Table of contents |
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वैश्विक मीथेन प्रतिज्ञा: GMCCA फोरम |
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समुद्री जीवन के लिये जलवायु जोखिम सूचकांक |
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जलवायु टिपिंग पॉइंट्स |
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वानिकी रिपोर्ट में जैवविविधता: FAO |
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लिविंग प्लैनेट रिपोर्ट 2022 |
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चर्चा में क्यों?
ग्लोबल मीथेन, क्लाइमेट एंड क्लीन एयर (GMCCA) फोरम 2022 का आयोजन वाशिंगटन, डीसी, यूएसए में किया जा रहा है ताकि ग्लोबल मीथेन प्लेज का पालन करके मीथेन पर विशेष ध्यान देने के साथ जलवायु की रक्षा और वायु गुणवत्ता में सुधार के अवसरों पर चर्चा की जा सके।
फोरम का एजेंडा क्या है?
वैश्विक मीथेन प्रतिज्ञा क्या है?
वायु प्रदूषण से निपटने के लिये भारत की पहल
आगे की राह
चर्चा में क्यों?
हाल ही में समुद्री जीवन के लिये जलवायु जोखिम सूचकांक शीर्षक से एक नया अध्ययन प्रकाशित किया गया था, जो लगभग 25,000 समुद्री प्रजातियों और उनके पारिस्थितिक तंत्र के लिये जलवायु जोखिम को रेखांकित करता है।
निष्कर्ष क्या हैं?
सिफारिशें
चर्चा में क्यों?
एक प्रमुख अध्ययन के अनुसार, जलवायु संकट ने दुनिया को कई "विनाशकारी" टिपिंग बिंदुओं के कगार पर पहुँचा दिया है।
अध्ययन के नए निष्कर्ष:
आगे की राह
जैवविविधता को मुख्यधारा में लाने हेतु चुनौतियाँ:
वन संरक्षण का महत्त्व:
भारत में वन और जैवविविधता संरक्षण की स्थिति
भारत के वन और जैवविविधता को नियंत्रित करने वाली नीतियाँ:
रिपोर्ट की सिफारिशें:
आगे की राह
चर्चा में क्यों?
वर्ल्ड वाइड फंड फॉर नेचर (WWF) द्वारा जारी ‘लिविंग प्लैनेट रिपोर्ट 2022’ के अनुसार, पिछले 50 वर्षों में दुनिया भर में स्तनधारियों, पक्षियों, उभयचरों, सरीसृपों और मछलियों की आबादी में 69% की गिरावट आई है।
यह रिपोर्ट प्रति दो वर्ष में जारी की जाती है।
प्रमुख बिंदु:
प्रकृति हेतु विश्व वन्यजीव कोष (WWF)
रिपोर्ट की सिफारिशें:
55 videos|467 docs|193 tests
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