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शहरी क्षेत्र में आजीविका (Urban Livelihoods) NCERT Solutions | NCERT Textbooks in Hindi (Class 6 to Class 12) - CTET & State TET PDF Download

अभ्यास

प्रश्न.1. नीचे लेबर चौक पर आने वाले मजदूरों की ज़िंदगी का विवरण दिया गया है। इसे पढ़िए और आपस में चर्चा कीजिए कि लेबर चौक पर आने वाले मजदूरों के जीवन की क्या स्थिति है?
लेबर चौक पर जो मजदूर रहते हैं उनमें से ज्यादातर अपने रहने की स्थाई व्यवस्था नहीं कर पाते और इसलिए वे चौक के पास फुटपाथ पर सोते हैं या फिर पास के रात्रि विश्राम गृह (रैन बसेरा) में रहते हैं। इसे नगर निगम चलाता है और इसमें छ: रूपया एक बिस्तर का प्रतिदिन किराया देना पड़ता है। सामान की सुरक्षा का कोई इंतजाम नहीं रहने के कारण वे वहाँ के चाय या पान-बीड़ी वालों की दुकानों को बैंक के रूप में इस्तेमाल करते हैं। उनके पास वे पैसा जमा करते हैं और उनसे उधार भी लेते हैं। वे अपने औजारों को रात में उनके पास हिफाज़त के लिए छोड़ देते हैं। दुकानदार मजदूरों के सामान की सुरक्षा के साथ जरूरत पड़ने पर उन्हें कर्ज भी देते हैं।

मजदूरों के रहने की स्थिति बहुत ही खराब होती है। उसके पास रहने का कोई स्थाई निवास नही होता है। वे सड़क किनारे फुटपाथ पर या रात्रि विश्राम गृह (रैन बसेरा) में सोते हैं। रात्रि विश्राम गृह में प्राय: ज्यादा भीड़ भाड़ होती है। ये रैन बसेरा अवैध ड्रग व्यापार और अपराध का अड्डा होता है। इसकी हालत बहुत ही खराब होती है। उसके सामान और कमाई की सुरक्षा का कोई इंतजाम नहीं रहता है। लेकिन पास के दुकानदार उसकी सहायता करते हैं। वह उसके सामान की हिफाज़त और जरूरत पड़ने पर कर्ज देने के रूप में सहायता करते हैं।
बच्चों मांझी की तरह ही शहर में कई सारे लोग सड़कों पर काम करते हैं वे चीजें बेचते हैं उनकी मरम्मत करते हैं या कोई सेवा देते हैं वे स्वयं रोजगार में लगे हैं उनको कोई दूसरा व्यक्ति रोजगार नहीं देता है इसलिए उन्हें अपना काम खुद ही संभालना पड़ता है वह खुद की योजना बनाते हैं कि कितना माल खरीदे और कहा व कैसे अपनी दुकान लगाएं उनकी दुकाने अस्थायी होती है कभी-कभी तो टूटे-फूटे गत्ते के डिब्बो या बक्सों पर कागज फैलाकर दुकान बन जाती है या खंभों पर त्रिपाल या प्लास्टिक चढ़ा लेते हैं वे अपने ठेले या सड़क की पटरी पर प्लास्टिक बिछा कर भी काम चलाते हैं उनको पुलिस कभी भी अपनी दुकान हटाने को कह देती है उनके पास कोई सुरक्षा नहीं होती कई ऐसी भी जगहे है जहां ठेले वालों को घुसने ही नहीं दिया जाता।


प्रश्न.2. निम्नलिखित तालिका को पूरा कीजिए और उनका काम किस तरह से अलग है इसका वर्णन कीजिए।

शहरी क्षेत्र में आजीविका (Urban Livelihoods) NCERT Solutions | NCERT Textbooks in Hindi (Class 6 to Class 12) - CTET & State TET

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प्रश्न.3. एक स्थायी और नियमित नौकरी अनियमित काम से किस तरह अलग है?

एक स्थायी और नियमित नौकरी करने वाले की एक निश्चित मासिक आय होती है। स्थायी कर्मचारी होने के कारण विभिन्न प्रकार की सुविधाएँ भी मिलती हैं; जैसे- भविष्य निधि, छुट्टियाँ, परिवार के लिए चिकित्सा सुविधाएँ, मकान या मकान का किराया इत्यादि। काम करने का निश्चित समय और घंटे निश्चित होते हैं, जबकि अनियमित कर्मचारी की मासिक आय निश्चित नहीं होती है। वह जितने दिन काम करता है उतने दिनों का पैसा मिलता है कोई निश्चित छुट्टी नहीं होती है। किसी भी प्रकार की सुविधाएँ नहीं मिलती हैं। काम समय और घंटे निश्चित नहीं होते हैं। काम की भी सुरक्षा नहीं होती है।


प्रश्न.4. सुधा को अपने वेतन के अलावा और कौन-से लाभ मिलते हैं?

सुधा को अपने वेतन के अलावा और भी लाभ मिलते हैं, जो नीचे दिये गये है
1. बुढ़ापे के लिए बचत: 
सुधा के वेतन का एक भाग भविष्य निधि में सरकार के पास जमा हो जाता है इस बचत पर उसे ब्याज भी मिलता है उसे यह सारा पैसा नौकरी से रिटायर होने पर मिल जाएगा।
2. छुट्टियां: उसे रविवार और राष्ट्रीय त्योहारों पर छुट्टी मिलती है उसे कुछ दिनों के लिए वार्षिक छुट्टी भी मिलती है।
3. परिवार के लिए चिकित्सा की सुविधाएं: सुधा की कंपनी उसके तथा उसके परिवारजनों के इलाज का खर्चा उठाती है यदि सुधा की तबीयत खराब हो जाए तो उसे बीमारी के दौरान छुट्टी मिलती है इस छुट्टी का वेतन नहीं कटता।


प्रश्न.5. नीचे दी गई तालिका में अपने परिचित बाजार की दुकानों या दफ्तरों के नाम भरो कि वे किस प्रकार की चीज़ें या सेवाएँ मुहैया करातें हैं?
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