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अंतर्राष्ट्रीय व्यापार (International Trade) NCERT Solutions | NCERT Textbooks in Hindi (Class 6 to Class 12) - CTET & State TET PDF Download

अभ्यास

प्रश्न.1. नीचे दिये गए चार विकल्पों में से सही उत्तर चुनिए
(i) संसार के अधिकांश महान पत्तन इस प्रकार वर्गीकृत किए गये हैं-
(क) नौसेना पत्तन
(ख) विस्तृत पत्तन
(ग) तैल पत्तन
(घ) औद्योगिक पत्तन

सही उत्तर (ख) विस्तृत पत्तन

(ii) निम्नलिखित महाद्वीपों में से किस एक से विश्व व्यापार का सर्वाधिक प्रवाह होता है?
(क) एशिया
(ख) यूरोप
(ग) उत्तरी अमेरिका
(घ) अफ्रीका

सही उत्तर (ग) उत्तरी अमेरिका

(iii) दक्षिण अमेरिकी राष्ट्रों में से कौन-सा एक ओपेक का सदस्य है?
(क) ब्राज़ील
(ख) वेनेजुएला
(ग) चिली
(घ) पेरू

सही उत्तर (ख) वेनेजुएला

(iv) निम्न व्यापार समूहों में से भारत किसका एक सह-सदस्य है?
(क) साफ्टा (SAFTA)
(ख) आसियान (ASEAN)
(ग) ओइसीडी (OECD)
(घ) ओपेक (OPEC)

सही उत्तर (क) साफ्टा (SAFTA)


प्रश्न.2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर 30 शब्दों में दीजिए
(i) विश्व व्यापार संगठन के आधारभूत कार्य कौन से हैं?

विश्व व्यापार संगठन के आधारभूत कार्य निम्नलिखित हैं

  • यह विश्व व्यापी व्यापार तंत्र के नियमों का निर्धारण करता है।
  • सदस्य देशों के मध्य विवादों का निपटारा करता है।
  • यह विश्व व्यापार के लिए आवश्यक दूरसंचार वे बैंकिंग सेवाओं के अलावा बौद्धिक संपदा अधिकार के व्यापार को भी अपने कार्यों में सम्मिलित करता है।

(ii) ऋणात्मक भुगतान संतुलन का होना किसी देश के लिए क्यों हानिकारक होता है?

यदि किसी देश का आयात मूल्य, उसके निर्यात मूल्य से अधिक होता है तब देश का व्यापार संतुलन ऋणात्मक अथवा प्रतिकूल कहलाता है। इससे देश की अर्थव्यवस्था पर दबाव पड़ता है और यह वित्तीय संचय की समाप्ति को अभिप्रेरित करता है।

(iii) व्यापारिक समूहों के निर्माण द्वारा राष्ट्रों को क्या लाभ प्राप्त होते हैं?

  • इन व्यापारिक समूह सदस्य राष्ट्रों ने व्यापार शुल्क को हटाकर मुक्त व्यापार को बढ़ावा दिया हैं।
  • ये व्यापारिक समूह प्रादेशिक विशिष्टीकरण, उत्पादन के उच्च स्तर, उच्च रहन-सहन के स्तर, वस्तुओं एवं सेवाओं की विश्वव्यापी उपलब्धता, कीमतों और वेतन का समानीकरण तथा ज्ञान एवं संस्कृति को प्रोत्साहन देने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।


प्रश्न.3. नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर 150 शब्दों से अधिक में न दें-
(i) पत्तन किस प्रकार व्यापार के लिए सहायक होते हैं, पत्तनों का वर्गीकरण उनकी अवस्थिति के आधार पर कीजिए।

पत्तन तथा पोताश्रय अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के मुख्य प्रवेश द्वार कहे जाते हैं। इन्हीं पत्तनों के द्वारा जहाज़ी माल तथा यात्री विश्व के एक भाग से दूसरे भाग को जाते हैं। पत्तन जहाज़ के लिए गोदी, सामान लादने वे उतारने तथा भंडारण हेतु सुविधाएँ प्रदान करते हैं।
अवस्थिति के आधार पर पत्तनों का वर्गीकरण-अवस्थिति के आधार पर पत्तन दो प्रकार के होते हैं

  • अंतर्देशीय पत्तन – ये पत्तन समुद्री तट से दूर किसी नौगम्य नदी अथवा नहर पर अवस्थित होते हैं। ये समुद्र से एक नदी अथवा नौगम्य नहर द्वारा जुड़े होते हैं। ऐसे पत्तन चौरस तल वाले जहाज़ या बजरे द्वारा ही गम्य होते हैं। जैसे-मानचेस्टर एक नहर से जुड़ा है; मेंफिस मिसीसिपी नदी पर स्थित है; राइन नदी के मैनहीम तथा ड्यूसबर्ग और कोलकाता हुगली नदी पर स्थित है।
  • बाह्य पत्तन – ये गहरे जल के पत्तन हैं जो वास्तविक पत्तन से दूर बने होते हैं। ये उन जहाजों को सेवाएँ प्रदान करते हैं, जो अपने बड़े आकार के कारण पैतृक पत्तनों तक पहुँचने में अक्षम होते हैं। जैसे-एथेंस तथा यूनान में इसके बाह्य पत्तन पिरेइअस एक उच्चकोटि का संयोजन है।

(ii) अंतर्राष्ट्रीय व्यापार से देश कैसे लाभ प्राप्त करते हैं?

अंतर्राष्ट्रीय व्यापार उत्पादन में विशिष्टीकरण का परिणाम है। यदि विभिन्न राष्ट्र वस्तुओं के उत्पादन अथवा सेवाओं की उपलब्धता में श्रम विभाजन तथा विशेषीकरण को प्रयोग में लाएँ तो उनकी अर्थव्यवस्था लाभान्वित होती है। किसी भी प्रकार का विशिष्टीकरण व्यापार को जन्म दे सकता है। अतः अंतर्राष्ट्रीय व्यापार वस्तुओं और सेवाओं के तुलनात्मक लाभ, परिपूरकता व हस्तांतरणीयता के सिद्धांतों पर आधारित होता है। आधुनिक समय में व्यापार राष्ट्रों की विदेश नीति का प्रमुख अंग होता है। सुविकसित परिवहन तथा संचार प्रणाली से युक्त कोई भी देश अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में भागीदारी से मिलने वाले लाभों को नहीं छोड़ना चाहता।। अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के दो प्रकार हैं-

  • द्विपाश्विक व्यापार: यह व्यापार दो देशों के बीच, आपस में निर्दिष्ट वस्तुओं का व्यापार करने के लिए आपसी सहमति के आधार पर किया जाता है।
  • बहुपाश्विक व्यापार: इसमें बहुत से देश एक व्यापारिक संघ’ बनाकर आपस में व्यापार की सहमति देते हैं। ऐसे व्यापारिक साझेदारों को सर्वाधिक अनुकूल राष्ट्र (MFN) का दर्जा प्रदान कर व्यापार किया जाता है।
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