प्रश्न.1. नीचे कुछ गलत वाक्य दिए गए हैं। हर एक में की गई गलती पहचाने और इस अध्याय के आधार पर उसको ठीक करके लिखें।
(क) स्वतंत्रता के बाद देश लोकतांत्रिक हो या नहीं, इस विषय पर स्वतंत्र आंदोलन के नेताओं ने अपना दिमाग खुला रखा था।
(ख) भारतीय संविधान सभा के सभी सदस्य संविधान में कही गई हर एक बात पर सहमत थे।
(ग) जिन देशों में संविधान है वहां लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था ही होगी।
(घ) संविधान देश का सर्वोच्च कानून होता है इसलिए इसमें बदलाव नहीं किया जा सकता।
(क) स्वतंत्रता के बाद देश लोकतांत्रिक हो, इस विषय पर स्वतंत्रता आंदोलन के नेताओं ने अपना दिमाग खुला रखा था।
(ख) भारतीय संविधान सभा के सभी सदस्य के मत अलग-अलग थे। लेकिन वह अपने मत को सुलझा कर संविधान में कही गई हर एक बात पर सहमत थे।
(ग) जिस देश में लोकतंत्र है, वहां पर संविधान होना जरूरी है।
(घ) संविधान में संशोधन करना पड़े तो उसमें संसद के दो तिहाई सदस्यों का बहुमत प्राप्त करना अनिवार्य होता है।
प्रश्न.2. दक्षिण अफ्रीका का लोकतांत्रिक संविधान बनाने में, इनमे से कौन- सा टकराव सबसे महत्वपूर्ण था:
(क) दक्षिण अफ्रीका और उसके पड़ोसी देशों का
(ख) स्त्रियों और पुरुषों का
(ग) गोरे अल्पसंख्यक और अश्वेत बहुसंख्यकों का
(घ) रंगीन चमड़ी वाले बहुसंख्यकों और अश्वेत अल्पसंख्यकों का
सही उत्तर (ग) गोरे अल्पसंख्यक और अश्वेत बहुसंख्यकों का।
प्रश्न.3. लोकतांत्रिक संविधान में इनमें से कौन- सा प्रावधान नहीं रहता?
(क) शासन प्रमुख के अधिकार
(ख) शासन प्रमुख का नाम
(ग) विधायिका के अधिकार
(घ) देश का नाम
सही उत्तर (ख) शासन प्रमुख का नाम
प्रश्न.4. संविधान निर्माण में इन नेताओं और उनकी भूमिका में मेल बैठाए:
प्रश्न.5. जवाहरलाल नेहरू के नियति के साथ साक्षात्कार वाले भाषण के आधार पर निम्नलिखित प्रश्नों का जवाब दें:
(क) नेहरू ने क्यों कहा कि भारत का भविष्य सुस्ताने और आराम करने का नहीं है?
(ख) नए भारत के सपने किस तरह विषय से जुड़े हैं?
(ग) वे संविधान निर्माताओं से क्या सप्त चाहते थे?
(घ) “हमारी पीढ़ी के सबसे महान व्यक्ति की कामना हर आंख से आंसू पहुंचने की है”। वह इस कथन में किस का जिक्र कर रहे थे?
(क) नेहरू मानना था कि राष्ट्र के निर्माण का कार्य बहुत बड़ा होता है। इसलिए उन्हें काम करने की जरूरत है ना कि आराम करने की।
(ख) नए भारत के सपने संविधान सभा के दृश्य से जुड़े हैं, और इनकी जिम्मेदारियां को निभाना इस सभा का कर्तव्य होता है।
(ग) संविधान निर्माताओं से यह शपथ चाहते थे, कि भारत के संसाधनों, जनता की सेवा, और मानवता के लिए खुद को समर्पण करने वाला व्यक्ति होना चाहिए।
(घ) महात्मा गांधी।
प्रश्न.6. हमारे संविधान को दिशा देने वाली ये कुछ मूल्य और उनके अर्थ हैं। इन्हें आपस में मिलाकर दोबारा लिखिए।
(क) संप्रभु – सरकार किसी धर्म के निर्देशों के अनुसार काम नहीं करेगी।
(ख) गणतंत्र – फैसले लेने का सर्वोच्च अधिकार लोगों के पास है।
(ग) बंधुत्व – शासन प्रमुख एक चुना हुआ व्यक्ति है।
(घ) धर्मनिरपेक्ष – लोगों को आपस में परिवार की तरह रहना चाहिए।
(क) संप्रभु – फैसले लेने का सर्वोच्च अधिकार लोगों के पास है।
(ख) गणतंत्र – शासन प्रमुख एक चुना हुआ व्यक्ति है।
(ग) बंधुत्व- लोगों को आपस में परिवार की तरह रहना चाहिए।
(घ) धर्मनिरपेक्ष – सरकार किसी धर्म के निर्देशों के अनुसार काम नहीं करेगी।
प्रश्न.7. कुछ दिन पहले नेपाल से आपके एक मित्र ने वहां की राजनीतिक स्थिति के बारे में आपको पत्र लिखा था। वहां अनेक राजनैतिक पार्टियां राजा के शासन का विरोध कर रही थी। उनमें से कुछ का कहना था कि राजा द्वारा दिए गए मौजूदा संविधान में ही संशोधन करके चुने हुए प्रतिनिधियों को ज्यादा अधिकार दिए जा सकते हैं। अन्य पार्टियां नया गणतांत्रिक संविधान बनाने के लिए नई संविधान सभा गठित करने की मांग कर रही थी। इस विषय में अपनी राय बताते हुए अपने मित्र को पत्र लिखें।
चुने गए प्रतिनिधियों को अधिक अधिकार और शक्ति दी जानी चाहिए ताकि वह समाज के लिए कार्य कर सकें। राजशाही को खत्म करके नया गणतांत्रिक संविधान बनाने के लिए संविधान सभा को गठित किया जाना चाहिए।
प्रश्न.8. भारत के लोकतंत्र के स्वरूप में विकास के प्रमुख कारणों के बारे में कुछ अलग – अलग विचार इस प्रकार हैं। आप इनमें से हर कथन को भारत में लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए कितना महत्वपूर्ण कारण मानते हैं?
(क) अंग्रेज शासकों ने भारत को उपहार के रूप में लोकतांत्रिक व्यवस्था दी। हमने ब्रिटिश हुकूमत के समय बनी प्रांतीय असेंबलीयों के जरिए लोकतांत्रिक व्यवस्था में काम करने का प्रशिक्षण पाया।
(ख) हमारे स्वतंत्रता संग्राम में औपनिवेशिक शोषण और भारतीय लोगों को तरह-तरह की आजादी ना दिए जाने का विरोध किया। ऐसे में स्वतंत्र भारत को लोकतांत्रिक होना ही था।
(ग) हमारे राष्ट्रीय वादी नेताओं की आस्था लोकतंत्र में थी। अनेक नो स्वतंत्र राष्ट्र में लोकतंत्र का ना आना हमारे नेताओं की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करता है।
(क) इस कारण को पूर्णता: स्वीकार किया जा सकता है। लेकिन हम इसे अंग्रेजों की देन नहीं मान सकते हैं। लोकतांत्रिक व्यवस्था की स्थापना में प्रशिक्षण का बहुत बड़ा योगदान रहा है।
(ख) हमारे स्वतंत्रता संग्राम ने उपनिवेशवादी और भारतीय लोगों को जाति की सदस्यता का अधिकार दिया।
(ग) हमारे नेता लोकतांत्रिक संस्थानों और लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति हमेशा ही सजग रहते थे।
प्रश्न.9. 1912 में प्रकाशित ‘ विवाहित महिलाओं के लिए आचरण ’ पुस्तक के निम्नलिखित अंश को पढ़ें:
“ईश्वर ने औरत जाति को शारीरिक और भावनात्मक, दोनों ही तरह से ज्यादा नाजुक बनाया है। उन्हें आत्मरक्षा के भी योग्य नहीं बनाया है। इसलिए ईश्वर ने ही उन्हें जीवनभर पुरुषों के संरक्षण में रहने का भाग्य दिया है- कभी पिता के, कभी पति के,और कभी पुत्र के। इसलिए महिलाओं को निराशा होने की जगह इस बात को अनुग्रहित होना चाहिए। कि वह अपने आप को पुरुषों की सेवा में समर्पित कर सकती हैं।” क्या इस अनुच्छेद में व्यक्ति मूल्य संविधान के दर्शन से मेल खाते हैं या वह संवैधानिक मूल्यों के खिलाफ हैं?
अनुच्छेद में व्यक्त मूल्य संविधान के दर्शनों से मेल नहीं खाते हैं, हमारे संविधान में पुरुषों और महिलाओं को समान अधिकार के साथ-साथ वोट डालने, स्वतंत्रता, और समानता का भी अधिकार दिया गया है।आज हर क्षेत्र में महिलाएं पुरुषों के मुकाबले काफी आगे है।
उदाहरण: पुलिस, डॉक्टर, प्रोफेसर, आदि।
प्रश्न.10. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए। क्या आप उनसे सहमत हैं? अपने कारण भी बताइए।
(क) संविधान के नियमों की हैसियत किसी भी अन्य कानून के बराबर है।
(ख) संविधान बताता है कि शासन व्यवस्था के विभिन्न अंगों का गठन किस तरह होगा।
(ग) नागरिकों के अधिकार और सरकार की सप्ताह की सीमाओं का उल्लेख भी संविधान में स्पष्ट रूप में है।
(घ) सविधान संस्थाओं की चर्चा करता है, उसका मूल्यों से कुछ लेना – देना नहीं है।
(क) यह बात सत्य है कि संविधान देश की नींव है।
(ख) यह बात सत्य है कि संविधान निर्माण के महत्वपूर्ण अंगों का ढांचा होता है।
(ग) यह बात सत्य है कि संविधान देश के नागरिकों के अधिकारों के लिए लिखा गया है।
(घ) यह गलत है कि सविधान समय, संचार और मूल्यों का सही मार्गदर्शक होता है।
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