशील औजार विकसित हुए?
उत्तर. बीसवीं सदी में रसायन विज्ञान के क्षेत्र में नानोचालक, इंटरनेट, और एक्सरे ऑक्सीडेशन क्रिप्टोग्राफी जैसे प्रगतिशील औजार विकसित हुए।
4. बीसवीं सदी में सामान्य विज्ञान के क्षेत्र में कौन-कौन से नए गैजेट्स और तकनीकें विकसित हुईं?
उत्तर. बीसवीं सदी में सामान्य विज्ञान के क्षेत्र में स्मार्टफोन, टैबलेट, लैपटॉप, ड्रोन और आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की विकास की उपलब्धि हुई।
5. बीसवीं सदी में रसायनिक नवीनीकरण के क्षेत्र में कौन-कौन से प्रगतिशील उपाय अपनाए गए?
उत्तर. बीसवीं सदी में रसायनिक नवीनीकरण के क्षेत्र में नानोटेक्नोलॉजी, रसायनिक एन्जाइम्स, और क्वांटम कंप्यूटिंग जैसे प्रगतिशील उपाय अपनाए गए।
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