प्रश्न.1. नीचे दिए गए चार विकल्पों में से सही उत्तर को चुनिए।
(i) भारतीय रेल प्रणाली को कितने मंडलों में विभाजित किया गया है?
(क) 9
(ख) 12
(ग) 16
(घ) 14
सही उत्तर (ग) 16
(ii) निम्नलिखित में से कौन-सा भारत का सबसे लंबा राष्ट्रीय महामार्ग है?
(क) एन. एच-1
(ख) एन. एच-6
(ग) एन. एच-7
(घ) एन. एच-8
सही उत्तर (ख) एन. एच-6
(iii) राष्ट्रीय जल मार्ग संख्या-1 किस नदी पर तथा किन दो स्थानों के बीच पड़ता है?
(क) ब्रह्मपुत्र-सादिया-धुबरी
(ख) गंगा-हल्दिया-इलाहाबाद
(ग) पश्चिमी तट नहर-कोट्टापुरम से कोल्लाम
सही उत्तर (ग) पश्चिमी तट नहर-कोट्टापुरम से कोल्लाम
(iv) निम्नलिखित में से किस वर्ष में पहला रेडियो कार्यक्रम प्रसारित हुआ था?
(क) 1911
(ख) 1936
(ग) 1927
(घ) 1923
सही उत्तर (घ) 1923
प्रश्न.2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 30 शब्दों में दें।
(i) परिवहन किन क्रियाकलापों को अभिव्यक्त करता है? परिवहन के तीन प्रमुख प्रकारों के नाम बताएँ।
परिवहन आर्थिक क्रियाकलापों के तृतीयक वर्ग में सेवाओं के अंतर्गत आता है। जिसमें पदार्थों, वस्तुओं के लोगों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुँचाया जाता है। परिवहन के तीन मुख्य प्रकार हैं – (i) स्थल-सड़क, रेल व पाइप लाइन परिवहन, (ii) जल-अंत:स्थलीय व महासागरीय, (iii) वायु अंतर्देशीय (घरेलू) व अंतर्राष्ट्रीय।
(ii) पाइप लाइन परिवहन से लाभ एवं हानि की विवेचना करें।
पाइप लाइनों के द्वारा द्रव एवं गैस जैसे-खनिज तेल, परिष्कृत पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस तथा पेयजल आदि को परिवहन किया जाता है। एक बार पाइप लाइन बिछा देने के बाद इससे अबाधित प्रचालन होता रहता है। यह सस्ता व सुगम साधन है। इसे जल, थल, मरुस्थल, पर्वत, वन कहीं से भी निकाला जा सकता है। फिर भी कुछ हानियाँ भी इस परिवहन के प्रचालन में आती हैं। जैसे – (i) इसकी क्षमता नहीं बढ़ाई जा सकती, (ii) भूमिगत होने के कारण मरम्मत कार्य में दिक्कतें आती हैं, (iii) सुरक्षा की दृष्टि से उपयुक्त नहीं समझी जाती, (iv) रिसाव का पता लगाना कठिन होता है।
(iii) संचार’ से आपका क्या तात्पर्य है?
विचारों, दर्शन तथा संदेशों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुँचाने के लिए जिन माध्यमों व साधनों का उपयोग किया जाता है, वे संचार के साधन हैं। अर्थात संदेशों को पहुँचाना संचार है।
(iv) भारत में वायु परिवहन के क्षेत्र में ‘एयरइंडिया’ तथा ‘इंडियन’ के योगदान की विवेचना करें।
भारत में वायु परिवहन की शुरुआत 1911 ई० में हुई थी। स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद देश में एयर अथॉरिटी ऑफ इंडिया वायु परिवहन का प्रबंधन व प्रचालन करता है। भारत में एयर इंडिया यात्रियों तथा नौभार परिवहन के लिए अंतर्राष्ट्रीय वायु सेवाएँ प्रदान करती है जबकि इंडियन घरेलू अथवा अंतर्देशीय उड़ानों के लिए उपयोग में लाई जाती है। इसे कुछ समय पहले तक इंडियन एयरलांइस कहा जाता था। वर्ष 2005 में एयर इंडिया ने 1.22 करोड़ यात्रियों तथा 4.8 लाख टन नौभार का वहन किया जबकि इंडियन ने घरेलू प्रचालन के द्वारा 24.3 मिलियन यात्रियों तथा 20 लाख टन नौभार को अपने गंतव्य तक पहुँचाया था।
प्रश्न.3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 150 शब्दों में दें।
(i) भारत में परिवहन के प्रमुख साधन कौन-कौन से हैं? इनके विकास को प्रभावित करने वाले कारकों की विवेचना करें।
भारत में परिवहन के प्रमुख साधनों को तीन वर्गों के अंतर्गत रखा गया है:
(i) स्थल परिवहन जिसमें मुख्यः सड़क मार्गों से परिवहन, रेलमार्गों से परिवहन, पाइप लाइनों से परिवहन, केबिलों (रोपवे) से परिवहन को शामिल किया जाता है।
(ii) जल परिवहन इसके दो वर्ग हैं:
(क) अंत:स्थलीय जलमार्गों से परिवहन,
(ख) महासागरीय जलमार्गों से परिवहन।
(ii) वायु परिवहन-इसके अंतर्गत दो तरह की सेवाएँ उपलब्ध हैं:
(क) अंतर्देशीय (घरेलू सेवाएँ) तथा
(ख) अंतर्राष्ट्रीय सेवाएँ।
इनके अलावा पर्वतीय क्षेत्रों में जहाँ सड़कें बनाना संभव नहीं होता वहाँ पदार्थों, वस्तुओं व लोगों के आवागमन के लिए रज्जू मार्गों, केबिल मार्गों (रोपवे) का प्रयोग परिवहन के लिए किया जाता है।
परिवहन के साधनों के विकास को प्रभावित करने वाले कारक:
(i) स्थलाकृति, उबड़: खाबड़ पर्वतीय अथवा पठारी भागों में परिवहन के साधनों का विकास मैदानी समतल भागों की अपेक्षा कम होता है। इसका प्रत्यक्ष उदाहरण भारत के मैदानी भागों में सड़क व रेलवे मार्गों का जाल दुनिया के सबसे सघन जालों में से एक है जबकि हिमालय पर्वतीय भू-भाग, प्रायद्वीप पठार के अंतर्गत यह बहुत ही कम है।
(ii) विषम जलवायु जिन: क्षेत्रों की जलवायु विषम या मानवीय क्रियाओं के प्रतिकूल है वहाँ जनसंख्या का घनत्व व वितरण कम है। इसलिए वहाँ पर परिवहन के साधनों का विकास भी कम होता है।
(iii) संसाधनों की उपलब्धता: जिन प्रदेशों में संसाधनों की प्रचुरता है। वहाँ अनेक आर्थिक क्रियाओं का विकास स्वतः हो जाता है। औद्योगिकरण के विकास ने जनसंख्या के घनत्व को प्रभावित किया है जिसके कारण वहाँ परिवहन के साधनों का भी तेजी से विकास हुआ है।
(iv) सरकारी नीतियाँ: सरकारी नीतियाँ भी किसी प्रदेश के विकास को प्रभावित करती हैं। औद्योगिक संकुलों के विकास से जनसंख्या आकर्षित होती है तथा उन्हें गति देने के लिए परिवहन के विभिन्न साधनों का विकास किया जाता है।
(ii) पाइप लाइन परिवहन से लाभ एवं हानि की विवेचना करें।
पाइप लाइनों के द्वारा द्रव एवं गैस जैसे-खनिज तेल, परिष्कृत पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस तथा पेयजल आदि को परिवहन किया जाता है। एक बार पाइप लाइन बिछा देने के बाद इससे अबाधित प्रचालन होता रहता है। यह सस्ता व सुगम साधन है। इसे जल, थल, मरुस्थल, पर्वत, वन कहीं से भी निकाला जा सकता है। फिर भी कुछ हानियाँ भी इस परिवहन के प्रचालन में आती हैं। जैसे – (i) इसकी क्षमता नहीं बढ़ाई जा सकती, (ii) भूमिगत होने के कारण मरम्मत कार्य में दिक्कतें आती हैं, (iii) सुरक्षा की दृष्टि से उपयुक्त नहीं समझी जाती, (iv) रिसाव का पता लगाना कठिन होता है।
(iii) भारत के आर्थिक विकास में सड़कों की भूमिका का वर्णन करें।
भारत का सड़क जाल विश्व के विशालतम सड़क-जालों में से एक है। इसकी कुल लंबाई 33.1 लाख कि०मी० है। (2005 के अनुसार) जिस पर प्रतिवर्ष लगभग 85% यात्री एवं 70% भार यातायात का परिवहन किया जाता है। छोटी दूरियों की यात्रा के लिए सड़क परिवहन सबसे उपयुक्त व अनुकूल माना जाता है। ये सड़कें देश के प्रमुख नगरों, महानगरों, राज्यों की राजधानियों, जिला मुख्यालयों, कस्बों व ग्रामीण क्षेत्रों के अलावा सभी औद्योगिक व व्यापारिक केन्द्रों को, रेलवे जक्शनों व विमान पत्तनों व समुद्री पत्तनों को आपस में जोड़ने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। कृषि उत्पादन क्षेत्रों से लेकर लोगों के घरों तक पहुँच रखने वाला यह एकमात्र परिवहन व यातायात का साधन है।। निर्माण एवं रखरखाव के उद्देश्य से सड़कों को राष्ट्रीय महामार्गों, राज्य महामार्गों, जिला सड़कों तथा ग्रामीण सडकों के रूप में वर्गीकृत किया गया है। कई बार इनको कच्ची एवं पक्की सड़कों के रूप में भी वर्गीकृत किया जाता है।
किसी देश के आर्थिक विकास का मापन वहाँ विकसित परिवहन एवं संचार जाल के आधार पर भी किया जाता है। क्योंकि, ये औद्योगिकीकरण व व्यापार एवं वाणिज्य के विकास के महत्त्वपूर्ण सेवा तंत्र उपलब्ध करवाते हैं।
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