UPSC Exam  >  UPSC Notes  >  NCERT Textbooks in Hindi (Class 6 to Class 12)  >  NCERT Solutions: समकालीन विश्व में लोकतंत्र (Democracy in the Contemporary World)

समकालीन विश्व में लोकतंत्र (Democracy in the Contemporary World) NCERT Solutions | NCERT Textbooks in Hindi (Class 6 to Class 12) - UPSC PDF Download

अभ्यास

प्रश्न.1. इनमे से किससे लोकतंत्र के विस्तार में मदद नहीं मिलती?
(क) लोगो का संघर्ष
(ख) विदेशी शासन द्वारा आक्रमण
(ग) उपनिवेशवाद का अंत
(घ) लोगो की स्वतंत्रता की चाह

सही उत्तर (ख) विदेशी शासन द्वारा आक्रमण


प्रश्न.2. आज की दुनिया के बारे में इनमे से कौन-सा कथन सहीं हैं?
(क) राजशाही शासन की वह पद्धति जो अब समाप्त हो गई हैं
(ख) विभिन्न देशो के बीच संबंध पहले के किसी वक्त से अब कही ज्यादा लोकतांत्रिक हैं
(ग) आज पहले के किसी दौर से ज्यादा देशों में शासको का चुनाव लोगो के द्वारा हो रहा हैं
(घ) आज दुनिया में सैनिक तानशाह नहीं रह गए हैं

सही उत्तर (ग) आज पहले के किसी दौर से ज्यादा देशों में शासको का चुनाव लोगो के द्वारा हो रहा हैं 


प्रश्न.3. निम्नलिखित वाक्यांशों में से किसी एक का चुनाव करके इस वाक्य को पूरा कीजिए:
अंतराष्ट्रीय संस्थाओ में लोकतंत्र की जरूरत हैं ताकि.....
(क) अमीर देशो की बत्गो का ज्यादा वजन हो
(ख) विभिन्न देश की बात का वजन उनकी सैनिय शक्ति के अनुपात में हो
(ग) देश को उनकी आबादी के अनुपात में सम्मान मिले
(घ) दुनिया के सभी देशो के साथ समान व्यवहार हो

सही उत्तर (घ) दुनिया के सभी देशो के साथ समान व्यवहार हो


प्रश्न.4: इन देशो और लोकतंत्र की उनकी राह में मेल बैठाए:

समकालीन विश्व में लोकतंत्र (Democracy in the Contemporary World) NCERT Solutions | NCERT Textbooks in Hindi (Class 6 to Class 12) - UPSC

समकालीन विश्व में लोकतंत्र (Democracy in the Contemporary World) NCERT Solutions | NCERT Textbooks in Hindi (Class 6 to Class 12) - UPSC


प्रश्न.5. गैर लोकतांत्रिक शासन वाले देशों के लोग को किन-किन मुश्किलों का सामना करना पड़ता हैं? उदाहरणों के आधार पर इस कथन के पक्ष में तर्क दीजिए|

गैर-लोकतांत्रिक शासन वाले देशों के लोग अपने शासको का चुनाव नहीं कर सकते हैं| इस शासन व्यवस्था में जनसामान्य को सार्वजनिक रूप से अपने विचार प्रकट करने , राजनैतिक संगठनों का निर्माण करने , शासन व्यवस्था का विरोध करने तथा राजनैतिक कार्यवाही करने की स्वतंत्रता नहीं होती हैं|


प्रश्न.6. जब सेना लोकतांत्रिक शासन को उखाड़ फेंकती हैं तो समान्यतः कौन-सी स्वतंत्रताए छीन ली जाती हैं?

जब सेना लोकतांत्रिक शासन को उखाड़ फेंकती हैं तो समान्यतः निम्नलिखित स्वतंत्रताए छीन ली जाती हैं:
(i) 
जनता को सार्वजनिक रूप से अपने विचार प्रकट करने तथा भाषण देने की स्वतंत्रता छीन ली जाती हैं|
(ii)  सेना को शासन सम्बन्धी कोई भी निर्णय लेने के लिए किसी से अनुमति या परामर्श की आवश्यकता नहीं होती हैं |
(iii) सैन्य शासन द्वारा सत्ता में आने के बाद उन लोगो का उत्पीड़न किया जाता हैं  जिन्होंने पूर्ववर्ती सरकार का तख्ता पलटने के सेना के प्रयास का विरोध किया |


प्रश्न.7. वैश्विक स्तर पर लोकतंत्र बढ़ाने में इनमें से किस बातो से मदद मिलेगी? प्रत्येक मामले में अपने जवाब के पक्ष में तर्क दीजिए:
(क) मेरा देश अन्तराष्ट्रीय संस्थाओ को ज्यादा पैसा देते हैं इसलिए मै चाहता हूँ कि मेरे साथ ज्यादा सम्मानजनक व्यवहार हो और मुझे ज्यादा अधिकार मिले|
(ख) मेरा  देश छोटा या गरीब हो सकता हैं लेकिन मेरी आवाज़ को समान आदर के साथ सुना जाना चाहिए क्योंकि इन फैसलों का मेरे देश पर भी असर होगा|
(ग) अंतराष्ट्रीय मामलों में अमीर देशों की ज्यादा चलनी चाहिए| गरीब देशों की संख्या ज्यादा हैं सिर्फ इसके चलते अमीर देश अपने हितो का नुकसान होने नहीं दे सकता|
(घ) भारत जैसे बड़े देशों की आवाज़ का अंतराष्ट्रीय संगठनों में सबसे ज्यादा वजन होना ही चाहिए| 

(क) इस तथ्य का वैश्विक स्तर पर लोकतंत्र को बढ़ाने में कोई योगदान नहीं हैं क्योंकि प्रत्येक देश और इसके नागरिकों को  बिना उसकी सम्पन्नता एवं विपन्नता का भेद किए बराबरी का दर्जा मिलना चाहिए|
(ख) संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा लिए गए निर्णयों का असर विश्व के सभी देशो पर पड़ा हैं| चूंकि छोटे तथा गरीब देशो को अपने विकास के लिए अधिकाधिक अंतराष्ट्रीय सहायता की आवश्यकता होती हैं, उनकी आवाज़ को सम्मान के साथ सुना जाना चाहिए|
(ग) अंतराष्ट्रीय स्तर पर धनी देशों को अधिक वरीयता देना किसी भी तरह से लोकतंत्र को बढ़ावा नहीं देना| अमीर एवं गरीब देश के  बीच लोकतांत्रिक मूल्यों को ध्यान में रखते हुए कोई विभेद नहीं होना चाहिए| यह वैश्विक स्तर पर सामाजिक आर्थिक सहायता लाने में किसी तरह सहायक नहीं होगा, जो कि लोकतंत्र सर्वाधिक महत्वपूर्ण पहलूओं में से एक हैं|
(घ) यह तर्क भी वैश्विक स्तर पर लोकतांत्रिक व्यवस्था को सुदृढ़ करने में किसी प्रकार सहायक नहीं हैं|

The document समकालीन विश्व में लोकतंत्र (Democracy in the Contemporary World) NCERT Solutions | NCERT Textbooks in Hindi (Class 6 to Class 12) - UPSC is a part of the UPSC Course NCERT Textbooks in Hindi (Class 6 to Class 12).
All you need of UPSC at this link: UPSC
916 docs|393 tests

Top Courses for UPSC

Explore Courses for UPSC exam

Top Courses for UPSC

Signup for Free!
Signup to see your scores go up within 7 days! Learn & Practice with 1000+ FREE Notes, Videos & Tests.
10M+ students study on EduRev
Related Searches

ppt

,

Previous Year Questions with Solutions

,

mock tests for examination

,

Semester Notes

,

practice quizzes

,

Important questions

,

study material

,

pdf

,

Summary

,

video lectures

,

MCQs

,

Viva Questions

,

Extra Questions

,

Objective type Questions

,

समकालीन विश्व में लोकतंत्र (Democracy in the Contemporary World) NCERT Solutions | NCERT Textbooks in Hindi (Class 6 to Class 12) - UPSC

,

समकालीन विश्व में लोकतंत्र (Democracy in the Contemporary World) NCERT Solutions | NCERT Textbooks in Hindi (Class 6 to Class 12) - UPSC

,

past year papers

,

समकालीन विश्व में लोकतंत्र (Democracy in the Contemporary World) NCERT Solutions | NCERT Textbooks in Hindi (Class 6 to Class 12) - UPSC

,

Free

,

shortcuts and tricks

,

Exam

,

Sample Paper

;