यहां दो बलुआ पत्थर की मूर्तियां मिली हैं जिनमें मानव शरीर रचना को दर्शाया गया है। कब्रिस्तान एच संस्कृति भी यहाँ पाई जाती है।
ईंट लुटेरों द्वारा शहर के दृश्यमान अवशेषों को ले जाने के दो दशक बाद, 1872-73 में सर अलेक्जेंडर कनिंघम द्वारा हड़प्पा स्थल की पहली बार संक्षिप्त खुदाई की गई थी। उन्हें अज्ञात मूल की एक सिंधु मुहर मिली।
हड़प्पा से हमें एक पीतल की इक्का गाड़ी मिली है। इसी स्थल पर स्त्री के गर्भ से निकलते हुए पौधे वाली एक मृण्मूर्ति भी मिली है।
कालीबंगन पूर्व-ऐतिहासिक स्थल की खोज एक इतालवी इंडोलॉजिस्ट (1887-1919) लुइगी पियो टेसिटोरी ने की थी। वह प्राचीन भारतीय ग्रंथों में कुछ शोध कर रहा था और उस क्षेत्र में खंडहरों के चरित्र से हैरान था। उन्होंने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के सर जॉन मार्शल से मदद मांगी।
कोट दीजी किला
IVC बनाम अन्य सभ्यताएँ
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