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विभिन्न सुरक्षा बल और उनका जनादेश - 1 | आंतरिक सुरक्षा और आपदा प्रबंधन for UPSC CSE in Hindi PDF Download

भारतीय पुलिस सेवा

  • भारतीय पुलिस सेवा (आई.पी.एस.) भारत के संविधान के अनुच्छेद 312 के अंतर्गत गठित तीन अखिल भारतीय सेवाओं में से एक है। भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी, राज्यों और केन्द्र दोनों में पुलिस बलों को वरिष्ठ स्तरीय नेतृत्व प्रदान करते हैं। सेवा का अखिल भारतीय स्वरूप, सेवा के सदस्यों को देश की एकता और अखंडता के समग्र परिप्रेक्ष्य में राज्यो की विशेष समस्याओं को हल करने में विशिष्ट सहायता प्रदान करता है।
  • यह सेवा 24 राज्य संवर्गों/संयुक्त संवर्गों में संगठित की जाती है। संघ सरकार के लिए कोई पृथक संवर्ग नहीं है। प्रत्येक संवर्ग में अधिकारियों को प्रतिनियुक्ति पर भेजने के लिए एक 'केन्द्रीय प्रतिनियुक्ति रिजर्व' बनाया गया है। प्रत्येक पांच वर्ष के बाद, भारत सरकार द्वारा संबंधित राज्य सरकार के परामर्श से प्रत्येक संवर्ग के ढांचे की संयुक्त रूप से समीक्षा की जाती है।

पूर्वोत्तर पुलिस अकादमी (नीपा)

  • पूर्वोत्तर पुलिस अकादमी (नीपा) की स्थापना शिलांग के पास बारापानी में 1978 में पूर्वोत्तर राज्यों की पुलिस प्रशिक्षण की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए की गई थी। नीपा का अप्रैल, 2007 में पेशेवर इनपुट्स प्रदान करने के लिए पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय (डी.बो.एन.ई.आर.) से गृह मंत्रलय को अंतरित कर दिया गया। नीपा विभिन्न स्तरों पर पूर्वोत्तर राज्यों के पुलिस कार्मिकों के लिए सेवा में प्रवेश के समय और सेवाकाल के दौरान, दोनों ही प्रकार के पाठ्यक्रम आयोजित करती है। यह पुलिस से संबंधित विषयों पर अनेक कार्यशालाओं/सेमिनारों का भी संचालन करती है।
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केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ)

मूल रूप से केंद्रीय सुरक्षा बल दो प्रकार के हैं- सीएपीएफ एवं सीपीएमएफ।

सीएपीएफ 'केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों को कहा जाता है। इस शब्दावली की शुरूआत सन् 2011 में हुई। भारत सरकार के निम्नलिखित आठ पुलिस बलों को 'केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ)' की श्रेणी में रखा गया है-

  1. बीएसएफ
  2. सीआरपीएफ
  3. आईटीबीपी
  4. एसपीजी
  5. एसएसबी
  6. एनएसजी
  7. एसपीजी
  8. आरपीएफ

प्रथम छ: पुलिस बल अर्थात् बीएसएफ, सीआरपीएफ, आईटीबीपी, सीआईएसएफ, एसएसबी तथाएनएसजी, गृह मंत्रालय और एसपीजी कैबिनेट सेक्रिटेरीएट तथा आरपीएसफ रेल मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण में हैं। भारतीय पुलिस सेवाके वरिष्ठ अधिकारी इन सभी पुलिस बलों के मुखिया होते हैं। ये सभ्ज्ञी बल गृह मंत्रालय के सहयोगी हैं एवं उसे ही रिपोर्ट करते हैं। ये बल पहले 'केंद्रीय अर्द्ध-सैनिक बल' (सीपीएमएफ) के तौर पर जाने जाते थे, किंतु जो बल रक्षा मंत्रालय के सामरिक नियंत्रण में नहीं थे, उन्हें 2011 से सीएपीएफ के तौर पर पुनः पदनामित किया गया।

केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बल

  • इनमें से असम राइफल्स, सीमा सुरक्षा बल, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस और सशस्त्र सीमा बल, चौकसी बल हैं, जबकि केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल लोक व्यवस्था को बनाए रखने से संबंधित मामलों में राज्य सरकारों/संघ राज्य क्षेत्र प्रशासनों की सहायता करता है केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल को आन्तरिक सुरक्षा/विद्रोह रोधी कार्य में उनकी सहायता के लिए प्रशिक्षित और उपकरणों से लैस भी किया जाता है। त्वरित कार्रवाई बल (आर.ए.एफ.) और दृढ़ता से कार्रवाई करने के लिए कमांडो बटालियन (कोबरा) केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल के विशिष्ट विंग हैं, जो क्रमशः दंगों और वामपंथी उग्रवाद/विद्रोह से निपटते हैं। केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों, हवाई अड्डों, औद्योगिक इकाईयों, महत्वपूर्ण राष्ट्रीय संग्रहालयों तथा दिल्ली में स्थित सरकारी भवनों एवं अन्य महतवपूर्ण संवेदनशील संगठनों को सुरक्षा और संरक्षण प्रदान करता है। राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड आतंकवाद का मुकाबला करने और विमान अपहरण-रोधी अभियानों के लिए गठित एक विशेषज्ञता प्राप्त बल है। इसे उच्च जोखिम वाले विशिष्ट व्यक्तियों को सुरक्षा तथा स्थाई मार्शल प्रदान करने का कार्य भी सौंपा गया है।

सीमा सुरक्षा बल (बी.एस.एफ.) 

  • बी.एस.एफ. का गठन 25 बटालियनों तथा 3 कम्पनियों के साथ वर्ष 1965 में किया गया था, पड़ोसी देशों के साथ भारतीयी सीमाओं की रक्षा करने वाली राज्य के पुलिस बलों की बहुलता की प्रणाली समाप्त हो गई। कालान्तर में बल, के आकार में वृद्धि हुई है और इस समय इसकी 173 बटालियनें (3 एनडीआरएफ इकाइयों सहित) 5 प्रमुख प्रशिक्षण संस्थाएं 11 सहायक प्रशिक्षण केन्द्र, और 3 छोटी प्रशिक्षण संस्थाएं हैं। बल का मुख्यालय दिल्ली में है। 
  • इसकी ऑपरेशनल जिम्मेदारी पाकिस्तान एवं बांग्लादेश के साथ लगी अंतर्राष्ट्रीय सीमा में, 6386 36 किमी. तक फैली हुई है। सीमा सुरक्षा बल को सेना के ऑपरेशनल नियंत्रण में जम्मू और कश्मीर में नियंत्रण रेखा (एल.ओ.सी.) पर भी तैनात किया जाता है।
  • सीमाओं पर निगरानी बनाए रखने के लिए सीमाओं की घेराबंदी और फ्लड लाइटिंग महत्वपूर्ण घटक हैं। भारत-पाकिस्तान और भारत - बांग्लादेश की सीमाओं में घुसपैठ, तस्करी व अन्य राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों को रोकने के उद्देश्य से सरकार ने इन सीमाओं पर बाड़ लगाने, फ्लड लाइटिंग की व्यवस्था और सड़कों के निर्माण का कार्य शुरू किया है।
  • कुछेक दुर्गम और अव्यवहार्य हिस्सों को छोड़कर, सम्पूर्ण पंजाब तथा राजस्थान के क्षेत्र में सीमाओं पर बाड़ लगाए जाने और फ्लड लाइटिंग का कार्य पहले ही पूरा किया जा चुका है।
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केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सी.आई.एस.एफ.)

  • वर्ष 1969 में गठित केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल 59 घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डों सहित 307 इकाइयों को सुरक्षा कवर तथा 86 औद्योगिक प्रतिष्ठानों को अग्निशमन संरक्षण प्रदान कर रहा है। चार दशकों की अवधिा में बल में कई गुना वृद्धि हुई है और 2012 की स्थिति के अनुसार इसमें अब कार्मिकों की संस्वीकृत पद संख्या 1,34000 है। अर्थव्यवस्था के वैश्विकरण एवं उदारीकरण के साथ सी. आई.एस.एफ. देश की एक प्रमुख बहु-कौशल से सम्पन्न सुरक्षा एजेंसी बन गया है, जिसे आतंकवाद एवं नक्सलवाद से प्रभावित क्षेत्रों सहित विभिन्न प्रदेशों में देश की मुख्य संवेदनशील आधारभूत संस्थापनाओं को सुरक्षा प्रदान करने का दायित्व सौंपा गया है। सी.आईएस.एफ. इस समय परमाणु ऊर्जा, संयंत्र, बंदरगाह भारी इंजीनियरिंग स्टाल, संयंत्र, उर्वरक आयल फील्ड और रिफाइनरी, प्रमुख थर्मल विद्युत संयंत्र, संवेदनशील सरकारी भवन तथा विरासती स्मारक (ताजमहल एवं लाल किला सहित) और निजी क्षेत्र की कुछ महत्वपूर्ण इकाइयां भी शामिल हैं। चालू वर्ष में सी.आई. एस.एफ. को प्रगति पॉवर स्टेशन बनवाना, नई दिल्ली रघुनाथपुर धर्मल पॉवर स्टेशन (पश्चिम बंगाल) और डी. आई.यू. एयरपोर्ट, कोडरमा थर्मल पॉवर स्टेशन, पोर्ट ब्लेयर बंदरगाह और भारतीय नाभिकीय विद्युत निगत, भाविनी, कलपक्कम (तमिलनाडु) की सुरक्षा में लगाया गया है।
  • सी.आई.एस.एफ. देश में सबसे बड़ी अग्नि संरक्षण सेवा भी प्रदान करता है। यह 86 औद्योगिक उपक्रमों को अग्निशमनऔर अग्नि-संरक्षण प्रदान करता है।
  • इंडियन एयरलाइंस के विमान सं. आई.सी-814 का अपहरण करके संचार कंधार ले जाने की घटना के बाद हवाई अड्डों की सुरक्षा का विशिष्ट कार्य केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल को वर्ष 2000 में सौंपा गया था। इस बल को तभी से सम्पूर्ण देश में 59 हवाई अड्डों पर तैनात किया गया है। जिनमें सभी प्रमुख हवाई अड्डों यथा दिल्ली, मुम्बई, कोलकाता, चेन्नई, हैदराबाद और बंगलूरू शामिल हैं। इनमें सबसे अन्त में 2012 में दीव हवाई अड्डे को शामिल किया गया है। सी.आई.एस. एफ. नई दिल्ली में 33 संवेदनशील सरकारी भवनों को सुरक्षा भी करती है। विशेष सुरक्षा ग्रुप (एस.एस.जी.) नामक सी.आई.एस.एफ, की वी.आई.पी. सुरक्षा विंग वी.वी.वी.आई. पी./वी.आई.पी. को सुरक्षा प्रदान करती है। वर्तमान में देश के विभिन्न राज्यों में 32 वी.वी.आई पी./वी.आई.पी. को विभिन्न श्रेणियों में सी.आई.एस.एफ./एस.एस.जी. द्वारा सुरक्षा कवर प्रदान किया जा रहा है। केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल, सरकारी और निजी क्षेत्र में उद्योगों को सुरक्षा और अग्निशमन सुरक्षा से संबंधित तकनीकी परामर्शी सेवाएं प्रदान करता है। सी.आई.एस.एफ. अधिनियम में संशोधन किया गया है ताकि यह बल देश की सुरक्षा और अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण निजी/संयुक्त उद्यम से युक्त औद्योगिक उपक्रमों को भुगतान के आधार पर सुरक्षा प्रदान कर सके।
  • केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल का वर्ष 2007 से दिल्ली मेट्रोरेल निगम (डी.एम.आर.सी.) की सेवा में लगाया गया। 
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केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (सी.आर.पी.एफ.)

  • 1939 में 'क्राउन रिप्रेजेन्टेटिव पुलिस' के नाम से जाना जाता है, मध्य प्रदेश में गठित किए गए इस बल का नाम स्वतंत्रता के बाद बदलकर केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (सी. आर.पी.एफ.) कर दिया गया। तब से बल की संख्या और क्षमताओं में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। इस समय इसकी स्ट्रेंथ 226 बटालियनों की है। वर्तमान में यह देश का सबसे बड़ा केन्द्रीय अर्ध सैनिक बल (सी.ए.पी.एफ.) बन गया है। यह बल इस समय कानून और व्यवस्था, विद्रोह-रोधी संक्रियात्मक उग्रवाद-रोधी और नक्सल-रोधी, कार्रवाइयों जैसी विभिन्न प्रकार की ड्यूटियां कर रहा है। यह बल कानून और व्यवस्था बनाए रखने और उग्रवादी ग्रुपों की विघटनकारी गतिविधियों का सामना करने के लिए राज्य सरकारों और संघ राज्य क्षेत्र प्रशासनों की सहायता करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
  • केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल के कार्मिक देश के विभिन्न संवेदनशील क्षेत्रों पर लगातार नजर रखते हैं ये देश के विभिन्न हिस्सों में कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने की ड्यूटी तथा विद्रोह-रोधी जैसे कार्यों को अंजाम दे रहे हैं। इसके अतिरिक्त, ये कुछ महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों एवं भवनों की चौकसी भी करते हैं, जिनमें जम्मू में माता वैष्णों देवी धार्मिक परिसर और रघुनाथ मन्दिर, अयोध्या में राम जन्म भूमि/बाबरी मस्जिद, वाराणसी में काशी विश्वनाथ मन्दिर तथा ज्ञानवापी मस्जिद, मथुरा में कृष्ण जन्मभूमि तथा शाहीईदगाह मस्जिद और संसद भवन शामिल है।
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