CTET & State TET Exam  >  CTET & State TET Notes  >  NCERT Textbooks in Hindi (Class 6 to Class 12)  >  NCERT Solutions: शांति (Peace)

शांति (Peace) NCERT Solutions | NCERT Textbooks in Hindi (Class 6 to Class 12) - CTET & State TET PDF Download

प्रश्न.1. क्या आप जानते हैं कि एक शान्तिपूर्ण दुनिया की ओर बदलाव के लिए लोगों के सोचने के तरीके में बदलाव जरूरी है? क्या मस्तिष्क शान्ति को बढ़ावा दे सकता है? क्या मानव मस्तिष्क पर केन्द्रित रहना शान्ति स्थापना के लिए पर्याप्त है?

संयुक्त राष्ट्र शैक्षणिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन (यूनिसेफ) के संविधान ने उचित टिप्पणी की है कि चूंकि युद्ध का आरम्भ लोगों के दिमाग से होता है, इसलिए शान्ति के बचाव भी लोगों के दिमाग में ही रचे जाने चाहिए।’ इस कथन से स्पष्ट है कि शान्तिपूर्ण दुनिया के लिए लोगों के सोचने के तरीके में बदलाव जरूरी है। मस्तिष्क शान्ति को बढ़ावा दे सकता है। इस दिशा में करुणा जैसे अनेक पुरातन आध्यात्मिक सिद्धान्त और ध्यान बिल्कुल उपयुक्त हैं।
हिंसा का आरम्भ केवल किसी व्यक्ति के मस्तिष्क से नहीं होता, वरन् इसकी जड़े कुछ सामाजिक संरचनाओं में भी होती हैं। न्यायपूर्ण और लोकतान्त्रिक समाज की रचना सरंचनात्मक हिंसा को निर्मूल करने के लिए अनिवार्य है। शान्ति, जिसे सन्तुष्ट लोगों के समरस सह-अस्तित्व के रूप में समझा जाता है, ऐसे ही समाज की उपज हो सकती है। शान्ति एक बार में हमेशा के लिए प्राप्त नहीं की जा सकती है। शान्ति कोई अन्तिम स्थिति नहीं बल्कि ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें व्यापकतम अर्थों में मानव-कल्याण की स्थापना के लिए आवश्यक नैतिक और भौतिक संसाधनों के सक्रिय क्रिया-कलाप सम्मिलित होते हैं। स्पष्ट है कि मानव मस्तिष्क पर केन्द्रित रहना शान्ति स्थापना के लिए पर्याप्त नहीं है।


प्रश्न.2. राज्य को अपने नागरिकों के जीवन और अधिकारों की रक्षा अवश्य ही करनी चाहिए। हालाँकि कई बार राज्य के कार्य इसके कुछ नागरिकों के विरुद्ध हिंसा के स्रोत होते हैं। कुछ उदाहरणों की मदद से इस पर टिप्पणी कीजिए।

राज्य को अपने नागरिकों के जीवन और अधिकारों की रक्षा अवश्य करनी चाहिए। इसके लिए राज्यों ने बल प्रयोग के अपने उपकरणों को मजबूत किया है। राज्य से अपेक्षा यह थी कि वह सेना या पुलिस का प्रयोग अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए करेगा लेकिन वास्तव में इन दोनों शक्तियों का प्रयोग अपने ही नागरिकों के विरोध के स्वर को दबाने के लिए किया गया है। इसके सबसे उत्कृष्ट उदाहरण म्यांमार, पाकिस्तान, बांग्लादेश हैं। यहाँ सेना ने नागरिक की आवाज को हमेशा दबाया है। म्यांमार व पाकिस्तान में तो सैनिक तानाशाही स्पष्ट दिखाई देती है।
समस्याओं का दीर्घकालिक समाधान सार्थक लोकतन्त्रीकरण और अधिक नागरिक स्वतन्त्रता की एक कारगर पद्धति में है। इसके माध्यम से राज्यसत्ता को अधिक जवाबदेह बनाया जा सकता है। रंगभेद की समाप्ति के पश्चात् दक्षिण अफ्रीका में यही पद्धति अपनाई गई, जो अद्यतन राजनीतिक सफलता का एक प्रमुख उदाहरण है।


प्रश्न.3. शान्ति को सर्वोत्तम रूप में तभी पाया जा सकता है जब स्वतन्त्रता, समानता और न्याय कायम हो। क्या आप सहमत हैं?

शान्ति को सर्वोत्तम रूप में तभी पाया जा सकता है जब स्वतन्त्रता, समानता और न्याय पूर्ण से राज्य में स्थापित हों। शान्ति एक स्थायी भाव है। शान्ति विकास के लिए भी आवश्यक है। यदि देश में नागरिकों को स्वतन्त्रता प्राप्त नहीं होगी तो वे कुण्ठित रहेंगे। यही कुण्ठा अशान्ति या हिंसा को जन्म देगी। इसी प्रकार समानता का भाव न होने से वैमनस्यता, ईष्र्या, द्वेष के भाव जन्मेंगे। यह भी अशान्ति के कारक हैं, इसलिए राष्ट्र में समानता भी आवश्यक है। न्याय एक ऐसी संस्था है जो शान्तिपूर्ण वातावरण स्थापित करने में अत्यन्त सहायक है।


प्रश्न.4. हिंसा के माध्यम से दूरगामी न्यायोचित उद्देश्यों को नहीं पाया जा सकता। आप इस कथन के बारे में क्या सोचते हैं?

अधिकांश लोग यह सोचते हैं कि हिंसा एक बुराई है लेकिन कभी-कभी यह शान्ति लाने के लिए अनिवार्य होती है। यह तर्क प्रस्तुत किया जा सकता है कि तानाशाहों और उत्पीड़कों को जबरन हटाकर ही उन्हें, जनता को निरन्तर नुकसान पहुँचाने से रोका जा सकता है। या फिर, उत्पीड़ित लोगों के मुक्ति संघर्षों को हिंसा के कुछ प्रयोग के बाद भी न्यायपूर्ण ठहराया जा सकता है। लेकिन अच्छे उद्देश्य से भी हिंसा का सहारा लेना आत्मघाती हो सकता है। एक बार प्रारम्भ हो जाने पर इसकी प्रवृत्ति नियन्त्रण से बाहर हो जाने की होती है और इसके कारण यह अपने पीछे मौत और बरबादी की एक श्रृंखला छोड़ जाती है।
शान्तिवादी को उद्देश्य लड़ाकुओं की क्षमता को कम करके आँकना नहीं है, वरन् प्रतिरोध के अहिंसक स्वरूप पर जोर देना है। संघर्ष का एक प्रमुख तरीका सविनय अवज्ञा है और उत्पीड़न की संरचना की नींव हिलाने में इसका अच्छा प्रयोग हो रहा है। भारतीय स्वतन्त्रता आन्दोलन के दौरान गांधी जी द्वारा सत्याग्रह का प्रयोग एक अच्छा उदाहरण है। गांधी जी ने न्याय को अपना आधार बनाया और विदेशी शासकों के अन्त:करण को आवाज दी। जब उससे काम न चला तो उन पर नैतिक और राजनैतिक दवाब बनाने के लिए उन्होंने जन-आन्दोलन आरम्भ किया, जिसमें अनुचित कानूनों को अहिंसक रूप में खुलेआम तोड़ना सम्मिलित है। उनसे प्रेरणा लेकर मार्टिन लूथर किंग ने अमेरिका में काले लोगों के साथ भेदभाव के विरुद्ध सन् 1960 में इसी प्रकार का संघर्ष प्रारम्भ किया था। उपर्युक्त विवेचन से स्पष्ट है कि हिंसा के माध्यम से दूरगामी न्यायोचित उद्देश्यों को नहीं पाया जा सकता।


प्रश्न.5. विश्व में शान्ति स्थापना के जिन दृष्टिकोणों की अध्याय में चर्चा की गई है? उनके बीच क्या अन्तर है?

शान्ति के क्रियाकलापों में सद्भावनापूर्ण सामाजिक सम्बन्ध के सृजन और सम्वर्द्धन के अविचल प्रयास सम्मिलित होते हैं, जो मानव कल्याण और खुशहाली के लिए प्रेरक होते हैं। शान्ति के मार्ग में अन्याय से लेकर उपनिवेशवाद तक अनेक अवरोध हैं, लेकिन उन्हें हटाने में बेलाग हिंसा के प्रयोग का लालच अनैतिक और अत्यधिक जोखिमपूर्ण दोनों हैं। नस्ल संहार, आतंकवाद और पूर्ण युद्ध के योग में, जो नागरिक और योद्धा के बीच की रेखा को धूमिल करता है, शान्ति की खोज को राजनीतिक कार्यवाहियों के समाधान और साध्ये, दोनों को ही रूपायित करना चाहिए।

The document शांति (Peace) NCERT Solutions | NCERT Textbooks in Hindi (Class 6 to Class 12) - CTET & State TET is a part of the CTET & State TET Course NCERT Textbooks in Hindi (Class 6 to Class 12).
All you need of CTET & State TET at this link: CTET & State TET
967 docs|393 tests
Related Searches

Semester Notes

,

Extra Questions

,

video lectures

,

ppt

,

शांति (Peace) NCERT Solutions | NCERT Textbooks in Hindi (Class 6 to Class 12) - CTET & State TET

,

Previous Year Questions with Solutions

,

shortcuts and tricks

,

Summary

,

mock tests for examination

,

MCQs

,

शांति (Peace) NCERT Solutions | NCERT Textbooks in Hindi (Class 6 to Class 12) - CTET & State TET

,

शांति (Peace) NCERT Solutions | NCERT Textbooks in Hindi (Class 6 to Class 12) - CTET & State TET

,

practice quizzes

,

Important questions

,

Viva Questions

,

Objective type Questions

,

Exam

,

study material

,

past year papers

,

Free

,

pdf

,

Sample Paper

;